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गूँगे Important Short and Long Question Class 11 Chapter-4 Book-Antra Part-1

गूँगे Important Short and Long Question Class 11 Chapter-4 Book-Antra Part-1


1. "गूँगा" कहानी के लेखक कौन हैं?

उत्तर:

इस कहानी के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु हैं।


2. "गूँगा" कहानी का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर:

  • यह कहानी एक गूँगे व्यक्ति के जीवन संघर्ष, स्वाभिमान, सहनशीलता और कृतज्ञता को दर्शाती है।
  • इसमें मूक व्यक्तियों के प्रति समाज की संवेदना और व्यवहार को भी दिखाया गया है।
  • कहानी यह भी बताती है कि कैसे किसी के प्रति दया और घृणा दोनों ही भाव व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं।


3. गूँगे का परिचय कैसे दिया गया है?

उत्तर:

  • गूँगा जन्म से बहरा और गूँगा था।
  • उसकी माँ घूँघट काढ़कर भाग गई थी और बाप मूँछों वाला था, जो मर गया था।
  • उसे बुआ-फूफा ने पाला, लेकिन वे उसे मारा-पीटा करते थे।
  • यह जानकर लोगों के मन में उसके प्रति संवेदना उत्पन्न होती है।


4. गूँगे की पीड़ा को कहानी में कैसे व्यक्त किया गया है?

उत्तर:

  • गूँगा बोलने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन सिर्फ कर्कश ध्वनि (काँय-काँय) निकलती है।
  • वह मन की बात कहना चाहता है, लेकिन असमर्थ है।
  • यह आदि मानव के भाषा बनाने के संघर्ष की तरह लगता है।
  • चमेली को पहली बार एहसास होता है कि अगर कोई बोल नहीं सकता तो उसकी पीड़ा कितनी भयानक होती है।


5. गूँगे का स्वाभिमान और स्वावलंबन कैसे व्यक्त होता है?

उत्तर:

  • गूँगा भीख नहीं माँगता और मेहनत से अपना जीवन यापन करता है।
  • उसने हलवाई के यहाँ लड्डू बनाए, कड़ाही माँजी, नौकरी की, कपड़े धोए।
  • जब उससे पूछा गया कि "हाथ फैलाकर कभी माँगा?", तो वह सीने पर हाथ मारकर इशारा करता है – "मैं मेहनत से खाता हूँ"।
  • उसकी आत्मनिर्भरता और मेहनतकश स्वभाव उसे अन्य पात्रों से अलग बनाती है।


6. चमेली ने गूँगे को अपने घर में क्यों रखा?

उत्तर:

चमेली गूँगे के इशारों से प्रभावित होती है और उसे काम करने के लिए चार रुपये और खाना देने का प्रस्ताव देती है।

गूँगा उसकी शर्तें मान लेता है और घर में रहने लगता है।

वह घरेलू काम-काज में कुशल था और चमेली के घर में आसानी से काम करने लगा।


7. गूँगा अचानक घर से क्यों भाग जाता था?

उत्तर:

  • वह पहले भी कई जगहों पर नौकरी करके भाग चुका था।
  • बचपन से मार खाने की वजह से उसे एक जगह पर टिकने की आदत नहीं थी।
  • एक दिन बिना बताए चला गया और जब भूखा लौटा तो चमेली ने उसे दो रोटियाँ दीं और फिर चिमटे से पीटा।
  • गूँगा पीटने पर भी नहीं रोया, क्योंकि उसे अपने अपराध का अहसास था।


8. गूँगे का चमेली और उसके परिवार के प्रति व्यवहार कैसा था?

उत्तर:

  • गूँगा चमेली और उसके परिवार का आदर करता था।
  • बच्चों के चिढ़ाने पर भी वह बुरा नहीं मानता।
  • एक बार बसंता (चमेली का बेटा) उसे चपत मारता है, लेकिन वह पलटकर मारता नहीं, बल्कि रोने लगता है।
  • जब चमेली उससे नाराज़ होकर पूछती है "क्या तूने चोरी की?", तो वह सिर झुका लेता है और कुछ नहीं कहता।


9. चमेली ने गूँगे के प्रति कौन-कौन से भाव प्रकट किए?

उत्तर:

पहले उसने दया और करुणा दिखाई और उसे घर में काम दिया।

जब गूँगा बिना बताए भाग जाता था, तो वह गुस्सा भी करती थी।

एक बार उसने उसे चोरी के शक में डाँटा।

लेकिन जब वह बच्चों की शरारत सहता रहा, तब चमेली को उसकी सहनशीलता और कृतज्ञता का एहसास हुआ।

आखिर में, उसने गूँगे को घर से निकाल दिया, लेकिन कहानी के अंत में गूँगे का दुखद हश्र उसे अंदर से झकझोर देता है।


10. इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर:

1. स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता – गूँगा अपनी मेहनत से जीता है, भीख नहीं माँगता।

2. संवेदना और सहानुभूति – कहानी यह दर्शाती है कि मूक और असहाय लोगों की पीड़ा को समझना चाहिए।

3. मानवता का असली अर्थ – चमेली गूँगे को अपनाती भी है और गुस्सा भी करती है, लेकिन अंत में उसे उसकी सहनशीलता का एहसास होता है।

4. किसी भी व्यक्ति को कमजोर समझकर उसे सताना नहीं चाहिए – बसंता गूँगे को मारता है, फिर भी गूँगा उसे नहीं मारता।

5. समाज में असहाय लोगों की स्थिति – गूँगे जैसे लोग अपने स्वाभिमान और संघर्ष के बावजूद समाज में उपेक्षित रहते हैं।


11. इस कहानी में लेखक ने किस सामाजिक समस्या को उजागर किया है?

उत्तर:

  • शारीरिक रूप से अशक्त (गूँगे-बहरों) के प्रति समाज का भेदभावपूर्ण रवैया।
  • गरीबी और असहाय व्यक्तियों के प्रति समाज की असंवेदनशीलता।
  • स्वाभिमानी और मेहनतकश व्यक्ति भी समाज में संघर्ष करता रहता है।
  • कमजोर वर्ग के प्रति बच्चों और बड़े दोनों का दुर्व्यवहार।


12. कहानी में "गूँगे" का चरित्र हमें क्या सिखाता है?

उत्तर:

  • स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता सबसे बड़ी शक्ति है।
  • संघर्ष और सहनशीलता व्यक्ति को महान बनाती है।
  • अगर कोई कमजोर है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह बेकार या दूसरों पर निर्भर है।
  • मानवीय संवेदनाएँ सबसे बड़ी चीज़ होती हैं, चाहे वह बोलने वाले व्यक्तियों में हो या मूक लोगों में।

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