सरोज स्मृति Important Short and Long Question Class 12 Poem-2 Book-1
0Team Eklavyaफ़रवरी 27, 2025
1. ‘सरोज स्मृति’ कविता का विषय क्या है?
उत्तर:
‘सरोज स्मृति’ एक शोक गीत है, जिसे सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने अपनी स्वर्गीय पुत्री सरोज की आकस्मिक मृत्यु पर लिखा था। इसमें एक पिता के दुख, संघर्ष और असहायता को अभिव्यक्त किया गया है।
2. कवि ने सरोज के विवाह का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर:
कवि बताते हैं कि विवाह के समय सरोज पूरी तरह से नए रूप में थी। जब उसके ऊपर कलश का शुभ जल पड़ा, तो वह मंद-मंद मुस्कुराई। उसकी मुस्कान इतनी कोमल थी कि कवि को बिजली की चमक जैसी लगी। विवाह की लज्जा के कारण उसकी आंखों में चमक और होठों पर कंपन था, जिससे उसकी सुंदरता और अधिक निखर रही थी।
3. कवि ने विवाह समारोह की उदासी को कैसे दर्शाया है?
उत्तर:
कवि बताते हैं कि सरोज का विवाह बिना किसी धूमधाम के संपन्न हुआ।
कोई आमंत्रण नहीं भेजा गया।
कोई मांगलिक गीत नहीं गाए गए।
विवाह में कोई विशेष चहल-पहल नहीं थी, बस मन की शांति और मौन था।
4. कवि ने ‘शृंगार’ और ‘कविता’ के संबंध को कैसे व्यक्त किया है?
उत्तर:
कवि कहते हैं कि जो शृंगार उनकी कविताओं में सुंदरता बनकर प्रकट होता था, वही अब सरोज के रूप में सजीव दिखाई दे रहा था। कवि को लगता है कि उनकी कविता का रस अब सरोज के सौंदर्य में साकार रूप ले चुका है।
5. कवि ने सरोज की तुलना शकुंतला से क्यों की है?
उत्तर:
कवि को सरोज की शादी के समय कालिदास की ‘अभिज्ञान शकुंतलम्’ की नायिका शकुंतला की याद आती है।
जिस प्रकार महर्षि कण्व ने माँ-विहीन शकुंतला को विवाह की शिक्षा दी थी,
उसी प्रकार निराला ने अपनी बेटी सरोज को विवाह के समय शिक्षा दी।
लेकिन अंतर यह था कि शकुंतला की माँ ने उसे त्याग दिया था, जबकि सरोज की माँ की मृत्यु हो गई थी।
6. सरोज को अपने ननिहाल से क्या स्नेह मिला?
उत्तर:
सरोज अपने ननिहाल (नाना-नानी के घर) चली गई, जहाँ उसे बहुत स्नेह मिला।
नाना-नानी और मामा-मामी ने उसे अपार प्यार दिया।
कवि कहते हैं कि मामा-मामी का स्नेह वर्षा के समान था, जो धरती को सींचता है।
सरोज वहीं पली-बढ़ी और अंत में वहीं उसकी मृत्यु हो गई।
7. कवि ‘भाग्यहीन’ क्यों महसूस करते हैं?
उत्तर:
कवि कहते हैं कि वह हमेशा से ही भाग्यहीन रहे हैं, लेकिन सरोज उनके जीवन का एकमात्र संबल (सहारा) थी।
जब सरोज की मृत्यु हुई, तो उन्हें लगा कि अब उनका जीवन सिर्फ दुखों की कहानी बन गया है।
कवि को इस बात का अफसोस है कि वह अपनी पुत्री के लिए कुछ नहीं कर सके।
8. ‘यदि धर्म, रहे नत सदा माथ’ – इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर:
कवि कहते हैं कि अगर उनका धर्म इसी तरह दुख देने वाला है, तो वह इस पर गर्व नहीं करेंगे।
वह अपने कार्यों के विनाश की परवाह नहीं करते, अगर वह किसी पवित्र उद्देश्य के लिए नष्ट होते हैं।
वह कहते हैं कि अब उनका जीवन किसी टूटे हुए कमल के फूल की तरह है।
9. ‘कर, करता मैं तेरा तर्पण’ – पंक्ति में कवि क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर:
कवि अपने जीवन के सभी शुभ कार्यों का फल अपनी बेटी को अर्पित करते हैं।
वह कहते हैं कि यही उनकी पुत्री के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है।
वह अपनी बेटी का तर्पण (श्राद्ध) करते हुए उसे अंतिम विदाई देते हैं।
10. ‘सरोज स्मृति’ कविता की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
1. शोक गीत – यह कविता निराला की पुत्री सरोज की मृत्यु पर लिखी गई।
2. छायावादी प्रभाव – इसमें व्यक्तित्व, भावनाएँ और सौंदर्य का गहरा चित्रण किया गया है।
3. छंदमुक्त कविता – यह मुक्त छंद में लिखी गई है, जिसमें कोई बंधन नहीं है।
4. सशक्त भाषा – इसमें खड़ी बोली का सुंदर प्रयोग किया गया है।
5. अलंकारों का प्रयोग –
अनुप्रास अलंकार – “मामा-मामी”, “जलद धरा को ज्यों”।
उपमा अलंकार – “जलद धरा को ज्यों अपार”।
मानवीकरण अलंकार – “होठों में बिजली फँसी स्पंद”।
11. ‘सरोज स्मृति’ को निराला की आत्मकथा क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
‘सरोज स्मृति’ को निराला की आत्मकथा कहा जाता है क्योंकि:
इसमें निराला के जीवन के दुखों और संघर्षों का मार्मिक चित्रण किया गया है।
उन्होंने इसमें अपने जीवन की विफलताओं, सामाजिक विषमताओं और पारिवारिक त्रासदी को व्यक्त किया है।
यह कविता केवल सरोज के लिए शोक गीत नहीं, बल्कि कवि की व्यक्तिगत व्यथा का दस्तावेज है।