Editor Posts footer ads

जाग तुझको दूर जाना Class 11 Book-Antra Part-1 Poem-5 Chapter wise Summary

जाग तुझको दूर जाना Class 11 Book-Antra Part-1 Poem-5 Chapter wise Summary


1. महादेवी वर्मा का जीवन परिचय

  • जन्म: फ़र्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
  • शिक्षा: प्रारंभिक शिक्षा इंदौर में, एम.ए. (संस्कृत) प्रयाग विश्वविद्यालय से
  • विवाह: 12 वर्ष की उम्र में
  • कार्य: प्रयाग महिला विद्यापीठ में प्राचार्य
  • प्रभाव: गांधी जी, स्वाधीनता आंदोलन और गौतम बुद्ध के विचारों का प्रभाव
  • योगदान: महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष


2. साहित्यिक योगदान

संपादन: चाँद पत्रिका

कविता की विशेषताएँ:

  • स्वतंत्रता और जागरण की चेतना
  • दुःख और करुणा का भाव
  • प्रकृति-सौंदर्य का चित्रण
  • लोकगीतों और भक्तिकाल की झलक
  • प्रतीकात्मकता और गहन भावनात्मकता


3. प्रमुख रचनाएँ

काव्य संग्रह:

  • नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत, यामा, दीपशिखा

गद्य रचनाएँ:

  • पथ के साथी, अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएँ, श्रृंखला की कड़ियाँ


4. सम्मान और पुरस्कार

  • यामा के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार
  • भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण सम्मान


5. "जाग तुझको दूर जाना" का सारांश

यह कविता स्वाधीनता आंदोलन की प्रेरणा से रचित जागरण गीत है। इसमें कवयित्री मनुष्य को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने और कठिनाइयों से न घबराने का संदेश देती हैं।

मुख्य विचार:

  • जीवन में संघर्ष आवश्यक है।
  • मोह-माया और सुख-सुविधाओं से बंधकर नहीं रहना चाहिए।
  • बाधाओं को पार कर आगे बढ़ना ही सच्ची विजय है।
  • नाश (विनाश) के मार्ग पर भी अपने चिह्न छोड़कर जाना चाहिए।
  • कोमलता और आराम से बंधे रहना प्रगति में बाधक हो सकता है।

मुख्य पंक्तियों का सरल अर्थ:

1. "चिर सजग आँखें उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना ! जाग तुझको दूर जाना !"

→ मनुष्य को जागकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए, सुस्ती छोड़नी होगी।

2. "बाँध लेंगे क्या तुझे यह मोम के बंधन सजीले?"

→ क्या छोटी-छोटी बाधाएँ तुम्हें रोक सकती हैं?

3. "तू न अपनी छाँह को अपने लिए कारा बनाना !"

→ अपने आराम और सुख-सुविधाओं को अपनी जेल मत बना।

4. "है तुझे अंगार-शय्या पर मृदुल कलियाँ बिछाना !"

→ कठिनाइयों में भी अपने कार्यों को सुंदर बनाना होगा।

कविता का संदेश:

  • मनुष्य को लक्ष्य प्राप्ति के लिए मेहनत करनी होगी।
  • कठिनाइयों से घबराने की बजाय उनका सामना करना चाहिए।
  • मोह-माया को त्यागकर सच्चे मार्ग पर चलना चाहिए।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!