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खेलों में फिजियोलोजी और चोटें Notes in Hindi Class 12 Physical Education Chapter-7 Physiology and injuries in sports khelon mein physiology or choten

खेलों में फिजियोलोजी और चोटें Notes in Hindi Class 12 Physical Education Chapter-7 Physiology and injuries in sports khelon mein physiology or choten



शारीरिक पुष्टि के घटक बताइए ? 

  • शक्ति 
  • लचीलापन 
  • सहन – क्षमता 
  • गति 


शक्ति  को निर्धारित करने वाले क्रियात्मक करक बताइए ? 

मांसपेशियों का आकार - 

बड़ी तथा विशाल मासपेशियां अधिक शक्ति उत्पन्न करती है। पुरुषों की मांसपेशियाँ बड़ी होती है, इसलिए वे शक्तिशाली होती है। भार प्रशिक्षण की सहायता से मांसपेशी के आकार को बढ़ाया जा सकता है।

शरीर का भार  - 

  • अधिक भार वाले व्यक्ति हल्के व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली होते है। 
  • जैसे - अधिक शरीर भार वाले भारोत्तलक। 

मांसपेशियों की संरचना  - 

जिन मांसपेशीयों में (सफेद) फॉस्ट टिवच फाइबर की प्रतिशत अधिक होती है. वे अधिक शक्ति उत्पन्न करते है। जबकि (लाल) स्लो ट्विच फाइबर्स शीघ्रता से संकुचित नहीं हो सकते, किंतु वे लबी अवधि तक संकुचित रहने की क्षमता रखते है। इन फाइबर्स की प्रतिशत का निर्धारण आनुवंशिक तौर पर किया जाता है।

तंत्रिका आवेग  की प्रबलता  - 

जब किसी केन्द्रीय स्नायु संस्थान (CNS) से आने वाली अधिक तीव्र तंत्रिका आवेग अधिक संख्या में गत्यात्मक ईकाइयों की उद्दीप्त करता है। तो मांसपेशी अधिक बल से संकुचित होती है और अधिक बल उत्पन्न करती है।


लचक   को निर्धारित करने वाले क्रियात्मक करक बताइए ? 

मांसपेशियों की शक्ति - 

  • मांसपेशियों में शक्ति का एक न्यूनतम स्तर होना आवश्यक है। 
  • विशेषकर गुरुत्व तथा बाहरी बल के विरूद्ध काम करना है।

जोड़ो की बनावट  - 

  • मानव शरीर में कई प्रकार के जोड़ होते है। 
  • कुछ जोड़ो में मूलभूत रूप से अन्य जोड़ों की अपेक्षा अधिक प्रकार की गतियाँ करने की क्षमता होती है। 
  • उदाहरण- कंधे के बॉल एवं सॉकेट जोड़ घुटने के जोड़ की अपेक्षा गति की सीमा कहीं अधिक होती है।

आंतरिक वातावरण - 

  • किसी खिलाडी का आंतरिक वातावरण भी खिलाड़ी की लचक को निर्धारित करता है। 
  • उदाहरण- 10 मिनट तक गर्म पानी में रहने से शरीर के तापमान तथा लचक में वृद्धि होती है। तथा 10°C तापमान में बाहर रहने से कम होती है। 

चोट  - 

  • संयोजक ऊतको तथा मांसपेशियों में चोट के कारण प्रभावित क्षेत्र में सूजन हो सकती है। 
  • रेशेदार ऊतक कम लचीले होते है, तथा अंगों के संकुचन को कम कर सकते है। 
  • जिससे लचीलेपन में कमी का कारण बन सकते है।

आयु   - 

जैसे जैसे आयु बढ़ती है शरीर में लचक का स्तर कम होने लगता है  लेकिन इसमें प्रशिक्षण के द्वारा लचक बढ़ायी जा सकती है 

जीवन शैली    - 

सक्रिय जीवन शैली लचक को बढाती है लेकिन निष्क्रिय जीवन शैली लचक को कम करती है 


व्यायाम करने से मांसपेशीय तंत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

  • मांसपेशियों के तापमान में वृद्धि 
  • मांसपेशियों की थकान में देरी 
  • रक्त प्रवाह में वृद्धि 
  • मांसपेशियों की अतिवृद्धि 
  • मांसपेशियों का अच्छा आकार 
  • मांसपेशियों में वृद्धि 
  • अतिरिक्त वसा में कटौती 
  • अच्छी और सही शारीरिक मुद्रा बनाए रखना 
  • पोषक तत्व भंडार में वृद्धि
  • संतुलन, शक्ति, समन्वय, गति, चपलता (फुर्ती), प्रतिक्रिया समय, लचीलापन
  • मांसपेशियों की क्षमता में सुधार


सफ़ेद और लाल तंतु में अंतर स्पष्ट कीजिये ?

फास्ट (सफेद) तन्तु 

  • ऐसे तन्तु जो कि गति क्रियाओं के लिए जाने जाते हैं। 
  • ऐसे तन्तु जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी कार्य (ऊर्जा) करते हैं। 

स्लो (लाल) द्विच तन्तु 

  • यह सहनशक्ति क्रियाओं के लिए जाने जाते हैं। 
  • ऐसे तन्तु जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में ही कार्य (ऊर्जा) करते हैं।


खेल चोटों पर चर्चा कीजिये ?

  • कोमल ऊतक चोटें 
  • कठोर ऊतक चोटें 
  • जोड़ो की चोटें 
  • हड्डियों की चोटें 


कोमल ऊतक चोटें किसे कहते हैं ?

त्वचा , मांशपेशियों , स्नायु बांध में लगनी वाली चोटें कोमल ऊतक चोटें  कहलाती है 


जोड़ो के विस्थापन से क्या अभिप्राय है ?

यह एक जोड़ से सम्बंधित चोट होती है इसमें जुडी हुई अस्थियाँ अपने स्थान से हट जाती है  


अस्थिभंग किसे कहते हैं ? इसके विभिन्न प्रकार बताएं ?

अस्थि में लगी चोटें अस्थिभंग कहलाती है 

1. कच्ची अस्थिभंग 

2. बहुखंड अस्थिभंग 

3. अनुप्रस्थ अस्थिभंग 

4. तिरछा अस्थिभंग 

5. पच्चड़ी अस्थिभंग

1. कच्चा अस्थिभंग – हड्डियों के नरम होने के कारण बचपन में होता है । 

2. बहुखण्ड अस्थिभंग - दो से अधिक टुकड़ों में टूटी हुई हड्डी । 

3. अनुप्रस्थ अस्थिभंग - समकोण में टूटी हुई हड्डी । 

4. तिरछा अस्थिभंग - विकर्ण में टूटी हुई हड्डी । 

5. पच्चड़ी अस्थिभंग - हड्डियाँ टूटने के पश्चात उनके सिरे एक दूसरे में धंस जाते हैं।


उम्र बढ़ने के कारण होने वाले शारीरिक परिवर्तन को स्पष्ट कीजिए ? 

जैसे जैसे बुढापा आने लगता है 

  • विभिन्न शारीरिक कार्यों की दक्षता में निरंतर और अपरिवर्तनीय कमी आती है। 
  • ये परिवर्तन आमतौर पर 40 साल की आयु के बाद प्रारंभ होने लगते हैं।


वृद्धावस्था के लक्षण को प्रभावित करने कारक

1. आनुवंशिकता 

2. पर्यावरण- भोजन, सामाजिक और आर्थिक स्थिति, व्यायाम

वृद्धावस्था के कारण शारीरिक परिवर्तन

1. मांसपेशिय तंत्र, मांसपेशियों की शक्ति और द्रव्यमान का कमी होना, 

2. तांत्रिका तंत्र में परिवर्तन कान, नाक, सूंघने की शक्ति जैसे संवेदन की कमी होना

3. पाचन तंत्र , शरीर संरचना के चयापचय में कमी एचसीएल (HCL) एसिड, लार, पाचन एंजाइमों और लार ग्रंथियों के आकार में कमी हो जाती है। 

4. कंकाल प्रणाली- अस्थि घनत्व में कमी कम अस्थि घनत्व के परिणामस्वरूप ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है जिससे फ्रैक्चर हो सकता है


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