ज्योतिबा फुले Important Short and Long Question Class 11 Chapter-5 Book-Antra Part-1
Team Eklavya
मार्च 05, 2025
1. महात्मा ज्योतिबा फुले कौन थे?
उत्तर:
- महात्मा ज्योतिबा फुले एक समाज सुधारक, लेखक, विचारक और शिक्षाविद थे।
- उन्होंने जातिवाद, वर्ण-व्यवस्था, पितृसत्ता और धार्मिक पाखंड के खिलाफ़ आवाज उठाई।
- उन्होंने महिलाओं और दलितों के लिए शिक्षा और समानता की वकालत की।
2. ज्योतिबा फुले ने किस सामाजिक आंदोलन की स्थापना की थी?
उत्तर:
उन्होंने "सत्यशोधक समाज" की स्थापना की।
इस आंदोलन का उद्देश्य ब्राह्मणवादी वर्चस्व, धार्मिक पाखंड और सामाजिक असमानता का विरोध करना था।
उन्होंने दलितों और स्त्रियों को संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।
3. ज्योतिबा फुले की प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं:
1. गुलामगिरी – जातिवादी और शोषणकारी व्यवस्था पर आधारित पुस्तक।
2. शेतकऱ्यांचा आसूड – किसानों की समस्याओं पर लिखी गई।
3. सार्वजनिक सत्यधर्म – सामाजिक समानता और न्याय पर आधारित विचार।
4. शिक्षा के क्षेत्र में ज्योतिबा फुले का क्या योगदान रहा?
उत्तर:
- उन्होंने 14 जनवरी 1848 को अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर भारत की पहली कन्या पाठशाला स्थापित की।
- उन्होंने शूद्र और शूद्रातिशूद्र लड़कियों के लिए शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया।
- उन्होंने सभी वर्गों के लिए आधुनिक शिक्षा के समान वितरण की मांग की।
5. स्त्री-सशक्तिकरण के लिए ज्योतिबा फुले ने क्या कार्य किए?
उत्तर:
- उन्होंने महिलाओं के लिए शिक्षा को अनिवार्य बनाने पर ज़ोर दिया।
- उन्होंने स्त्रियों के विवाह-संबंधी अधिकारों की रक्षा के लिए नए मंत्रों की रचना की।
- उन्होंने विधवा पुनर्विवाह, स्त्री-शिक्षा और पुरुष प्रधानता को समाप्त करने का प्रयास किया।
6. ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने सामाजिक सुधारों में कैसे योगदान दिया?
उत्तर:
- दोनों ने मिलकर स्त्री-शिक्षा और दलित-शिक्षा के लिए स्कूल खोले।
- उन्होंने समाज की कुरीतियों और अंध-श्रद्धा के खिलाफ़ आवाज उठाई।
- दोनों ने सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए संघर्ष किया।
7. ज्योतिबा फुले को "महात्मा" की उपाधि कब और क्यों दी गई?
उत्तर:
1888 में उन्हें "महात्मा" की उपाधि से सम्मानित किया गया।
उन्हें यह उपाधि समाज के बीच संघर्ष जारी रखने और सामाजिक सुधारों में उनके योगदान के लिए दी गई थी।
8. ज्योतिबा फुले को अपने कार्यों के लिए किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
उत्तर:
- उन्हें उच्च जाति के लोगों और रूढ़िवादी समाज से कड़ा विरोध मिला।
- उनके स्कूलों को बंद कराने की कोशिश की गई।
- उन्हें और उनकी पत्नी को गालियाँ दी गईं और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा।
- लेकिन वे अपने उद्देश्यों से पीछे नहीं हटे।
9. ज्योतिबा फुले का सामाजिक समानता के बारे में क्या दृष्टिकोण था?
उत्तर:
- वे जाति, धर्म और लिंग से परे एक समान समाज की कल्पना करते थे।
- उन्होंने दलितों, किसानों और महिलाओं को अधिकार दिलाने की वकालत की।
- उनका मानना था कि शिक्षा और जागरूकता से ही समाज में समानता लाई जा सकती है।
10. ज्योतिबा फुले के विचार आज भी क्यों प्रासंगिक हैं?
उत्तर:
- आज भी समाज में जातिवाद, महिला उत्पीड़न और असमानता बनी हुई है।
- उनके विचार शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देते हैं।
- उनके सिद्धांत और आंदोलन आज भी प्रेरणा देते हैं और सामाजिक सुधार के लिए मार्गदर्शक हैं।