सूरदास की झोपड़ी Important Short and Long Question Class 12 Chapter-1 Book-2
0Team Eklavyaफ़रवरी 28, 2025
1. ‘सूरदास की झोंपड़ी’ कहानी का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
यह कहानी प्रेमचंद के उपन्यास 'रंगभूमि' का एक अंश है, जिसमें एक अंधे भिखारी सूरदास के संघर्ष, उसकी इच्छाओं, मानवीय भावनाओं और समाज में होने वाले अन्याय को दर्शाया गया है। यह कहानी संघर्ष, त्याग, ईर्ष्या और आत्मसम्मान के विषयों को उजागर करती है।
2. सूरदास की तीन प्रमुख इच्छाएँ क्या थीं?
उत्तर:
सूरदास ने भिक्षा माँगकर जो धन संचित किया था, उससे वह तीन इच्छाएँ पूरी करना चाहता था-
पितरों का पिंडदान करना।
अपने पालित पुत्र मिठुआ का विवाह कराना।
गाँव के लिए एक कुआँ बनवाना।
3. भैरों सूरदास से ईर्ष्या क्यों करता था?
उत्तर:
भैरों की पत्नी सुभागी, जो उसके अत्याचारों से तंग आ चुकी थी, सूरदास की झोंपड़ी में शरण लेती थी। इससे भैरों को लगा कि सूरदास उसका शत्रु है। इसी ईर्ष्या के कारण वह उससे बदला लेने का निर्णय लेता है।
4. सूरदास की झोंपड़ी जलाने की घटना कैसे हुई?
उत्तर:
बदले की भावना से भैरों ने सूरदास की झोंपड़ी में आग लगाने की योजना बनाई। जब वह आग लगाने गया, तो उसे सूरदास की जमा पूँजी एक पोटली में मिली। उसने पहले पोटली चुराई और फिर झोंपड़ी में आग लगा दी।
5. सूरदास की झोंपड़ी जलने के बाद उसकी क्या मनोदशा थी?
उत्तर:
झोंपड़ी जलने के बाद सूरदास बहुत निराश और दुखी हो गया। उसे लगा कि सिर्फ उसकी झोंपड़ी ही नहीं जली, बल्कि उसकी तीनों इच्छाएँ भी जलकर राख हो गईं। वह पोटली को ढूँढने की कोशिश करता है, लेकिन उसे नहीं मिलती।
6. जगधर और भैरों के बीच क्या विवाद हुआ?
उत्तर:
जब जगधर को पता चला कि भैरों ने सूरदास की पोटली चुराई है, तो उसे ईर्ष्या हुई कि बिना मेहनत किए भैरों को रातों-रात पैसे मिल गए। उसने भैरों को धमकी दी कि यदि वह आधे पैसे न दे, तो वह सूरदास को चोरी के बारे में बता देगा। भैरों ने पैसे देने से मना कर दिया, जिससे दोनों के बीच विवाद हुआ।
7. सूरदास को उसकी चोरी हुई पोटली के बारे में किसने बताया?
उत्तर:
जगधर ने ईर्ष्या के कारण सूरदास को बताया कि भैरों ने उसकी पोटली चुराई थी। हालांकि, सूरदास ने इस आर्थिक नुकसान को जगधर से गुप्त रखा, क्योंकि एक गरीब के पास इतने पैसे होना उसे लज्जाजनक लगा।
8. सुभागी ने सूरदास की मदद कैसे करने का संकल्प लिया?
उत्तर:
सुभागी ने सूरदास की दुखद स्थिति को देखकर सहानुभूति प्रकट की और निश्चय किया कि वह किसी भी तरह से उसकी पोटली वापस लाएगी।
9. सूरदास की मनोदशा अंत में कैसे बदलती है?
उत्तर:
जब सूरदास ने अपने पुत्र मिठुआ और उसके मित्रों को यह कहते सुना कि "खेल में कोई रोता है?", तो उसने अपने जीवन को एक खेल के रूप में देखना शुरू कर दिया। उसकी निराशा दूर हो गई, और वह आत्मविश्वास से भर गया, मानो अगला खेल खेलने के लिए तैयार हो।
10. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर:
यह कहानी हमें संघर्ष, ईमानदारी, आत्मसम्मान और जीवन में हार न मानने की प्रेरणा देती है। सूरदास परिस्थितियों से हारने के बजाय जीवन को एक खेल की तरह देखने लगता है और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने को तैयार होता है।