प्रश्न - जमींदार अपनी जमीदारी को नीलामी से कैसे बचाते थे ?
उत्तर -
- अपनी संपत्ति को गहर की महिला के नाम करके
- अपने एजेंट से फर्जी बोली लगवाकर
- अपने लठैतो के माध्यम से दुसरे व्यक्ति को कब्ज़ा न देना
- जानबूझकर ऊंची बोली लगाना बाद में खरीदने से इनकार करना
प्रश्न - कम्पनी राजस्व माँग को स्थायी रूप से निर्धारित करने में किन लाभों की अपेक्षा कर रही थी?
उत्तर -
- कम्पनी को राजस्व नियमित रूप से प्राप्त होगा
- उद्यम कर्ता अपनी पूंजी के निवेश से एक निश्चित लाभ कमा सकेंगे
प्रश्न - राजस्व राशि की अदायगी में जमींदारों की असफलता के क्या कारण थे?
उत्तर -
राजस्व की प्रारंभिक मांगे बहुत अधिक थी यह मांगे 1790 के दशक में लागू की गयी थी जब कृषि उपज की कीमत काफी कम थी चाहे फसल अच्छी हो या ख़राब राजस्व का भुगतान समय पर करना जरूरी था
प्रश्न - 1770 और 1780 के दशक में ब्रिटिश अधिकारियों का राजमहल के पहाड़ियों के प्रति क्या रवैया था?
उत्तर -
- ब्रिटिश अधिकारियों ने पहाड़ियों के प्रति क्रूर नीति अपना ली और उनका शिकार और संहार करने प्रारम्भ कर दिया था ।
- 1780 के दशक में भागलपुर के कलेक्टर ऑगस्टस क्लीवलैंड ने शांति स्थापना की नीति प्रस्तावित की जिसके अनुसार पहाड़िया मुखियाओं को एक वार्षिक भत्ता दिया जाना था और बदले में उन्हें अपने आदमियों का चल-चलन ठीक रखने की जिम्मेदारी लेनी थी।
- उनसे यह भी आशा की गई कि वे अपनी बस्तियों में व्यवस्था बनाए रखेंगे और अपने लोगों को अनुशासन में रखेंगे। लेकिन बहुत से पहाड़िया मुखियाओं ने भत्ता लेने से मना कर दिया।
- जिन्होंने इसे स्वीकार किया उनमें से अधिकांश अपने समुदाय में अपनी सत्ता खो बैठे।
प्रश्न - बुकानन के विवरण को पढ़ते समय हमें क्या सावधानी बरतनी चाहिए ? विस्तार पूर्वक लिखिए।
उत्तर -
- बुकानन के विवरण को पढ़ते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि वह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का एक कर्मचारी था।
- उसकी यात्राएँ केवल भूदृश्यों के प्यार और अज्ञात की खोज से ही प्रेरित नहीं थीं।
- वह नक्शा नवीसों, सर्वेक्षकों, पालकी उठाने वालों कुलियों आदि के बड़े दल के साथ सर्वत्र यात्रा करता था।
- उसकी यात्राओं का खर्च ईस्ट इंडिया कंपनी उठाती थी क्योंकि उसे उन सूचनाओं की आवश्यकता थी जो बुकानन प्रत्याशित रूप से इकट्ठी करता था।
- बुकानन को यह साफ़-साफ़ हिदायत दी जाती थी कि उसे क्या देखना, खोजना और लिखना है।
प्रश्न - इस्तमरारी बन्दोबस्त को बंगाल से बाहर बिरले ही लागू किया गया?" इस कथन का परीक्षण करें।
उत्तर -
- इस कथन का अर्थ है की इस्तमरारी बन्दोबस्त को बंगाल से बाहर कम ही लागू किया गया था क्योंकि जैसे जैसे ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन बंगाल से बाहर फ़ैल रहा था वहन राजस्व की नई प्रणालियाँ लागू की गयी थी
- ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि 1810 के बाद खेती की कीमत बढ़ गयी थी और कम्पनी बढ़ी हुयी कीमत के कारण राजस्व के द्वारा अधिक लाभ कमाना चाहती थी
प्रश्न - जो राजस्व प्रणाली बम्बई दक्कन में लागू की गई वह बंगाल में लागू की गई प्रणाली से किस प्रकार भिन्न है? इसमें किन सिद्धान्तों का ध्यान रखा गया?
उत्तर -
- जो राजस्व प्रणाली बम्बई दक्कन में लागू की गई उसे रैयतवाड़ी कहा जाता है। बंगाल में लागू की गई प्रणाली के विपरीत, इस प्रणाली के अंतर्गत राजस्व की राशि सीधे रैयत के साथ तय की जाती थी।
- भिन्न-भिन्न प्रकार की भूमि से होने वाली औसत आय का अनुमान लगा लिया जाता था।
- रैयत की राजस्व अदा करने की क्षमता का आकलन कर लिया जाता था और सरकार के हिस्से के रूप में उसका एक अनुपात निर्धारित कर दिया जाता था। हर 30 साल के बाद जमीनों का फिर से सर्वेक्षण किया जाता था और राजस्व की दर तदनुसार बढ़ा दी जाती थी। इसलिए राजस्व की माँग अब स्थायी नहीं रही थी।
प्रश्न - आप किन तथ्यों के आधार पर कह सकते हैं कि पहाड़िया लोगों का जीवन जंगल से जुड़ा हुआ था?
उत्तर -
- पहाड़ियां लोग जंगल की उपज से अपना गुजर बसर करते थे
- यह झूम खेती करते थे
- यह जंगलों से खाने के लिए महुआ के फूल इकट्ठा करते थे
- यह बेचने के लिए कोया और राल जंगल से इकट्ठा करते थे
- यह पेड़ों के बीच झोपडी बना के रहते थे
प्रश्न - ब्रिटिश शासन के विरूद्ध संथालों के विद्रोह के क्या कारण थे? वर्णन कीजिए।
उत्तर -
- संथालों की जमीन पर ब्रिटिश शासन के द्वारा भारी कर लगा दिया गया था
- ब्रिटिश शासन के द्वारा ऊंची ब्याज की दर वसूलना
- कर्ज न अदा कर पाने पर जमीन पर कब्ज़ा करना
प्रश्न - संथालों के आगमन से पहाड़िया लोगों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?
उत्तर -
संथालों के आगमन से पहाड़िया लोगों को राजमहल की पहाड़ियों में अन्दर की तरफ जाने को मजबूर होना पड़ा उन्हें निचली पहाड़ियों तथा घाटियों में नीचे की ओर आने से रोक दिया गया और ऊपरी पहाड़ियों के चट्टानी और अधिक बंजर इलाकों तथा भीतरी शुष्क भागों तक सीमित कर दिया गया।
इससे उनके रहन-सहन तथा जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा और आगे चलकर वे गरीब हो गए।
प्रश्न - अमेरिकी गृह-युद्ध ने भारत में रैयत समुदाय के जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया? व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
1861 में अमेरिका में गृहयुद्ध हुआ उसके बाद ब्रिटेन को अमेरिका से कम कपास मिलने लगी ऐसे में भारत की कपास की मांग बढ़ गयी ऐसे में भारत का रैयत समुदाय प्रभावित हुआ , उसे अचानक असीमित कर्ज मिलने लगा उसे कपास उगाये जाने वाले प्रत्येक एकड़ क्षेत्र के लिए 100 रुपये अग्रिम राशि मिलने लगी साहूकार भी दीर्घ अवधी के लिए ऋण देने को तैयार हो गए
प्रश्न - बंबई दक्कन में कौन सी राजस्व प्रणाली लागू की गई? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
जो राजस्व प्रणाली बम्बई दक्कन में लागू की गई उसे रैयतवाड़ी कहा जाता है। इस प्रणाली के अंतर्गत राजस्व की राशि सीधे रैयत के साथ तय की जाती थी। भिन्न-भिन्न प्रकार की भूमि से होने वाली औसत आय का अनुमान लगा लिया जाता था। रैयत की राजस्व अदा करने की क्षमता का आकलन कर लिया जाता था और सरकार के हिस्से के रूप में उसका एक अनुपात निर्धारित कर दिया जाता था। हर 30 साल के बाद जमीनों का फिर से सर्वेक्षण किया जाता था और राजस्व की दर तदनुसार बढ़ा दी जाती थी। इसलिए राजस्व की माँग अब स्थायी नहीं रही थी।
प्रश्न - 18वीं सदी के दौरान हल व कुदाल के बीच संघर्ष को पहाड़िया व संथालों के नजरिए से स्पष्ट कीजिए।
- पहाड़ी लोग राजमहल की पहाड़ियों में रहते थे और झूम खेती करते थे और कुदाल का प्रयोग करते थे
- लेकिन संथाल लोग स्थायी कृषि करते थे और हल का प्रयोग करते थे
- संथालो के आगमन से पहाड़ी लोगों को राजमहल की पहाड़ियों में भीतर की और जाकर बसना पड़ा
- अंग्रज अधिकारीयों ने संथालों को बढ़ावा दिया जिस कारन इन्होने जंगल को काटना शुरू कर दिया और इनका संघर्ष संथाल लोगों से हुआ
प्रश्न - पांचवी रिपोर्ट के सन्दर्भ में दिए गए सबूतों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
- ईस्ट इण्डिया के प्रशासन और क्रियाकलापों के विषय में पांचवी रिपोर्ट गयी थी
- इसमें रैयत और जमींदारों की अर्जियां पेश की गयी थी
- इसमें अलग अलग जिलों के कलेक्टर की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी
- राजस्व विवरण से सम्बंधित सांख्यिकीय तालिकाएँ
- अधिकारियों द्वारा लिखी गयी टिप्पणी
प्रश्न - इंग्लैंड में कम्पनी के क्रियाकलापों पर 1760 के दशक से ही बहुत बारीकी से नजर रखी जाती थी। ऐसा करने के पीछे क्या उद्देश्य थे?
उत्तर -
- ब्रिटेन के बहुत से समूहों द्वारा भारत तथा चीन के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी के एकाधिकार का विरोध ।
- निजी व्यापारियों की संख्या में बढ़ोत्तरी जो भारत के साथ व्यापार करने को इच्छुक ।
- ब्रिटेन के उद्योगपति ब्रिटिश विनिर्माताओं के लिए भारत का बाजार खुलवाने के लिए उत्सुक ।
- बंगाल पर मिली विजय का लाभ केवल ईस्ट इंडिया कम्पनी को सम्पूर्ण ब्रिटिश राष्ट्र को नहीं।
- कम्पनी द्वारा कुशासन और अव्यवस्थित प्रशासन ।
- कंपनी के अधिकारियों का लोभ-लालच और भ्रष्टाचार ।
- ब्रिटिश संसद में इन विषयों पर बहस ।
प्रश्न - ब्रिटिश भू-राजस्व नीतियों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
तीन प्रमुख भूराजस्व नीतियाँ स्थायी बंदोबस्त, रैयतवाडी, महालवाड़ी
स्थायी बन्दोबस्त -
1. 1793 में चार्ल्स कार्नवालिस द्वारा लागू किया गया।
2. स्थायी बन्दोबस्त (इस्तमरारी बन्दोबस्त) बंगाल, बिहार, उड़ीसा तथा वाराणसी में लागू।
जमींदार समाहर्ता के रूप में -
1. राजस्व मांग स्थाई तथा ऊँची दर।
2. जमींदारों द्वारा निर्धारित राजस्व राशि को गाँवों से इकट्ठा करना।
3. नियमित रूप से राजस्व राशि को कम्पनी को अदा करना।
4. समय पर लगान नहीं दिए जाने पर जमींदार की जमीन जब्त और नीलाम।
रैयतवाड़ी -
1. थॉमस मुनरो द्वारा 1820 में बम्बई दक्कन में लागू।
2. राजस्व की राशि सीधे रैयत के साथ तय।
3. रैयत को भू-स्वामित्व।
4. राजस्व की मांग चिरस्थायी नहीं।
महालवाड़ी -
1. उत्तर-पश्चिम भारत में लागू।
2. जमीन को महाल में बाँटा गया।
3. सम्पूर्ण महाल (गाँव) को एक इकाई माना गया।
4. गाँव के मुखिया द्वारा भू-राजस्व इकट्ठा किया जाना।
प्रश्न - भारत में रैयत समुदाय के जीवन पर अमेरिकी गृहयुद्ध का कैसा प्रभाव पड़ा ?
उत्तर -
- अमेरिका से ब्रिटेन आने वाले कच्चे माल में भारी गिरावट।
- भारत तथा अन्य देशों को ब्रिटेन कपास निर्यात करने का संदेश।
- बम्बई से कपास के सौदागरों द्वारा कपास पैदा करने वाले क्षेत्रों का दौरा ।
- कपास की कीमतों में उछाल ।
- कपास निर्यातकों द्वारा अधिक से अधिक कपास खरीदकर ब्रिटेन भेजना।
- शहरी साहुकारों को अधिक अग्रिम राशि दिया जाना ।
- कारण - साहुकार ग्रामीण ऋणदाताओं को राशि दे सकें।
- ग्रामीणों को ऋण आसानी से मिलना।
- दक्कन के इलाकों में रैयतों को अचानक असीमित ऋण उपलब्ध ।
- कपास के उत्पादन में तेजी।
- कुछ धनी किसानों को लाभ।
- अधिकांश किसानों का कर्ज के बोझ से और अधिक दब जाना।
प्रश्न - स्थायी बंदोबस्त किसके द्वारा लागू किया गया? इसकी मुख्य धाराओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर -
- स्थायी बन्दोबस्त अथवा इस्तमरारी बंदोबस्त लार्ड कार्नवालिस द्वारा 1793 में बंगाल में
- बंगाल के जमींदारों व ईस्ट इंडिया कम्पनी के मध्य कर वसूलने से सम्बंधित एक सहमति समझौता।
- जमींदारों को एक निश्चित राशि पर भूमि दी गई।
- जमींदार की मृत्यु के पश्चात उसके उत्तराधिकारी को भूमि का स्वामित्व प्राप्त।
- जमींदारों को तय की गई राशि को निश्चित समय सीमा के अन्दर कम्पनी को देना होता था।
- सूर्यास्त कानून के तहत यह राशि देय तिथि को सूर्यास्त से पहले जमा करनी पड़ती थी।
- जमा न किए जाने पर जमींदार की जमीन नीलाम।
- देय राशि की दरें निश्चित (स्थायी) व ऊँची जमींदार कम्पनी के समाहर्ता व किसान एक किरायेदार के रूप में।
- राजस्व की मांग निर्धारित किए जाने पर जमींदार में सुरक्षा का भाव, ऐसी कम्पनी की सोच ।
प्रश्न - दक्कन दंगा कमीशन की रिपोर्ट की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
उत्तर -
- दक्कन में विद्रोह के फैलने से अंग्रेज सरकार चिंतित ।
- बम्बई की सरकार पर विद्रोह के कारणों की छानबीन करने का दबाव ।
- कारणों की छानबीन के लिए आयोग का गठन ।
- आयोग द्वारा रिपोर्ट तैयार कर 1878 में ब्रिटिश पार्लियामेंट में पेश ।
- रिपोर्ट को दक्कन दंगा रिपोर्ट कहा गया।
- आयोग द्वारा दंगा पीड़ित जिलों की जाँच पड़ताल।
- रैयत वर्ग, साहूकारों व चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज ।
- अलग-अलग क्षेत्रों में राजस्व दरों, कीमतों और ब्याज के संदर्भ में आंकड़े इकट्ठे ।
- जिला कलक्टरों द्वार भेजी गई रिपोर्टों का संकलन।
- इन रिपोर्टों का अध्ययन आलोचनात्मक रूप से करने की आवश्यकता।
- रिपोर्ट सरकारी हैं और प्रशासन के नजरिए से लिखी गई हैं।
- ये रिपोर्ट सरकारी सरोकार और अर्थ प्रतिबिंबित करती हैं।
प्रश्न - संथाल लोग राजमहल की पहाड़ियों में आकर बसने लगे। इस संदर्भ में अंग्रेजों की प्रतिक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर -