हस्तक्षेप Class 11 Book-Antra Part-1 Poem-7 Chapter wise Summary
0Team Eklavyaमार्च 12, 2025
1. श्रीकांत वर्मा का परिचय
जन्म: बिलासपुर, मध्य प्रदेश
शिक्षा: नागपुर विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए.
साहित्यिक करियर: पत्रकारिता से शुरुआत, श्रमिक, कृति, दिनमान, वर्णिका जैसी पत्रिकाओं से जुड़े
सम्मान: तुलसी पुरस्कार, आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पुरस्कार, शिखर सम्मान, कुमारन आशान राष्ट्रीय पुरस्कार
2. साहित्यिक योगदान
मुख्य विषय:
समाज की विसंगतियाँ और विद्रूपताएँ
सत्ता की क्रूरता और आम जनता का संघर्ष
व्यवस्था में बदलाव और विरोध की आवश्यकता
अमानवीयता के खिलाफ संवेदनशील बयान
प्रमुख काव्य संग्रह:
भटका मेघ, दिनारंभ, मायादर्पण, जलसाघर, मगध
मगध संग्रह में सत्ता के अत्याचार और शासकों के अंधकारमय भविष्य का चित्रण
अन्य रचनाएँ:
झाड़ी संवाद (कहानी संग्रह), दूसरी बार (उपन्यास), जिरह (आलोचना)
अपोलो का रथ (यात्रा-वृत्तांत), फैसले का दिन (अनुवाद), बीसवीं शताब्दी के अँधेरे में (साक्षात्कार)
3. "हस्तक्षेप" कविता का सारांश
यह कविता सत्ता की निरंकुशता और जनता की चुप्पी पर एक गहरी टिप्पणी है। मगध एक प्रतीक है जो ऐसी व्यवस्था को दर्शाता है जहाँ शांति के नाम पर जनता का हर विरोध दबा दिया जाता है।
मुख्य विचार:
1. डर और चुप्पी का माहौल
लोग इतना डर गए हैं कि कोई छींकता तक नहीं कि कहीं मगध की शांति भंग न हो जाए।
सत्ता ने एक ऐसा माहौल बना दिया है कि कोई चीखता नहीं, कोई विरोध नहीं करता।
2. व्यवस्था का दमनकारी स्वरूप
मगध में व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी असहमति को कुचल दिया जाता है।
सत्ता के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठती क्योंकि लोग डरते हैं कि कहीं हस्तक्षेप करने की परंपरा न बन जाए।
3. हस्तक्षेप से बचना असंभव
लोग चाहे जितना बचें, हस्तक्षेप से बच नहीं सकते।
जब कोई विरोध नहीं करता, तब भी एक मुर्दा नगर के बीच से गुजरते हुए सवाल उठाता है – "मनुष्य क्यों मरता है?"
यह दिखाता है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है, नहीं तो मृत समाज बन जाएगा।
4. कविता का संदेश
सत्ता जब निरंकुश हो जाती है, तो जनता की आवाज को दबा दिया जाता है।
अगर लोग चुप रहेंगे, तो तानाशाही बढ़ती जाएगी।
हर व्यक्ति को अन्याय के खिलाफ बोलना चाहिए, वरना समाज मृतप्राय हो जाएगा।
विरोध और हस्तक्षेप जरूरी है ताकि लोकतंत्र जीवित रहे।