रघुवीर सहाय कैमरे में बंद अपाहिज Important Short and Long Question Class 12 Poem-4 Book-1
0Team Eklavyaमार्च 01, 2025
1. ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
इस कविता का मुख्य विषय मीडिया की संवेदनहीनता और व्यावसायिक मानसिकता है। कवि ने यह दिखाया है कि दूरदर्शन कर्मी अपाहिजों के दर्द को मात्र एक रोचक कार्यक्रम बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं और उनके दुःख को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करते हैं ताकि दर्शकों की भावनाओं को भड़काया जा सके और कार्यक्रम अधिक लोकप्रिय हो।
2. मीडिया अपाहिज व्यक्ति से किस तरह के अमानवीय प्रश्न पूछता है?
उत्तर:
आप अपाहिज हैं?
आप क्यों अपाहिज हुए?
क्या अपाहिज होना आपको दुख देता है?
आपको अपाहिज होकर कैसा लगता है?
जल्दी बताइए, यह अवसर खो देंगे?
इन प्रश्नों के माध्यम से मीडिया अपाहिज व्यक्ति को बार-बार अपमानित और मानसिक रूप से परेशान करता है, ताकि वह रो पड़े और कार्यक्रम को अधिक संवेदनशील बनाया जा सके।
3. ‘कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा’ – इस पंक्ति का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
इसका तात्पर्य यह है कि मीडिया अपाहिज व्यक्ति के दर्द और बेबसी को अधिक प्रभावी ढंग से दिखाने के लिए उसके चेहरे के क्लोज़-अप शॉट लेता है। इससे दर्शकों को यह लगे कि वह बहुत अधिक दुखी है और उनके दिलों में सहानुभूति पैदा हो।
4. मीडिया का उद्देश्य अपाहिज से बातचीत करना है या कुछ और?
उत्तर:
मीडिया का मुख्य उद्देश्य अपाहिज व्यक्ति के दर्द को सिर्फ एक व्यापारिक उत्पाद की तरह प्रस्तुत करना है। वे न तो उसकी वास्तविक पीड़ा को दूर करना चाहते हैं और न ही उसकी मदद करना चाहते हैं। वे बस चाहते हैं कि अपाहिज कैमरे के सामने रो दे, जिससे कार्यक्रम अधिक लोकप्रिय हो जाए।
5. ‘यह अवसर खो देंगे?’ – इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर:
मीडिया अपाहिज व्यक्ति पर दबाव डाल रहा है कि वह अपने दुख को व्यक्त करे।
उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि व्यक्ति की भावनाएँ क्या हैं, बल्कि यह चिंता है कि कार्यक्रम को अधिक संवेदनशील कैसे बनाया जाए।
यदि अपाहिज व्यक्ति रो पड़ा, तो यह उनके लिए एक सुनहरा अवसर होगा, जिससे वे अधिक TRP (टीवी रेटिंग) प्राप्त कर सकेंगे।
6. ‘हम पूछ-पूछकर उसको रुला देंगे’ – इस पंक्ति का क्या आशय है?
उत्तर:
मीडिया यह तय कर चुका है कि वह अपाहिज व्यक्ति से इतने सवाल पूछेगा कि वह रो पड़े।
वे जानते हैं कि उसकी भावनाएँ आहत हो रही हैं, लेकिन इसके बावजूद वे निर्दयता से सवाल जारी रखते हैं।
उनका उद्देश्य सिर्फ यह है कि दर्शकों को भावुक बनाया जाए और कार्यक्रम की लोकप्रियता बढ़ाई जाए।
7. ‘दर्शक, धीरज रखिए’ – इस पंक्ति का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
संचालक दर्शकों को धैर्य रखने के लिए कह रहा है, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि अपाहिज व्यक्ति रो पड़ेगा।
वे दर्शकों से कहना चाहते हैं कि जल्द ही वे एक मार्मिक दृश्य देखेंगे, जिससे वे भावुक हो जाएंगे।
यह दिखाता है कि मीडिया दुख को भी एक मनोरंजन की चीज़ बना देता है।
8. मीडिया के लिए ‘समय की कीमत’ क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
मीडिया हर सेकंड का उपयोग सिर्फ लाभ कमाने और अधिक दर्शकों को जोड़ने के लिए करता है।
अगर अपाहिज व्यक्ति रोने में अधिक समय लगाता है, तो यह उनके लिए ‘समय की बर्बादी’ मानी जाएगी।
इसलिए, वे कैमरे को बंद करने का आदेश दे देते हैं, ताकि बेकार समय को बचाया जा सके।
9. कविता में मीडिया की संवेदनहीनता को कैसे दर्शाया गया है?
उत्तर:
अपाहिज व्यक्ति को स्टूडियो में बुलाकर उसका मज़ाक बनाया जाता है।
उससे बार-बार असंवेदनशील सवाल पूछे जाते हैं।
उसके दर्द को जबरन कैमरे के सामने उकेरने की कोशिश की जाती है।
दर्शकों को रुलाने के लिए उसके चेहरे का क्लोज़-अप दिखाया जाता है।
कार्यक्रम का अंत मुस्कान और धन्यवाद से किया जाता है, जिससे मीडिया की क्रूरता उजागर होती है।
10. इस कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर:
इस कविता का मुख्य संदेश यह है कि मीडिया मानवीय संवेदनाओं का शोषण करके उन्हें एक व्यापारिक उत्पाद बना रहा है। वे अपाहिजों, गरीबों और पीड़ितों का दर्द सिर्फ अपनी TRP बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह कविता मीडिया की व्यावसायिक क्रूरता और अमानवीयता पर गहरा कटाक्ष करती है और हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा समाज वाकई नैतिकता के रास्ते पर चल रहा है।