असगर वजाहत शेर, पहचान, चार हाथ, साझा Important Short and Long Question Class 12 Chapter-5 Book-1
Team Eklavya
फ़रवरी 27, 2025
शेर
1. ‘शेर’ लघुकथा का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
- यह लघुकथा सत्ता और व्यवस्था के प्रतीकात्मक रूप को उजागर करती है।
- इसमें शेर को सत्ता का प्रतीक और जंगल के जानवरों को सामान्य जनता का प्रतीक बताया गया है।
- सत्ता किस तरह लोगों को धोखे और लालच में डालकर अपना शिकार बनाती है, इसे दर्शाया गया है।
2. शेर जंगल के जानवरों को किस प्रकार धोखा देता है?
उत्तर:
- शेर प्रचार करता है कि उसके मुख में सुख-सुविधाएँ हैं।
- गधे से कहा कि वहाँ हरी घास का मैदान है।
- लोमड़ी को बताया कि वहाँ रोजगार का दफ्तर है।
- कुत्तों से कहा कि उसके मुख में प्रवेश करने से मोक्ष मिलेगा।
- इस तरह जानवरों को धोखे में डालकर वह उन्हें खा जाता है।
3. ‘शेर’ लघुकथा से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
- सत्ता हमेशा जनता को भ्रम और लालच में डालकर उसे शोषित करती है।
- अंधविश्वास और बिना प्रमाण के किसी पर विश्वास करना खतरनाक हो सकता है।
- सत्ता के खिलाफ सवाल करना जरूरी है, नहीं तो लोग धोखे में फँसते रहेंगे।
पहचान
4. राजा ने अपनी प्रजा के लिए कौन-कौन से आदेश दिए?
उत्तर:
- प्रजा को हमेशा आँखें बंद रखनी होंगी, ताकि वे कुछ देख न सकें।
- लोगों को अपने कानों में पिघला सीसा डलवा लेना होगा, ताकि वे कुछ सुन न सकें।
- होंठ सिलवा लेने होंगे, ताकि कोई बोल न सके।
5. राजा ने अपनी प्रजा को अंधा, बहरा और गूंगा क्यों बनाया?
उत्तर:
- राजा चाहता था कि लोग उसकी गलत नीतियों का विरोध न करें।
- जो लोग सत्ता की सच्चाई देख और सुन सकें, वे राजा के लिए खतरा बन सकते थे।
- राजा ने जनता को अंधा, बहरा और गूंगा बनाकर अपने खिलाफ विद्रोह की संभावना खत्म कर दी।
6. जागरूक जनता का प्रतीक कौन हैं?
उत्तर:
- खैराती, रामू और छिदू जागरूक जनता के प्रतीक हैं।
- पहले वे भी आँख बंद करके रहते थे, पर जब उन्होंने आँखें खोलीं, तो देखा कि राजा ने प्रजा को समाप्त कर दिया है।
- सत्ता की निरंकुशता का विरोध न करने का परिणाम यह हुआ कि राजा पूरी तरह से शक्तिशाली हो गया।
7. ‘पहचान’ लघुकथा से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
- सत्ता को बेवजह अंधा समर्थन नहीं देना चाहिए।
- यदि जनता अपनी आँखें, कान और मुँह बंद रखेगी, तो शासक निरंकुश हो जाएगा।
- समाज में सचेत और जागरूक नागरिकों की भूमिका बहुत जरूरी है।
चार हाथ
8. 'चार हाथ' लघुकथा में मिल मालिक ने अपनी आय बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए?
उत्तर:
- मिल मालिक ने वैज्ञानिकों को मजदूरों के चार हाथ लगाने के लिए नौकरी पर रखा।
- जब वैज्ञानिक असफल रहे, तो उसने खुद मजदूरों के कटे हाथ जोड़ने की कोशिश की।
- मजदूरों के हाथ लगाने में वह असफल रहा और कई मजदूर मारे गए।
- अंत में उसने मजदूरों की तनख्वाह आधी कर दी और दुगने मजदूर काम पर रख लिए।
9. पूँजीपति मजदूरों का किस प्रकार शोषण करते हैं?
उत्तर:
- वे अपने लाभ के लिए मजदूरों की तनख्वाह कम कर देते हैं।
- मजदूर मजबूरी में कम वेतन पर काम करने को तैयार हो जाते हैं।
- उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं दिया जाता।
- मजदूरों को अपनी बात कहने तक का अधिकार नहीं होता।
10. ‘चार हाथ’ लघुकथा से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
- पूंजीपति अपने मुनाफे के लिए मजदूरों का शोषण करते हैं।
- श्रमिकों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए।
- न्याय के बिना कोई भी व्यवस्था टिक नहीं सकती।
साझा
11. ‘साझा’ लघुकथा में किसान अकेले खेती करने से क्यों डरता है?
उत्तर:
- किसान को खेती की हर बारीकी का ज्ञान है, फिर भी उसे डराया जाता है।
- उसे बताया जाता है कि यदि वह अकेले खेती करेगा, तो उसकी फसल को जानवर बर्बाद कर देंगे।
- डर के कारण वह हाथी (पूंजीपति) के साथ साझेदारी करने को मजबूर हो जाता है।
12. हाथी (पूंजीपति) ने किसान को साझे में फँसाने के लिए क्या चाल चली?
उत्तर:
- किसान को डराया कि अकेले खेती करने पर उसे नुकसान होगा।
- जंगल में घोषणा कर दी कि खेत में उसका भी हिस्सा है।
- जब फसल तैयार हुई, तो कहा कि हम दोनों ने बराबर मेहनत की है।
- गन्ने का एक हिस्सा खींचते हुए किसान को अपने मुँह में खींचने की कोशिश की।
- किसान को मजबूर कर दिया कि वह अपने हिस्से की फसल छोड़ दे।
13. 'साझा' लघुकथा में हाथी किसका प्रतीक है?
उत्तर:
- हाथी पूंजीपतियों और जमींदारों का प्रतीक है।
- जो मेहनत नहीं करते, पर मेहनतकश लोगों का हक छीन लेते हैं।
- वे गरीब किसानों को डराकर उनके संसाधनों पर कब्जा कर लेते हैं।
14. ‘साझा’ लघुकथा से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
- गरीबों को डराकर उनके संसाधनों पर अमीरों का कब्जा हो जाता है।
- किसानों और मजदूरों को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए।
- पूंजीपति वर्ग गरीबों को छलने के लिए चालाकी से काम लेते हैं।
15. इन सभी लघुकथाओं से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
1. 'शेर' – सत्ता हमेशा जनता को छलने का प्रयास करती है।
2. 'पहचान' – यदि जनता सचेत नहीं रहती, तो शासक निरंकुश हो जाता है।
3. 'चार हाथ' – पूंजीपति मजदूरों का शोषण करते हैं और अपने लाभ के लिए अमानवीय तरीके अपनाते हैं।
4. 'साझा' – किसानों और गरीबों को डराकर अमीर उनका हक छीन लेते हैं।