विद्रोही और राज्य Important Short and Long Question History Class 12 Chapter - 10 vidrohee aur raajy
0Team Eklavyaदिसंबर 21, 2024
प्रश्न - 1857 के विद्रोह के प्रमुख कारण बताइए ?
उत्तर -
धार्मिक कारण
राजनैतिक कारण
आर्थिक कारण
सैन्य कारण
सामाजिक कारण
सामाजिक कारण
नस्लीय भेदभाव
भारतीय को नीच समझना
राजनैतिक कारण
सहायक संधि थोपना
भारतीय राजाओं का अपमान
तालुकदारों को कमजोर करना
आर्थिक कारण
भू राजस्व नीति
भारतीय उद्योगों को नष्ट करना
आर्थिक शोषण
नील की जबरन खेती
धार्मिक कारण
मिशनरियो द्वारा धर्म परिवर्तन
भारतीयों को ईसाई बनाना
सैन्य कारण
भारतीय सैनिक के साथ भेदभाव ,
चर्बी वाले कारतूस
वेतन
अवकाश
प्रश्न - 1857 के विद्रोह के असफलता के प्रमुख कारण बताइए ?
उत्तर -
सभी एक उद्देश्य न होना
एकता की कमी
संगठन की कमी
संसाधनों की कमी
ब्रिटिश सेना की ताकत
प्रश्न - सहायक संधि से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर -
सहायक संधि लॉर्ड वेलेज्ली द्वारा 1798 में तैयार की गई एक व्यवस्था थी अंग्रेजों के साथ यह संधि करने वालों को कुछ शर्ते माननी पड़ती थीं।
अंग्रेज अपने सहयोगी की बाहरी और आंतरिक चुनौतियों से रक्षा करेंगे
सहयोगी पक्ष के भूक्षेत्र में एक ब्रिटिश सैनिक टुकड़ी तैनात रहेगी
सहयोगी पक्ष को इस टुकड़ी के रख-रखाव की व्यवस्था करनी होगी
सहयोगी पक्ष न तो किसी और शासक के साथ संधि कर सकेगा और न ही अंग्रेजों की अनुमति के बिना किसी युद्ध में हिस्सा लेगा।
प्रश्न -तालुकदारों की सत्ता समाप्त होने से एक पूरी सामाजिक व्यवस्था कैसे भंग हो गयी थी ?
उत्तर -
ताल्लुक़दारों की सत्ता छिनने का नतीजा यह हुआ कि एक पूरी सामाजिक व्यवस्था भंग हो गई।
निष्ठा और संरक्षण के जिन बंधनों से किसान ताल्लुक़दारों के साथ बँधे हुए थे वे अस्त-व्यस्त हो गए।
अग्रेजों से पहले ताल्लुक़दार ही जनता का उत्पीड़न करते थे लेकिन जनता की नजर में बहुत सारे ताल्लुक़दार दयालु अभिभावक की छवि भी रखते थे।
वे किसानों से तरह-तरह के मदद में पैसा तो वसूलते थे लेकिन बुरे वक़्त में किसानों की मदद भी करते थे।
अब अंग्रेजों के राज में किसान मनमाने राजस्व आकलन और गैर-लचीली राजस्व व्यवस्था के तहत बुरी तरह पिसने लगे थे।
अब इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि कठिन वक़्त में या फ़सल खराब हो जाने पर सरकार राजस्व माँग में कोई कमी करेगी
प्रश्न - विद्रोहियों के बीच एकता स्थापित करने के कौनसे तरीके अपनाये जाते थे ?
उत्तर -
1857 में विद्रोहियों द्वारा जारी की गई घोषणाओं में, जाति और धर्म का भेद किए बिना, समाज के सभी वर्गों का आह्वान किया जाता था।
बहुत सारी घोषणाएँ मुस्लिम राजकुमारों या नवाबों की तरफ़ से या उनके नाम पर जारी की गई थी। परंतु उनमें भी हिंदुओं की भावनाओं का ख़याल रखा जाता था।
इस विद्रोह को एक ऐसे युद्ध के रूप में पेश किया जा रहा था जिसमें हिंदुओं और मुसलमानों, दोनों का नफा-नुकसान बराबर था।
प्रश्न - अंग्रेजों ने विद्रोह कुचलने के क्या तरीके अपनाये ?
उत्तर -
ब्रिटेन से सैन्य टुकड़ी बुलाई
विद्रोहियों को मौत की सजा देना शुरू किया
कलकत्ता और पंजाब से दोतरफा हमला किया
सैनिक ताकत का भयानक पैमाने पर इस्तेमाल
जमींदारों को लालच दिया
मार्शल लॉ लागू कर दिया
प्रश्न -1857 का विद्रोह मात्र एक सैनिक विद्रोह नहीं था बल्कि यह किसानों , जमींदारों , आदिवासियों और शासकों का विद्रोह था ?
उत्तर -
1857 के विद्रोह की शुरुआत एक सैन्य विद्रोह के रूप में हुई थी लेकिन बाद में यह एक जन आन्दोलन बन गया था
किसान , जमींदार , आदिवासी और शासक इस विद्रोह से जुड़ गए थे
सभी ने मिलकर इस आन्दोलन में अपना योगदान दिया
प्रश्न - 1857 के विद्रोह में अफवाहों और भविष्यवानियों का कितना योगदान था ?
उत्तर -
1857 के विद्रोह में अफवाहों और भविष्यवानियों का महत्वपूर्ण योगदान था
इस विद्रोह का तात्कालिक कारण – चर्बी लगे कारतूस की अफवाह थी
लोगों को लगने लगा था की अंग्रेज उन्हें ईसाई बना देंगे
प्रश्न - लोग अफवाहों पर विश्वास क्यों कर रहे थे ?
उत्तर -
धार्मिक संवेदनशीलता
अशिक्षा और जागरूकता की कमी
ब्रिटिश नीतियों के प्रति अविश्वास
प्रश्न -अवध में विद्रोह इतना व्यापक क्यों था ? किसान , तालुकदार और जमींदार उसमें क्यों शामिल हुए थे ? व्याख्या कीजिये ?
उत्तर -
अवध के नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजों ने यह कहते हुए गद्दी से हटा कर कलकत्ता निष्कासित कर दिया गया था कि वह अच्छी तरह शासन नहीं चला रहे थे। ब्रिटिश सरकार ने यह निराधार निष्कर्ष भी निकाल लिया कि वाजिद अली शाह लोकप्रिय नहीं थे।
अवध के अधिग्रहण से सिर्फ़ नवाब की ही गद्दी नहीं छिनी थी। इसने इलाके के ताल्लुक़दारों को भी लाचार कर दिया था। अवध के समूचे देहात में ताल्लुक़दारों की जागीरें और क़िले बिखरे हुए थे।
ये लोग पीढ़ियों से अपने इलाके में जमीन और सत्ता पर नियंत्रण रखते आए थे। अंग्रेजों के आने से पहले ताल्लुक़दारों के पास हथियारबंद सिपाही होते थे। उनके अपने क़िले थे अंग्रेज इन ताल्लुक़दारों की सत्ता को बरदाश्त करने के लिए कतई तैयार नहीं थे। अधिग्रहण के फौरन बाद ताल्लुक़दारों की सेनाएँ भंग कर दी गई। उनके दुर्ग ध्वस्त कर दिए गए। इसीलिए तालुकदार और जमींदार इस विद्रोह में शामिल हुए थे।
प्रश्न - 1857 के विद्रोह के बारे में चित्रों से क्या पता चलता है ? वर्णन कीजिये ?
उत्तर -
अंग्रेजों और भारतीयों द्वारा तैयार किए गए चित्र ब्रिदोह का एक महत्त्वपूर्ण रिकार्ड ।
विद्रोह से सम्बंध चित्र, पेंसिल से बने रेखांकन, उत्कीर्ण चित्र, पोस्टर, कार्टुन और बाजार प्रिंट उपलब्ध ।
अंग्रेजों द्वारा बनाई गई तस्वीरों का विभिन्न प्रकार की भावनाओं और प्रतिक्रियाएँ का पैदा करना।
अंग्रेजों को बचाने और विद्रोहियों को कुचलने वाले अंग्रेज नायकों का गुणगान ।
1859 में टॉमस जोन्स बार्कर, द्वारा बनाया गया चित्र 'रिलीफ ऑफ लखनऊ'
अखबारों में छपी खबरों का जनता की कल्पना और मनोदशा पर भारी असर ।
औरतों और बच्चों के साथ हुई हिंसा से ब्रिटेन का जनता में प्रतिशोध की मांग।
जोज़ेफ नोएल पेटेन का चित्र "इन मेमोरियम" ।
तमाम चित्रों में विद्रोहियों का दानवों के रूप में चित्रण।
असहाय औरतों को वीरता के साथ विद्रोहियों का मुकाबला करते हुए चित्रण।
कानपुर में सिपाहियों से अपनी रक्षा करती मिस व्हीलर का चित्र एक गहरे धार्मिक विचार को प्रस्तुत करता है।
ईसायत की रक्षा का संघर्ष ।
विद्रोह के हिंसक दमन और प्रतिशोध को आवश्यक और न्यायपूर्ण ठहराया जाना।
ब्रिटिश प्रेस में अनेक चित्रा और कार्टून विद्रोह के हिंसक दमन को मंजूरे प्रदान करते हुए।