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शिरीष के फूल Important Short and Long Question Class 12 Chapter-14 Book-1

शिरीष के फूल Important Short and Long Question Class 12 Chapter-14 Book-1


प्रश्न 1. 'शिरीष के फूल' निबंध का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: 

इस निबंध का मुख्य उद्देश्य शिरीष के वृक्ष को जीवन, साहित्य, और अनासक्ति का प्रतीक बनाकर प्रस्तुत करना है। लेखक इसके माध्यम से धैर्य, सहनशीलता, और मस्ती के महत्व को दर्शाते हैं।


प्रश्न 2. शिरीष के पेड़ का प्राकृतिक सौंदर्य कैसा होता है?

उत्तर:

  • शिरीष का पेड़ बड़ा और छायादार होता है।
  • यह जेठ की भयंकर धूप में भी हरा-भरा रहता है।
  • यह वसंत से आषाढ़ तक फूलों से लदा रहता है और लू व उमस में भी अपनी सुंदरता बनाए रखता है।


प्रश्न 3. शिरीष के फूलों की विशेषता क्या है?

उत्तर:

  • शिरीष के फूल बहुत कोमल होते हैं और केवल भौंरों के हल्के दबाव को सहन कर सकते हैं।
  • यह अन्य फूलों की तरह कुछ ही दिनों में नहीं झड़ते, बल्कि लंबे समय तक अपनी खूबसूरती बनाए रखते हैं।


प्रश्न 4. लेखक ने शिरीष के फल को किससे तुलना की है?

उत्तर:

  • लेखक ने शिरीष के पुराने फलों की तुलना उन नेताओं से की है जो नई पीढ़ी के लिए जगह नहीं बनाते।
  • यह फल नए फूलों के आने पर भी शाखाओं पर बने रहते हैं।


प्रश्न 5. कालिदास ने शिरीष के फूलों को कैसे चित्रित किया है?

उत्तर:

  • कालिदास ने शिरीष की कोमलता को विशेष रूप से सराहा है।
  • यह इतना नाजुक होता है कि हल्का स्पर्श भी सहन नहीं कर सकता।
  • लेकिन इसके विपरीत, इसके फल मजबूत होते हैं, जो लंबे समय तक टिके रहते हैं।


प्रश्न 6. लेखक ने शिरीष के वृक्ष को अवधूत क्यों कहा है?

उत्तर:

  • अवधूत वह होता है जो संसार के बंधनों से मुक्त होकर जीता है।
  • शिरीष बिना किसी सहारे के वायुमंडल से रस खींचकर अपनी ऊर्जा बनाए रखता है।
  • यह किसी भी परिस्थिति में मस्ती और आनंद में बना रहता है।


प्रश्न 7. लेखक ने शिरीष की तुलना महात्मा गांधी से क्यों की है?

उत्तर:

  • गांधीजी भी कठिन परिस्थितियों में अडिग और मस्त बने रहे।
  • वे सहनशीलता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक थे, जैसे शिरीष बिना किसी सहारे के खड़ा रहता है।
  • लेखक गांधीजी की अनुपस्थिति को गहराई से महसूस करते हैं और शिरीष के माध्यम से उनकी याद करते हैं।


प्रश्न 8. शिरीष के वृक्ष से हमें क्या सीख मिलती है?

उत्तर:

  • हमें सुख-दुख में स्थिर रहना चाहिए।
  • बाहरी परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन हों, हमें अपनी आंतरिक ऊर्जा बनाए रखनी चाहिए।
  • मस्ती, फक्कड़ता, और अनासक्ति के साथ जीवन का आनंद लेना चाहिए।


प्रश्न 9. 'शिरीष के फूल' निबंध में जीवन का कौन-सा महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है?

उत्तर:

  • जीवन में धैर्य और सहनशीलता बनाए रखना आवश्यक है।
  • हमें कठिनाइयों से घबराने की बजाय मस्ती और आनंद के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
  • असली शक्ति बाहरी परिस्थितियों से प्रभावित हुए बिना अपने कर्तव्यों को निभाने में है।


प्रश्न 10. 'शिरीष के फूल' शीर्षक का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?

उत्तर:

  • शिरीष केवल एक वृक्ष नहीं, बल्कि जीवन की अजेयता और अनासक्ति का प्रतीक है।
  • यह हमें संघर्षों के बीच भी खिलना सिखाता है।
  • इसके फूल मस्ती और सरलता, और इसके फल संघर्ष और स्थिरता के प्रतीक हैं।


संक्षेप में 'शिरीष के फूल' का सार:

  • शिरीष का प्राकृतिक सौंदर्य और सहनशीलता।
  • कालिदास और अन्य साहित्यिक संदर्भों में शिरीष की कोमलता और दृढ़ता।
  • शिरीष का प्रतीकात्मक महत्व - अवधूत, महात्मा गांधी, और जीवन के संघर्ष का प्रतीक।
  • फक्कड़ता, मस्ती, और अनासक्ति का संदेश।
  • जीवन में स्थिरता और आत्मनिर्भरता बनाए रखने की प्रेरणा।

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