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खेलन में को काको गुसैयाँ मुरली तऊ गुपालहिं भावति Important Short and Long Question Class 11 Poem-2 Book-Antra Part-1

खेलन में को काको गुसैयाँ मुरली तऊ गुपालहिं भावति Important Short and Long Question Class 11 Poem-2 Book-Antra Part-1


1. प्रस्तुत पद में श्रीकृष्ण की कौन-सी लीला का वर्णन किया गया है?

उत्तर:

इस पद में श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया गया है।

इसमें उनके ग्वाल-बाल सखाओं के साथ खेलते समय उनके हठ और हार को स्वीकार न करने की बात की गई है।


2. सुदामा और ग्वाल-बाल श्रीकृष्ण को क्यों समझाते हैं?

उत्तर:

श्रीकृष्ण खेल में हारकर क्रोध करने लगते हैं, इस पर ग्वाल-बाल उन्हें समझाते हैं कि खेल में कोई किसी का स्वामी नहीं होता।

वे कहते हैं कि जाति-पाँति के आधार पर कोई बड़ा-छोटा नहीं होता।

श्रीकृष्ण के पास अधिक गायें होने के कारण वे अपने अधिकार की बात करते हैं, परंतु ग्वाल-बाल इसे अस्वीकार कर देते हैं।


3. ग्वाल-बाल श्रीकृष्ण से नाराज होकर क्या करते हैं?

उत्तर:

  • ग्वाल-बाल कहते हैं कि जो खेल में बेईमानी करता है और क्रोधित होता है, उसके साथ खेलना उचित नहीं।
  • इसलिए वे जहाँ-तहाँ बैठ जाते हैं और खेल बंद कर देते हैं।


4. अंत में श्रीकृष्ण क्या करते हैं?

उत्तर:

  • श्रीकृष्ण खेल में फिर से शामिल होना चाहते हैं, इसलिए वे अपनी हार स्वीकार कर लेते हैं।
  • वे नंद बाबा की सौगंध खाकर आगे से ऐसा व्यवहार न करने का वचन देते हैं।


5. इस पद में गोपियों ने मुरली के प्रति कैसी भावना व्यक्त की है?

उत्तर:

  • इस पद में गोपियाँ मुरली के प्रति ईर्ष्या (जलन) का भाव व्यक्त कर रही हैं।
  • वे मुरली को अपनी सौत मानती हैं, क्योंकि श्रीकृष्ण उस पर अत्यधिक प्रेम लुटाते हैं।


6. गोपियाँ मुरली के स्वभाव के बारे में क्या कहती हैं?

उत्तर:

  • मुरली श्रीकृष्ण को एक पैर पर खड़ा रखती है और उन पर अधिकार जताती है।
  • वह श्रीकृष्ण के शरीर से मनमाने कार्य करवाती है, जिससे उनकी कमर टेढ़ी हो गई है।
  • मुरली श्रीकृष्ण की गर्दन तक झुका देती है, जो गोवर्धन पर्वत को उठा चुके हैं।


7. गोपियाँ मुरली के विशेषाधिकारों के बारे में क्या कहती हैं?

उत्तर:

  • गोपियाँ कहती हैं कि मुरली स्वयं श्रीकृष्ण के होठों की शैय्या पर लेटती है और उनसे अपने पैर दबवाती है।
  • श्रीकृष्ण इतने अधिक मुरली के प्रेम में हैं कि अगर मुरली थोड़ी भी प्रसन्न हो जाए, तो वे भी आनंदित होकर झूमने लगते हैं।


8. इस पद में श्रीकृष्ण की कौन-सी मुद्रा का वर्णन किया गया है?

उत्तर:

  • इस पद में श्रीकृष्ण की त्रिभंगी मुद्रा (तीनों अंगों का तीन दिशाओं में झुकाव) का वर्णन किया गया है।
  • गोपियाँ कहती हैं कि मुरली के कारण उनकी कमर टेढ़ी हो गई है।


9. इस पद का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर:

  • इस पद में श्रीकृष्ण की मुरली के प्रति गोपियों की ईर्ष्या को दर्शाया गया है।
  • गोपियाँ मानती हैं कि श्रीकृष्ण उनसे अधिक मुरली को प्रिय मानते हैं।
  • यह पद प्रेम, समर्पण, और ईर्ष्या के भावों को दर्शाता है।


10. सूरदास जी की कृष्ण भक्ति की विशेषता क्या है?

उत्तर:

  • सूरदास जी की कृष्ण भक्ति सगुण भक्ति है, जिसमें वे श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सरल भाषा और भावनात्मक शैली में वर्णन करते हैं।
  • उनकी रचनाएँ लोकप्रियता और भक्तिरस से भरपूर होती हैं।

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