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गलता लोहा Important Short and Long Question Class 11 Chapter-5 Book-Aroh

गलता लोहा Important Short and Long Question Class 11 Chapter-5 Book-Aroh


1. "गलता लोहा" कहानी के लेखक कौन हैं?

उत्तर:

"गलता लोहा" कहानी के लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी हैं।


2. "गलता लोहा" कहानी का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर:

कहानी का मुख्य विषय जातिगत भेदभाव, सामाजिक संरचना और व्यक्तिगत संघर्ष है। यह भारतीय समाज में व्याप्त ऊँच-नीच की भावना और इसे चुनौती देने वाले विचारों को प्रस्तुत करती है।


3. कहानी के मुख्य पात्र कौन-कौन हैं?

उत्तर:

1. मोहन – एक पुरोहित परिवार से आने वाला शिक्षित युवक।

2. धनराम – एक लोहार, जो सामाजिक भेदभाव और गरीबी से ग्रस्त है।

3. वंशीधर तिवारी – मोहन के पिता, जो उसे पढ़ा-लिखाकर परिवार की गरीबी दूर करना चाहते थे।

4. गंगाराम – धनराम के पिता, जो लोहार का काम करते थे।

5. त्रिलोक सिंह मास्टर – स्कूल के शिक्षक, जो अनुशासनप्रिय थे और पढ़ाई को महत्व देते थे।

6. रमेश – मोहन का अभिभावक, जिसने उसे नौकर की तरह रखा।


4. मोहन के संघर्ष क्या थे?

उत्तर:

परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, फिर भी पिता चाहते थे कि वह पढ़-लिखकर परिवार को गरीबी से बाहर निकाले।

शहर में पढ़ाई के दौरान रमेश के यहाँ उसे नौकर की तरह व्यवहार सहना पड़ा।

जातिगत भेदभाव के कारण समाज में उसे कठिनाइयाँ झेलनी पड़ीं।


5. धनराम के संघर्ष क्या थे?

उत्तर:

  • जातिगत हीनता का शिकार था, जिसके कारण उसे मोहन जैसी शिक्षा और अवसर नहीं मिले।
  • पढ़ाई में कमजोर होने के कारण उसे अपने पिता का लोहार का काम सँभालना पड़ा।
  • सामाजिक भेदभाव के कारण वह ब्राह्मण टोले से दूरी बनाए रखता था।


6. मोहन और धनराम के बचपन का संबंध कैसा था?

उत्तर:

मोहन और धनराम बचपन में एक ही स्कूल में पढ़ते थे और उनके बीच स्नेह और दोस्ती थी, लेकिन जातिगत भेदभाव के कारण उनके संबंधों में दूरी बनी रही।


7. मोहन क्यों और कैसे धनराम के पास पहुँचा?

उत्तर:

मोहन अपने हँसुए की धार तेज कराने के लिए धनराम के पास पहुँचा। वहाँ दोनों ने अपने बचपन की यादों को ताजा किया और मिलकर काम भी किया।


8. मोहन ने धनराम की दुकान पर क्या किया और उसका क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:

  • मोहन ने धनराम के काम में रुचि ली और लोहे के छल्ले को गोल बनाने में मदद की।
  • उसने ब्राह्मण होते हुए भी शिल्पकार टोले में बैठकर लोहार का काम किया, जो सामाजिक मान्यताओं के विरुद्ध था।
  • धनराम यह देखकर अवाक रह गया और असमंजस में पड़ गया।


9. मोहन का लोहार के काम में भाग लेना क्या दर्शाता है?

उत्तर:

  • यह जातिगत भेदभाव और सामाजिक ऊँच-नीच की मान्यता को चुनौती देता है।
  • यह सामाजिक समानता और श्रम की गरिमा को दर्शाता है।
  • यह संकेत करता है कि किसी भी कार्य को छोटा या बड़ा नहीं समझना चाहिए।


10. कहानी में "गलता लोहा" शीर्षक का क्या अर्थ है?

उत्तर:

"गलता लोहा" शीर्षक का अर्थ समाज में व्याप्त जड़ मान्यताओं का पिघलना और बदलाव की ओर बढ़ना है।

1. लोहे के गलने का प्रतीक – जैसे लोहा आग में गलकर नए रूप में ढलता है, वैसे ही समाज की पुरानी मान्यताएँ बदल सकती हैं।

2. जातिगत भेदभाव का अंत – मोहन द्वारा लोहार के काम में रुचि लेना सामाजिक परिवर्तन का संकेत है।


11. मोहन के व्यवहार से धनराम पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:

  • मोहन को ब्राह्मण होते हुए लोहार का काम करते देख धनराम चकित रह गया।
  • उसे पहली बार एहसास हुआ कि जाति से अधिक महत्वपूर्ण इंसान का काम और हुनर है।
  • मोहन की आँखों में सृजन की चमक और उत्साह देखकर वह प्रभावित हुआ।
  • यह उसकी सोच में परिवर्तन लाने का संकेत था।


12. कहानी के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहते हैं?

उत्तर:

  • जातिगत भेदभाव एक सामाजिक बुराई है, जिसे खत्म करना आवश्यक है।
  • सभी कार्य समान हैं और किसी भी कार्य को छोटा-बड़ा नहीं समझना चाहिए।
  • समानता और श्रम की महत्ता को समझना चाहिए।
  • परिवर्तन और नई सोच से समाज में सुधार संभव है।


13. "गलता लोहा" कहानी भारतीय समाज की किस समस्या को उजागर करती है?

उत्तर:

यह कहानी जातिवाद, सामाजिक भेदभाव और श्रम के प्रति हीन दृष्टि जैसी समस्याओं को उजागर करती है।


14. "गलता लोहा" शीर्षक कहानी के लिए क्यों उपयुक्त है?

उत्तर:

  • "लोहा गलता है" – जैसे लोहा आग में पिघलकर नया रूप लेता है, वैसे ही समाज की पुरानी मान्यताएँ भी बदल सकती हैं।
  • यह सामाजिक परिवर्तन और जातिगत भेदभाव के विरुद्ध एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
  • मोहन द्वारा लोहार के कार्य में भाग लेना, पुरानी सामाजिक मान्यताओं के पिघलने का प्रतीक है।


15. मोहन और धनराम के चरित्र से हमें क्या सीख मिलती है?

उत्तर:

1. मोहन – समाज की पुरानी रूढ़ियों को तोड़ने का प्रतीक, जो श्रम और समानता में विश्वास रखता है।

2. धनराम – पारंपरिक मान्यताओं में बंधा व्यक्ति, जो परिवर्तन देखकर चकित होता है और प्रभावित भी।


16. इस कहानी का भारतीय समाज में क्या महत्व है?

उत्तर:

  • यह जातिवाद और भेदभाव की समस्या को सामने लाती है।
  • यह बताती है कि श्रम और हुनर को महत्व दिया जाना चाहिए, न कि जाति को।
  • यह नए भारत के निर्माण की सोच को बल देती है।

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