नागरिकता Important Short and Long Question Class 11 Chapter-6 Book-2
0Team Eklavyaमार्च 06, 2025
1. नागरिकता क्या है?
उत्तर:
नागरिकता किसी राजनीतिक समुदाय की पूर्ण और समान सदस्यता को दर्शाती है। यह नागरिकों को कानूनी अधिकार, कर्तव्य और सुरक्षा प्रदान करती है। नागरिक अपने राष्ट्र से बुनियादी अधिकारों और सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।
2. नागरिकता क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
नागरिकता व्यक्ति को उसके राष्ट्र में पहचान, सुरक्षा और अधिकार प्रदान करती है। यह कानूनी, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों का आश्वासन देती है, जिससे नागरिक समाज में स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं।
3. नागरिकता कैसे प्राप्त की जा सकती है?
उत्तर:
भारत में नागरिकता निम्नलिखित तरीकों से प्राप्त की जा सकती है:
1. जन्म से – भारत में जन्मे व्यक्ति को नागरिकता मिलती है।
2. वंशानुगत रूप से – भारतीय माता-पिता से जन्म लेने वाला बच्चा।
3. पंजीकरण द्वारा – विदेशी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक से विवाह करता है।
4. देशीकरण द्वारा – एक विदेशी व्यक्ति, जो भारत में एक निश्चित अवधि तक रहा हो।
5. राज्यक्षेत्र के समावेश द्वारा – जब कोई नया क्षेत्र भारत में सम्मिलित होता है, वहां के लोगों को भारतीय नागरिकता मिलती है।
4. समान नागरिकता के लिए संघर्ष किन प्रमुख घटनाओं से जुड़ा है?
उत्तर:
1. राजतंत्रों के खिलाफ संघर्ष – राजा के विशेषाधिकारों को खत्म करने के लिए संघर्ष।
2. फ्रांसीसी क्रांति (1789) – समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा दिया।
3. एशिया और अफ्रीका में उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष – उपनिवेशों को स्वतंत्रता दिलाने के लिए संघर्ष।
4. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी संघर्ष – अश्वेत नागरिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष, जो 1990 के दशक तक चला।
5. महिला और दलित आंदोलन – महिलाओं और वंचित वर्गों के समान अधिकारों की लड़ाई।
5. संपूर्ण और समान सदस्यता का क्या अर्थ है?
उत्तर:
संपूर्ण और समान सदस्यता का अर्थ यह है कि नागरिकों को देश में रहने, काम करने, पढ़ने और विकास करने का समान अवसर मिलना चाहिए। यह नागरिकों को बुनियादी अधिकार, स्वतंत्रता और सरकारी सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करता है।
6. नागरिकता के संदर्भ में बाहरी और भीतरी लोगों का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब किसी क्षेत्र के संसाधन सीमित होते हैं, तो स्थानीय लोग बाहरी लोगों को खतरे के रूप में देखने लगते हैं। उदाहरण के लिए, "मुंबई मुंबईकर के लिए" जैसी भावना बाहरी प्रवासियों के प्रति प्रतिरोध को दर्शाती है।
7. भारत में नागरिकों को कौन-कौन से राजनीतिक अधिकार प्राप्त हैं?
उत्तर:
लोकतांत्रिक देशों में नागरिकों को निम्नलिखित राजनीतिक अधिकार प्राप्त होते हैं:
मतदान का अधिकार
चुनाव लड़ने का अधिकार
राजनीतिक दल बनाने का अधिकार
अभिव्यक्ति और आस्था की स्वतंत्रता
सामाजिक-आर्थिक अधिकार – न्यूनतम मजदूरी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं।
8. झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले शहरी गरीबों की क्या समस्याएं होती हैं?
उत्तर:
1. रहने की असुविधा – छोटे कमरों में कई लोग रहते हैं, स्वच्छता की कमी होती है।
2. असुरक्षा –जीवन और संपत्ति दोनों असुरक्षित रहते हैं।
3. सरकारी उपेक्षा – सफाई, जल आपूर्ति, बिजली जैसी सुविधाओं की कमी।
4. भेदभाव – इन्हें अपराध और बीमारी फैलाने वाला माना जाता है।
5. कम मजदूरी पर काम – वे समाज के लिए आवश्यक कार्य करते हैं, लेकिन उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिलती।
9. आदिवासियों और वनवासियों के लिए नागरिकता से जुड़ी क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर:
1. जीवनयापन संकट – जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता के कारण उनका जीवन संकट में रहता है।
2. खनन और औद्योगीकरण का खतरा – उनकी भूमि पर खनन कंपनियों और उद्यमियों का दबाव रहता है।
3. पर्यटन उद्योग का प्रभाव – उनके क्षेत्र पर्यटन के लिए खोले जा रहे हैं, जिससे उनके पारंपरिक जीवन में बदलाव आ रहा है।
4. विस्थापन – सरकारी विकास परियोजनाओं के कारण उन्हें अपने स्थान से हटाया जाता है।
5. संस्कृति और पहचान का खतरा – मुख्यधारा की संस्कृति के प्रभाव से उनकी पारंपरिक पहचान खतरे में है।
10. नागरिकता के नियम विभिन्न देशों में कैसे भिन्न होते हैं?
उत्तर:
1. इज़राइल और जर्मनी – ये देश नागरिकता देने में धर्म और जातीयता को प्राथमिकता देते हैं।
2. फ्रांस – यह धर्मनिरपेक्ष नागरिकता को बढ़ावा देता है, लेकिन फ्रांसीसी भाषा-संस्कृति को अपनाने पर जोर देता है।
3. भारत – भारत एक धर्मनिरपेक्ष और समावेशी दृष्टिकोण रखता है, जहां सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हैं।
11. सार्वभौमिक नागरिकता क्या है?
उत्तर:
सार्वभौमिक नागरिकता का अर्थ है कि हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी देश का हो, उसे कुछ बुनियादी मानवाधिकार और सुरक्षा मिले। इसमें शामिल हैं:
शरणार्थियों और अवैध प्रवासियों के अधिकार
मानवता के आधार पर नागरिकता
संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों की भूमिका
वैश्विक समस्याओं का समाधान
12. विश्व नागरिकता की अवधारणा क्या है?
उत्तर:
विश्व नागरिकता का अर्थ है कि व्यक्ति केवल अपने देश का नागरिक नहीं बल्कि पूरे विश्व का नागरिक है। इसके लाभ हैं:
संचार और इंटरनेट ने दुनिया को जोड़ा है।
आपदाओं और संघर्षों में वैश्विक सहानुभूति बढ़ी है।
राष्ट्रीय सीमाओं से परे मानवाधिकारों की सुरक्षा।
संयुक्त वैश्विक सहयोग की जरूरत।
पर्यावरण और प्रवास जैसी समस्याओं का अंतरराष्ट्रीय समाधान।
13. नागरिकता और प्रवास से जुड़ी भारत की नीति क्या है?
उत्तर:
भारत ने हमेशा शरणार्थियों को आश्रय देने की नीति अपनाई है।
1959 में भारत ने दलाई लामा और उनके अनुयायियों को शरण दी।
भारत की सीमाओं से लगातार प्रवासी आते रहे हैं, जिससे कई अवैध प्रवासी वर्षों तक बिना नागरिकता के रहते हैं।
लोकतांत्रिक नागरिकता के वादे को पूरा करना कठिन होता जा रहा है।
14. नागरिकता से जुड़े प्रमुख वैश्विक मुद्दे क्या हैं?
उत्तर:
1. शरणार्थी संकट – युद्ध, उत्पीड़न और प्राकृतिक आपदाओं से विस्थापित लोग।
2. अवैध आप्रवास – बिना वैध दस्तावेजों के अन्य देशों में जाना।
3. राज्यविहीनता – जब कोई व्यक्ति किसी भी देश की नागरिकता नहीं रखता।