शमशेर बहादुर सिंह उषा व्याख्या Important Short and Long Question Class 12 Poem-5 Book-1
0Team Eklavyaमार्च 01, 2025
प्रश्न 1. ‘उषा’ कविता में कवि ने किस प्राकृतिक दृश्य का चित्रण किया है?
उत्तर:
‘उषा’ कविता में कवि ने प्रातः कालीन सौन्दर्य, विशेष रूप से भोर के समय आकाश के बदलते रंगों और वातावरण का सुंदर चित्रण किया है।
प्रश्न 2. कवि ने भोर के आकाश की तुलना किससे की है?
उत्तर:
कवि ने भोर के आकाश की तुलना नीले शंख से की है और उसकी नमी को राख से लीपे हुए गीले चौके की तरह बताया है।
प्रश्न 3. ‘बहुत काली सिल ज़रा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो’ – पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर:
इस पंक्ति में कवि ने अंधेरे और सूर्योदय की लालिमा के मिश्रण का वर्णन किया है। यह दृश्य ऐसा प्रतीत होता है जैसे काली सिल पर थोड़ा सा केसर घुल गया हो या काली स्लेट पर लाल खड़िया चाक मल दी गई हो।
प्रश्न 4. कवि ने ‘नील जल में झिलमिल गौर देह’ का क्या संकेत दिया है?
उत्तर:
इस पंक्ति में कवि ने सूर्योदय से पहले के क्षणों का वर्णन किया है, जब आकाश में नीला रंग होता है और सूरज की रोशनी धीरे-धीरे चमकने लगती है। यह दृश्य ऐसे प्रतीत होता है जैसे नीले जल में किसी सुंदरी की गौरवर्णी देह झिलमिला रही हो।
प्रश्न 5. कविता के अनुसार ‘उषा का जादू’ कब समाप्त हो जाता है?
उत्तर:
जब सूर्योदय हो जाता है, तब उषा के सुंदर और बदलते हुए रंग समाप्त हो जाते हैं। इसी को कवि ने ‘उषा का जादू टूटना’ कहा है।
प्रश्न 6. ‘चौका’ शब्द का क्या अर्थ है और इसका प्रयोग कविता में क्यों किया गया है?
उत्तर:
‘चौका’ का अर्थ है – रसोई बनाने का स्थान। कवि ने भोर के समय आकाश की नमी की तुलना गीले चौके से की है, जिससे यह प्राकृतिक सौन्दर्य और अधिक स्पष्ट हो जाता है।
प्रश्न 7. ‘उषा’ कविता का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
‘उषा’ कविता का मुख्य विषय प्रातः कालीन सौन्दर्य, विशेष रूप से सूर्योदय से पहले के आकाश के बदलते रंग और वातावरण का मनमोहक चित्रण है।
प्रश्न 8. कविता में कौन-कौन से रंगों का प्रयोग किया गया है और उनका क्या महत्व है?
उत्तर:
कविता में नीला, काला, लाल और सफेद रंगों का प्रयोग किया गया है।
नीला – भोर के आकाश का रंग
काला – अंधकार का प्रतीक
लाल – सूर्योदय की लाली
सफेद – सूरज की चमकती रोशनी
प्रश्न 9. ‘सिल’ शब्द का क्या अर्थ है और कविता में इसका उपयोग किस संदर्भ में हुआ है?
उत्तर:
‘सिल’ का अर्थ है मसाला पीसने का पत्थर। कविता में यह गहरे अंधकार को दर्शाने के लिए प्रयुक्त हुआ है, जिस पर सूरज की हल्की लाली ऐसे प्रतीत होती है जैसे उस पर केसर घुल गया हो।
प्रश्न 10. ‘उषा’ कविता की भाषा-शैली कैसी है?
उत्तर:
‘उषा’ कविता की भाषा चित्रात्मक, सरल, सहज और काव्यात्मक है। इसमें उपमा और रूपक अलंकारों का सुंदर प्रयोग हुआ है, जिससे भोर का दृश्य और भी मोहक प्रतीत होता है।