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शारीरिक पुष्टि, सुयोग्यता और जीवन शैली Notes in Hindi Class 11 Physical Education Chapter-5 Physical fitness, fitness and lifestyle

शारीरिक पुष्टि, सुयोग्यता और जीवन शैली Notes in Hindi Class 11 Physical Education Chapter-5 Physical fitness, fitness and lifestyle


सुयोग्यता, स्वास्थ्य एवं शारीरिक पुष्टि का अर्थ और  महत्व

सुयोग्यता:

सुयोग्यता एक व्यक्ति की वह क्षमता होती है, जिसके द्वारा वह एक अच्छा संतुलित जीवन व्यतीत करता है।

स्वास्थ्य:

  • शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूर्णता: स्वस्थ होना।
  • शरीर में कोई भी समस्या विहिन होना ही स्वास्थ्य है।

शारीरिक पुष्टि का अर्थ:

  • एक साधारण व्यक्ति की शारीरिक पुष्टि का अर्थ उसकी दैनिक कार्य करने की क्षमता से है।
  • व्यक्ति थकावट का अनुभव किए बिना कार्य कर सके और कार्य समाप्त करने के बाद अतिरिक्त कार्य करने की शक्ति भी हो।


सुयोग्यता का  महत्व

स्वास्थ्य में सुधार के लिए:

  • शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
  • सुयोग्यता के कारण व्यक्ति स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है।

अच्छा नागरिक बनने के लिए:

  • सुयोग्य व्यक्ति अपनी आदतों और कार्यों को संतुलन में रखते हुए समाज और देश के विकास में योगदान देता है।

तनाव-रहित जीवन जीने के लिए:

  • सुयोग्यता व्यक्ति को तनाव, डर, और समस्याओं से मुक्त रखती है।
  • यह संतुलित जीवन जीने में सहायक होती है।

जीवन का आनंद प्राप्ति के लिए:

  • सुयोग्य व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहकर जीवन का आनंद ले सकता है।

लक्ष्य प्राप्ति में मदद के लिए:

  • सुयोग्य व्यक्ति अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के कारण अपने लक्ष्य प्राप्त करने में सक्षम होता है।


स्वास्थ्य का महत्व (Importance of Health)

  • बुढ़ापे के लक्षणों को दूर करने में सहायक
  • स्वस्थ जीवन व्यतीत करने में सहायक
  • शरीर को निरोगी बनाने में सहायक
  • शरीर में शक्ति बनाए रखने में सहायक
  • शरीर के द्वारा अधिक कार्य करने में सक्षम बनाती है। 


शारीरिक पुष्टि का महत्व

एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने के लिए:

  • शारीरिक रूप से पुष्ट व्यक्ति एक अधिक समय तक स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकता है।

ऊर्जा, शक्ति और क्षमता बढ़ाने के लिए:

  • पुष्ट शरीर के कारण व्यक्ति दैनिक कार्यों को बिना थकावट के पूरा कर सकता है।
  • अतिरिक्त कार्य करने की क्षमता विकसित होती है।

शरीर से अतिरिक्त वसा को दूर रखने के लिए:

  • शारीरिक पुष्टि वसा को नियंत्रित रखती है।
  • शरीर को फिट और सक्रिय बनाए रखती है।

आनंदमय जीवन जीने के लिए:

  • शारीरिक पुष्टता व्यक्ति को आनंद और आत्मविश्वास से भरा जीवन जीने में मदद करती है।
  • यह सकारात्मक आत्म-छवि को विकसित करती है।


सुयोग्यता, स्वास्थ्य एवं शारीरिक पुष्ट‍ि के घटक/आयाम

सुयोग्यता के घटक

कल्याण या सुयोग्यता के घटके

  • सामाजिक योग्यता लोगों के साथ सफलता से बातचीत करने की क्षमता
  • अध्यात्मिक सुयोग्यता जीवन को अर्थ व दिशा प्रदान करता है
  • भौतिक सुयोग्यता दैनिक कार्यों को पूरा करने की क्षमता
  • पर्यावरण सुयोग्यता स्वास्थ्य उपायों और जीवन स्तर को बढ़ावा देने की क्षमता
  • भावनात्मक सुयोग्यता पूरी तरह से तनावों, भावनाओं पर नियंत्रण करने की क्षमता
  • बौद्धिक सुयोग्यता जानना और कुशलता से जानकारी के उपयोग की क्षमता
  • व्यावसायिक सुयोग्यता काम और आराम के बीच संतुलन


स्वास्थ्य के आयाम (Dimensions of Health)

शारीरिक (Physical)

  • फिटनेस (Fitness)
  • पोषण (Nutrition)
  • चिकित्सा देखभाल (Medical care)
  • आत्म-देखभाल (Self-care)
  • मादक पदार्थों के सेवन पर नियंत्रण (Control of substance abuse)

भावनात्मक (Emotional)

  • भावनाओं की देखभाल (Care for emotions)
  • संकट और तनाव प्रबंधन (Crisis and stress management)

सामाजिक (Social)

  • परिवार (Families)
  • मित्र (Friends)

बौद्धिक (Intellectual)

  • शिक्षा (Education)
  • करियर (Career)
  • विकास (Development)

आध्यात्मिक (Spiritual)

  • प्रेम (Love)
  • आशा (Hope)
  • परोपकार (Charity)
  • उद्देश्य (Purpose)


शारीरिक पुष्ट‍ि के घटक

सर्वांगीण विकास के लिये शारीरिक पुष्ट‍ि का होना आवश्यक है, जिसके लिये उसके प्रकार का ज्ञान होना चाहिए, जो कि निम्न प्रकार से है:

  • कौशल सम्बन्धित पुष्ट‍ि (Skill related fitness)
  • स्वास्थ्य सम्बन्धित पुष्ट‍ि (Health related fitness)
  • सौन्दर्य सम्बन्धित पुष्ट‍ि (Cosmetic related fitness) 


कौशल सम्बन्धित पुष्टि

1. गामक कार्यशीलता को महत्त्व दिया जाता है।

2. इस पुष्टि में विभिन्न खेलों से सम्बन्धित गामक कौशलों को ध्यान में रखते हुए शारीरिक पुष्टि होती है जैसे गति, शक्ति

स्वास्थ्य सम्बन्धित पुष्टि

1. स्वास्थ्य सम्बन्धित कार्यशीलता को महत्त्व दिया जाता हैं।

2. इसमें स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पुष्टि होती है एवं बीमारियों से शरीर का बचाव होता है जिससे व्यक्ति अपना जीवन बेहतर रूप से व्यतीत कर सके

सौन्दर्य सम्बन्धित पुष्टि

1. शारीरिक सौन्दर्य को महत्त्व दिया जाता है।

2. इसमें व्यक्ति अपने शरीर को सुन्दर बनाने के लिये कार्य करता है अतः विभिन्न मांसपेशियों पर कार्य करता है।


शारीरिक गतिविधि और खेल के माध्यम से नेतृत्व विकास

नेतृत्व (Leadership):

  • किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए व्यक्तियों को इकट्ठा करने की इच्छा तथा योग्यता को ही नेतृत्व कहा जाता है।

एक नेता की भूमिका (Role of a Leader):

  • एक नेता वह है जो अवसर रहता है, स्वीकार योग्य सुझाव देता है, उपयुक्त मार्ग दिखाता है।
  • दूसरों के लिए एक रोल मॉडल का कार्य करता है। वह लक्ष्य की प्राप्ति में व्यक्तियों के साथ मिलकर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।


एक अच्छे नेता के विशेष गुण 

आकर्षक रूप (Attractive Appearance):

  • नेतृत्व में व्यक्ति का आकर्षक रूप महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे व्यक्तित्व का पहला प्रभाव पड़ता है।

बुद्धिमान (Intelligent):

  • एक नेता के लिए बुद्धिमान होना आवश्यक है ताकि वह समस्याओं का समाधान ढूंढ सके।
  • शारीरिक शिक्षा में बुद्धिमान नेता मार्गदर्शन के लिए जरूरी होता है।

रचनात्मक (Creative):

  • एक नेता को रचनात्मक और सृजनात्मक (Innovative) होना चाहिए।
  • यह नेता नई तकनीकों और विचारों को लागू कर सकता है।

मित्रता व स्नेह (Friendliness and Affection):

  • मित्रता और स्नेह एक नेता के आवश्यक गुण हैं।
  • यह गुण गतिविधियों और प्रतियोगिताओं के दौरान सहायक होते हैं।

अच्छा स्वास्थ्य (Good Health):

  • एक स्वस्थ नेता बिना थकावट के कार्य कर सकता है।
  • अच्छा स्वास्थ्य शारीरिक कार्यों को प्रभावी ढंग से करने में मदद करता है।


शारीरिक शिक्षा के द्वारा नेतृत्व का विकास

  • शारीरिक शिक्षा एक व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास के लिए विभिन्न अवसर प्रदान करती है। खेल क्रियाओं या खेल गतिविधियों में भाग लेकर एक बालक में नेतृत्व के विभिन्न गुणों का विकास होता है।
  • खेल प्रशिक्षक विद्यार्थी को खेलों के दौरान तथा कला में विभिन्न अवसर प्रदान कर सकता है जिससे एक व्यक्ति में सफल नेता के गुण विकसित किये जा सकते हैं। कुछ अवसर जिनके द्वारा एक विद्यार्थी एक अच्छा नेता बन सकता है।
  • विद्यार्थियों का उनकी क्षमता के अनुसार टीम का कप्तान बनाना।
  • छात्रों को अपनी टीम के लिए फैसले लेने का अवसर प्रदान करना।
  • विभिन्न कार्य करने के लिए छात्रों द्वारा निर्देशित अलग समितियाँ व छोटे समूह बनाना।
  • छात्रों को अधिक जिम्मेदारी सौंपना जैसे खेल गतिविधियों के दौरान विभिन्न काम बाँटना।
  • उनमें कौशल विकसित करने के अवसर प्रदान करना। 


प्राथमिक उपचार और P.R.I.C.E. का परिचय

प्राथमिक चिकित्सा

प्राथमिक उपचार का मतलब किसी घायल या बीमार व्यक्ति को तुरंत दी जाने वाली मदद है। इसका मकसद व्यक्ति की जान बचाना, उसकी हालत को बिगड़ने से रोकना और उसे जल्दी ठीक होने में मदद करना है जब तक डॉक्टर की सहायता न मिल जाए।

प्राथमिक उपचार में छोटी चोटों जैसे कट पर पट्टी लगाना शामिल हो सकता है, और गंभीर मामलों में जैसे दिल बंद हो जाने पर CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देना। यह आमतौर पर ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिसे प्राथमिक चिकित्सा का बुनियादी ज्ञान हो। प्राथमिक उपचार सही समय पर की गई मदद है जो किसी भी आपात स्थिति में बहुत उपयोगी हो सकती है।


P.R.I.C.E.

चोट लगने पर उपचार के लिए P.R.I.C.E. नियम अपनाया जाता है, जिसका मतलब है – Protection (सुरक्षा), Rest (विश्राम), Ice (बर्फ), Compression (दबाव), और Elevation (ऊंचाई)।

सुरक्षा (Protection):

  • चोट को और अधिक बढ़ने से रोकने के लिए प्रभावित हिस्से को सुरक्षित रखना चाहिए।
  • इसके लिए बैसाखी, छड़ी या अन्य सहायक उपकरणों का उपयोग करके वजन डालने से बचें।

विश्राम (Rest):

  • चोटिल हिस्से का उपयोग बंद कर दें या गतिविधि को रोक दें ताकि चोट न बढ़े, दर्द न बढ़े और जल्दी ठीक हो सके।
  • टांग, घुटने, टखने या पैर की चोट में भार न डालने के लिए बैसाखी का उपयोग करें, और हाथ, कोहनी, कलाई की चोट के लिए स्प्लिंट लगाएं।

बर्फ (Ice):

  • बर्फ लगाने से रक्त वाहिकाएं संकुचित होती हैं, जिससे आंतरिक रक्तस्राव कम होता है और सूजन घटती है।
  • बर्फ लगाने से पहले त्वचा पर सूखा या गीला कपड़ा रखें और इसे 15-20 मिनट से अधिक न लगाएं। इसे हर घंटे 10-20 मिनट तक दोहराएं।

दबाव (Compression):

  • चोट के आसपास सूजन को कम करने के लिए लोचदार पट्टी, कपड़ा, या संपीड़न स्लीव का उपयोग करें।
  • पट्टी को सही तरीके से लपेटें ताकि रक्त प्रवाह बाधित न हो। बहुत अधिक कसी हुई पट्टी सूजन बढ़ा सकती है।

ऊंचाई (Elevation):

  • चोट वाले अंग को हृदय के स्तर से ऊपर उठाएं। इससे सूजन और दर्द कम होता है।
  • इसके लिए तकियों या अन्य वस्तुओं का उपयोग करें।


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