प्रश्न - रोम साम्राज्य की विश्व को देन की विवेचना कीजिये ।
उत्तर -
- मजबूत सैनिक संगठन
- रोमन कानून
- राज्य प्रबंध की शिक्षा
- भवन निर्माण कला
- व्यापार
- शहरी जीवन
- साहित्य तथा दर्शन
- ईसाई धर्म का प्रचार
प्रश्न - सम्राट डायोक्लीशियन ने रोमन साम्राज्य में कौन से परिवर्तन किये थे ?
उत्तर -
- सम्राट डायोक्लीशियन ने रोमन साम्राज्य के विस्तार को कम किया
- साम्राज्य की सीमाओं पर किले का निर्माण करवाया
- प्रान्तों का पुनर्गठन किया
- सैनिक कार्यो से असैनिक कार्यों को अलग कर दिया
- सेनापतियों को अधिक अधिकार दिए
प्रश्न – रोमन साम्राज्य में दास प्रजनन क्यों शुरू किया ?
उत्तर -
- दास प्रजनन गुलामों की संख्या बढाने की एक ऐसी प्रथा थी
- जिसके अंर्तगत दासियों और उनके साथ मर्दों को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था
- उनके बच्चे भी आगे चलकर दास ही बनते थे
प्रश्न - रोमन साम्राज्य की सामाजिक विशेषताओं की विवेचना कीजिए
उत्तर -
- इतिहासकार टैसिटस ने प्रारम्भिक साम्राज्य के प्रमुख सामाजिक समूहों को निम्न वर्गों में बाँटा है
- सीनेटर, अश्वारोही वर्ग, जनता का सम्माननीय वर्ग, निम्नतम वर्ग
- सीनेटर की सदस्य संख्या लगभग 1000 थी तथा कुल सीनेटरों में लगभग आधे सीनेटर इतालवी परिवारों के थे
- सीनेटर और अश्वारोही एकीकृत होकर विस्तृत कुलीन वर्ग बन गए यह 'परवर्ती रोम कुलीन वर्ग अत्यधिक धनी थी
- मध्यम वर्गों में नौकरशाही और सेना की सेवा से जुड़े लोग और समृद्ध सौदागर और किसान भी शामिल थे
- सम्माननीय मध्यम वर्ग को सीनेट गृहों के आश्रितों के रूप में थे
- बड़ी संख्या में निम्र वर्गों के समूह थे इनमें ग्रामीण श्रमिक बल शामिल था
प्रश्न - रोम साम्राज्य के तीसरी शताब्दी के संकट की व्याख्या कीजिए।
उत्तर -
तीसरी शताब्दी का संकट रोमन साम्राज्य में हुई राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संकटों की एक ऐसी श्रृंखला थी जिसने साम्राज्य को अस्थिरता में ला दिया
1. सैन्य संकट
- साम्राज्य पर और उसकी सीमाओं पर बर्बर जनजातियों का लगातार हमला होता रहा
- 225 ई. में ससानी वंश के शापुर प्रथम नें 60,000 रोमन सेना को समाप्त कर दिया
- साम्राज्य के अंदर विद्रोह और गृहयुद्ध हुए जिससे सेना कमजोर हुई
2. राजनीतिक संकट
- इस समय कमजोर और अप्रभावी सम्राटों की श्रृंखला प्रारंभ हुई जो प्रसाशनिक व्यवस्था प्रभावी स्थिरता से चला नहीं पाए 47 वर्षों में 25 सम्राट सत्तासीन हुए।
3. आर्थिक संकट
- प्रसाशनिक अस्थिरता से राज्य में मुद्रास्फीति और कीमती धातुओं की कमी हुई जिससे सामाजिक अशांति पैदा हुई
4. सामाजिक संकट
- रोमन पारंपरिक मूल्य और संस्थान टूट गए व्यक्तिवाद में वृद्धि हुई सामाजिक पदानुक्रम गिर गया
प्रश्न - रोमन अर्थव्यवस्था को आधुनिक दर्शाने वाले अभिलक्षण कौन से थे?
उत्तर -
रोमन साम्राज्य का आर्थिक आधारभूत ढाँचा काफी मजबूत था इसके निम्न कारण थे –
- रोमन साम्राज्य में बंदरगाहों, खानों, खदानों, ईट भट्टों और जैतून के तेल की फैक्टरियों की संख्या काफी मात्रा में थी
- रोमन साम्राज्य का व्यापार काफ़ी विकसित था गेहूँ, अंगूरी शराब व जैतून का तेल प्रमुख व्यापारिक मदें थीं
- स्पेन, गैलिक प्रांतों, उत्तरी अफ्रीका, मिस्र तथा इटली से व्यापार होता था
- शराब, जैतून का तेल व अन्य तरल पदार्थों की ढुलाई मटकों या कंटेनरों द्वारा की जाती थी जिसे एम्फोरा कहते है
- स्पेन में उत्पादित जैतून का तेल मुख्य रूप से कंटेनरों में जाया करता था उन्हें ड्रेसल - 20 कहा जाता था
- गहन खेती की जाती थी उत्पादकता का स्तर बहुत अधिक ऊंचा था
- जल शक्ति से मीलें चलाने की प्रौद्योगिक का चलन था
- साम्राज्य में सुव्यवस्थित वाणिज्यिक तथा बैंकिंग व्यवस्था थी और धन का व्यापक रूप से प्रयोग होता था।
प्रश्न - सम्राट कान्स्टेनटाइन की मुख्य उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
- सम्राट कॉन्स्टेनटाइन का शासन 306 ई से 337 ई तक चला कॉन्स्टेनटाइन 306 ई. में एबोर्कम के सम्राट बना
- सम्राट के रूप में कॉन्स्टेनटाइनन ने साम्राज्य को मज़बूत करने के लिए कई प्रशासनिक, वित्तीय और सामाजिक कार्य में शासन का पुनर्गठन किया
- कॉन्स्टेनटाइन मौद्रिक क्षेत्र में नए परिवर्तन किए सॉलिडस (Solidus) नाम का एक नया सिक्का चलाया जो 4.5 ग्राम शुद्ध सोने का था
- कॉन्स्टेनटाइन दूसरी राजधानी कुस्तुनतुनिया का निर्माण कराया जो तीन ओर समुद्र से घिरी हुई थी
- कॉन्स्टेनटाइन "प्रथम ईसाई सम्राट" कहा जाता है।
प्रश्न - रोम साम्राज्य में दासों की स्थिति और महत्व का अवलोकन कीजिए।
उत्तर -
- रोमन कानून में दासों को संपत्ति माना जाता था , दासों को बाजार में खरीदा और बेचा जाता था
- दासों को पूँजी-निवेश के रूप में देखा जाता था
- रोमन अर्थव्यवस्था मे अधिकांश श्रम दासों द्वारा ही किया जाता था दास घरों, कृषि, खानों, सेना, कार्यशालाओं, निर्माण और कई सेवाओं में सेवा करते थे
- रोमन समाज में दास महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे गुलाम लोग शहर, ग्रामीण इलाकों, घरों और व्यवसायों में थे
- ऑगस्टस के शासनकाल में इटली की कुल 75 लाख की आबादी में 30 लाख दास थे
- उस समय ज़मींदारों को गुलामों का इस्तेमाल ऐसी जगह न करने की सलाह दी जाती थी जहा बड़ी संख्या में आवश्यकता हो या स्वास्थ्य को, मलेरिया जैसी बीमारियों से नुकसान पहुँचे
- दास कीमती थे उन्हें नुकसान होने पर हिसाब-किताब खराब हो सकता था
- उच्च वर्ग के लोग दासों के प्रति प्राय: क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते थे जबकि साधारण लोग अधिक सहानुभूति रखते थे
प्रश्न - रोमन साम्राज्य के पतन के कारणों का संक्षिप्त विवरण कीजिए।
उत्तर -
1. रोमन साम्राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त थी , जिससे सरकार कमजोर हो गई और प्रभावी ढंग से शासन करना मुश्किल हो गया।
2. रोमन अर्थव्यवस्था कृषि और व्यापार पर आधारित थी, लेकिन बढ़ती कराधान, मुद्रास्फीति और व्यापार में गिरावट के कारण तीसरी शताब्दी ईस्वी में इसमें गिरावट शुरू हो गई, सरकार ने अपनी मुद्रा का अवमूल्यन किया जिससे अर्थव्यवस्था में गिरावट हुई और व्यापार में नुकसान हुआ
3. रोमन साम्राज्य अपनी मजबूत सेना के लिए जाना जाता था, लेकिन संसाधनों की कमी और सेना भर्ती में गिरावट से यह कमजोर हो गयी साम्राज्य को जंगली जनजातियों के आक्रमण झेलना पड़ा जिससे साम्राज्य कमजोर हुआ
4. रोमन साम्राज्य अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता था, लेकिन शिक्षा, कला और साहित्य में गिरावट के कारण तीसरी शताब्दी ई.पू. में इसका पतन शुरू हो गया।
5. रोमन साम्राज्य अपने विशाल आकार और क्षेत्रीय विजय के लिए जाना जाता था, लेकिन इस अत्यधिक विस्तार ने इसके संसाधनों पर दबाव डाला और सैन्य खर्च में वृद्धि हुई जिससे राजस्व में भी गिरावट का सामना करना पड़ा।
प्रश्न - रोमन साम्राज्य के पतन के कारणों का संक्षिप्त विवरण कीजिए।
उत्तर -
1. रोमन साम्राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त थी , जिससे सरकार कमजोर हो गई और प्रभावी ढंग से शासन करना मुश्किल हो गया।
2. रोमन अर्थव्यवस्था कृषि और व्यापार पर आधारित थी, लेकिन बढ़ती कराधान, मुद्रास्फीति और व्यापार में गिरावट के कारण तीसरी शताब्दी ईस्वी में इसमें गिरावट शुरू हो गई, सरकार ने अपनी मुद्रा का अवमूल्यन किया जिससे अर्थव्यवस्था में गिरावट हुई और व्यापार में नुकसान हुआ
3. रोमन साम्राज्य अपनी मजबूत सेना के लिए जाना जाता था, लेकिन संसाधनों की कमी और सेना भर्ती में गिरावट से यह कमजोर हो गयी साम्राज्य को जंगली जनजातियों के आक्रमण झेलना पड़ा जिससे साम्राज्य कमजोर हुआ
4. रोमन साम्राज्य अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता था, लेकिन शिक्षा, कला और साहित्य में गिरावट के कारण तीसरी शताब्दी ई.पू. में इसका पतन शुरू हो गया।
5. रोमन साम्राज्य अपने विशाल आकार और क्षेत्रीय विजय के लिए जाना जाता था, लेकिन इस अत्यधिक विस्तार ने इसके संसाधनों पर दबाव डाला और सैन्य खर्च में वृद्धि हुई जिससे राजस्व में भी गिरावट का सामना करना पड़ा।