सांस्कृतिक विविधता की चुनौतियाँ Important Short and Long Question Class 12 Sociology Chapter-4 Book-1
0Team Eklavyaफ़रवरी 24, 2025
1. सामुदायिक पहचान क्या है?
उत्तर:
सामुदायिक पहचान वह पहचान है जो जन्म के साथ हमें मिलती है, जैसे परिवार, भाषा, धर्म, जाति, और क्षेत्र। यह हमारी सोच, जीवनशैली, और दुनिया को देखने के तरीके को प्रभावित करती है।
2. सामुदायिक पहचान का महत्व क्यों है?
उत्तर:
सामुदायिक पहचान व्यक्ति को एक समूह से जोड़ती है, जिससे उसे भावनात्मक समर्थन और सुरक्षा मिलती है। यह व्यक्ति को समाज में अपनी जगह समझने और सामाजिक सहभागिता को बढ़ाने में मदद करती है।
3. राष्ट्र और समुदाय में क्या अंतर है?
उत्तर:
समुदाय: यह एक छोटा समूह होता है, जिसमें समान संस्कृति, भाषा, या जातीयता वाले लोग होते हैं।
राष्ट्र: यह एक बड़ा समुदाय होता है, जो साझा इतिहास, संस्कृति, और पहचान से जुड़ा होता है।
4. राष्ट्र और राज्य में क्या अंतर है?
उत्तर:
राष्ट्र: एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक इकाई होती है, जिसके लोग साझा परंपराओं और पहचान से जुड़े होते हैं।
राज्य: एक राजनीतिक इकाई होती है, जिसमें सरकार, सीमाएँ, और कानून-व्यवस्था होती है।
5. राष्ट्र-राज्य क्या होता है?
उत्तर:
एक राष्ट्र-राज्य वह होता है जहां एक राष्ट्र की अपनी राजनीतिक संप्रभुता (राज्य) होती है। उदाहरण के लिए, फ्रांस और जापान।
6. भारत का राष्ट्र-राज्य मॉडल क्या है?
उत्तर:
भारत का राष्ट्र-राज्य मॉडल बहुलतावादी (pluralistic) है, जो सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखते हुए सभी समुदायों को समान अधिकार देता है। संविधान धर्म-निरपेक्षता को अपनाकर सभी धर्मों को समान मान्यता प्रदान करता है।
7. सांस्कृतिक विविधता का राष्ट्र-राज्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
सांस्कृतिक विविधता राष्ट्र को समृद्ध बनाती है, लेकिन अगर इसे समायोजित नहीं किया जाए, तो यह अलगाव और संघर्ष का कारण बन सकती है। भारत जैसे देशों में इसे एकजुटता और सहिष्णुता से संतुलित किया जाता है।
8. भारत में क्षेत्रवाद के कारण क्या हैं?
उत्तर:
भारत में क्षेत्रवाद निम्नलिखित कारणों से उभरता है:
भाषाई और सांस्कृतिक विविधता
क्षेत्रीय असमानता और विकास में अंतर
ऐतिहासिक और राजनीतिक कारक
स्थानीय संसाधनों पर नियंत्रण की इच्छा
9. भारत में क्षेत्रीय पुनर्गठन की प्रक्रिया क्या थी?
उत्तर:
1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया।
इसके बाद छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड जैसे नए राज्य विशेष सांस्कृतिक और आर्थिक कारणों से बनाए गए।
10. धर्मनिरपेक्षता क्या है?
उत्तर:
धर्मनिरपेक्षता एक सिद्धांत है, जिसमें राज्य सभी धर्मों के प्रति समान व्यवहार करता है और किसी एक धर्म को बढ़ावा नहीं देता। भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्षता को अपनाते हुए सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है।
11. सांप्रदायिकता क्या है?
उत्तर:
सांप्रदायिकता धार्मिक पहचान पर आधारित विभाजन की भावना है, जिसमें एक धर्म या समुदाय को श्रेष्ठ मानकर दूसरे धर्म के प्रति शत्रुता रखी जाती है। यह समाज में तनाव और संघर्ष को जन्म देती है।
12. भारत में सांप्रदायिकता को कैसे बढ़ावा मिला?
उत्तर:
औपनिवेशिक शासन: ब्रिटिश "फूट डालो और राज करो" नीति ने सांप्रदायिकता को बढ़ाया।
राजनीतिक उद्देश्य: विभिन्न दलों द्वारा धार्मिक पहचान को राजनीति से जोड़ना।
सामाजिक विभाजन: शिक्षा और संसाधनों तक असमान पहुंच।
13. अल्पसंख्यक अधिकारों का महत्व क्या है?
उत्तर:
अल्पसंख्यक समुदाय अक्सर बहुसंख्यकों की तुलना में कमजोर स्थिति में होते हैं। उन्हें अपनी भाषा, संस्कृति, और धर्म को संरक्षित रखने के लिए विशेष अधिकारों की आवश्यकता होती है, जिससे समाज में समावेशिता बनी रहे।
14. भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के लिए कौन-कौन से अधिकार दिए गए हैं?
उत्तर:
अनुच्छेद 29: किसी भी नागरिक को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार।
अनुच्छेद 30: अल्पसंख्यक समुदायों को अपने शैक्षिक संस्थान स्थापित करने और उन्हें संचालित करने का अधिकार।
अनुच्छेद 25-28: सभी नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता।
15. नागरिक समाज क्या है?
उत्तर:
नागरिक समाज वह क्षेत्र है जहां गैर-सरकारी संगठन (NGO), स्वैच्छिक संगठन, धार्मिक समूह और ट्रेड यूनियन सामाजिक सुधार और मानव अधिकारों की रक्षा के लिए काम करते हैं।
16. नागरिक समाज की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
सरकार पर निगरानी रखना और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों को बढ़ावा देना।
हाशिए पर खड़े समुदायों को न्याय दिलाने में सहायता करना।
17. सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर:
संविधान में समावेशी प्रावधानों को बनाए रखना।
बहुसांस्कृतिक शिक्षा को बढ़ावा देना।
अल्पसंख्यकों और क्षेत्रीय समुदायों को प्रतिनिधित्व देना।
संवाद और आपसी समझ को बढ़ाने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना।
18. सांप्रदायिकता को रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर:
धर्मनिरपेक्ष शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना।
सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ कठोर कानून लागू करना।
धार्मिक सहिष्णुता और समावेशिता को बढ़ावा देना।
राजनीतिक दलों द्वारा सांप्रदायिकता को भड़काने पर प्रतिबंध लगाना।
19. क्षेत्रवाद के दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं?
उत्तर:
राष्ट्रीय एकता को खतरा।
आर्थिक और राजनीतिक असमानता बढ़ना।
क्षेत्रीय संघर्ष और हिंसा।
20. भारत का संघीय ढांचा क्षेत्रवाद को कैसे संबोधित करता है?
उत्तर:
राज्यों को स्वायत्तता प्रदान कर विकास में भागीदारी सुनिश्चित करता है।
वित्त आयोग के माध्यम से संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण करता है।
भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को मान्यता देकर क्षेत्रीय पहचान को संरक्षित करता है।