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कुटज Important Short and Long Question Class 12 Chapter-8 Book-1

कुटज Important Short and Long Question Class 12 Chapter-8 Book-1


1. ‘कुटज’ अध्याय का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर: 

‘कुटज’ अध्याय जीवन, संघर्ष और स्वाभिमान की प्रेरणा देता है। यह दर्शाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी जीवन को उल्लासपूर्वक जीना चाहिए और अपने आत्मसम्मान को बनाए रखना चाहिए।


2. कुटज पेड़ को लेखक ने किस दृष्टिकोण से जोड़ा है?

उत्तर: 

लेखक ने कुटज को न केवल प्रकृति का एक जीवंत प्रतीक माना है, बल्कि इसे दार्शनिक दृष्टिकोण से भी जोड़ा है। यह संघर्ष, आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक है, जो कठिन परिस्थितियों में भी दृढ़ता से खड़ा रहता है।


3. शिवालिक की पहाड़ियों पर कुटज का क्या महत्व है?

उत्तर: 

शिवालिक की सूखी और कठोर पहाड़ियों पर खड़ा कुटज पेड़ जीवन के संघर्ष और सौंदर्य का प्रतीक है। यह विपरीत परिस्थितियों में भी हरा-भरा और पुष्पित रहता है, जिससे इसकी अदम्य जिजीविषा प्रदर्शित होती है।


4. संस्कृत साहित्य में कुटज को क्या कहा गया है और क्यों?

उत्तर: 

संस्कृत साहित्य में कुटज को "गाढ़े का साथी" कहा गया है क्योंकि यह पेड़ कठोर चट्टानों में भी अपनी जड़ें जमाकर जीवित रहता है। यह दृढ़ता, संघर्षशीलता और सहनशीलता का प्रतीक है।


5. कुटज पेड़ हमें जीवन के कौन से गुण सिखाता है?

उत्तर: 

कुटज पेड़ हमें आत्मसम्मान, स्वाभिमान, संघर्षशीलता, सहनशीलता, और स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाता है। यह सिखाता है कि जीवन में सुख-दुख को समान रूप से स्वीकार करना चाहिए और आत्मनिर्भर रहकर आगे बढ़ना चाहिए।


6. कुटज की जीवनी शक्ति किन विशेषताओं को दर्शाती है?

उत्तर: 

कुटज कठिनतम परिस्थितियों में भी जीवित रहता है, पाषाण को भेदकर रस खींचता है, और तूफानों का साहसपूर्वक सामना करता है। यह जीवन को तपस्या मानकर ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है।


7. कुटज का दार्शनिक दृष्टिकोण क्या है?

उत्तर: 

कुटज जीवन में स्वार्थ, परमार्थ और स्वाभिमान के बीच संतुलन का प्रतीक है। यह बिना किसी अहंकार के दूसरों को लाभ पहुँचाने का संदेश देता है और सुख-दुख से विचलित हुए बिना जीवन जीने की प्रेरणा देता है।


8. कुटज को स्वतंत्रता और वैराग्य का प्रतीक क्यों माना गया है?

उत्तर: 

कुटज संसार के भोगों में रहते हुए भी उनसे मुक्त रहता है, जैसे जनक राजा। यह दिखाता है कि मन पर विजय प्राप्त करके ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।


9. कुटज हमें कौन-सा महत्वपूर्ण जीवन उपदेश देता है?

उत्तर: 

कुटज हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी आत्मसम्मान और स्वाभिमान बनाए रखना चाहिए। यह जीवन को केवल स्वार्थ तक सीमित न रखते हुए समष्टि-हित के लिए जीने की प्रेरणा देता है।


10. ‘कुटज’ अध्याय का निष्कर्ष क्या है?

उत्तर: 

‘कुटज’ अध्याय संघर्ष, दृढ़ता और आत्मसम्मान का प्रतीक है। यह प्रकृति के सौंदर्य की सराहना करने के साथ-साथ जीवन के उच्चतम मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है।

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