राष्ट्रवाद Important Short and Long Question Class 11 Chapter-7 Book-2
0Team Eklavyaमार्च 06, 2025
1. राष्ट्रवाद क्या है?
उत्तर:
राष्ट्रवाद एक राजनीतिक और सामाजिक विचारधारा है जो यह मानती है कि एक विशेष राष्ट्र को अपनी स्वतंत्रता, पहचान और स्वशासन का अधिकार होना चाहिए। यह विचारधारा जनता को एकजुट करती है, लेकिन कई बार संघर्ष और विभाजन का कारण भी बनती है।
2. राष्ट्रवाद के प्रमुख प्रभाव क्या हैं?
उत्तर:
1. राष्ट्रीय एकता – छोटे राज्यों का एकीकरण और राष्ट्र-राज्यों का गठन हुआ।
2. औपनिवेशिक स्वतंत्रता – एशिया और अफ्रीका में उपनिवेशों ने स्वतंत्रता प्राप्त की।
3. साम्राज्यों का पतन – ब्रिटिश, फ्रांसीसी, ऑस्ट्रो-हंगेरियाई और रूसी साम्राज्य टूटे।
4. पृथकतावादी आंदोलन – कुछ समूहों ने अलग राष्ट्र की माँग की (कनाडा के क्यूबेकवासी, बास्क, तमिल, कुर्द आदि)।
5. युद्ध और संघर्ष – राष्ट्रवादी विचारधारा के कारण कई युद्ध और विभाजन हुए।
3. राष्ट्र और अन्य सामाजिक समूहों में क्या अंतर है?
उत्तर:
4. राष्ट्र किस प्रकार बनता है?
उत्तर:
1. साझे विश्वास – राष्ट्र भौतिक वस्तु नहीं होता, बल्कि यह लोगों के विश्वास पर आधारित होता है।
2. ऐतिहासिक स्मृतियाँ – राष्ट्र की पहचान अतीत की घटनाओं और उपलब्धियों से जुड़ी होती है।
3. भूगोल और राष्ट्रीय भावना – एक विशेष क्षेत्र से जुड़ी ऐतिहासिक मान्यताएँ राष्ट्र की भावना को मजबूत करती हैं।
4. राजनीतिक एकता – राष्ट्र की एकता लोकतांत्रिक सिद्धांतों और नागरिक अधिकारों पर आधारित होती है।
5. राष्ट्रवाद का इतिहास क्या है?
उत्तर:
1. 19वीं सदी में यूरोप – इटली और जर्मनी का एकीकरण हुआ।
2. औपनिवेशिक स्वतंत्रता – एशिया, अफ्रीका और लातिन अमेरिका में नए राष्ट्र बने।
3. 20वीं सदी के संघर्ष – प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध राष्ट्रवादी विचारों से प्रभावित थे।
4. आधुनिक राष्ट्रवाद – आज भी कई राष्ट्रवादी आंदोलन चल रहे हैं, जैसे स्कॉटलैंड, कश्मीर, कुर्दिस्तान आदि।
6. राष्ट्रवाद किन चुनौतियों का सामना करता है?
उत्तर:
1. अल्पसंख्यकों के अधिकार – कई बार बहुसंख्यक समुदाय राष्ट्रवाद को अपने हित में प्रयोग करता है।
2. पृथकतावादी आंदोलन – कुछ समूह अलग राष्ट्र की माँग करते हैं, जिससे संघर्ष पैदा होता है।
3. सांस्कृतिक विविधता – राष्ट्रवाद की परिभाषा बहुधा एकल भाषा, धर्म, या जातीयता पर आधारित होती है, जो विविध समाजों में समस्याएँ पैदा कर सकती है।
4. विश्वव्यापी समस्याएँ – आज के समय में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक अर्थव्यवस्था और प्रवासन जैसी समस्याएँ केवल राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से हल नहीं हो सकतीं।
7. राष्ट्रवादी संघर्षों के प्रमुख उदाहरण क्या हैं?
उत्तर:
1. कनाडा के क्यूबेकवासी – फ्रांसीसी भाषी क्यूबेक प्रांत की अलग राष्ट्र बनने की माँग।
2. उत्तरी स्पेन के बास्कवासी – स्पेन से स्वतंत्रता के लिए आंदोलन।
3. तुर्की और इराक के कुर्द – स्वतंत्र कुर्दिस्तान की माँग।
4. श्रीलंका के तमिल – तमिल अलगाववादी आंदोलन।
5. कश्मीर विवाद – भारत और पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय पहचान का संघर्ष।
8. राष्ट्रवाद और बहुलवाद का क्या संबंध है?
उत्तर:
राष्ट्रवाद अक्सर सांस्कृतिक एकरूपता पर जोर देता है, जबकि बहुलवाद विविधता को स्वीकार करता है।
लोकतांत्रिक राष्ट्र बहुलवाद को स्वीकार करते हुए अल्पसंख्यकों को अधिकार प्रदान करते हैं।
भारत जैसे देश में धर्म, भाषा और संस्कृति की विविधता के बावजूद राष्ट्रवाद कायम है।
9. राष्ट्रीय आत्म-निर्णय का क्या अर्थ है?
उत्तर:
राष्ट्रीय आत्म-निर्णय का अर्थ है कि एक राष्ट्र को अपनी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक नीतियाँ स्वयं निर्धारित करने का अधिकार होना चाहिए। यह सिद्धांत कई स्वतंत्रता आंदोलनों का आधार रहा है, लेकिन इसके कारण कई संघर्ष भी हुए हैं।
10. राष्ट्रीय आत्म-निर्णय की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?
उत्तर:
1. सीमाओं का पुनर्निर्धारण – कई बार अलगाववादी समूह नए सीमाओं की माँग करते हैं, जिससे विवाद उत्पन्न होता है।
2. अल्पसंख्यकों की स्थिति – यदि एक नया राष्ट्र बनता है, तो वहाँ अल्पसंख्यकों को भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है।
3. राजनीतिक अस्थिरता – कई बार आत्म-निर्णय के कारण गृहयुद्ध और संघर्ष उत्पन्न होते हैं।
4. आर्थिक चुनौतियाँ – नए राष्ट्रों को आर्थिक रूप से स्थिर होना कठिन हो सकता है।
11. भारत में राष्ट्रवाद की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
1. बहुलवादी राष्ट्रवाद – भारत में विभिन्न धर्म, भाषाएँ और संस्कृतियाँ होते हुए भी एक राष्ट्र की भावना है।
2. संविधान आधारित राष्ट्रवाद – भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।
3. धर्मनिरपेक्षता – भारत में कोई भी धर्म राष्ट्रीय पहचान का आधार नहीं है।
4. लोकतांत्रिक प्रणाली – भारत में लोकतांत्रिक चुनावों के माध्यम से सरकार चुनी जाती है।
12. राष्ट्रवाद और वैश्वीकरण में क्या अंतर है?
उत्तर:
13. विश्व नागरिकता का क्या अर्थ है?
उत्तर:
विश्व नागरिकता का अर्थ है कि व्यक्ति केवल अपने राष्ट्र का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का नागरिक है। यह विचार वैश्विक समस्याओं, जैसे जलवायु परिवर्तन, मानवाधिकार, और शरणार्थी संकट, के समाधान के लिए महत्वपूर्ण है।
14. राष्ट्रवाद के भविष्य की संभावनाएँ क्या हैं?
उत्तर:
1. लोकतांत्रिक राष्ट्रवाद – भविष्य में राष्ट्रवाद को लोकतांत्रिक और समावेशी बनाना आवश्यक होगा।
2. वैश्विक सहयोग – राष्ट्रों को अपनी पहचान बनाए रखते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना होगा।
3. डिजिटल राष्ट्रवाद – सोशल मीडिया और इंटरनेट ने राष्ट्रवाद के नए रूप पैदा किए हैं, जो राजनीति और समाज को प्रभावित कर रहे हैं।
4. साझा वैश्विक पहचान – भविष्य में राष्ट्रवाद और विश्व नागरिकता के बीच संतुलन स्थापित करना महत्वपूर्ण होगा।
15. राष्ट्रवाद और लोकतंत्र में क्या संबंध है?
उत्तर:
लोकतंत्र राष्ट्रवाद को स्थिरता और समावेशिता प्रदान करता है।
लोकतंत्र में नागरिकों को सरकार चुनने और अपने अधिकारों की रक्षा करने का अवसर मिलता है।
यदि राष्ट्रवाद संकीर्ण या असहिष्णु हो जाए, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकता है।