संविधान एक जीवंत दस्तावेज Important Short and Long Question Class 11 Chapter-9 Book-1
0Team Eklavyaमार्च 06, 2025
1. संविधान से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
संविधान एक लिखित/अलिखित दस्तावेज होता है जिसमें किसी देश की शासन व्यवस्था से संबंधित नियम, कानून, सरकार की शक्तियाँ, जनता के अधिकार व कर्तव्य, प्रशासनिक संस्थाएँ और न्यायिक व्यवस्था का विस्तृत विवरण दिया जाता है।
2. संविधान कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
संविधान मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं—
1. लिखित संविधान – जैसे भारत, अमेरिका, फ्रांस, डेनमार्क, ब्राजील।
2. अलिखित संविधान – जैसे ब्रिटेन, इज़राइल।
3. क्या संविधान अपरिवर्तनीय होते हैं?
उत्तर:
नहीं, संविधान अपरिवर्तनीय नहीं होते। आवश्यकता पड़ने पर संविधान में संशोधन किया जा सकता है। उदाहरण के लिए—
सोवियत संघ ने 74 वर्षों में 4 बार संविधान बदला (1918, 1924, 1936, 1977)।
फ्रांस ने 5 बार संविधान बदला (1793, 1848, 1875, 1946, 1958)।
भारत में अब तक 106 संशोधन हो चुके हैं।
4. भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
भारतीय संविधान को लचीला और कठोर दोनों का मिश्रण बनाया गया है। अनुच्छेद 368 के तहत संसद को संविधान में आवश्यक संशोधन करने का अधिकार दिया गया है।
संविधान संशोधन के तरीके:
1. संसद में सामान्य बहुमत से संशोधन:
नए राज्यों का निर्माण
राज्यों की सीमाओं व नामों में परिवर्तन
नागरिकता की प्राप्ति व समाप्ति
2. विशेष बहुमत से संशोधन:
मौलिक अधिकारों से जुड़े संशोधन
नीति निर्देशक तत्वों से जुड़े संशोधन
3. विशेष बहुमत + आधे राज्यों की सहमति:
राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन
5. संविधान में इतने संशोधन क्यों हुए हैं?
उत्तर:
सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार आवश्यक परिवर्तन करना।
न्यायपालिका और सरकार के बीच उत्पन्न विवादों को हल करना।
प्रशासनिक संरचना को मजबूत बनाना।
राजनीतिक और संवैधानिक स्थिरता बनाए रखना।
6. भारतीय संविधान में कौन-कौन से महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं?
उत्तर:
1. 61वाँ संशोधन (1989): मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की गई।
2. 73वाँ और 74वाँ संशोधन (1992): पंचायतों और नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
3. 42वाँ संशोधन (1976):
मौलिक कर्तव्य संविधान में जोड़े गए।
न्यायपालिका की शक्ति को सीमित किया गया।
लोकसभा की अवधि 5 से 6 वर्ष की गई (बाद में इसे 5 वर्ष किया गया)।
4. 44वाँ संशोधन (1978): 42वें संशोधन में किए गए कई बदलावों को निरस्त किया गया।
7. स्थानीय शासन क्या होता है?
उत्तर:
स्थानीय शासन वह शासन प्रणाली है जो गाँव और नगर स्तर पर कार्य करती है। यह लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं को हल करने और विकास कार्यों को संचालित करने में मदद करता है।
8. स्थानीय शासन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
1. ग्रामीण स्थानीय शासन (पंचायती राज)
ग्राम पंचायत
ब्लॉक/तालुका पंचायत
जिला पंचायत
2. शहरी स्थानीय शासन (नगरपालिका व्यवस्था)
नगर निगम
नगर पालिका
नगर परिषद
9. हमें स्थानीय शासन की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए।
सामान्य नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए।
स्थानीय समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिए।
गाँव और शहरों के विकास में योगदान देने के लिए।
10. भारतीय स्थानीय शासन का ऐतिहासिक विकास कैसे हुआ?
उत्तर:
प्राचीन काल: ‘सभा’ और ‘समिति’ के रूप में स्थानीय शासन मौजूद था।
1882: लॉर्ड रिपन ने पहली बार संगठित स्थानीय शासन की शुरुआत की।
1919 और 1935: गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के तहत ग्राम पंचायतों को सशक्त किया गया।
1952: सामुदायिक विकास कार्यक्रम लागू किया गया।
1992: 73वें और 74वें संशोधन के माध्यम से स्थानीय शासन को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
11. 73वें संशोधन की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
1. त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली:
ग्राम पंचायत (गाँव स्तर)
खंड पंचायत (ब्लॉक स्तर)
जिला पंचायत (जिला स्तर)
2. चुनाव प्रणाली:
सभी स्तरों पर सीधे चुनाव होते हैं।
पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
समय से पहले भंग होने पर 6 महीने के भीतर चुनाव कराए जाते हैं।
3. आरक्षण:
महिलाओं के लिए 1/3 सीटें आरक्षित।
SC/ST के लिए जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण।
राज्यों को OBC के लिए आरक्षण का अधिकार।
4. विषयों का हस्तांतरण:
29 विषयों को पंचायती राज संस्थाओं को सौंपा गया (जैसे – कृषि, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, शिक्षा)।
12. 74वें संशोधन की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
शहरी स्थानीय शासन की स्थापना:
नगर निगम
नगर पालिका
नगर परिषद
वित्तीय अधिकार:
नगरपालिकाओं को कर वसूलने और वित्तीय संसाधन जुटाने की स्वतंत्रता दी गई।
राज्य वित्त आयोग:
हर 5 साल में राज्य सरकार राज्य वित्त आयोग नियुक्त करती है।
शहरी योजना और विकास:
नगर निकायों को शहरी गरीबी उन्मूलन, सार्वजनिक परिवहन, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के अधिकार दिए गए।
13. स्थानीय शासन के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ हैं?
उत्तर:
धन की कमी: अधिकांश स्थानीय निकायों के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं होते।
राज्यों पर निर्भरता: स्थानीय निकाय राज्य और केंद्र सरकार पर आर्थिक सहायता के लिए निर्भर रहते हैं।
जनता में जागरूकता की कमी: लोग स्थानीय प्रशासन की योजनाओं और उनके अधिकारों के बारे में पूरी तरह जागरूक नहीं होते।
अधिकारों की सीमितता: राज्य सरकारें स्थानीय निकायों को पूर्ण स्वतंत्रता नहीं देतीं, जिससे वे प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पाते।
14. भारतीय लोकतंत्र में संविधान और स्थानीय शासन का क्या महत्व है?
उत्तर:
संविधान भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का मूल आधार है।
संविधान को समय के साथ संशोधित किया जाता है ताकि यह प्रासंगिक बना रहे।
स्थानीय शासन नागरिकों को प्रशासन में भागीदारी का अवसर देता है।
यह विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देता है और लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान करता है।