बादल को घिरते देखा है Class 11 Book-Antra Part-1 Poem-6 Chapter wise Summary
0Team Eklavyaमार्च 12, 2025
1. नागार्जुन का परिचय
पूरा नाम: वैद्यनाथ मिश्र
जन्म: सतलखा, जिला दरभंगा, बिहार (मूल रूप से तरौनी गाँव, मधुबनी के निवासी)
शिक्षा: संस्कृत पाठशाला, वाराणसी और कोलकाता
विशेषताएँ:
घुमक्कड़ स्वभाव और फक्कड़पन
राजनीति में सक्रियता, कई बार जेल गए
दीपक (मासिक) और विश्वबंधु (साप्ताहिक) पत्रिकाओं का संपादन
यात्री नाम से मैथिली में लेखन
संस्कृत और बांग्ला में भी कविताएँ लिखीं
2. साहित्यिक योगदान
मुख्य विषय:
लोकजीवन, प्रकृति, समकालीन राजनीति
व्यंग्य और जनहित की प्रतिबद्धता
सहज भाषा और गहरी संवेदनाएँ
शैली:
छंदबद्ध और छंदमुक्त दोनों प्रकार की कविताएँ
संस्कृत परंपरा के साथ-साथ बोलचाल की भाषा का प्रयोग
सम्मान:
पत्रहीन नग्न गाछ (मैथिली) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार
भारत भारती पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार, राजेंद्र प्रसाद पुरस्कार
हिंदी अकादमी शिखर सम्मान
प्रमुख कृतियाँ:
युगधारा, प्यासी पथराई आँखें, सतरंगे पंखों वाली, हज़ार हजार बाहों वाली, तुमने कहा था
उपन्यास: बलचनमा, रतिनाथ की चाची, कुंभी पाक, उग्रतारा
नागार्जुन रचनावली (सात खंडों में संकलित)
3. "बादल को घिरते देखा है" कविता का सारांश
इस कविता में नागार्जुन ने बादल के कोमल और कठोर दोनों रूपों का वर्णन किया है। हिमालय की चोटियों, झीलों, झरनों, देवदार के जंगलों और किन्नर-किन्नरियों के जीवन का यथार्थ चित्रण किया गया है।
मुख्य विचार:
1. प्राकृतिक सौंदर्य:
हिमालय की बर्फीली चोटियों पर सफेद बादलों का दृश्य।
मानसरोवर झील के कमलों पर गिरती ओस की बूंदें।
2. हंसों का प्रवास:
मानसरोवर झील में दूर से आए हंसों का मधुर जलचर जीवन।
3. प्रेम और विरह:
चकवा-चकई का विरह, जो रातभर अलग-अलग रहते हैं।
4. कस्तूरी मृग का संघर्ष:
ऊँची बर्फीली घाटियों में कस्तूरी मृग की बेचैनी और संघर्ष।
5. कालिदास की परंपरा:
कवि मेघदूत की याद करता है, लेकिन उसे कालिदास के मेघ का पता नहीं चलता।
इसके बजाय, वह कैलाश पर्वत पर भीषण ठंड में गरजते बादलों को देखता है।
6. किन्नर-किन्नरियों का जीवन:
हिमालय की घाटियों में किन्नर-किन्नरियों का सजीव चित्रण।
वे भोजपत्र की झोपड़ियों में रहते हैं, गहने पहनते हैं और वंशी बजाते हैं।
मुख्य संदेश:
बादल का परिवर्तनशील रूप: कभी शांत और सुंदर, कभी गरजता और विनाशकारी।
प्राकृतिक सौंदर्य और मानवीय भावनाओं का संगम: विरह, प्रेम, संघर्ष और आनंद सभी का समावेश।
भारतीय काव्य परंपरा से जुड़ाव: कालिदास और निराला की परंपरा से प्रेरित शैली।