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हम तौ एक एक करि जानां Class 11 Book-Aroh Poem-1 Chapter wise Summary

हम तौ एक एक करि जानां Class 11 Book-Aroh Poem-1 Chapter wise Summary


कबीर का जीवन:

कबीर का जन्म 1398 में वाराणसी के पास लहरतारा में हुआ था। वे भक्तिकाल की निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के प्रमुख कवि थे। वे सीधे और प्रभावशाली शब्दों में अपनी बात कहने के लिए प्रसिद्ध थे। हजारी प्रसाद द्विवेदी ने उन्हें 'वाणी का डिक्टेटर' कहा है।


शिक्षा और विचार:

कबीर औपचारिक रूप से पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उन्होंने ज्ञान सत्संग और अनुभव से प्राप्त किया। वे कर्मकांड, जाति-भेद और संप्रदाय-भेद के विरोधी थे और प्रेम, समानता तथा सद्भाव के समर्थक थे।


प्रस्तुत पद का अर्थ:

कबीर इस पद में बताते हैं कि ईश्वर सृष्टि के हर कण में व्याप्त हैं। पानी, हवा, मिट्टी – सब कुछ एक ही तत्व से बना है। मनुष्य माया के जाल में फंसकर अपने अहंकार में रहता है, लेकिन ईश्वर को समझने के लिए उसे अपनी सोच को शुद्ध करना होगा।


मुख्य संदेश:

  • ईश्वर एक ही है, हर जगह है।
  • संसार का हर पदार्थ एक ही तत्व से बना है।
  • माया (भ्रम) के कारण लोग सत्य को नहीं पहचान पाते।
  • अहंकार छोड़कर ईश्वर को पहचानने की जरूरत है।

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