जहाँ कोई वापसी नहीं, निर्मल वर्मा Important Short and Long Question Class 12 Chapter-6 Book-1
Team Eklavya
फ़रवरी 27, 2025
1. ‘जहाँ कोई वापसी नहीं’ यात्रा वृत्तांत का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
- यह यात्रा वृत्तांत औद्योगीकरण और पर्यावरण के बीच संतुलन की आवश्यकता पर केंद्रित है।
- इसमें बताया गया है कि औद्योगीकरण के कारण लोग विस्थापित हो रहे हैं और प्रकृति नष्ट हो रही है।
- लेखक का मानना है कि विकास के नाम पर जबरन विस्थापन करना उचित नहीं है।
2. 'अमझर' का क्या अर्थ है? यह गाँव क्यों उजड़ रहा है?
उत्तर:
- अमझर का अर्थ है – जहाँ आम झरते हैं।
- यह सिंगरौली के नवागांव क्षेत्र का एक छोटा सा गाँव है।
- अमरौली प्रोजेक्ट के कारण इस गाँव के लोग विस्थापित हो रहे हैं और गाँव उजड़ रहा है।
3. लेखक ने विस्थापित लोगों को ‘आधुनिक भारत के नए शरणार्थी’ क्यों कहा है?
उत्तर:
- औद्योगीकरण के कारण लोगों को अपने घरों से उजाड़ दिया जा रहा है।
- वे अलग-अलग जगहों पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं।
- ये लोग बिना अपनी इच्छा के विस्थापित किए गए हैं, इसलिए लेखक ने उन्हें ‘आधुनिक भारत के नए शरणार्थी’ कहा है।
4. प्राकृतिक विस्थापन और औद्योगीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है?
उत्तर:
5. यूरोप और भारत की पर्यावरण संबंधी चिंताओं में क्या अंतर है?
उत्तर:
- यूरोप में पर्यावरण का प्रश्न मनुष्य और भूगोल के बीच संतुलन बनाने का है।
- भारत में पर्यावरण का प्रश्न मनुष्य और उसकी संस्कृति के बीच पारंपरिक संबंध बनाए रखने का है।
- यूरोप की सांस्कृतिक विरासत संग्रहालयों में सुरक्षित है।
- भारत की सांस्कृतिक विरासत नदियों, जंगलों, खेतों और प्रकृति से जुड़ी हुई है।
6. लेखक ने ‘स्वातंत्र्योत्तर भारत की ट्रेजिडी’ (त्रासदी) किसे कहा है?
उत्तर:
- लेखक के अनुसार स्वतंत्र भारत के शासकों ने पश्चिमी देशों की नकल में योजनाएँ बनाई।
- उन्होंने कभी नहीं सोचा कि प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।
- यदि भारत अपनी शर्तों पर औद्योगीकरण करता, तो पर्यावरण को बचाया जा सकता था।
7. औद्योगीकरण से पर्यावरण संकट कैसे उत्पन्न हुआ है?
उत्तर:
- पेड़-पौधे और जंगलों का नाश हो रहा है।
- खनिज संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है।
- कृषि योग्य भूमि समाप्त हो रही है।
- लोगों को जबरन उनके घरों से हटाया जा रहा है।
8. लेखक का पर्यावरण संकट और औद्योगीकरण को लेकर क्या मत है?
उत्तर:
- लेखक का मानना है कि विकास और पर्यावरण सुरक्षा में संतुलन होना चाहिए।
- अंधाधुंध विकास लोगों और प्रकृति को नुकसान पहुँचाता है।
- औद्योगीकरण के नाम पर जबरन विस्थापन गलत है।
9. ‘जहाँ कोई वापसी नहीं’ से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
- पर्यावरण और विकास में संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
- विकास के नाम पर जबरन विस्थापन से आम लोगों का जीवन प्रभावित होता है।
- औद्योगीकरण के कारण प्राकृतिक संसाधन नष्ट हो रहे हैं, जिससे भविष्य में समस्याएँ बढ़ेंगी।
- भारत को अपनी विकास नीति पश्चिम की नकल करने की बजाय अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बनानी चाहिए।