प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा Important Short and Long Questions Class 12 Home Science Chapter-6 Book-1
0Team Eklavyaफ़रवरी 24, 2025
1. प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) क्या है और इसका महत्त्व क्या है?
उत्तर:
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) जन्म से 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह बच्चों के मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक विकास में सहायता करती है और उन्हें स्कूल और जीवन के लिए तैयार करती है।
2. प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल के कौन-कौन से चरण होते हैं?
उत्तर:
ECCE को दो चरणों में विभाजित किया जा सकता है:
1. जन्म से 3 वर्ष तक – यह शैशवावस्था होती है, जिसमें बच्चा पूरी तरह देखभाल करने वाले वयस्कों पर निर्भर होता है।
2. 3 से 8 वर्ष तक – इस अवस्था में बच्चा शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास की आधारशिला रखता है।
3. प्रारंभिक बाल्यावस्था में देखभाल के कौन-कौन से प्रकार होते हैं?
उत्तर:
1. पारिवारिक देखभाल – परिवार के सदस्य (माँ, दादी आदि) बच्चे की देखभाल करते हैं।
2. शिशु केंद्र (क्रेच) – कामकाजी माता-पिता के लिए, जहाँ बच्चे की देखभाल दिनभर होती है।
3. डे केयर सेंटर – छोटे बच्चों के लिए, जिसमें भोजन, शौचालय और सामाजिक-भावनात्मक देखभाल शामिल होती है।
4. विद्यालय पूर्व शिक्षा – 3 वर्ष की उम्र के बाद, जहाँ खेल आधारित शिक्षा दी जाती है (जैसे मॉन्टेसरी स्कूल, आँगनवाड़ी आदि)।
4. प्रारंभिक बाल्यावस्था में देखभाल क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
यह बच्चे के मानसिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देता है।
स्कूल के लिए तैयार करता है और आत्मनिर्भरता सिखाता है।
विशेष परिस्थितियों में पलने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता प्रदान करता है।
बड़े बच्चों को फायदा होता है क्योंकि छोटे भाई-बहनों की देखभाल की जिम्मेदारी कम हो जाती है।
5. पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत के अनुसार बच्चे कैसे सीखते हैं?
उत्तर:
पियाजे के अनुसार, बच्चों का दुनिया को समझने का तरीका वयस्कों से अलग होता है। वे प्रयोग और अनुभवों से सीखते हैं। उन्हें एक ऐसा वातावरण चाहिए जो उनकी जिज्ञासा को बढ़ाए और नए अनुभव प्रदान करे, जिससे वे अपने संज्ञानात्मक कौशल विकसित कर सकें।
6. विद्यालय पूर्व अनुभव बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद होता है?
उत्तर:
1. सामाजिक विकास – बच्चे साथियों के साथ खेल-खेल में सीखते हैं।
2. आत्मनिर्भरता – बच्चे खुद खाना खाना और व्यक्तिगत कार्य करना सीखते हैं।
3. बौद्धिक विकास – रंग, आकृतियाँ, संख्याएँ, और भाषा सीखने में मदद मिलती है।
4. शारीरिक विकास – खेलकूद से बच्चे का समग्र शारीरिक विकास होता है।
7. प्रारंभिक शिक्षा का उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर:
बच्चे का समग्र (मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक) विकास।
बच्चे को पढ़ाई और सामाजिक गतिविधियों के लिए तैयार करना।
कामकाजी माता-पिता को सहायक सेवाएँ प्रदान करना।
स्वस्थ आदतें और सकारात्मक व्यवहार विकसित करना।
8. ECCE के मार्गदर्शी सिद्धांत (NCF 2005) क्या हैं?
उत्तर:
1. खेल आधारित और रचनात्मक शिक्षा – बच्चों को खेलों और गतिविधियों के माध्यम से सिखाना।
2. स्थानीय और सांस्कृतिक सामग्रियों का उपयोग – बच्चों की शिक्षा में पारंपरिक और स्थानीय संसाधनों का समावेश।
3. स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देना – व्यक्तिगत स्वच्छता, पोषण और सामाजिक व्यवहार विकसित करना।
4. लचीला दृष्टिकोण – बच्चों की जरूरतों और क्षमताओं के अनुसार पाठ्यक्रम को समायोजित करना।
9. ECCE पेशेवरों के लिए कौन-कौन से कौशल आवश्यक होते हैं?
उत्तर:
1. बच्चों के प्रति रुचि और लगाव – देखभाल और सहानुभूति से उनकी जरूरतों को समझना।
2. प्रभावी संवाद क्षमता – बच्चों और माता-पिता के साथ स्पष्ट संचार करना।
3. रचनात्मकता और उत्साह – खेल, कहानी सुनाने, और गतिविधियों के प्रति रुचि।
4. समस्या सुलझाने की क्षमता – बच्चों की जिज्ञासा का उत्तर देना और उन्हें मार्गदर्शन देना।
5. शारीरिक सक्रियता – बच्चों के साथ खेलकूद और अन्य गतिविधियों में भाग लेना।
10. ECCE में करियर बनाने के लिए कौन-कौन से प्रशिक्षण आवश्यक हैं?
उत्तर:
बाल विकास, मानव विकास, या बाल मनोविज्ञान में स्नातक (B.A/B.Sc.)
नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (NTT) डिप्लोमा या मुक्त विश्वविद्यालयों से ECCE पाठ्यक्रम।
कहानी सुनाने, नृत्य, संगीत, और खेल गतिविधियों में कौशल विकसित करना।
11. ECCE में शिक्षक की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
बच्चों की शारीरिक देखभाल (खान-पान, स्वच्छता, शौचालय आदतें) पर ध्यान देना।
खेल, कहानियों और अन्य गतिविधियों के माध्यम से सीखने के अवसर प्रदान करना।
बच्चों की व्यक्तिगत क्षमता को समझकर उनके विकास के लिए अनुकूल पाठ्यक्रम तैयार करना।
माता-पिता और परिवार के साथ समन्वय स्थापित करना।
12. ECCE क्षेत्र में कौन-कौन से करियर विकल्प उपलब्ध हैं?
उत्तर:
1. नर्सरी शिक्षक – प्री-प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाना।
2. शिशु केंद्र (क्रेच) देखभालकर्ता – छोटे बच्चों की देखभाल करना।
3. ECCE समन्वयक – शिशु देखभाल केंद्रों का प्रबंधन करना।
4. शोध और उच्च शिक्षा – बाल विकास में पीएच.डी. करके शोध करना।
5. उद्यमी – निजी बाल देखभाल केंद्र या प्री-स्कूल खोलना।
13. ECCE में कार्य करने वाले संस्थान कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
1. सरकारी आँगनवाड़ी केंद्र – ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छोटे बच्चों के लिए सेवाएँ।
2. निजी नर्सरी स्कूल और मॉन्टेसरी स्कूल – पूर्व-विद्यालय शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान।
3. NGO और बाल विकास संगठन – वंचित बच्चों के लिए सेवाएँ प्रदान करना।
4. ICDS (Integrated Child Development Services) परियोजनाएँ – सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाएँ।
14. ECCE में माता-पिता की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
1. सकारात्मक वातावरण प्रदान करना – प्यार, सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखना।
2. शिक्षा में भागीदारी – बच्चों के सीखने की गतिविधियों में सक्रिय रहना।
3. बच्चों के भावनात्मक विकास का समर्थन – बच्चों की भावनाओं को समझना और मार्गदर्शन देना।
4. स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित करना – संतुलित आहार, खेल और व्यायाम को बढ़ावा देना।
15. ECCE का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
यह बच्चों को भविष्य में सफल बनाने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
महिलाओं को काम करने की सुविधा देता है, जिससे आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ता है।
समाज में शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर को सुधारता है।
असमानता को कम करने और सभी बच्चों को समान अवसर प्रदान करने में मदद करता है।