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भारत के विदेशी सम्बन्ध Notes in hindi Chapter 4 Political Science class 12 Book 2 India’s external relations


 Chapter - 4 


 भारत के विदेशी सम्बन्ध 


स अध्याय में हम भारत की विदेश निति के बारे में जानेगे किस तरह आजादी के बाद भारत ने अपनी विदेश निति बनाई जिसमे महत्वपूर्ण योगदान रहा पंडित जवाहर लाला नेहरु का साथ ही भारत ने शीतयुद्ध के दौर में  तत्कालीन परिस्थितयो में किस तरह भारत ने  दो गुटों से अलग रह नए देशो को एक नया गुटनिरपेक्षता का रास्ता दिखाया। भारत के पडोसी देश चीन और पाकिस्तान के संबंधो को समझेंगे और भारत की परमाणु निति के बारे में भी  जानेगे।


विदेश सम्बन्ध से क्या अभिप्राय है

1. विदेश नीति

  • कोई देश अपने पड़ोसी देशों तथा दूर के देशों से कैसे संबंध रखता है इससे उसकी विदेश नीति का पता लगता है।
  • किसी देश की विदेश नीति दूसरे देशों के साथ आर्थिक, सामाजिक राजनैतिक, सैनिक संबंधों से संबंधित है।
  • भारत ने अपनी विदेश नीति में सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान तथा शांति कायम करके अपनी सुरक्षा प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।


2. नेहरु की विदेश निति के मुख्या तत्व

  • कठिन संघर्ष से प्राप्त संप्रभुता को बचाए रखना।
  • क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखना।
  • तेज रफ्तार से आर्थिक विकास करना।


3. भारत की विदेश नीति के मूल सिधांत

  • समाजिक, आर्थिक, राजनैतिक विकास।
  • गुटनिरपेक्षता की नीति।
  • पंचशील समझोता।
  • साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद का विरोध।
  • विश्व शांति के लिए प्रयास।
  • लोकतंत्र का सम्मान।
  • मानवाधिकारों का सम्मान।
  • विभिन्न देशो के बीच शान्ति, मित्रता बढ़ाना।


4. गुटनिरपेक्षता की नीति

  • दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सारी दुनिया दो खेमों में बंट गई थी एक खेमा अमेरिका का था दूसरा खेमा सो. संघ का था।
  • ऐसे में भारत ने अपने को दोनों गुटों से अलग रखा।
  • भारत में गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाई।


5. भारत की विदेश नीति

  • भारत और भारतीय लोगो के संबंध आजादी के पूर्व से ही अच्छे रहे थे। 
  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने इंडियन नेशनल आर्मी ( INA – INDIAN NATIONAL ARMY ) का गठन किया विदेश में ही किया था। 
  • भारत की आज़ादी के समय पूरा विश्व शीतयुद्ध के दौर में था और पूरी दुनिया दो खेमो में बाटी थी आजाद भारत की विदेश नीति में शांतिपूर्ण विश्व का सपना था इसलिए भारत ने दोनों खेमे से दूरी बनाई थी।
  • भारत ने अपने आप को उस समय के सैनीक गुट नाटो ( अमेरिका का ) और वारसा संगठन ( सोवियत संघ ) से दूर रखा।
  • भारत ने हमेसा से विभिन्न देशो के बीच समझौंता करने का प्रयास किया।


6. भारत की विदेश नीति की कमियां 

  • पाकिस्तान अमेरिका के ज्यादा करीब आ गया था भारत सोवियत संघ का अच्छा दोस्त था।
  • इसलिए अमेरिका से भारत के संबंधो में खटास पैदा हुई। 
  • 1956 में ब्रिटेन ने मिस्र पर आक्रमण कियाभारत ने इसका विरोध किया।
  • सोवियत संघ ने हंगरी पर आक्रमण कियाभारत ने इसका विरोध नहीं किया।


एफ्रोएशियाई समझौता 

  • नेहरू के दौर में भारत ने अफ्रीका तथा एशिया के देशों के साथ संपर्क बनाया
  • 1950 के दशक में नेहरू ने एशियाई एकता की पैरोंकारी की
  • 1947 में मार्च महीने में एशियाई संबंध सम्मेलन आयोजन किया
  • भारत ने इंडोनेशिया की आजादी के लिए प्रयास किया
  • भारत औपनिवेशीकरण का प्रबल विरोधी था
  • इंडोनेशिया के शहर बांडुंग में 1955 में एफ्रो - एशियाई सम्मेलन हुआ इसे बांडुंग सम्मेलन कहा जाता है
  • इसी सम्मेलन में गुटनिरपेक्षता की नीति की नींव डाली


अन्य राष्ट्रों के साथ भारत के बदलते संबंध 

चीन (China )    

  • चीन भारत का पड़ोसी देश है।
  • चीन एक बड़े क्षेत्रफल वाला देश है।
  • चीन की आबादी विश्व में सबसे अधिक है।
  • भारत की आबादी विश्व में दूसरे नंबर पर हैं।
  • भारत और चीन के बीच में कुछ विवादित मुद्दे भी हैं।


1. भारत और चीन के सम्बन्ध

  • चीनी क्रान्ति -1949 में हुई और भारत चीन की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता देदे वाले शुरुआती देशो में से था।
  • भारत ने चीन के साथ अपने रिश्ते की शुरुआत दोस्ताना ढंग से की नेहरु के मन में इस देश के प्रति गहरे भाव थे।
  • हलाकि सरदार पटेल को आशंका थी की चीन भारत पर हमला कर सकता है परन्तु नेहरु का मानना था की इसकी सम्भावना नहीं है।
  • नेहरु ने सीमा पर सेना की बजाय अर्ध सेना बल तैनात किया।


2. पंचशील समझोता

भारत और चीन के बीच पंचशील समझोता 29 अप्रैल 1954 को हुआ। इस समझोते में भारत की तरफ से नेहरु जी और चीन की तरफ से चाऊ एन लाई थे।

इसमें पांच बातो पर सहमती की गयी :-


1. एक दुसरे के विरुद्ध युद्ध न करना।

2. एक दुसरे के आन्तरिक मामलो में हस्तक्षेप न करना।

3. एक दुसरे की क्षेत्रीय अखंडता का आदर करना।

4. समानता और परस्पर मित्रता की भावना।

5. शांतिपूर्ण सह -अस्तितित्व।


3. भारत चीन विवाद 

  • चीन ने 1950 में तिब्बत पर कब्जा कर लिया.
  • प्रारंभ में भारत ने इसका खुलकर विरोध नहीं किया। 
  • चीन के द्वारा तिब्बत की संस्कृति को कुचला गया। 
  • चीन ने तिब्बत में चीनियों को बसाना शुरू कर दिया। 
  • ऐसे में तिब्बत के धार्मिक नेता दलाई लामा ने 1959 में भारत में शरण मांगी.भारत ने दलाई लामा को शरण दी। 
  • चीन ने इसका विरोध किया चीन ने कहा कि भारत उसके अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी कर रहा है जोकि पंचशील समझौते के खिलाफ है। 
  • इसी समय भारत और चीन के बीच सीमा विवाद  है भी शुरू हुआ जो क्षेत्रो को ले के था। 

1. जम्मू कश्मीर ( लद्दाख )

2. अरुणाचल प्रदेश ( नेफा )


4. चीन का आक्रमण -1962

  • चीन ने 1962 में भारत पर हमला कर दिय, भारत इसके लिए तैयार नहीं था जिसके चलते भारत की हर हुई।  
  • इससे देश की विदेश नीति को गहरा धक्का लगा। 
  • भारत को अमेरिका और ब्रिटेन से मदद मांगनी  पड़ी सोवियत संघ तटस्थ रहा। 
  • हर के कारण सैन्य कमांडरों ने इस्तीफा दे दिया रक्षा मंत्री वीके कृष्ण मैनन ने मंत्रिमंडल छोड़ दिया। 
  • नेहरू की छवि धूमिल हो गई पहली बार सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। 


5. भारत चीन सम्बन्ध में सुधार 

  • 1962 के युद्ध के बाद भारत-चीन संबंध में सुधर होने में लम्बा से लगा 1976 में राजनयिक संबंध बहाल करने की शुरुआत हुई 
  • 1979 में श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विदेश मंत्री तथा श्री राजीव गांधी ने 1988 में प्रधानमंत्री के तौर पर यात्रा की परन्तु यह ज्यादा जोर व्यापारिक संबंधों को बहाल करने पर रहा  
  • 2003 में भी अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के तौर पर चीन की यात्रा की और पुराने व्यापार के रास्तो को खोलने पर सहमती जतायी जिसमे सिल्क रूट मुख था साथ ही चीन ने सिक्किम को भारत का अंग माना 
  • 1988 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने चीन की यात्रा की जिसमे कुछ समझौते किए 

1. दोनों देशों ने सांस्कृतिक आदान प्रदान।

2. तकनीक के क्षेत्र में सहयोग।

3. व्यापार के लिए सीमा पर चार पोस्ट खोलना।

  • 1999 से द्विपक्षीय व्यापार 30 फीसदी सालाना की दर से बढ़ा
  • विदेशों में ऊर्जा सौदा हासिल करने के मामलों में सहयोग
  • विश्व व्यापार संगठन जैसे अन्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठनों के संबंध में एक जैसी नीतियाँ 


पाकिस्तान  ( Pakistan )    

1. आजादी के बाद के संबंध

  • पाकिस्तान 14 अगस्त 1947 को भारत के साथ ही आजाद हुआ 
  • पाकिस्तान और भारत के संबंध शुरू से ही तनाव भरे रहे है।
  • 1947 में पाकिस्तान और भारत में कश्मीर मुद्दे पर युद्ध हुआ
  • पाकिस्तान ने कश्मीर के एक बड़े भाग पर जबरदस्ती कब्ज़ा कर लिया
  • 1965 में पाकिस्तान और भारत में एक बार फिर युद्ध  हुआ उस समय लाल बहादुर शास्त्री  प्रधानमंत्री थे इस समय सेना लाहौर के नजदीक तक पहुँच गई थी
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप से युद्ध रुका 1966 में ताशकंद समझौता भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खां मध्य हुआ 


2 . बांग्लादेश संकट ( 1971 )

  • 1970 में पाकिस्तान में पहले आम चुनाव हुए पकिस्तान दो भागो में बंटा था पूर्वी और पचिमी पाकिस्तान
  • पश्चिमी पाकिस्तान में पीपीपी के जुल्फिकार अली भुट्टो को बहुमत मिला जबकि पूर्वी पाकिस्तान शेख मुजीबुर्रहमान की अवामी लीग को
  • दोनों भागों में संस्कृति एवं भाषा को लेकर गंभीर मतभेद थे जिसके कारण आम सहमती नहीं बन पाई पूर्वी लोगो की अनदेखी करने पर शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में विद्रोह शुरू हो गया 
  • शेख मुजीब गिरफ्तार कर लिए गया और पश्चिमी पाकिस्तान द्वारा जनता का  दमन किया जाने लगा जिससे 80 लाख वाग्लादेशी शरणार्थी भारत में घुस आए 
  • भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने उस समय इस मुक्ति संग्राम में बांग्लादेश को नैतिक एवं भौतिक समर्थन दिया।
  • 1971 में पाकिस्तान  ने चीन तथा अमेरिका से मदद मांगी जिसके चलते इंदिरा गांधी ने सोवियत संघ से 20 वर्षीय मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए 
  • 1971 में पाकिस्तान से भारत का युद्ध हुआ जिसका अंत  बांग्लादेश नामक एक नये देश के साथ हुआ पाकिस्तानी 90,000 सैनिको ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया
  • 1972 में भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी और पाकिस्तान की ओर से जुल्फिकार अली भुट्टो के मध्य शिमला समझौता हुआ


3. भारत और पाकिस्तान के मध्य विवाद

1. सरकीक रेखा विवाद

2. सियाचिन ग्लेशियर विवाद

3. कश्मीर विवाद

4. पाकिस्तान द्वारा कश्मीरी उग्रवादियों को हथियार, प्रशिक्षण और धन देना

5. खुफिया एजेंसी (ISI) का  बांग्लादेश और नेपाल से पूर्वोत्तर भारत में भारत विरोधी अभियान चलाना

6. आतंकवादियों को सुरक्षा प्रदान करना 


भारत की परमाणु नीति का आरम्भ

  • भारत ने 1974 मई में परमाणु परीक्षण किया
  • नेहरू ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर विश्वास जताया
  • भारत के परमाणु नीति की शुरुआत 1940 के दशक के अंतिम सालों में होमी जहांगीर भाभा के नेतृत्व में हो चुकी थी
  • भारत शांतिपूर्ण उद्देश्यों तथा आत्म रक्षा के लिए अणु ऊर्जा बनाना चाहता था
  • सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों ने दुनिया के देशों पर 1968 में परमाणु अप्रसार संधि को थोपना चाहा
  • भारत ने संधि का विरोध किया यह संधि भेदभावपूर्ण थी
  • 1973 में अरब- इजरायल युद्ध हुआ इसके बाद पूरे विश्व में तेल के लिए हाहाकार मचा
  • भारत में भी महंगाई बढ़ी और आर्थिक संकट सामने आए


भारत की परमाणु नीति

1. भारत अपनी आत्म रक्षा के लिए परमाणु हथियार रखेगा.

2. इन हथियारों का प्रयोग पहले नहीं करेगा.

3. परमाणु अप्रसार संधि का विरोध.

4. शान्ति उद्देश्यों के लिए अणु शक्ति बनायीं.

5. निरस्त्रीकरण के लिए भारत तैयार.



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