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सामाजिक आंदोलन Important Short and Long Question Class 12 Sociology Chapter-5 Book-2

सामाजिक आंदोलन Important Short and Long Question Class 12 Sociology Chapter-5 Book-2


1. सामाजिक आंदोलन क्या होता है?

उत्तर: 

सामाजिक आंदोलन लंबी अवधि तक चलने वाली सामूहिक गतिविधियाँ होती हैं, जिनका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक परिवर्तन लाना होता है। इनमें संगठित नेतृत्व, संरचना और समान उद्देश्य वाले लोगों की भागीदारी होती है।


2. सामाजिक आंदोलन और सामाजिक परिवर्तन में क्या अंतर है?

उत्तर:


3. सामाजिक आंदोलन की क्या विशेषताएँ होती हैं?

उत्तर:

  • सामूहिक भागीदारी: कई लोगों की भागीदारी होती है।
  • उद्देश्यपूर्ण प्रयास: किसी विशेष उद्देश्य को लेकर किया जाता है।
  • लंबी अवधि: यह तात्कालिक नहीं होता, बल्कि सतत चलता है।
  • संगठित नेतृत्व: आंदोलन को दिशा देने के लिए एक नेतृत्व मौजूद होता है।
  • विरोध और संघर्ष: कई बार सरकार या समाज के अन्य हिस्सों का विरोध झेलना पड़ता है।


4. समाजशास्त्र में सामाजिक आंदोलनों का क्या महत्व है?

उत्तर:

  • समाज में संघर्ष और बदलाव को समझने में मदद करता है।
  • ऐतिहासिक रूप से क्रांतियों और सुधारों का अध्ययन करने में सहायक होता है।
  • नीतियों और प्रशासनिक निर्णयों पर प्रभाव डालता है।
  • सामाजिक असमानताओं और शोषण को उजागर करता है।


5. सामाजिक आंदोलनों के कौन-कौन से प्रकार होते हैं?

उत्तर:

प्रतिदानात्मक (Transformational) आंदोलन: व्यक्ति की चेतना और गतिविधियों में बदलाव लाने वाले आंदोलन। (जैसे - नारायण गुरु द्वारा केरल के इज़हावा समुदाय का सुधार आंदोलन)

सुधारवादी (Reformist) आंदोलन: धीरे-धीरे समाज में बदलाव लाने का प्रयास करने वाले आंदोलन। (जैसे - सूचना का अधिकार (RTI) आंदोलन)

क्रांतिकारी (Revolutionary) आंदोलन: पूरे सामाजिक ढांचे को बदलने वाले आंदोलन। (जैसे - बोल्शेविक क्रांति, भारत में नक्सली आंदोलन)


6. पुराने और नए सामाजिक आंदोलनों में क्या अंतर है?

उत्तर:


7. पारिस्थितिकीय आंदोलन (Environmental Movements) क्या होते हैं?

उत्तर: 

पारिस्थितिकीय आंदोलन वे आंदोलन होते हैं, जो प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय क्षति को रोकने के लिए किए जाते हैं। उदाहरण:

  • चिपको आंदोलन: उत्तराखंड के गाँवों में महिलाओं ने पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उन्हें गले लगाया।
  • नर्मदा बचाओ आंदोलन: बड़े बाँधों के निर्माण के कारण विस्थापन और पर्यावरणीय क्षति के खिलाफ आंदोलन।


8. भारत में किसान आंदोलनों का इतिहास क्या है?

उत्तर:

  • 1858-1914: स्थानीय मुद्दों पर आंदोलन (जैसे - नील विद्रोह, 1859)।
  • 1920-1940: स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े आंदोलन (जैसे - चंपारन सत्याग्रह, 1917)।
  • 1970 के बाद: क्षेत्रीय और दल-रहित किसान आंदोलन, जो कृषि नीतियों, कर्ज माफी और उचित मूल्य की मांग से जुड़े थे।


9. भारत में कामगारों के आंदोलन की शुरुआत कैसे हुई?

उत्तर:

  • 1860 के दशक: भारत में औद्योगिकीकरण की शुरुआत के साथ मजदूरों की स्थिति खराब रही।
  • 1917: बंबई की कपड़ा मिलों में पहली हड़तालें हुईं।
  • 1920: ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) का गठन हुआ।
  • 1974: भारतीय रेल हड़ताल ने मजदूर संगठनों को मजबूती दी।


10. दलित आंदोलन क्या है?

उत्तर: 

दलित आंदोलन का उद्देश्य अस्पृश्यता, सामाजिक भेदभाव और जातीय उत्पीड़न को समाप्त करना है। यह आत्मसम्मान, शिक्षा और समानता के लिए संघर्ष करता है।

उदाहरण:

  • डॉ. अंबेडकर का नव-बौद्ध आंदोलन।
  • महार आंदोलन (महाराष्ट्र) और सतनामी आंदोलन (छत्तीसगढ़)।
  • दलित साहित्य आंदोलन, जो दलित जीवन के यथार्थ को उजागर करता है।


11. पिछड़े वर्गों और जातियों के आंदोलन का क्या महत्व है?

उत्तर:

  • पिछड़े वर्गों को सामाजिक और राजनीतिक अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष।
  • मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिलाने की मांग।
  • सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास।


12. झारखंड और पूर्वोत्तर भारत में जनजातीय आंदोलनों के मुख्य मुद्दे क्या हैं?

उत्तर:

  • झारखंड आंदोलन: भूमि अधिग्रहण, आदिवासी संस्कृति की रक्षा, और एक अलग राज्य की मांग।
  • पूर्वोत्तर आंदोलन: वन अधिकार, सांस्कृतिक पहचान की रक्षा, और आर्थिक असमानता।


13. महिला आंदोलन की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर:

  • 19वीं सदी: विधवा पुनर्विवाह, सती प्रथा निषेध और बाल विवाह विरोध।
  • 20वीं सदी: महिला शिक्षा और मताधिकार की मांग।
  • 1970 का पुनरुत्थान: घरेलू हिंसा, लैंगिक समानता, और दहेज विरोधी कानून।
  • आधुनिक समय: कार्यस्थल पर समान वेतन, यौन उत्पीड़न विरोध और "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" जैसी योजनाएँ।


14. कामगार आंदोलन और मजदूर संघों का क्या महत्व है?

उत्तर:

  • मजदूरों के अधिकारों की रक्षा।
  • न्यूनतम वेतन, काम के घंटे और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • हड़ताल और विरोध के माध्यम से श्रमिकों की आवाज़ उठाना।


15. भारत में प्रमुख हड़तालें और उनका प्रभाव क्या रहा?

उत्तर:

  • 1982 बंबई टेक्सटाइल मिल हड़ताल: मजदूरों की माँगें पूरी नहीं हुईं, और हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए।
  • 1974 भारतीय रेल हड़ताल: सरकार और मजदूर संघों के बीच तनाव बढ़ा, लेकिन मजदूर अधिकारों की ओर ध्यान आकर्षित हुआ।


16. क्या सामाजिक आंदोलन से समाज में बदलाव आता है?

उत्तर: 

हाँ, सामाजिक आंदोलन नीतियों, कानूनों और समाज में बदलाव लाने में सहायक होते हैं। उदाहरण:

  • स्वतंत्रता संग्राम: भारत की आजादी का मुख्य आंदोलन।
  • नारीवादी आंदोलन: महिलाओं के अधिकारों को मजबूत किया।
  • पर्यावरण आंदोलन: प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा को प्राथमिकता दी।

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