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विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल Notes in Hindi Class 11 Physical Education Chapter-4 Physical education and sports for children with special needs

विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए शारीरिक शिक्षा एवं खेल Notes in Hindi Class 11 Physical Education Chapter-4 Physical education and sports for children with special needs


अक्षमता और विकार की अवधारणा

अक्षमता की अवधारणा (Concept of Disability)

  • अक्षमता अर्थात क्षमता की कमी। जब किसी व्यक्ति को शारीरिक (शरीर से जुड़ी), मानसिक (दिमाग से जुड़ी), बौद्धिक (सोचने-समझने की), विकास से जुड़ी, या संवेदी (जैसे देखने, सुनने) समस्याएं होती हैं, तो इसे अक्षमता कहा जाता है।
  • अक्षमता जन्म से हो सकती है या किसी दुर्घटना की वजह से भी आ सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अक्षमता वह अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है।


विकार की अवधारणा (Concept of Disorder)

विकार को आमतौर पर मानसिक विकार से जोड़ दिया जाता है। विकार व्यक्ति के प्रदर्शन व दैनिक दिनचर्या में काम करने की क्षमता को बाधित करता है। कोई भी विकार शुरुआत में साधारण समस्या जैसा प्रतीत होता है।

लेकिन धीरे-धीरे इसके परिणाम घातक होने लगते हैं। विकार का कोई समय नहीं होता। यह व्यक्ति को कभी भी प्रभावित कर सकता है। यदि विकार का सही समय पर पता नहीं चलता है तो वह आगे चलकर अक्षमता में बदल जाता है।


अक्षमता के प्रकार (Types of Disability)

अक्षमता के प्रकार

1. शरीरिक अक्षमता

  • एक प्रकार की अक्षमता है जिसमे व्यक्ति समान्य तौर पर शारीरिक कार्यों को नही कर पाता है।

2. बौद्धिक अक्षमता

  • एक प्रकार की अक्षमता है जिसमे व्यक्ति में मानसिक क्षमता व सामान्य विकास की कमी होती है।

अक्षमताओं के कारण (Causes of Disabilities):

  • संक्रमक रोग 
  • वंशानुगत
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ
  • गलत टीकाकरण या गलत दवा का उपयोग 
  • कुपोषण
  • युद्ध


रूपांतरित शारीरिक शिक्षा का अर्थ

अर्थ (Meaning):

अक्षमता से प्रभावित छात्रों की रुचियों, क्षमताओं और सीमाओं के अनुसार खेलों और शारीरिक गतिविधियों को इस तरह से बदला जाता है कि वे उनके लिए उपयुक्त और लाभकारी बन सकें। इसे अनुकूलित शारीरिक शिक्षा कहते हैं।


रूपांतरित या अनुकूलित शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य

रूपांतरित शारीरिक शिक्षा का मुख्य लक्ष्य यह है कि विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों को उनकी अक्षमता की परवाह किए बिना एक सुरक्षित और सहायक माहौल में शारीरिक शिक्षा गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया जाए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को न्यूनतम बाधाओं के साथ अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करना है।


रूपांतरित या अनुकूलित शारीरिक शिक्षा के उद्देश्य

उद्देश्य (Objectives):

  • शारीरिक शिक्षा की सेवाएं प्रदान करना।
  • गामक कौशल का विकास करना।
  • आत्म-सम्मान को विकसित करना।
  • खेलों में सक्रिय भागीदारी में वृद्धि करना।
  • समाजीकरण का विकास करना।
  • खेल भावना को बढ़ावा देना। 


विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए विभिन्न पेशेवरों की भूमिका का वर्णन कीजिये ।

परामर्शदाता (Counselor):

  • बच्चों और उनके परिवारों को मानसिक और भावनात्मक सहयोग प्रदान करते हैं।
  • बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उनके मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।
  • व्यवहारिक समस्याओं को समझने और हल करने में सहयोग करते हैं।

व्यावसायिक चिकित्सक (Occupational Therapist):

  • बच्चों की दैनिक जीवन की गतिविधियों जैसे लिखने, खाने, और कपड़े पहनने की क्षमताओं को सुधारने में मदद करते हैं।
  • उनकी मोटर को सुधारने पर काम करते हैं।

भौतिक चिकित्सक (Physical Therapist):

  • बच्चों की शारीरिक क्षमताओं को सुधारने पर ध्यान देते हैं।
  • मांसपेशियों की ताकत और संतुलन को सुधारने के लिए व्यायाम और तकनीक का उपयोग करते हैं।
  • चलने और अन्य शारीरिक गतिविधियों में सुधार करने में मदद करते हैं।

वाक् चिकित्सक (Speech Therapist):

  • बच्चों की बोलने, सुनने और भाषा को समझने की क्षमता को सुधारने में मदद करते हैं।
  • जिन बच्चों को वाणी से संबंधित समस्याएं होती हैं, उनके लिए संचार तकनीकों और अभ्यास का उपयोग करते हैं।

विशेष शिक्षा शिक्षक (Special Education Teacher):

  • बच्चों की विशेष शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुकूलित पाठ्यक्रम तैयार करते हैं।
  • प्रत्येक बच्चे की व्यक्तिगत क्षमताओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई करवाते हैं।
  • बच्चों को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

शारीरिक शिक्षा शिक्षक (Physical Education Teacher):

  • बच्चों की शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाने और फिटनेस को सुधारने में मदद करते हैं।
  • खेल और गतिविधियों के माध्यम से टीमवर्क, आत्म-विश्वास और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करते हैं।
  • गतिविधियों को बच्चों की शारीरिक क्षमता और रुचियों के अनुसार अनुकूलित करते हैं।


अक्षमता शिष्टाचार

अक्षमता शिष्टाचार उन दिशानिर्देशों का एक समूह है, जो विशेष रूप से विकलांग या असक्षम व्यक्तियों के साथ सही तरीके से संपर्क करने और बातचीत करने के संबंध में होते हैं।

इसका उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के साथ सम्मानपूर्वक और विनम्रता से संवाद करना सुनिश्चित करना है, ताकि वे आत्मसम्मान और समानता का अनुभव कर सकें।


सकारात्मक और ऊर्जावान रवैया

  • व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा और दृष्टिकोण के साथ विशेष आवश्यकता वाले व्यक्ति से संपर्क करना चाहिए।
  • दृष्टिकोण मैत्रीपूर्ण होना चाहिए।
  • व्यक्ति के प्रति अधिक सहानुभूति नही दिखानी चाहिए, या, कुछ मामलों में, डर भी नहीं दिखाना चाहिए।


संचार

संबंधित व्यक्ति से सही तरीके से बातचीत करनी चाहिए।

संप्रेषण दो तरफा होना चाहिए– सीधे व्यक्ति से बात करना, उसके साथ जाने वाले व्यक्ति से नहीं, उसके साथ चाहिए संबंध स्थापित करें।

यदि आवश्यक हो, तो संचार पुस्तक या संचार उपकरण का उपयोग करें।

अपना स्वर धीमा रखें। व्यक्ति के साथ धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से संवाद करें। उन्हें जवाब देने का समय दें।

यदि आवश्यक हो तो कहें, “वह व्हीलचेयर का उपयोग करती है।” “अपंग, बहरा और गूंगा, या ‘मंदबुद्धि’ जैसे नकारात्मक, अपमानजनक और पुराने शब्दों का प्रयोग न करें।”

इसलिए, शारीरिक रूप से विकलांग या दिव्यांग जैसे शब्दों का उपयोग करने से बचें। 


सामाजिक शिष्टाचार

  • विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए परिवेश को अक्षमता के अनुकूल और आरामदायक बनाएं।
  • सहायता की पेशकश केवल तभी करें जब व्यक्ति को इसकी आवश्यकता प्रतीत हो।
  • अपनी ओर से निर्णय लेने और निर्णय लेने की व्यक्ति की क्षमता को स्वीकार करें और उसका सम्मान करें।
  • कभी भी उन्हें शारीरिक या मौखिक रूप से धमकाएं नहीं। उनके उपकरणों के साथ कभी न खेलें।


शारीरिक शिष्टाचार

  • उचित और संभव होने पर असक्षम बच्चों के साथ आँख की सीध में बैठें या खड़े हों।
  • आँख से संपर्क करें, असक्षम व्यक्ति से कभी दूर न रहें।
  • किसी व्यक्ति के सिर पर थपथपाने या उसकी व्हीलचेयर या छड़ी को छूने से बचें। विकलांग लोग अपने उपकरणों को अपने निजी स्थान का हिस्सा मानते हैं।


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