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दूसरा देवदास Important Short and Long Question Class 12 Chapter-7 Book-1

दूसरा देवदास Important Short and Long Question Class 12 Chapter-7 Book-1


1. ‘दूसरा देवदास’ कहानी का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर: 

‘दूसरा देवदास’ कहानी युवा मन की संवेदना, भावनाओं और विचारों की उथल-पुथल को दर्शाती है। यह कहानी आकस्मिक प्रेम, कल्पना और रूमानियत को प्रस्तुत करती है और यह दर्शाती है कि प्रेम किसी निश्चित व्यक्ति, समय या परिस्थिति का मोहताज नहीं होता।


2. हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा आरती का क्या महत्व है?

उत्तर: 

हर की पौड़ी पर संध्या के समय गंगा आरती का दृश्य अत्यंत मनोहारी होता है। इस दौरान भक्तों की भीड़ जमा होती है, दीप जलाए जाते हैं, और घंटे-घड़ियाल बजते हैं। लोग अपनी फूलों की छोटी-छोटी कश्तियों को गंगा में प्रवाहित करते हैं, जिससे भक्ति का अद्भुत वातावरण बनता है।


3. गंगापुत्र कौन होते हैं और उनकी आजीविका का क्या साधन है?

उत्तर: 

गंगापुत्र वे गोताखोर होते हैं जो हर समय गंगा घाट पर तैनात रहते हैं और डूबते हुए लोगों को बचाते हैं। उनकी आजीविका का मुख्य साधन लोगों द्वारा फूलों के दोने में अर्पित किया गया पैसा होता है। वे पानी में जाकर इन पैसों को इकट्ठा करते हैं, और उनकी बहनें या पत्नियां इस रेजगारी को बेचकर जीवन यापन करती हैं।


4. पुजारी ने संभव और पारो को क्या आशीर्वाद दिया और क्यों?

उत्तर: 

पुजारी ने संभव और पारो को "सुखी रहो, फूलो-फलो, जब भी आओ साथ ही आना, गंगा मैया मनोरथ पूरे करें" का आशीर्वाद दिया। पुजारी ने गलती से यह समझ लिया कि वे प्रेमी-प्रेमिका हैं, जबकि वास्तव में वे अनजान थे और पहली बार मिले थे।


5. पारो से मुलाकात के बाद संभव के मन में क्या हलचल हुई?

उत्तर: 

पारो से पहली मुलाकात के बाद संभव बेचैन हो गया। उसकी भूख-प्यास गायब हो गई और पूरी रात उसे नींद नहीं आई। वह बार-बार उस लड़की के बारे में सोचने लगा और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की इच्छा करने लगा।


6. मंसा देवी मंदिर में संभव ने क्या मनोकामना मांगी?

उत्तर: 

मंसा देवी मंदिर में संभव ने पारो से मिलने की मनोकामना मांगी थी। उसे आशा थी कि वह फिर से पारो से मिलेगा, और संयोग से उसकी यह मनोकामना जल्दी ही पूरी हो गई।


7. ‘दूसरा देवदास’ शीर्षक क्यों उपयुक्त है?

उत्तर: 

‘दूसरा देवदास’ शीर्षक उपयुक्त है क्योंकि यह पारंपरिक ‘देवदास’ कथा की तरह एक प्रेम कहानी है। हालांकि इसमें मुख्य पात्र संभव है, जो पारो को पाने के लिए प्रयासरत रहता है। ‘देवदास’ प्रतीकात्मक रूप से प्रेम में पागलपन की हद तक डूबे व्यक्ति को दर्शाता है, और संभव का चरित्र इसी भावना से जुड़ा हुआ है।


8. कहानी में पारो की मानसिक स्थिति कैसी दिखाई गई है?

उत्तर: 

पारो को यह संयोग विचित्र लगता है कि भीड़ में जिससे वह मिली थी, उससे फिर मुलाकात हो गई। यह उसे रोमांचित और उत्साहित करता है। वह स्वयं को भाग्यशाली समझती है कि देवी माँ ने उसकी मनोकामना इतनी जल्दी पूरी कर दी।


9. कहानी में ‘मनोकामना की गाँठ’ का क्या प्रतीकात्मक अर्थ है?

उत्तर: 

‘मनोकामना की गाँठ’ प्रतीकात्मक रूप से इच्छाओं की पूर्ति को दर्शाती है। संभव और पारो दोनों ने अपने मन में मिलने की इच्छा की थी, और संयोग से उनकी यह इच्छा जल्दी पूरी हो गई। यह दर्शाता है कि कभी-कभी हमारी इच्छाएं अनायास ही पूरी हो जाती हैं।


10. इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?

उत्तर: 

कहानी यह संदेश देती है कि प्रेम आकस्मिक हो सकता है और इसके लिए कोई निश्चित व्यक्ति, समय या परिस्थिति आवश्यक नहीं होती। यह युवावस्था की भावनाओं, कल्पनाओं और आकांक्षाओं को दर्शाती है, जो प्रेम को लेकर स्वाभाविक रूप से उत्साहित होते हैं।

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