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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला बादल राग व्याख्या Important Short and Long Question Class 12 Poem-6 Book-1

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला बादल राग व्याख्या Important Short and Long Question Class 12 Poem-6 Book-1


प्रश्न 1. 'बादल राग' कविता का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर: 

'बादल राग' कविता में बादल को क्रांति और बदलाव का प्रतीक माना गया है। इसमें शोषित वर्ग की पीड़ा, क्रांति की आवश्यकता और समाज में बदलाव लाने की शक्ति का चित्रण किया गया है।


प्रश्न 2. कवि ने बादल को किसका प्रतीक माना है?

उत्तर: 

कवि ने बादल को क्रांति का प्रतीक माना है, जो समाज में बदलाव लाने के लिए गर्जता और बरसता है।


प्रश्न 3. कविता में 'रण-तरी' से क्या आशय है?

उत्तर: 

'रण-तरी' का अर्थ है युद्ध-नौका। कवि बादलों को क्रांति की रण-नौका कहता है, जो समाज में परिवर्तन और शोषण के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है।


प्रश्न 4. कवि के अनुसार बादल के गर्जन से धरती के अंकुरों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: 

बादल की गर्जना सुनकर धरती में दबे अंकुर नवजीवन पाने की आशा से उत्साहित होकर सिर उठाने लगते हैं, यानी छोटे और दबे हुए लोग क्रांति के माध्यम से नए जीवन की आशा करते हैं।


प्रश्न 5. कविता में बादलों के 'वज्र-हुंकार' का क्या प्रभाव बताया गया है?

उत्तर: 

बादलों की भयंकर गर्जना (वज्र-हुंकार) सुनकर सारा संसार भयभीत हो जाता है। ऊँचाई पर स्थित पहाड़ तक वज्रपात से घायल हो जाते हैं, जबकि छोटे पौधे खिलखिलाकर हँसते हैं, क्योंकि वे वर्षा से जीवन पाते हैं।


प्रश्न 6. 'अट्टालिका नहीं है रे आतंक-भवन' – इस पंक्ति का क्या तात्पर्य है?

उत्तर: 

इस पंक्ति में कवि ने कहा है कि ऊँची-ऊँची इमारतें (अट्टालिकाएँ) शोषण और आतंक के केंद्र हैं, क्योंकि उनमें रहने वाले धनवान लोग हमेशा क्रांति के भय से कांपते रहते हैं।


प्रश्न 7. 'रुद्ध कोष' और 'क्षुब्ध तोष' से क्या अभिप्राय है?

उत्तर: 

'रुद्ध कोष' का अर्थ है बंद खजाने और 'क्षुब्ध तोष' का अर्थ है असंतुष्ट धनवान लोग। इसका तात्पर्य है कि अमीरों के पास बहुत धन है, फिर भी वे संतुष्ट नहीं हैं और हमेशा डर के साये में जीते हैं।


प्रश्न 8. 'जीर्ण बाहु, है शीर्ण शरीर, तुझे बुलाता कृषक अधीर' – इस पंक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: 

इस पंक्ति में कवि कहता है कि दुर्बल और कुपोषित किसान, जिसने अपने श्रम का सारा बल गँवा दिया, अब क्रांति (बादल) को पुकार रहा है, ताकि वह शोषण मुक्त होकर नया जीवन पा सके।


प्रश्न 9. कविता में शोषक वर्ग और शोषित वर्ग को किस प्रकार चित्रित किया गया है?

उत्तर:

शोषक वर्ग: धनवान लोग, जो महलों में रहते हैं, लेकिन क्रांति के भय से कांपते हैं।

शोषित वर्ग: गरीब किसान, जो अपना सारा श्रम देकर भी भूखा और कमजोर है, और क्रांति (बादल) से मुक्ति की उम्मीद करता है।


प्रश्न 10. 'बादल राग' कविता की भाषा-शैली कैसी है?

उत्तर: 

इस कविता की भाषा-शैली ओजपूर्ण, प्रभावशाली और प्रतीकात्मक है। इसमें छायावादी शैली के साथ क्रांतिकारी विचारों को प्रस्तुत किया गया है।


प्रश्न 11. इस कविता में कौन-कौन से अलंकार प्रयोग किए गए हैं?

उत्तर:

  • रूपक अलंकार: बादल को रण-तरी, वीर और क्रांतिदूत कहा गया है।
  • उपमा अलंकार: बादलों की गर्जना को वज्र-हुंकार के समान बताया गया है।
  • अनुप्रास अलंकार: "हँसते हैं छोटे पौधे लघु भार" में 'ह' ध्वनि की पुनरावृत्ति।


प्रश्न 12. 'बादल राग' कविता में 'छोटे पौधे' किनका प्रतीक हैं?

उत्तर: 

'छोटे पौधे' गरीब और शोषित वर्ग का प्रतीक हैं, जो क्रांति से लाभ उठाते हैं और नया जीवन प्राप्त करते हैं।


प्रश्न 13. कवि ने पूंजीपतियों के बारे में क्या कहा है?

उत्तर: 

कवि कहता है कि पूंजीपति लोग धन से भरे हुए अपने खजाने को बंद करके रखते हैं और अपने वैभव में जीते हैं, लेकिन क्रांति के डर से सदैव भयभीत रहते हैं।


प्रश्न 14. कविता में वर्षा को क्रांति से क्यों जोड़ा गया है?

उत्तर: 

वर्षा को क्रांति से जोड़ने का कारण यह है कि जैसे वर्षा धरती पर नए जीवन का संचार करती है, वैसे ही क्रांति शोषितों के जीवन में आशा और मुक्ति का संचार करती है।


प्रश्न 15. कविता का समग्र संदेश क्या है?

उत्तर: 

कविता का संदेश यह है कि समाज में परिवर्तन और शोषण के अंत के लिए क्रांति आवश्यक है। क्रांति से ही शोषित वर्ग का उद्धार हो सकता है और नया जीवन संभव हो सकता है।

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