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बिस्कोहर की माटी Important Short and Long Question Class 12 Chapter-2 Book-2

बिस्कोहर की माटी Important Short and Long Question Class 12 Chapter-2 Book-2


1. 'नंगातलाई' पाठ किसकी आत्मकथा का अंश है?

उत्तर: 

यह पाठ लेखक की आत्मकथा ‘नंगातलाई’ का एक अंश है।


2. इस पाठ में कौन-सा गाँव वर्णित किया गया है?

उत्तर: 

इस पाठ में बिस्कोहर गाँव का वर्णन किया गया है।


3. कोइयाँ किस प्रकार का पुष्प है और इसे क्या कहा जाता है?

उत्तर: 

कोइयाँ एक जलपुष्प है, जिसे कुमुद और कोकाबेली भी कहा जाता है।


4. कोइयाँ और माँ के दूध के बीच क्या संबंध बताया गया है?

उत्तर: 

जैसे कोइयाँ शरद ऋतु में खिलता है और उसकी गंध मादक होती है, वैसे ही माँ का दूध शिशु के लिए अमृत समान होता है। बच्चा न केवल माँ का दूध ग्रहण करता है, बल्कि संस्कार भी पाता है, जो उसके चरित्र और व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं।


5. बिसनाथ पर क्या अन्याय हुआ था?

उत्तर: 

जब बिसनाथ की माँ ने उसके छोटे भाई को जन्म दिया, तब माँ का दूध छोटे भाई को मिल गया और बिसनाथ का दूध छूट गया। तीन साल की उम्र तक पड़ोस की कसेरिन दाई ने उसे पाला। यह बिसनाथ के लिए अन्याय जैसा था।


6. लेखक ने बतख और माँ के बीच क्या समानता बताई है?

उत्तर: 

लेखक को बतख और मानव माँ में कई समानताएँ दिखीं। जैसे बत्तख अपने अंडों को पंखों के नीचे छिपाकर दुनिया की नजरों से बचाती है, वैसे ही माँ अपने बच्चों को हर मुश्किल से बचाने की कोशिश करती है।


7. गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिए ग्रामीण लोग क्या उपाय करते थे?

उत्तर:

  • माँ कपड़े की गाँठ में प्याज बाँधकर लू से बचाने के लिए देती थी।
  • लू लगने पर कच्चे आम का पन्ना पिया जाता था।
  • आम को भूनकर या उबालकर उसका शरबत पिया जाता था और शरीर पर लगाया जाता था।


8. बिस्कोहर में बरसात के क्या प्रभाव पड़ते थे?

उत्तर:

  • बादल घिरने से दिन में ही अंधेरा हो जाता था।
  • बरसात कई दिनों तक चलती थी, जिससे कच्चे घरों की दीवारें गिर जाती थीं।
  • बारिश से पशु-पक्षी प्रसन्न हो जाते थे।
  • उमस के कारण मछलियाँ मरने लगती थीं।
  • बारिश के पानी से दाद-खाज और फोड़े-फुंसी ठीक हो जाते थे।


9. गाँव में पाए जाने वाले साँपों के प्रकार कौन-कौन से हैं?

उत्तर:

1. विषहीन साँप: डोडहा, मजगिदवा, धामिन।

2. विषैले साँप: घोर कड़ाइच, भटिहा, गेहुँअन (फेंटारा)।


10. गाँव में फूलों का क्या महत्व था?

उत्तर:

  • गाँव के लोग फूलों को केवल सुगंध के लिए नहीं, बल्कि दवा के रूप में भी प्रयोग करते थे।
  • गुड़हल का फूल देवी को चढ़ाने के लिए शुभ माना जाता था।
  • बेर के फूल सूंघने से ततैया और बरें के डंक का असर कम हो जाता था।
  • आम के फूल कई रोगों के इलाज में काम आते थे।
  • नीम के पत्ते और फूल चेचक के मरीज के पास रखे जाते थे।


11. लेखक ने नारी की तुलना प्रकृति से क्यों की?

उत्तर: 

लेखक ने एक सुंदर स्त्री को देखा, जिसकी छवि उसके मन में बस गई। उसे लगा कि प्रकृति की सुंदरता जूही की लता, चाँदनी, फूलों की खुशबू की तरह उस स्त्री में भी दिखाई देती है। लेखक ने नारी को प्राकृतिक सौंदर्य का सजीव रूप माना।


12. लेखक के अनुसार नारी का जीवन प्रकृति से कैसे जुड़ा है?

उत्तर:

  • नारी की सुंदरता प्रकृति की सुंदरता के समान होती है।
  • नारी में संगीत, मूर्ति, नृत्य और कला की झलक मिलती है।
  • नारी सुख-दुख से जोड़ने वाली सेतु के समान होती है।
  • नारी का हृदय भी प्रकृति की तरह करुणा और ममता से भरा होता है।


13. इस पाठ का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर: 

इस पाठ का मुख्य संदेश प्रकृति और मनुष्य के गहरे संबंधों को समझाना है। इसमें ग्रामीण जीवन, माँ की ममता, लोकजीवन की परंपराएँ और प्रकृति का महत्व बताया गया है।

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