प्रश्न – मेसोपोटामिया का क्या अर्थ है I
उत्तर -
मेसोपोटामिया नाम यूनानी भाषा के दो शब्द मेसोस ( Mesos ) और पोटैमोस ( Potamos ) से मिलकर बना है
1. मेसोस का अर्थ - मध्य
2. पोटैमोस का अर्थ – नदी
इस प्रकार मेसोपोटामिया का अर्थ दो नदियों के बीच का क्षेत्र हुआ
प्रश्न – मेसोपोटामिया की सभ्यता किन दो नदियों के बीच विकसित हुई I
उत्तर -
दजला और फरत नदी के बीच का उपजाऊ क्षेत्र
प्रश्न – मेसोपोटामिया में पशुपालन के लिए प्रसिद्ध कौन से घास के मैदान थे ?
उत्तर -
स्टेपी घास के मैदान
प्रश्न – मेसोपोटामिया की लिपि क्या थी ?
उत्तर -
कीलाकार लिपि , इसमें सैकड़ो चिह्न थे
प्रश्न – मेसोपोटामिया के लोग किन वस्तुओं का निर्यात करते थे ?
उत्तर -
कपड़ा तथा कृषि से सम्बंधित उत्पाद
प्रश्न - शहरों का विकास केवल ग्रामीण समृद्धि के बल पर ही हुआ है मेसोपोटामिया के सन्दर्भ में समझाइए ।
उत्तर -
- शहरों की अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर नहीं होती है उन्हें नगर या गाँव के अन्य लोगों द्वारा उत्पन्न वस्तुओं या सेवाओं के लिए उन पर आश्रित होना पड़ता है।
- खाद्य सामग्री और अनाज के लिए शहरों के लोग , गाँवो पर निर्भर रहते है मेसोपोटामिया में पत्थर की मुद्रा बनाने वाले, पत्थरों पर उकेरने वाले, नक्काशी करने वाले उन्हें बाहर से मंगाते थे
- शहरी विनिर्माताओं के लिए ईंधन, धातु, विभिन्न प्रकार के पत्थर, लकड़ी आदि जरूरी चीजें भिन्न-भिन्न जगहों से आती हैं।
प्रश्न - श्रम विभाजन किस प्रकार शहरी जीवन की विशेषता था ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
- श्रम विभाजन का अर्थ है विभिन्न लोगों के पास विभिन्न व्यवसाय
- मेसोपोटामिया में राजा सामाजिक पदानुक्रम में शीर्ष पर थे
- प्राचीन मेसोपोटामिया में धर्म की मान्यता थी इसलिए पुजारियों का उच्च वर्ग में होना समझ में आता था
- वस्तु-विनिमय हमेशा समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा इसमें व्यापारी थे जो अपनी जीविका चलाने के लिए वस्तुओं का व्यापार करते थे।
- उसके बाद किसान और मजदूर वे उत्पाद के पेश से जुड़े थे इससे कम लाभ होता था
- सबसे नीचे गुलाम थे
प्रश्न - मारी एक शहरी केन्द्र एवं व्यापारिक स्थल था, उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
- मारी नगर एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल पर स्थित था इसलिए यह व्यापार के बल पर समृद्ध हुआ
- मारी नगर से लकड़ी, तांबा, रांगा, तेल, मदिरा और अन्य कई किस्मों का माल नावों से लाया और ले जाया जाता था
- व्यापार फरात नदी के रास्ते दक्षिण और तुर्की, सीरिया और लेबनान के ऊँचे इलाकों के बीच तक होता था
- दक्षिणी नगरों को पिसाई के पत्थर, चक्कियों, लकड़ी और शराब तथा तेल के पीपे ले जाने वाले जलपोत मारी में रुका करते थे।
- मारी से निकलने वाले जलपोतो को 10 प्रतिशत प्रभार वसूल देना पड़ता था
प्रश्न - मेसोपोटामिया में लेखन कला के विकास को साक्ष्यों के आधार पर समझाइए ।
उत्तर -
- मेसोपोटामिया मे प्राप्त लिखी पट्टिकाएँ लगभग 3200 ई० पू० की हैं।
- मेसोपोटामिया के दक्षिणी शहर उरुक के मंदिरों से बैलों, मछलियों और रोटियों आदि की लगभग पाँच हजार सूचियाँ प्राप्त हुईं जो बाहर और अंदरूनी लेन-देन के हो सकती है
- लेखन कार्य समाज को अपने लेन-देन का स्थायी हिसाब रखने की आवश्यकता के कारण करना पड़ा होगा
- मेसोपोटामिया के लोग मिट्टी की पट्टिकाओं पर लिखते थे जिसे चिकनी मिट्टी को गीला कर गूंधकर और थापकर पट्टी का रूप देते थे ताकि हाथ में पकड़ा जा सके
- सतह को चिकना बना कर, सरकण्डे की तीली की तीखी नोक से नम चिकनी सतह पर कीलाकार चिह्न बना दिए जाते थे पट्टिकाएँ धूप में सूख कर पक्की हो जाती थी तो सावधानीपूर्वक रख दी जाती थी
- लगभग 2600 ई० पू० के आस-पास वर्ण कीलाकार हो गए और भाषा सुमेरियन थी लेखन का प्रयोग शब्दकोष बनाने, भूमि के हस्तांतरण को कानूनी मान्यता प्रदान करने, राजाओं के कार्यों का वर्णन करने, कानून में उन परिवर्तनों को प्रकट करने के लिए, सुमेरियन का स्थानं, 2400 ई० पू० के पश्चात् धीरे-धीरे अक्कादी भाषा ने ले लिया
प्रश्न - खानाबदोश पशुचारक शहरी जीवन के लिए खतरा थे। तर्क देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
- मेसोपोटामिया में पश्चिमी मरुस्थल से यायावर समूहों के कई झुंड इसके उपजाऊ एवं संपन्न मुख्य भूमि प्रदेश में आते रहते थे।
- गड़रिये कई बार भेड़-बकरियों को पानी पिलाने के लिए बोए गए खेतों से गुजर जाते थे जिससे किसान की फसल को हानि पहुँचती थी
- खानाबदोश गड़रिये कई बार किसानों के गाँवों पर हमला बोल उनके अनाज और धन को लूट लेते थे
- पशुचारकों को राज्य में चलने फिरने की तो अनुमति थी और उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाती थी।
प्रश्न - मेसोपोटामिया के बहुत कम लोग साक्षर थे, स्पष्ट कीजिए मेसोपोटामिया के बहुत कम लोग पढ़ और लिख सकते थे।
उत्तर -
- उनकी भाषा में न केवल प्रतीकों या चिह्नों की संख्या सैकड़ों में थी उनको समझना भी काफी जटिल कार्य था।
- गीली पट्टियों पर लिखना आसान भी नहीं था इसीलिए विशेष वर्ग के लोग ही साक्षर थे
- इसी कारण मेसोपोटामिया में साक्षरता का स्तर बहुत कम देखने को मिलता था।