यह दीप अकेला Important Short and Long Question Class 12 Poem-3 Book-1
0Team Eklavyaफ़रवरी 27, 2025
1. ‘यह दीप अकेला’ (कवि – अज्ञेय)
1. ‘यह दीप अकेला’ कविता का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
‘यह दीप अकेला’ कविता में दीपक को मनुष्य का प्रतीक बताया गया है। कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि व्यक्ति को अकेले रहकर अपनी प्रतिभा पर गर्व नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे समाज का हिस्सा बनना चाहिए ताकि उसके ज्ञान, प्रेम और अनुभव से सभी को लाभ मिले।
2. कवि ने दीपक की तुलना किन-किन चीजों से की है?
उत्तर:
कवि ने दीपक की तुलना कई चीजों से की है:
गोताखोर (पनडुब्बा) – जो समुद्र से सच्चे मोती निकालता है।
हवन की समिधा – जो स्वयं जलकर दूसरों को लाभ देती है।
मधु (शहद) – जो धीरे-धीरे समय के साथ बनता है।
गोरस (गाय का दूध) – जो जीवन के लिए अमृत समान है।
अंकुर – जो धरती को फोड़कर निर्भयता से सूर्य को देखता है।
इन सभी उपमानों से कवि यह बताना चाहते हैं कि व्यक्ति को अपने गुणों को समाज के लिए समर्पित कर देना चाहिए।
3. ‘यह दीप अकेला, स्नेह भरा है, गर्व भरा मदमाता’ – इन पंक्तियों का क्या अर्थ है?
उत्तर:
इन पंक्तियों में दीपक (मनुष्य) को गर्व से भरा हुआ, स्नेहपूर्ण और आत्मविश्वासी बताया गया है। लेकिन कवि यह कहते हैं कि दीपक को अकेले जलने के बजाय पंक्ति (समाज) में जोड़ देना चाहिए ताकि वह अधिक लोगों को प्रकाश दे सके।
4. ‘यह वह विश्वास, नहीं जो अपनी लघुता में भी काँपा’ – पंक्ति का अर्थ क्या है?
उत्तर:
यह पंक्ति एक आत्मविश्वास से भरे व्यक्ति का संकेत करती है। कवि कहते हैं कि सच्चा विश्वास वही होता है, जो अपनी छोटी या बड़ी स्थिति से प्रभावित नहीं होता। यह वह व्यक्ति है, जो आलोचना, अपमान और अवहेलना के बावजूद अपने रास्ते पर चलता रहता है।
5. ‘यह दीप अकेला’ कविता की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
दीपक को प्रतीक रूप में प्रस्तुत किया गया है।
व्यक्ति की व्यक्तिगत सत्ता को सामाजिक सत्ता से जोड़ने का संदेश दिया गया है।
छंदमुक्त कविता है।
खड़ी बोली का सुंदर प्रयोग किया गया है।
अनुप्रास, उपमा और प्रतीक अलंकारों का सुंदर प्रयोग किया गया है।
2. ‘मैंने देखा एक बूँद’ (कवि – अज्ञेय)
6. ‘मैंने देखा एक बूँद’ कविता का मुख्य विचार क्या है?
उत्तर:
इस कविता में बूँद को मनुष्य का प्रतीक बताया गया है।
कवि कहते हैं कि बूँद सागर से अलग होते ही उसकी क्षणभंगुरता निश्चित हो जाती है।
इसी तरह, मनुष्य का जीवन भी क्षणभंगुर होता है।
लेकिन अगर मनुष्य अपने जीवन को सार्थक बना ले, तो उसका अस्तित्व अमर हो सकता है।
7. कवि ने बूँद के उदाहरण से क्या समझाने का प्रयास किया है?
उत्तर:
कवि ने बूँद को मनुष्य के जीवन का प्रतीक बताया है।
जिस तरह बूँद सागर से अलग होकर सूरज की रोशनी में चमकती है,
उसी तरह मनुष्य को भी अपने छोटे-छोटे क्षणों को सार्थक बनाना चाहिए।
यह कविता हमें समय और जीवन के महत्व को समझने का संदेश देती है।
8. ‘रंग गई क्षणभर ढलते सूरज की आग से’ – इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर:
इस पंक्ति में बूँद के छोटे से जीवन की सुंदरता को दर्शाया गया है।
जैसे ही बूँद सागर से अलग होती है, सूर्य की रोशनी में चमक उठती है।
यह दिखाता है कि एक छोटा क्षण भी जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।
9. ‘हर आलोक-छुआ अपनापन’ – पंक्ति का अर्थ क्या है?
उत्तर:
यह पंक्ति यह बताती है कि हर प्रकाश, हर क्षण अपने आप में महत्वपूर्ण होता है।
जब बूँद सूर्य की रोशनी से जगमगा उठती है,
तो वह अपने अस्तित्व को सार्थक बना लेती है।
10. ‘मैंने देखा एक बूँद’ कविता की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
बूँद को मनुष्य के जीवन का प्रतीक बनाया गया है।
क्षणभंगुरता और समय के महत्व को समझाने का प्रयास किया गया है।
छंदमुक्त कविता है।
संगीतात्मकता और भावात्मकता से भरी हुई कविता है।
बूँद और सागर की उपमा द्वारा गहरी दार्शनिकता व्यक्त की गई है।