संवदिया Important Short and Long Question Class 12 Chapter-3 Book-1
Team Eklavya
फ़रवरी 27, 2025
1. ‘संवदिया’ कहानी का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
- यह कहानी संवेदनशीलता, कर्तव्यनिष्ठा और सामाजिक परिस्थितियों पर आधारित है।
- इसमें हरगोबिन नाम के एक संवदिया (संदेशवाहक) की कहानी है, जिसे गाँव की बड़ी बहुरिया अपने मायके संदेश देने के लिए बुलाती हैं।
- कहानी पुरानी सामाजिक व्यवस्था, परिवार के टूटने और महिलाओं की असहाय स्थिति को दर्शाती है।
- अंत में हरगोबिन बड़ी बहुरिया का संदेश नहीं सुना पाता, क्योंकि उसे अपने गाँव की प्रतिष्ठा की चिंता होती है।
2. ‘संवदिया’ कौन था? उसकी क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर:
- हरगोबिन एक संवदिया (संदेशवाहक) था, जो लोगों के संदेश एक गाँव से दूसरे गाँव तक पहुँचाने का काम करता था।
- वह बहुत भावुक, संवेदनशील, ईमानदार और दूसरों की मदद करने वाला व्यक्ति था।
- वह परिस्थितियों को देखकर ही संदेश का अनुमान लगा लेता था।
- गाँव में लोग उसे "निठल्ला, कामचोर और औरतों का गुलाम" कहते थे, लेकिन वह अपने कर्तव्य के प्रति बहुत ईमानदार था।
- अंत में, वह बड़ी बहुरिया का बेटा बनकर उनकी सेवा करने का संकल्प लेता है।
3. बड़ी बहुरिया ने हरगोबिन को बुलाकर क्या संदेश दिया?
उत्तर:
- बड़ी बहुरिया ने हरगोबिन को अपने मायके संदेश देने के लिए बुलाया।
- वह पति की मृत्यु के बाद बहुत अकेली और असहाय हो गई थीं।
- तीनों देवरों ने हवेली का बँटवारा कर लिया और शहर चले गए, जिससे वह अकेली रह गईं।
- अब उनके पास खाने तक के लाले पड़ गए थे, और वह बथुआ साग खाकर गुज़ारा कर रही थीं।
- उन्होंने हरगोबिन से अपने मायके संदेश भेजने को कहा, ताकि उनके भाई-भाभी आकर उन्हें अपने साथ ले जाएँ।
4. जब हरगोबिन ने बड़ी बहुरिया की हालत देखी, तो उसे कैसा महसूस हुआ?
उत्तर:
- बड़ी बहुरिया अब अकेली थीं, उनका नौकर भी भाग चुका था, और वह बथुआ साग खाकर गुज़ारा कर रही थीं।
- पहले जो दूसरों को कर्ज़ दिया करती थीं, वे अब खुद उधार मांगने के लिए मजबूर थीं।
- यह देखकर हरगोबिन बहुत दुखी हुआ और उसने सोचा कि अब गाँव की लक्ष्मी (बड़ी बहुरिया) ही गाँव छोड़कर चली गई, तो गाँव में क्या रह जाएगा?
- उसे गाँव की बदनामी का डर था, इसलिए उसने बड़ी बहुरिया का संदेश मायके में नहीं सुनाया।
5. जब हरगोबिन मायके पहुँचा, तो उसने संदेश क्यों नहीं सुनाया?
उत्तर:
- हरगोबिन को लगा कि अगर वह संदेश सुना देगा, तो गाँव की बदनामी होगी।
- उसे लगा कि लोग उसके गाँव को ताने देंगे कि वहाँ की बहू को खाना तक नहीं मिलता।
- वह बड़ी बहुरिया को गाँव की "लक्ष्मी" मानता था और नहीं चाहता था कि वे गाँव छोड़कर मायके चली जाएँ।
- इसलिए, उसने उनके मायके में उनके भाई-भाभी को कुछ नहीं बताया और वहाँ से बिना संदेश दिए लौट आया।
6. जब हरगोबिन वापस आया, तो उसने बड़ी बहुरिया से क्या कहा?
उत्तर:
- जब हरगोबिन जलालगढ़ लौटा, तो उसने बड़ी बहुरिया के पैर पकड़कर माफी माँगी।
- उसने कहा कि वह अब उन्हें किसी कष्ट में नहीं रहने देगा।
- उसने वचन दिया कि अब वह निठल्ला नहीं रहेगा और उनके सभी काम करेगा।
- बड़ी बहुरिया पहले ही अपने मायके संदेश भेजकर पछता रही थीं, इसलिए उन्होंने भी गाँव में ही रहने का निश्चय किया।
7. संवदिया का समाज में क्या स्थान था?
उत्तर:
- संवदिया एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश पहुँचाने का कार्य करता था।
- गाँव में उसे सम्मान भी मिलता था, लेकिन कुछ लोग उसे आलसी और पेटू समझते थे।
- लोगों को लगता था कि वह निठल्ला है और बिना मेहनत किए खाने के लिए इधर-उधर घूमता है।
- लेकिन हरगोबिन जैसे संवदिया बहुत ईमानदार, भावुक और दूसरों की सेवा करने वाले होते थे।
8. ‘संवदिया’ कहानी हमें क्या संदेश देती है?
उत्तर:
- यह कहानी परिवार के टूटने, समाज में महिलाओं की दयनीय स्थिति और संवेदनशीलता का संदेश देती है।
- यह दिखाती है कि किसी समय जो लोग बहुत संपन्न होते थे, वे समय बदलने पर किस तरह असहाय हो सकते हैं।
- कहानी संवदिया की वफादारी, ईमानदारी और मानवीयता को भी दर्शाती है।
- अंत में यह कहानी हमें सिखाती है कि बड़ों का सम्मान करना और उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है।
9. ‘संवदिया’ कहानी की भाषा और शैली की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
- कहानी सरल और प्रभावशाली हिंदी भाषा में लिखी गई है।
- इसमें गाँव के परिवेश का सुंदर चित्रण किया गया है।
- लेखक ने संवाद शैली का उपयोग करके पात्रों की मनःस्थिति को बहुत अच्छे से व्यक्त किया है।
- इसमें मानवीय संवेदनाएँ, करुणा और सामाजिक संदेश गहराई से व्यक्त किए गए हैं।
10. ‘संवदिया’ कहानी के मुख्य पात्र कौन-कौन हैं?
उत्तर:
1. हरगोबिन – संवदिया (संदेशवाहक), जो बहुत भावुक, ईमानदार और संवेदनशील व्यक्ति था।
2. बड़ी बहुरिया – गाँव की सबसे बड़ी बहू, जिनका पति मर चुका था और अब वे अकेली थीं।
3. तीनों देवर – जो संपत्ति बाँटकर शहर चले गए थे और बड़ी बहुरिया को अकेला छोड़ दिया था।
4. गाँव वाले – जो हरगोबिन को निठल्ला और आलसी समझते थे।