विदाई-संभाषण Important Short and Long question Class 11 Chapter-4 Book-Aroh
Team Eklavya
मार्च 07, 2025
1. "विदाई-संभाषण" रचना के लेखक कौन हैं?
उत्तर:
"विदाई-संभाषण" के लेखक शिवशंभु शर्मा हैं।
2. "विदाई-संभाषण" किस ऐतिहासिक घटना से जुड़ा है?
उत्तर:
यह रचना लॉर्ड कर्ज़न की भारत से विदाई के अवसर पर लिखी गई थी, जिसमें उनके शासनकाल की आलोचना की गई है।
3. "विदाई-संभाषण" किस प्रकार की रचना है?
उत्तर:
यह एक व्यंग्यात्मक रचना है, जिसमें औपनिवेशिक शासन, विशेष रूप से लॉर्ड कर्ज़न की नीतियों, की तीखी आलोचना की गई है।
4. लॉर्ड कर्ज़न के शासनकाल का भारतीय जनता पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
1. बंगाल का विभाजन – इससे देश में असंतोष और विद्रोह की भावना बढ़ी।
2. शिक्षा और समाज पर नकारात्मक प्रभाव – उनके कई निर्णयों से भारतीय समाज को नुकसान हुआ।
3. जनता की उपेक्षा – उन्होंने भारतीयों की भावनाओं और प्रार्थनाओं को अनदेखा किया।
4. राजनीतिक अशांति – उनकी नीतियों से भारत में स्वतंत्रता संग्राम को बल मिला।
5. लेखक ने लॉर्ड कर्ज़न की तुलना नादिरशाह से क्यों की है?
उत्तर:
- नादिरशाह ने जनता की प्रार्थनाओं पर दया दिखाई, लेकिन अंततः क्रूरता की।
- लॉर्ड कर्ज़न ने भी जनता की भावनाओं की अनदेखी की और अपने मनमाने फैसले थोपे।
- दोनों ही शासकों ने जनता के प्रति कठोरता और असंवेदनशीलता दिखाई।
6. बंगाल विभाजन की घटना का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
- भारतीयों ने इसे "फूट डालो और राज करो" नीति के रूप में देखा।
- इससे राष्ट्रीय आंदोलन तेज हुआ और स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई।
- जनता में ब्रिटिश सरकार के प्रति गहरी नाराजगी और विरोध की भावना पैदा हुई।
- बाद में सरकार को इस फैसले को वापस लेना पड़ा।
7. लेखक के अनुसार लॉर्ड कर्ज़न के शासन की मुख्य विफलताएँ क्या थीं?
उत्तर:
1. अहंकारी और जिद्दी रवैया – उन्होंने भारतीयों की भावनाओं की अवहेलना की।
2. असफल नीतियाँ – उनके कई फैसलों ने समाज में विघटन पैदा किया।
3. बंगाल विभाजन – यह निर्णय भारतीयों के लिए सबसे कष्टदायक साबित हुआ।
4. जनता की उपेक्षा – उन्होंने प्रजा की परेशानियों को नजरअंदाज किया।
8. लेखक ने लॉर्ड कर्ज़न के पतन को कैसे दिखाया है?
उत्तर:
1. शासन की शुरुआत में – लॉर्ड कर्ज़न अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली थे।
2. शासन के अंत में – उनकी लोकप्रियता घट गई और उन्हें पद छोड़ना पड़ा।
3. दिल्ली दरबार की भव्यता से लेकर उनकी विदाई तक – उनका घमंड और जिद अंततः उनके पतन का कारण बनी।
9. भारतीय जनता के धैर्य और सहनशीलता पर लेखक का क्या मत है?
उत्तर:
- भारतीय जनता अत्यंत सहनशील और धैर्यवान है।
- उसने कर्ज़न के अन्यायपूर्ण शासन को भी सहन किया।
- लेकिन जनता में स्वाभिमान और स्वतंत्रता की भावना भी है, जो समय आने पर जागृत होगी।
10. लेखक ने कर्ज़न को क्या नसीहत दी है?
उत्तर:
- नेता को जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
- शासन में अहंकार और मनमानेपन से अंततः पतन होता है।
- यदि कर्ज़न ने जनता के हितों की रक्षा की होती, तो उनकी विदाई इस तरह अपमानजनक न होती।
11. नरवरगढ़ के राजकुमार के विदाई भाषण का उदाहरण क्यों दिया गया है?
उत्तर:
- नरवरगढ़ के राजकुमार ने अपनी विदाई के समय प्रजा के प्रति कृतज्ञता और पश्चाताप का भाव दिखाया।
- लेखक को आशा थी कि कर्ज़न भी ऐसा करेंगे, लेकिन कर्ज़न में ऐसी उदारता नहीं थी।
- यह एक व्यंग्य है, जो कर्ज़न के अहंकार और भारतीय जनता के प्रति उनकी बेरुखी को उजागर करता है।
12. "विदाई-संभाषण" शीर्षक इस रचना के लिए क्यों उपयुक्त है?
उत्तर:
- यह रचना लॉर्ड कर्ज़न की विदाई के अवसर पर लिखी गई है।
- इसमें उनके शासनकाल की विफलताओं और उनकी गलत नीतियों की आलोचना की गई है।
- यह शीर्षक व्यंग्यपूर्ण है, क्योंकि इसमें वास्तव में कर्ज़न की विदाई का उपहास किया गया है।
13. "विदाई-संभाषण" रचना से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
- शासन में जिद्द और अहंकार विनाश का कारण बनता है।
- नेता को जनता के हितों और भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
- जनता में सहनशीलता और धैर्य होता है, लेकिन अन्याय के विरुद्ध वह एक दिन खड़ी होती है।
- औपनिवेशिक शासन में भारतीयों को संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना चाहिए।
14. इस रचना में लेखक ने किस शैली का प्रयोग किया है?
उत्तर:
1. व्यंग्यात्मक शैली – कर्ज़न की आलोचना व्यंग्य के रूप में की गई है।
2. तुलनात्मक शैली – कर्ज़न की तुलना नादिरशाह और नरवरगढ़ के राजकुमार से की गई है।
3. आलोचनात्मक शैली – औपनिवेशिक शासन की असफलताओं को उजागर किया गया है।
15. "विदाई-संभाषण" भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से कैसे जुड़ा है?
उत्तर:
- बंगाल विभाजन से स्वदेशी आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम को बल मिला।
- ब्रिटिश शासन की अन्यायपूर्ण नीतियों के विरुद्ध जन-जागरण हुआ।
- इस प्रकार की व्यंग्यात्मक रचनाओं ने राष्ट्रीय चेतना को प्रेरित किया।