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हम तौ एक एक करि जानां Important Short and Long Question Class 11 Book-Aroh Poem-1

हम तौ एक एक करि जानां Important Short and Long Question Class 11 Book-Aroh Poem-1


संक्षिप्त प्रश्न (Short Questions)


1. कबीर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: 

1398 में वाराणसी के पास लहरतारा में।


2. कबीर भक्तिकाल की किस धारा के प्रमुख कवि थे?

उत्तर: 

निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा)।


3. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को क्या कहा है?

उत्तर: 

'वाणी का डिक्टेटर'।


4. कबीर की शिक्षा कैसी थी?

उत्तर: 

वे औपचारिक रूप से पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन ज्ञान सत्संग और अनुभव से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की।


5. कबीर किन बातों के विरोधी थे?

उत्तर: 

कर्मकांड, जाति-भेद और संप्रदाय-भेद के।


6. कबीर किन बातों के समर्थक थे?

उत्तर: 

प्रेम, समानता और सद्भाव के।


7. कबीर के पद में ईश्वर को कैसे दर्शाया गया है?

उत्तर: 

ईश्वर सृष्टि के हर कण में व्याप्त हैं।


8. मनुष्य ईश्वर को क्यों नहीं पहचान पाता?

उत्तर: 

माया (भ्रम) और अहंकार के कारण।


9. ईश्वर को पहचानने के लिए क्या जरूरी है?

उत्तर: 

अपनी सोच को शुद्ध करना और अहंकार छोड़ना।


10. कबीर के अनुसार संसार का हर पदार्थ किससे बना है?

उत्तर: 

एक ही तत्व से।


विस्तृत प्रश्न (Long Questions)


1. कबीर के जीवन और उनके विचारों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: 

कबीर का जन्म 1398 में वाराणसी के पास लहरतारा में हुआ था। वे निर्गुण भक्ति धारा के प्रमुख कवि थे और जाति-भेद, कर्मकांड और संप्रदाय-भेद के विरोधी थे। उन्होंने औपचारिक शिक्षा नहीं ली, लेकिन सत्संग और अनुभव से ज्ञान प्राप्त किया। कबीर प्रेम, समानता और सद्भाव के समर्थक थे। हजारी प्रसाद द्विवेदी ने उन्हें 'वाणी का डिक्टेटर' कहा क्योंकि उनकी भाषा सरल, प्रभावशाली और सीधे हृदय को छूने वाली थी।


2. कबीर के पद का सारांश लिखिए।

उत्तर: 

इस पद में कबीर बताते हैं कि ईश्वर सृष्टि के हर कण में व्याप्त हैं। वे पानी, हवा, मिट्टी और हर तत्व में मौजूद हैं। लेकिन मनुष्य माया (भ्रम) में फंसकर अपने अहंकार में जीता है और ईश्वर को पहचान नहीं पाता। ईश्वर को पाने के लिए उसे अपनी सोच को शुद्ध करना होगा और अहंकार त्यागना होगा।


3. कबीर की भक्ति धारा और उनके विचारों की विशेषताएँ बताइए।

उत्तर:

  • वे निर्गुण भक्ति धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के प्रमुख कवि थे।
  • उन्होंने मूर्ति पूजा, जाति-भेद और कर्मकांड का विरोध किया।
  • वे ईश्वर को निराकार मानते थे और प्रेम, समानता तथा मानवता के समर्थक थे।
  • उनकी भाषा सीधी, सरल और प्रभावशाली थी।


4. कबीर के पद का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर:

  • ईश्वर एक ही है और हर जगह मौजूद है।
  • संसार का हर पदार्थ एक ही तत्व से बना है।
  • माया (भ्रम) के कारण लोग सत्य को नहीं पहचान पाते।
  • अहंकार छोड़कर ईश्वर को पहचानना जरूरी है।


5. कबीर के विचार आज के समय में कैसे प्रासंगिक हैं?

उत्तर:

  • आज भी समाज में जाति, धर्म और संप्रदाय के भेदभाव मौजूद हैं, जिन्हें कबीर दूर करना चाहते थे।
  • भ्रम और अंधविश्वास के कारण लोग सच्चाई से दूर रहते हैं, इसलिए कबीर की सच्ची भक्ति की अवधारणा आज भी महत्वपूर्ण है।
  • मानवता, प्रेम और समानता के विचार आज के समाज में भी उतने ही आवश्यक हैं जितने कबीर के समय में थे।

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