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MID-TERM EXAMINATION (2025-26) CLASS : XII SUBJECT : HINDI (ELECTIVE) (002)

 

MID-TERM EXAMINATION (2025-26) CLASS : XII SUBJECT : HINDI (ELECTIVE) (002)


MORNING SHIFT


MID-TERM EXAMINATION (2025-26)

CLASS: XII

SUBJECT: HINDI (ELECTIVE) (002)


Time Allowed: 3 hours

Maximum Marks: 80

समय: 3 घंटे

अधिकतम अंक : 80


सामान्य निर्देशः

निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका सख्ती से अनुपालन कीजिए :

(i) इस प्रश्नपत्र में प्रश्नों की संख्या 13 है।

(ii) इस प्रश्नपत्र में तीन खंड हैं खंड 'क', 'ख' और 'ग'

(iii) तीनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।

(iv) दिए गये निर्देशों का पालन करते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

(v) यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।


खंड-'क'

(अपठित बोध)


प्र.1 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -

बारिश के बाद जब मिट्टी भीगती है, तो जीवन सिर उठाने लगता है। हर ओर हरियाली की चादर बिछ जाती है। लेकिन, जरूरी नहीं कि हर हरी चीज अच्छी हो। उसी हरियाली में चुपचाप पनपती है खर-पतवार-अनचाही और तेजी से फैलने वाली। धीरे- धीरे वह मिट्टी पर अपना कब्ज्ञा जमा लेती है। बागवानी में इसे समय रहते हटाना बड़ा जरूरी है, वरना यह अच्छे पौधों का पोषण और जगह दोनों छीन लेती है। खर-पतवार हटाना। सिर्फ बागवानी का हिस्सा नहीं, बल्कि यह ऐसा सबक है, जिससे आगे बढ़ने की प्रेरणा और खुशी मिलती है। यह काम जितना महत्वपूर्ण उद्यान में है, उतना ही हमारे मन की जमीन पर भी।

खरपतवार की जड़ें मिट्टी में गहरी होती हैं। वह इंतजार करती है बस ऐसे मौके का, जब वह फूलों के हिस्से की धूप, पानी व हवा चुरा सके। जीवन में भी ऐसे ही कई अनचाहे तत्व होते हैं नकारात्मक सोच, बुरी आदतें, थकाऊ रिश्ते या ऐसे लोग जो धीरे-धीरे हमारी ऊर्जा शांति व संभावनाओं की जगह घेर लेते हैं। इनकी जड़ें भी गहरी होती हैं। खरपतवार की भाँति इनकी भी सफाई भीतर से करनी पड़ती है।

स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि जब फूल खिलते हैं, तो मधुमक्खियाँ बिन बुलाए आ जाती हैं। यही है सच्चाई सुख के साथ दुख, खुशी के साथ गम बँधे हुए हैं। अच्छी बातों के लिए हमेशा मेहनत करनी पड़ती है, जबकि बुराई यूँ ही गले पड़ जाती है। फूल का हर पौधा समर्पण चाहता है, परिश्रम चाहता है पर खरपतवार को चाहिए थोड़ी सी लापरवाही। ये दिखती कमजोर-सी है, लाचार, लेकिन इनकी असलियत हमेशा छिपी रहती है। इनको हटाकर हम बोझ कम कर सकते है, आपने बगीचे का, मनपंसद फूल-पत्तियों वाले पौधों का और ठीक इसी तरह से अपने मन का, पसंदीदा रिश्तों का भी।

(i) लेख में खरपतवार को किसका प्रतीक माना गया है-

(A) थकान भरे रिश्तों का

(B) सकारात्मक तत्वों का

(C) हरियाली का

(D) नकारात्मक तत्वों का


(ii) 'जीवन सिर उठाने लगता है' पंक्ति के संदर्भ में सिर उठाने का तात्पर्य है -

(A) जीवन का पनपना

(B) विद्रोह का स्वर बुलंद करना

(C) जीवन पर कब्जा जमाना

(D) सिर ऊँचा करना


(iii) बागवानी में खरपतवार हटाना क्यों जरूरी है?

(A) यह बागवानी का मनचाहा हिस्सा है।

(B) यह मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक है।

(C) यह अच्छे पौधों को पोषण व उनके स्थान से दूर कर देता है।

(D) यह केवल फूलों को नुकसान पहुँचाता है।


(iv) बागवानी का खरपतवार व जीवन का खरपतवार हटाकर किसका बोझ कम किया जा सकता है?

उत्तर-

 - बागवानी में मनपसंद फूल-पत्तियों वाले पौधों का बोझ कम।

- जीवन में मन का, अपने पसंदीदा रिश्तों का बोझ कम।


(v) स्वामी रामकृष्ण परमहंस के अनुसार "जब फूल खिलते हैं, तो मधुमक्खियाँ बिन बुलाए आ जाती हैं" पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

 - जीवन में सुख अपना सकारात्मकता के साथ अनचाहे दुखो नकारात्मकता का आना।

- सुख-दुख/खुशी-गम का एक दूसरे से जुड़ा होना।


(vi) बागवानी में खरपतवार हटाने के साथ-साथ मन की जमीन की सफाई क्यों आवश्यक है?

उत्तर-

नकारात्मक तत्वों का हमारी ऊर्जा, शांति व संभावनाओं को कम कर देना।

- इनकी सफाई द्वारा मन का शांत व सकारात्मक होना।

- वास्तविक आनंद की प्राप्ति।

(कोई दो बिंदु)


(vii) आपके मन को बागवानी में कौन-कौन से खपतवार अपनी जड़े जमाकर आपको आगे बढ़ने से रोकते हैं? आप उन्हें कैसे हटा सकते है?

उत्तर-

- मुक्त प्रश्न

- (विद्यार्थियों के निजी अनुभव व सोच पर आधारित तर्कपूर्ण व विचारसम्मत उत्तर स्वीकार्य)


प्र.2 निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए

यह कच्ची

कमजोर सूत-सी नींद नहीं

जो अपने आप टूटती है

रोज-रोज की दारूण विपत्तियाँ हैं

जो आँखें खोल देती हैं अचानक

सुनो, बहुत बहुत चुपचाप पाँवों से

चला आता है कोई दुःख

पलकें छूने के लिए

सीने के भीतर आने वाले

कुछ अकेले दिनों तक

पैठ जाने के लिए

मैं एक अकेला

थका-हारा कवि

कुछ भी नहीं हूँ अकेला

मेरी छोड़ी गई अधूरी लड़ाइयाँ

मुझे और थका देंगी

सुनो, यही था मैं

अपनी थकान, निराशा, क्रोध

आँसुओं, अकेलेपन और

एकाध छोटी-मोटी

खुशियों के साथ

अब सिर्फ मैं नहीं था अकेला

अपने जागने में

चलने के पहले

एक वार और पुकारो मुझे

मैं तुम्हारे साथ हूँ

तुम्हारी पुकार की उँगलियाँ थाम कर

चलता चला आऊँगा

तुम्हारे पीछे-पीछे

अपने पिछले अँधेरों को पार करता


(i) प्रस्तुत काव्यांश में कवि की नींद टूट जाती है -

(A) काम की थकान के कारण

(B) अलार्म घड़ी के बजने पर

(C) जीवन की गहन मुसीबतों द्वारा

(D) बादलों की गड़गड़ाहट से


(ii) कविता के केन्द्रीय भाव को दर्शाने वाले कथन है/हैं -

(1) कवि केवल अपनी निजी विफलताओं की बात करता है।

(II) कवि दर्द और संघर्ष को सामूहिक मानकर अन्य लोगों के दुख से जुड़ता है।

(III) जीवन की विपत्तियाँ उसकी शारीरिक और मानसिक थकावट को दर्शाती हैं।

(A) केवल (I)

(B) केवल (II)

(C) (I) व (II) दोनों ही

(D) (II) व (III) दोनों ही


(iii) काव्यांश में 'थका हारा कवि' कविता प्रतीक है?

(A) सुख साधन संपन्न व्यक्ति

(B) संघर्षी एवं संवेदनशील व्यक्ति

(C) जीवन यथार्थ से दूर होता व्यक्ति

(D) प्रेम में डूबा व्यक्ति


(iv) कविता के अन्त में कवि दूसरों से क्या अपेक्षा रखता है?

उत्तर-

- दूसरों द्वारा पुकारा जाना।

- सहयोग की पुकार।

- साथी की जरूरत।

- मिलकर साथ चलने से दुखों का अंत संभव।

(कोई एक बिंदु)


(v) 'चलने के पहले एक बार और पुकारो मुझे' काव्यांश द्वारा किस भावना का प्रदर्शन कवि द्वारा किया जा रहा है?

उत्तर-

- दूसरों से जुड़ने की आकांक्षा

- साथ चलने को तैयार

- अकेलेपन से दूर होना

- अन्य लोगों के दर्द से जुड़ना

(कोई दो बिंदु)


(vi) 'अब सिर्फ मैं नहीं था अकेला, अपने जागने में' पंक्तियों द्वारा किस प्रकार आत्मीय दुख को सामाजिक अनुभव से जोड़कर दूर किया जा सकता है? अपने अनुभवों के आधार पर लिखिए।

उत्तर-

- मुक्त उत्तर

- दुख व संघर्षों का केवल निजी अनुभव न होकर सामूहिक अनुभव होना।

- अन्य लोगों के दर्द से जुड़कर दुख की अनुभूति में कमी होना।

(विद्यार्थियों के अनुभवयुक्त अन्य विचार भी स्वीकार्य .....)


खंड-'ख'

(अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक पर आधारित)


प्र.3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-


(क) राकेश और सीमा भ्रष्टाचार, अनियमितताओं एवं गड़बड़ियों को उजागर करने हेतु कौन-सी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे? (शब्द सीमा लगभग 20 शब्द)

उत्तर-

खोजी रिपोर्ट


(ख) 'संपादक के नाम पत्र' नामक स्थायी स्तंभ पाठकों के लिए महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है? स्पष्ट कीजिए। (शब्द सीमा लगभग 40 शब्द)

उत्तर-

- पाठकों का अपना स्तंभ।

- विभिन्न मुद्दों पर राय व्यक्त करना।

- जनहित की समस्याएँ उठाना।


(ग) प्रिंट माध्यम की दो खूबियाँ लिखिए। (शब्द सीमा - लगभग 40 शब्द)

उत्तर-

प्रिंट माध्यम खूबियाँ-

- स्थायित्व

- लिखित भाषा का विस्तार

- चिंतन, विचार, विश्लेषण का माध्यम।


प्र.4 निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दो में लिखिए :


(क) "फीचर आमतौर पर तथ्यों, सूचनाओं और विचारों पर आधारित कथात्मक विवरण व विश्लेषण होता है।" कथन के आलोक में फीचर की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- सुव्यवस्थित, सृजनात्मक, आत्मनिष्ठ लेखन

- पाठकों को सूचना देना, शिक्षित करना और मनोरंजन करना-उद्देश्य

- कोई शब्द सीमा नहीं (200 से 2000 तक हो सकता)

- लेखन की कल्पना व विचारों को स्थान मिलना

- फीचर, फोटो, ग्राफिक्स अनिवार्य आदि।


(ख) समाचार लेखन के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पत्रकारों एवं उनके कार्यों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-

- पूर्णकालिक पत्रकार नियमित वेतनभोगी। पूरे समय काम करना।

- अशंकालिक पत्रकार संगठन के लिए निश्चित मानदेय पर काम करने वाला।

- फ्रीलांसर पत्रकार किसी खास अखबार से संबंध न होना। भुगतान के आधार पर अलग-अलग अखबारों के लिए लिखना।


(ग) 'उल्टा पिरामिड शैली में किसी घटना/विचार/समस्या का ब्यौरा कालानुक्रम के बजाय क्लाइमैक्स से प्रारम्भ होता है।' कथन के सन्दर्भ में उल्टा पिरामिड शैली की संरचना स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- तीन हिस्सों में विभाजन

- इंट्रो मुखड़ा (ख़बर के मूल तत्व को शुरू की दो या तीन पक्तियों में देना)

प्रस्तुति)

- बॉडी - समाचार के विस्तृत हिस्से को घटते महत्वक्रम में लिखना।

- समापन - प्रासंगिक तथ्य और सूचनाओं का दिया जाना।


प्र.5 निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए :


(क) विद्यालयी मंच पर मेरी प्रथम अभिव्यक्ति

उत्तर-

विषयवस्तु - 3 अंक

भाषा - 1 अंक

प्रस्तुति - 1 अंक


(ख) कामकाजी अभिभावक पिसता बचपन

उत्तर-

विषयवस्तु - 3 अंक

भाषा - 1 अंक

प्रस्तुति - 1 अंक


(ग) पर्यावरण संरक्षण में मेरे मित्रों/सहेलियों की भूमिका

उत्तर-

विषयवस्तु - 3 अंक

भाषा - 1 अंक

प्रस्तुति - 1 अंक


प्र.6 निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए :


(क) 'कविता को इन्द्रियों से पकड़ने में बिंब सहायक हैं। कथन के सन्दर्भ में बिंब का महत्व उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- इन्द्रियों के माध्यम से दुनिया को जानना।

- बाह्य संवेदनाओं का मन के स्तर पर बिंब में बदल जाना।

- स्मृति-चित्र का शब्दों के सहारे बिंब निर्माण।

- दृश्य बिंब अधिक बोधगम्य

- बिंब द्वारा कविता में आकर्षण

- प्राकृतिक दृश्यों को सजीव व चेतन बिंब से कविता का प्रभावशाली होना आदि।


(ख) 'नाटककार को रचनाकार के साथ-साथ एक कुशल संपादक भी होना चाहिए'। आप इस कथन को कहाँ तक उचित समझते हैं? कारण सहित उल्लेख कीजिए।

उत्तर-

- कथ्य नाटक का अभिन्न अंग

- कथ्य को कहानी रूप में किसी शिल्प, फार्म व संरचना के भीतर पिरोना

- नाटककार को शिल्प या संरचना की पूरी समझ, जानकारी या अनुभव की आवश्यकता

- नाटक का मंच पर मंचित होना

- नाटककार का (स्थितियों, घटनाओं, दृश्यों का चुनाव कर किस क्रम में रखा जाएँ) कला का ज्ञान आवश्यक आदि।


(ग) 'कविता एक ऐसी कला है, जिसमे किसी बाह्य उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है'। कथन के आधार पर कविता लेखन की प्रक्रिया संबंधित प्रमुख मतों का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

- कविता लेखन में बाह्य उपकरण की आवश्यकता नहीं।

- कवि का इच्छानुसार शब्दों को जुटाना व लयबद्ध करना।

- दो मत-

(क) - कविता ईश्वरीय देन, इसकी रचना या लेखन की कोई प्रणाली सिखाई नहीं जा सकती।

(ख) - कविता लेखन भी एक कला। अन्य कलाओं की भाँति प्रशिक्षण देकर सिखाना संभव।

- चित्रकला, नृत्यकला, संगीतकला की भाँति सिखाया जाना।


खंड-'ग'

(पाठ्यपुस्तकों अंतरा भाग 2, अंतराल भाग-2 पर आधारित)


प्र.7 निम्नलिखित पठित काव्यांशों को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए :

अरुण यह मधुमय देश हमारा।

जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा।

सरस तामरस गर्भ विभा पर नाच रही तरुशिखा मनोहर।

छिटका जीवन हरियाली पर मंगल कुंकुम सारा!

लघु सुरधनु से पंख पसारे शीतल मलय समीर सहारे।

उड़ते खग जिस ओर मुँह किए समझ नीड़-निज प्यारा बरसाती आँखों के बादल बनते जहाँ भरे करुणा जल लहरे टकराती अनंत की पाकर जहाँ किनारा।

(i) 'छिटका जीवन हरियाली पर-मंगल कुंकुम सारा' पंक्ति किस भाव को प्रदर्शित कर रही है?

(A) प्रकृति का हरियाली से परिपूर्ण होना।

(B) भारत की संस्कृति का गुणगान करना।

(C) भारतीयों का दया व करुणा से भरे होना।

(D) प्रकृति को मंगलकारी स्वरूप में चित्रित करना।


(ii) काव्यांश में कार्नेलिया द्वारा किसका वर्णन नहीं किया गया है

(A) भारत की प्राकृतिक सुषमा

(B) भारतीयों द्वारा अनजान व्यक्तियों की अस्वीकार्यता

(C) विदेशियों को भारत में आश्रयस्थल मिलना

(D) भारत की गौरवशाली संस्कृति का गुणगान


(iii) कार्नेलिया को भारत की कौन-सी विशेषताएँ प्रभावित करती हैं-

(I) प्रकृति, संस्कृति एवं मानवता का सुंदर समन्वय

(II) अपने देश के लोगों को सहारा न देना

(III) स्वाभाविक प्रेम, करुणा एवं अपनत्व की भावना

विकल्पः

(A) केवल (I)

(B) केवल (III)

(C) (I) व (III) दोनों

(D) (I), (II), (III) तीनों


(iv) 'अनजान क्षितिज' द्वारा विशेष अर्थ व्यंजित होता है -

(A) धरातल

(B) विदेशी लोग

(C) पृथ्वी की सतह

(D) आकाश रेखा


(v) निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए :

कथन: दूरस्थ देशों के अपरिचित लोग भी पक्षियों की भाँति भारत की ओर खिंचे चले आते हैं।

कारण : भारत की गौरवशाली मानवीय एवं सांस्कृतिक विशेषता सबको आकर्षित करती है।

(A) कथन गलत है, किंतु कारण सही है।

(B) कथन व कारण दोनों गलत है।

(C) कथन सही है, किंतु कारण उसकी सही व्याख्या नहीं है।

(D) कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या है।


प्र.8 काव्यखंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए :


(क) मैंने निज दुर्बल पद-बल पर, उससे हारी होड़ लगाई" पक्तियाँ देवसेना की किस प्रकार की मनोवृत्तियों की परिचायक है? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- विषम परिस्थितियों में भी हार न मानना।

- अपनी दुर्बलताओं को पहचानकर भी प्रलय से प्रतिस्पर्धा।

- हृदय से करूण भावों की अभिव्यक्ति।

- संर्घषशील स्त्री का चित्रण आदि।


(ख) 'यह दीप अकेला' कविता के अंतर्गत कवि ने व्यक्तिगत सत्ता को सामाजिक सत्ता से जोड़ने पर बल क्यों दिया है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- समष्टि में विसर्जन से व्यष्टि की उपयोगिता का बढ़ जाना।

- उसकी समस्त शक्ति एवं गुणों का लाभ पूरे समाज को मिलना।

- समाज के साथ अतरंगता से समाज का, राष्ट्र का मजबूत होना।

- व्यष्टि का पंक्ति में विलय उसकी सार्थकता का प्रतीक।


(ग) 'सरोज-स्मृति' कविता पिता और पुत्री के बीच अनन्य प्रेम का जीवंत उदाहरण है।' सिद्ध कीजिए।

उत्तर-

- पिता-पुत्री के गहरे भावनात्मक संबंधों का चित्रण।

- पुत्री के प्रति पिता के कर्तव्य का चित्रण।

- पुत्री के निधन पर शोकाकुल पिता का मार्मिक चित्रण आदि।


प्र.9 निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -


(क) पूस जाड़ थरथर तन काँपा। सुरुज जड़ाइ लंकदिसि तापा।।

विरह बाढ़ि भा दारुन सीऊ। कँपि कपि मरौं लेहि हरि जीऊ।।

कंत कहाँ हौं लागौं हियरे। पंथ अपार सूझ नहिं नियरें।।

सौर सुपेती आवै जूड़ी। जानहुँ सेज हिंवचल बूढ़ी ।।

चकई निसि बिछुरैं दिन मिला। हौ निसि बासर बिरह कोकिला ।।

रैनि अकेलि साथ नहिं सखी। कैसे जिऔं बिछोही पँखी।।

बिरह सचान भँवै तन तन चाँड़ा। जीयत खाइ मुएँ नहिं छाँड़ा।।

उत्तर-

कवि मलिक मुहम्मद जायसी

कविता : बारहमासा

सन्दर्भ - 1 अंक (कवि और कविता का नाम)

प्रसंग - 1 अंक (पूर्वापर संबंध)

व्याख्या - 3 अंक

विशेष - 1 अंक


अथवा


(ख) बिधि न सकेऊ सहि मोर दुलारा। नीच बीचु जननी मिस पारा।।

यहउ कहत मोहि आजु न सोभा। अपनी समुझि साधु सुचि को भा।।

मातु मंदि मैं साधु सुचाली। उर अस आनत कोटि कुचाली।।

फरइ कि कोदव बालि सुसाली। मुकता प्रसव कि संबुक काली।।

सपनेहुँ दोसक लेसु न काहू। मोर अभाग उदधि अवगाहू।।

बिनु समुझें निज अघ परिपाकू। जारिउँ जायँ जननि कहि काकू ।।

उत्तर-

कवि तुलसीदास

कविता: भरत-राम का प्रेम

सन्दर्भ - 1 अंक (कवि और कविता का नाम)

प्रसंग - 1 अंक (पूर्वापर संबंध)

व्याख्या - 3 अंक

विशेष - 1 अंक


प्र.10 निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए :

संवदिया डटकर खाता है और 'अफर' कर सोता है, किंतु हरगोबिन को नींद नहीं आ रही है। यह उसने क्या किया? क्या कर दिया? वह किसलिए आया था? वह झूठ क्यों बोला....... सुबह उठते ही वह बूढ़ी माता को बड़ी बहुरिया का सही संवाद सुना देगा अक्षर-अक्षर, 'मायजी. आपकी इकलौती बेटी बहुत कष्ट में है। आज ही किसी को भेजकर बुलवा लीजिए। नहीं तो वह सचमुच कुछ कर बैठेगी। आखिर किसके लिए इतना सहेगी...... बड़ी बहुरिया ने कहा है, भाभी के बच्चों की जूठन खाकर वह एक कोने में पड़ी रहेगी!......?

(i) 'किंतु हरगोबिन को नींद नहीं आ रही थी।' इस पंक्ति में संवदिया के किस मनोभाव को अंकित किया गया है?

(A) दया भाव

(B) ईर्ष्या भाव

(C) पेटू स्वभाव

(D) अन्तर्द्वन्द्व


(ii) 'बड़ी बहुरिया का संवाद सुना देगा! यहाँ संवाद किस अर्थ में प्रयुक्त हुआ है?

(A) वार्तालाप

(B) चर्चा

(C) संदेश

(D) कथोपकथन


(iii) निम्नलिखित कथन तथा कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उचित विकल्प का चयन कर लिखिए :

कथन: नहीं, नहीं सुबह उठते ही वह बूढ़ी माता को बड़ी बहुरिया का सही संवाद सुना देगा - अक्षर-अक्षर।

कारण : प्रत्येक शब्द को अपनी भाषा, सुर और स्वर में सुनाना संवदिया की विशेषता है।

(A) कथन तथा कारण दोनों गलत है।

(B) कारण सही है, लेकिन कथन गलत है।

(C) कथन सही है, लेकिन कारण गलत है।

(D) कथन तथा कारण दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।


(iv) 'अफर कर सोना' क्या दर्शाता है?

(A) चैन की नींद सोना

(B) पानी पीकर सोना

(C) नींद न आना

(D) खाली पेट सोना


(v) 'भाभी के बच्चों की जूठन खाकर एक कोने में पड़ी रहूँगी' के द्वारा किया गया है। का चित्रण

(A) बड़ी बहुरिया की आध्यात्मिक स्थिति

(B) परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति

(C) बड़ी हवेली की सामाजिक स्थिति

(D) बड़ी बहुरिया के समृद्ध मायके


प्र.11 गद्यखंड पर आधारित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में लिखिए :


(क) 'बालक बच गया' निबंध बचपन को जीवित रखते हुए, उन्हें शिक्षित करने का पक्षधर प्रतीत होता है। आप किस तरह की शिक्षा का समर्थन करते हैं? और क्यों? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

उत्तर-

- मुक्त उत्तर

(तर्कपूर्ण, विचारसम्मत एवं विश्लेषण युक्त उत्तर स्वीकार्य)

ध्यातव्यः - प्रदत्त शिक्षा स्वाभाविक योग्यता के अनुरूप रटने की प्रवृत्ति का विरोध


(ख) 'निस्संदेह' शब्द का लेखक की मित्र मंडली से क्या जुड़ाव था? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- लेखक की मित्र मंडली में प्रायः साहित्यिक चर्चा का होना।

- बातचीत में प्रायः निस्संदेह शब्द की अधिकता।

- वकीलों, मुख्तारों, कचहरी के अफसरों को उर्दू की अभ्यस्तता के कारण मित्र-मंडली के शब्द अटपटे लगना।

- मित्र-मंडली का नाम निस्संदेह रखना आदि।


(ग) 'हरगोबिन ने देखी है अपनी आँखों से द्रौपदी चीर हरण की लीला' कथन के आलोक में 'बड़ी बहुरिया की पीड़ा व वेदना को अपने शब्दों में अभिव्यक्त कीजिए।

उत्तर-

- बड़े भैया की मौत के बाद तीनों भाईयों में बँटवारा।

- बँटवारा कर गाँव छोड़कर शहर में रहना।

- घर के बँटवारे का वीभत्स रूप।

- बड़ी बहुरिया के शरीर से जेवर, वस्त्र का भी बँटवारा।

- भारी मुसीबत व कष्ट झेलना।

- खाने का अभाव आदि।


प्र.12 निम्नलिखित पठित गद्यांशों में से किसी एक की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :

यह भी लगभग उसी समय की बात रही होगी। पंडित नेहरू काश्मीर यात्रा पर आए थे जहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ था। शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व में, झेलम नदी पर, शहर के एक सिरे से दूसरे सिरे तक, सातवें पुल से अमीराकदल तक, नावों में उनकी शोभायात्रा देखने को मिली थी जब नदी के दोनों ओर हजारों-हजार काश्मीर निवासी अदम्य उत्साह के साथ उनका स्वागत कर रहे थे। अद्भुत दृश्य था।

उत्तर-

पाठ गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफात

लेखक: भीष्म साहनी

सन्दर्भ - 1 अंक (पाठ तथा लेखक का नाम)

प्रसंग - 1 अंक (पूर्वापर संबंध) -

व्याख्या - 3 अंक

विशेष - 1 अंक


अथवा


चौधरी साहब से तो अब अच्छी तरह परिचय हो गया था। अब उनके यहाँ मेरा जाना एक लेखक की हैसियत से होता था। हम लोग उन्हें एक पुरानी चीज समझा करते थे। इस पुरातत्व की दृष्टि में प्रेम और कुतूहल का एक अद्भुत मिश्रण रहता था। यहाँ पर यह कह देना आवश्यक है कि चौधरी साहब एक खासे हिंदुस्तानी रईस थे। वंसत पंचमी, होली इत्यादि अवसरों पर उनके यहाँ खूब नाचरंग और उत्सव हुआ करते थे। उनकी हर एक अदा से रियासत और तबीयतदारी टपकती थी। कंधों तक बाल लटक रहे हैं। आप इधर से उधर टहल रहे हैं। जो बातें उनके मुँह से निकलती थीं, उनमें एक विलक्षण वक्रता रहती थः। 

उत्तर-

पाठ: प्रेमघन की छाया स्मृति

लेखक: आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

सन्दर्भ - 1 अंक (पाठ तथा लेखक का नाम)

प्रसंग - 1 अंक (पूर्वापर संबंध) -

व्याख्या - 3 अंक

विशेष - 1 अंक


प्र.13 निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए :


(क) सूरदास का बालोचित सरलता से दिया गया उत्तर "हम भी सौ लाख बार बनाएँगे" उसकी किस सकारात्मक मनोवृत्ति की ओर संकेत करता है? आप अपने जीवन में उससे कैसे प्रभावित होते हैं, विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर-

- विषम परिस्थियों में निर्णय लेने की क्षमता

- हार न मानने की प्रवृत्ति

- कर्मशीलता (पुर्ननिर्माण की भावना)

- प्रतिशोध का अभाव

- कठिन परिस्थितियों में विचलित न होना आदि.....।

(परिस्थिति अनुसार उदाहरण देने पर तर्कपूर्ण अन्य मनोवृत्तियाँ भी स्वीकार्य)


(ख) 'किसने दी बिसनाथ की माँ और बत्तख माँ को इतनी ममता?' कथन के आलोक में मानव माँ और बत्तख माँ के बच्चों के व्यवहारों की समानता का पाठ के आधार पर वर्णन कीजिए।

उत्तर-

- खतरों से बचाना

बत्तख द्वारा - पंखों को फैलाकर

मानव माँ - ढ़ाल बनकर, आँचल में छिपाकर

- सर्तकता व कोमलता से देखरेख

बत्तख माँ - पैनी चोंच से सर्तकता बरतते हुए अंडे रखना

मानव माँ - माँ द्वारा कोमलता से देखरेख व गलती पर डाँटते समय भी नुकसान का ध्यान

- आने वाले संभावित खतरों से बचाना

बत्तख माँ - कौवे से

मानव माँ - बुरी संगति से। आदि.......।


(ग) फूस की राख के साथ सूरदास की कौन-सी अभिलाषाएँ जलकर राख हो गई थीं? संदर्भसहित विवेचना कीजिए।

उत्तर-

- 'फूस की झोंपड़ी से सूरदास का गहरा लगाव होना।

- सारी जमा पूँजी झोंपड़ी में छिपाकर रखना।

- झोंपड़ी जलने से अभिलाषाओं का अंत।

तीन अभिलाषाएँ -

- पितरों का पिंडदान

- मिठुआ का ब्याह

- गाँव के लिए कुआँ बनवाना










EVENING SHIFT


MID-TERM EXAMINATION (2025-26)

CLASS: XII

SUBJECT: HINDI (ELECTIVE) (002)


Time Allowed: 3 hours

Maximum Marks: 80

समय : 3 घंटे

अधिकतम अंक 80


सामान्य निर्देशः

निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका सख्ती से अनुपालन कीजिए :

(i) इस प्रश्नपत्र में प्रश्नों की संख्या 13 है।

(ii) इस प्रश्नपत्र में तीन खंड हैं खंड 'क', 'ख' और 'ग'

(iii) तीनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।

(iv) दिए गये निर्देशों का पालन करते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

(v) यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।


खंड-'क' (अपठित बोध)


प्र.1 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -

अंग्रेजों के खिलाफ सिर्फ राजे-रजवाड़े ही नहीं लड़े थे। समाज के सभी वर्गों के अनेक वीरों ने इसमें हिस्सा लिया था। झलकारी बाई, ऊदा देवी, गंगू बाबा, बिरसा मुंडा, भीमा नायक आदि स्वाधीनता सेनानियों को इतिहास में यथोचित स्थान नहीं दिया गया। स्वतंत्रता संग्राम के अनेक नायकों को भुला दिया गया। इसके पीछे एक ओर यह दृष्टि थी कि भारतीयों की सामाजिक एकता और सामंजस्य को सामने न रखा जाए। आपसी सामंजस्य के उल्लेख से, भारतीयता की भावना पुष्पित और पल्लवित होने के भय से भी अनेकों महान स्वाधीनता सेनानियों के योगदान को अनदेखा किया।

सांस्कृतिक संदर्भों में देखें तो भक्ति की महान परंपरा को भी विकृत किया गया। जार्ज ग्रियर्सन ने पहली बार भक्ति को निर्गुण और सगुण धाराओं में बाँटा था। जबकि तुलसी ने स्पष्ट कहा है कि 'सगुनहि अगुनहि नहिं कछु भेदा'। उधर 'निर्गुनिया' कहे जाने वाले कबीर सगुण रूप में राम को भजते हुए कहते हैं कि 'म्हारे घर आए राजा राम भरतार'। आज भी आम जनता के लिए निर्गुण-सगुण में कोई मतभेद नहीं है, लेकिन भक्ति के अकादमिक विमर्श में हम ग्रियर्सन को ही ढो रहे हैं। इसी तरह से गणित-विज्ञान के हमारे गौरवशाली इतिहास को भी गर्त में डाल दिया गया। अंक-प्रणाली, दशमलव, भिन्नात्मक संख्या आदि गणितीय अवधारणाएँ भारत में वैदिक काल से विद्यमान थीं, लेकिन अरव या यूरोप वालों ने इन्हें अपने नाम हथिया लिया। कुटिलता से छिपा लिए गए अथवा नकारात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत कपटपूर्ण सूक्ष्मताओं से भरे हुए सैकड़ों प्रसंग आपको इतिहास, समाज, साहित्य की पुस्तकों में मिल जाएँगे। देशप्रेम, गौरव और राष्ट्रीय एकता-अखंडता को बढ़ावा देने के बजाय ये विवरण बच्चों में हीनता, विभेद, कुंठा जैसे भाव भरने का काम करते हैं। 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' बनाने के लिए आवश्यक है कि अब शिक्षा का भारतीयकरण किया जाए। सशक्त और समृद्ध राष्ट्र निर्माण के लिए इतिहास और संस्कृति के संदर्भ में पश्चिमी प्रभाव या 'अंग्रेजियत भारत छोड़ो' की मानसिकता के साथ ही साथ भारत के गौरवमय महान अतीत को स्मरण कराने की आवश्यकता है। ।। 

(i) महान स्वाधीनता सेनानियों के योगदान को अनदेखा करने के पीछे किस प्रकार का भय था?

उत्तर देने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए-

(A) भारतीयता की भावना कमजोर होने का भय

(B) भारतीयता की भावना क्षीण होने का भय

(C) भारतीयता की भावना विकसित होने का भय

(D) भारतीयता की भावना की विस्मृति का भय


(ii) निम्नलिखित कथन कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए -

कथन (A): स्वतंत्रता संग्राम के अनेक नायकों को भुला दिया गया।

कारण (R): भारतीयों की सामाजिक एकता और सामंजस्य को बढ़ने न दिया जाए।

(A) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।

(B) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।

(C) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।

(D) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।


(iii) 'सगुनहि अगुनहि नहिं कछु भेदा' की घोषणा किसने की?

(A) तुलसीदास

(B) कबीरदास

(C) सूरदास

(D) रैदास


(iv) 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' बनाने के लिए क्या आवश्यक है?

उत्तर-

शिक्षा का भारतीयकरण


(v) भारत में वैदिक काल से विद्यमान कोई दो गणितीय अवधारणाओं के नाम लिखिए।

उत्तर-

अंक-प्रणाली, दशमलव, भिन्नात्मक संख्या (कोई दो बिंदु)


(vi) नकारात्मक दृष्टिकोण का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर-

बच्चों में हीनता, विभेद, कुंठा जैसे भाव भरने का काम (कोई दो बिंदु)


(vii) गद्यांश के अनुसार सशक्त और समृद्ध राष्ट्र निर्माण कैसे हो सकता है?

उत्तर-

इतिहास और संस्कृति के संदर्भ में पश्चिमी प्रभाव या 'अंग्रेजियत भारत छोड़ो' की मानसिकता के साथ ही साथ भारत के गौरवमय महान अतीत को स्मरण कराने की


प्र.2 निम्नलिखित कविता के अंश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

शांति नहीं तब तक, जब तक

सुख-भाग न सबका सम हो।

नहीं किसी को बहुत अधिक हो

नहीं किसी को कम हो।

स्वत्व माँगने से न मिले..

संघात पाप हो जाएँ।

बोलो धर्मराज, शोषित वे जिएँ या कि मिट जाएँ?

( न्यायोचित अधिकार माँगने से न मिले, तो लड़ के

तेजस्वी छीनते समय को,

जीत, या कि खुद मर के।)

किसने कहा पाप है? अनुचित

स्वत्व-प्राप्ति-हित लड़ना?

उठा न्याय का खड्ग समर में

अभय मारना-मरना?

(i) काव्यांश के अनुसार शांति के लिए क्या आवश्यक शर्त है

(A) संसार में संसाधनों का वितरण पक्षपातपूर्ण हो।

(B) संसार में संसाधनों का वितरण असामान्य हो।

(C) संसार में संसाधनों का वितरण असमान हो।

(D) संसार में संसाधनों का वितरण समान हो।


(ii) न्यायोचित अधिकार के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए?

(A) समर्पण

(B) संघर्ष

(C) अत्याचार

(D) दमन


(iii) इस कविता के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है? दिए गए कथनों को पढ़कर उचित विकल्प का चयन कीजिए -

कथन- 

(i) न्याय माँगने से नहीं, संघर्ष से मिलता है।

(ii) संघर्ष करना बुद्धिमानी नहीं है।

(iii) समता के बिना शांति नहीं हो सकती।

विकल्पः

(A) कथन (i) और (ii) सही हैं।

(B) कथन (ii) और (iii) सही हैं।

(C) कथन (i) और (iii) सही हैं।

(D) कथन (i), (ii) और (iii) सही हैं।


(iv) तेजस्वी लोग क्या छीन लेते हैं?

उत्तर-

अनुकूल समय


(v) 'नहीं किसी को बहुत अधिक हो, नहीं किसी को कम हो।' पंक्ति से क्या आशय है?

उत्तर-

- संसाधनों का समान वितरण हो

- न तो किसी के पास अधिक हो न किसी के पास कम


(vi) काव्यांश में कृष्ण युधिष्ठिर को युद्ध के लिए क्यों प्रेरित कर रहे हैं?

उत्तर -

- न्यायोचित अधिकार हेतु

- न्याय की स्थापना के लिए


खंड-'ख'

(अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक पर आधारित)


प्र.3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए -


(क) भारत में सबसे पहला प्रिंटिंग प्रेस कहाँ खोला गया? (शब्द सीमा लगभग 20 शब्द)

उत्तर-

गोवा में


(ख) मुद्रित माध्यम की किन्हीं दो विशेषताओं को लिखिए। (शब्द सीमा लगभग 40 शब्द)

उत्तर-

स्थायित्व, सुलभ और आसान पहुँच, सस्ता, पाठक की पसंद की स्वतंत्रता, चिंतन, विचार और विश्लेषण का माध्यम (कोई दो बिंदु)


(ग) ब्रेकिंग न्यूज किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। (शब्द सीमा - लगभग 40 शब्द)

उत्तर-

- ताजा, महत्वपूर्ण और तत्काल प्रसारित होने वाली खबर। यह आमतौर पर ऐसी खबर होती है जो तुरंत ध्यान आकर्षित करती है और जिसे जल्द से जल्द लोगों तक पहुँचाना आवश्यक होता है। इसे "फ्लैश" या "न्यूज फ्लैश" भी कहा जाता है।

- उचित उदाहरण


प्र.4 निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दो में दीजिए :


(क) उल्टा पिरामिड शैली क्या है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- समाचार लेखन में एक लोकप्रिय और प्रभावी तरीका है। इसमें, कहानी के सबसे महत्वपूर्ण तथ्यों और विवरणों को सबसे पहले प्रस्तुत किया जाता है, इसके बाद कम महत्वपूर्ण विवरणों को क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया जाता है।

- तीन भाग- मुखड़ा (इंट्रो), मुख्यभाग (बॉडी), समापन


(ख) विशेष रिपोर्ट किसे कहते है? इसकी क्या विशेषताएँ होती हैं?

उत्तर-

- एक विस्तृत और गहन रिपोर्टिंग होती है जो किसी खास विषय, घटना या समस्या पर केंद्रित होती है।

- यह सामान्य समाचारों से अलग होती है क्योंकि इसमें तथ्यों की गहरी छानबीन, विश्लेषण और व्याख्या शामिल होती है।

- विशेष रिपोर्ट की शैली, विषय और उद्देश्य के अनुसार अलग-अलग हो सकती है, लेकिन इसमें आमतौर पर स्पष्टता, सटीकता और विश्लेषणात्मकता का गुण होता है।


(ग) किसी समाचार पत्र/पत्रिका के लिए 'संपादकीय पृष्ठ' महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है?

उत्तर-

- यह पृष्ठ पाठकों को किसी विशेष विषय या घटना पर प्रकाशन के दृष्टिकोण और विश्लेषण को समझने में मदद करता है।

- यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहां संपादक और लेखकों द्वारा राय व्यक्त की जाती है।

- विश्लेषण प्रदान किया जाता है और सार्वजनिक बहस को बढ़ावा दिया जाता है।


प्र.5 निम्न में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए :


(क) मेरा सपना मेरा अपना व्यवसाय

उत्तर-

विषयवस्तु - 3 अंक

भाषा - 1 अंक

प्रस्तुति - 1 अंक


(ख) शिक्षा से वंचित बच्चों का भविष्य

उत्तर-

विषयवस्तु - 3 अंक

भाषा - 1 अंक

प्रस्तुति - 1 अंक


(ग) आधुनिकता बनाम परंपरा

उत्तर-

विषयवस्तु - 3 अंक

भाषा - 1 अंक

प्रस्तुति - 1 अंक


प्र.6 निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए :


(क) कविता लेखन अन्य कलाओं की तरह क्यों नहीं सिखाई जा सकती?

उत्तर-

- कविता लेखन, अन्य कलाओं की तरह, एक सहज प्रतिभा और अनुभव का मिश्रण है, जिसे पूरी तरह से सिखाया नहीं जा सकता।

- एक सफल कवि बनने के लिए, एक व्यक्ति को अपनी भावनाओं और विचारों को शब्दों में पिरोने की कला में महारत हासिल करनी होती है, जो कि कठिन है।


(ख) नाटक में चरित्र का क्या महत्व है?

उत्तर-

- नाटक को जीवंत बनाता है।

- कथानक को आगे बढ़ाता है।

- दर्शकों को पालों से जुड़ने में मदद करता है आदि।


(ग) रेडियो नाटक की कथानक का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखा जाता है?

उत्तर-

- कथानक श्रव्य माध्यम के लिए उपयुक्त होना चाहिए, यानी कि यह संवाद और ध्वनि प्रभावों के माध्यम से प्रभावी ढंग से व्यक्त किया जा सके।

- कथानक में भावनात्मक गहराई और नाटकीय संघर्ष होना चाहिए ताकि श्रोताओं को बाँधे रखा जा सके।

- कथानक को संक्षिप्त और प्रभावी होना चाहिए, बहुत अधिक पालों या घटनाओं से बचना चाहिए।


खंड-'ग'

(पाठ्यपुस्तकों अंतरा भाग 2, अंतराल भाग-2 पर आधारित)


प्र.7 निम्नलिखित पठित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए :

पुलकि सरीर सभाँ भए ठाढ़े। नीरज नयन नेह जल बाढ़े।।

कहब मोर मुनिनाथ निबाहा।। एहि ते अधिक कहौं मैं काहा।।

मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ। अपराधिहु पर कोह न काऊ ।।

मो पर कृपा सनेहु बिसेखी। खेलत खुनिस न कबहुँ देखी।।

सिसुपन तें परिहेरउँ न संगू। कबहुँ न कीन्ह मोर मन भंगू ।।

मैं प्रभु कृपा रीति जिय जोही। हारेंहूँ खेल जितावहिं मोही ।।

महूँ सनेह सकोच बस सनमुख कही न बैन।

दरसन तृपित न आजु लगि पेम पिआसे नैन।।

(i) 'पुलकि सरीर सभाँ भए ठाढ़े' से तात्पर्य है। -

(A) दुख से काँप रहे थे।

(B) भय से काँप रहे थे।

(C) प्रेम से विह्वल हो खड़े थे।

(D) क्रोधित हो खड़े थे।


(ii) 'नीरज नयन नेह जल बाढ़े' में 'नेह जल' का अर्थ है -

(A) नदी का जल

(B) प्रेम के अनु

(C) शरीर का पसीना

(D) डर के आँसू


(iii) निम्नलिखित कथन कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए -

कथन (A): श्रीराम का व्यक्तित्व ऐसा है कि वे अपराधियों पर भी क्रोध नहीं करते।

कारण (R) : श्रीराम कृपालु और दयापूर्ण है और भरत पर उनकी विशेष कृपा है।

(A) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।

(B) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।

(C) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।

(D) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।


(iv) 'सिसुपन तें परिहेरउँ न संगू' से आशय है -

(A) बचपन में ही संग छोड़ दिया था।

(B) बचपन से ही प्रभु का साथ नहीं छोड़ा।

(C) शिशु की भाँति जिद करते रहे।

(D) शिशु के रूप में जन्म लिया।


(v) "हारेंहूँ खेल जितावहिं मोही" में 'मोंही' किसे संदर्भित करता है?

(A) भरत को

(B) श्रीराम को

(C) संसार को

(D) मित्र को


प्र.8 काव्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए -


(क) "मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई" पंक्ति के माध्यम से देवसेना क्या कहना चाहती है?

उत्तर-

उसने अपने जीवन में जो भी कोमल भावनाएँ, प्रेम और सुख संचित किए थे, वे सब उसने व्यर्थ ही दूसरों पर लुटा दिए, जैसे कोई भिक्षुक अपनी जमा की हुई भिक्षा को दूसरों में बाँट दे। उसे अब पछतावा हो रहा है कि उसने अपने जीवन की अमूल्य भावनाओं को प्रेम के भ्रम में दूसरों पर व्यर्थ ही लुटा दिया।


(ख) 'सरोज स्मृति' कविता में कवि को अपनी स्वर्गीया पत्नी की याद क्यों आती है?

उत्तर-

सरोज को दुल्हन के रूप में देखकर, कवि को अपनी पत्नी की छवि उसमें दिखाई दी, खासकर विवाह के समय एक माँ द्वारा दी जाने वाली शिक्षा और मार्गदर्शन की कमी महसूस हुई, जो अब कवि को स्वयं ही पूरी करनी थी।


(ग) 'यह दीप अकेला' कविता में कवि ने दीपक को स्नेह भरा, गर्व भरा एवं मदमाता क्यों कहा है?

उत्तर-

कवि ने दीपक के इन गुणों को मनुष्य के गुणों से जोड़ा है। मनुष्य भी स्रेह, गर्व और गस्ती से भरा होता है। कवि चाहता है कि दीपक (मनुष्य) को भी समाज में शामिल किया जाए, ताकि उसका प्रकाश और गुण समाज के लिए उपयोगी हो सके।


प्र.9 निम्नलिखित काव्यांश में से किसी एक की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-

श्रमित स्वप्न की मधुमाया में, 

गहन-विपिन की तरु-छाया में, 

पथिक उनींदी श्रुति में किसने-

यह विहाग की तान उठाई।

लगी सतृष्ण दीठ थी सबकी,

रही बचाए फिरती कबकी।

मेरी आशा आह! बावली,

तूने खो दी सकल कमाई।

उत्तर-

संदर्भ- 1 अंक (कवि और कविता का परिचय)

प्रसंग - 1 अंक (पूर्वापर संबंध)

व्याख्या - 3 अंक

विशेष - 1 अंक

कवि जयशंकर प्रसाद -

कविता देवसेना का गीत -


अथवा


अगहन देवस घटा निसि बाढ़ी। दूभर दुख सो जाइ किमि काढ़ी।।

अब धनि देवस बिरह भा राती। जरै बिरह ज्यों दीपक बाती ।।

काँपा हिया जनावा सीऊ। तौ पै जाइ होइ सँग पीऊ ।।

घर घर चीर रचा सब काहूँ। मौर रूप रँग लै गा नाहू।।

पलटि न बहुरा गा जो बिछोई। अबहूँ फिरै फिरै रँग सोई।।

सियरि अगिनि बिरहिनि हिय जारा। सुलगि सुलगि दगधै भै छारा।।

यह दुख दगध न जाने कंतु जोबन जनम करै भसमंतू ।।

पिय सौं कहेहु सँदेसड़ा, ऐ भँवरा ऐ काग।

सो धनि बिरहें जरि मुई, तेहिक धुआँ हम लाग।।

उत्तर-

संदर्भ- 1 अंक (कवि और कविता का परिचय)

प्रसंग - 1 अंक (पूर्वापर संबंध)

व्याख्या - 3 अंक

विशेष - 1 अंक

कवि जयशंकर प्रसाद -

कविता देवसेना का गीत -


प्र.10 निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कर लिखिए - 

इसी दृष्टांत को बढ़ाया जाए तो जो उपदेशक जी कह रहे हैं उसके विरुद्ध कई बातें निकल आवें।

घड़ी देखना तो सिखा दो, उसमें तो जन्म और कर्म की पख न लगाओ, फिर दूसरे से पूछने का टंटा क्यों? गिनती हम जानते हैं, अंक पहचानते हैं, सुइयों की चाल भी देख सकते हैं, फिर आँखें भी हैं तो हमें ही न देखने दो, पड़ोस की घड़ियों में दोपहर के बारह बजे हैं। आपकी घड़ी में आधी रात है, ज्जरा खोलकर देख न लेने दीजिए कि कौन सा पेच बिगड़ रहा है, यदि पुर्जे ठीक हैं और आधी रात ही है तो हम फिर सो जाएँगे, दूसरी घड़ियों को गलत न मान लेंगे पर जरा देख तो लेने दीजिए। पुर्जे खोलकर फिर ठीक करना उतना कठिन काम नहीं है, लोग सीखते भी हैं, सिखाते भी है, अनाड़ी के हाथ में चाहे घड़ी मत दो पर जो घड़ीसाजी का इम्तहान पास कर आया है उसे तो देखने दो। साथ ही यह भी समझा दो कि आपको स्वयं घड़ी देखना, साफ़ करना और सुधारना आता है कि नहीं।


(i) 'घड़ी देखना सिखा दो' का आशय है-

(A) घड़ी में समय देखना सिखा दो।

(B) धर्म का रहस्य समझा दो।

(C) जन्म-मरण का रहस्य समझा दो।

(D) घड़ी बनाना सिखा दो।


(ii) गद्यांश में किस काम को आसान कहा गया है?

(A) घड़ीसाजी का इम्तहान पास करना

(B) घड़ी के पुर्जे ठीक करना

(C) धर्म के रहस्यों को समझना

(D) घड़ी का निर्माण करना


(iii) गद्यांश में घड़ी किसके हाथ में देने से मना किया गया है?

(A) घड़ीसाज के

(B) पड़ोसी के

(C) खिलाड़ी के

(D) अनाड़ी के


(iv) लेखक ने गद्यांश में किन जानकारियों के होने की बात की है?

(i) गिनती की

(ii) अंकों की

(iii) गोलाई की

(iv) सुइयों की

विकल्पः

(A) विकल्प (i) और (ii) सही है।

(B) विकल्प (i) और (iii) सही है।

(C) विकल्प (i) और (iii) और (iv) सही हैं। 

(D) विकल्प (i) और (ii) और (iv) सही हैं।


(v) प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से कैसे व्यक्तियों पर व्यंग्य किया गया है?

(A) धर्म के रक्षकों पर

(B) धर्म के भक्षकों पर

(C) धर्म के ठेकेदारों पर

(D) धर्म के अनुयायियों पर


प्र.11 गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्दों में दीजिए -


(क) 'प्रेमधन की छाया स्मृति' पाठ में लेखक रामचंद्र शुक्ल जी ने अपने पिता की किन-किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?

उत्तर-

- पिताजी फारसी के अच्छे ज्ञाता थे।

- वे पुरानी हिंदी के बड़े प्रेमी थे।

- उन्हें फारसी कवियों की उक्तियों को हिंदी कवियों की उक्तियों के साथ मिलाने में बड़ा आनंद आता था।

- वे रात के समय 'रामचरितमानस' और 'रामचंद्रिका' को घर के लोगों के सम्मुख बड़े चित्ताकर्षक ढंग से पढ़ा करते थे।

- उन्हें भारतेंदु जी के नाटक बहुत पसंद थे।

- ये लेखक की पढ़ाई को ध्यान में रखकर घर में आई पुस्तकों को छिपा देते थे।

(कोई दो बिंदु)


(ख) "मैं यावज्जन्म लोक सेवा करूँगा" बालक द्वारा दिया गया यह उत्तर क्या संकेत देता है? 'सुमिरिनी के मनके' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- लेखक ने इस घटना के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में बच्चों पर थोपे जाने वाले दिखावटी और अस्वाभाविक व्यवहार पर प्रकाश डाला है।

- बालक का यह उत्तर उसकी वास्तविक इच्छा को नहीं, बल्कि एक रटा रटाया जवाब था, जिसे परिस्थितियों के दबाव में दिया गया था।

- यह शिक्षा प्रणाली में बच्चों पर होने वाले अनावश्यक दबाव और दिखावटी व्यवहार के प्रति सचेत करता है।

(कोई दो बिंदु)


(ग) 'संवदिया' पाठ के आधार पर बताइए कि संवाद कहते वक्त बड़ी बहुरिया की आँखें क्यों छलछला आई?

उत्तर-

- वह अपनी वर्तमान दशा से अत्यंत व्याकुल थी। न उसके खाने-पीने का कोई प्रबंध न था, न उसका दुःख बाँटने वाला कोई था।

- गरीबी और उससे उत्पन्न विवशता। वह भाई-भाभियों की नौकरी तक करने को तैयार थी।

- उसके जीने की इच्छा मरती जा रही थी। उसके मन की व्यथा आँसुओं की राह बह रही थी। वह दुखी थी।

- उसके पास खाने-पीने की चीजों का उधार तक चुकाने की सामर्थ्य नहीं रह गया था।

(कोई दो बिंदु)


प्र.12 निम्नलिखित गद्यांश में से किसी एक की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -

आप कह सकते हैं कि जन्मभर के साथी की चुनावट मट्टी के ढेलों पर छोड़ना कैसी बुद्धिमानी है! अपनी आँखों से जगह देखकर, अपने हाथ से चुने हुए मट्टी के डगलों पर भरोसा करना क्यों बुरा है और लाखों-करोड़ों कोस दूर बैठे बड़े-बड़े मट्टी और आग के ढेलों-मंगल और शनैश्चर और बृहस्पति की कल्पित चाल के कल्पित हिसाब का भरोसा करना क्यों अच्छा है, यह मैं क्या कह सकता हूँ? बकौल वात्स्यायन के, आज आज का कबूतर अच्छा है कल के मोर से, आज का पैसा अच्छा है कल के मोहर से। आँखों देखा ढेला अच्छा ही होना चाहिए लाखों कोस की तेज पिण्ड से!

उत्तर-

संदर्भ - 1 अंक (लेखक और पाठ का परिचय)

प्रसंग - 1 अंक (पूर्वापर संबंध)

व्याख्या - 3 अंक

विशेष - 1 अंक

लेखक पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

पाठ सुमिरिनी के मनके


अथवा


हरगोबिन को अचरज हुआ तो आज भी किसी को संवदिया की जरूरत पड़ सकती है। इस जमाने में जबकि गाँव-गाँव में डाकघर खुल गए हैं, संवदिया के मारफत संवाद क्यों भेजेगा कोई? आज तो आदमी घर बैठे ही लंका तक खबर भेज सकता है और वहाँ का कुशल संवाद मँगा सकता है। फिर उसकी बुलाहट क्यों हुई?

हरगोबिन बड़ी हवेली की टूटी ड्योढ़ी पारकर अंदर गया। सदा की भाँति उसने वातावरण को सूंघकर संवाद का अंदाज लगाया... निश्चय ही कोई गुप्त समाचार ले जाना है। चाँद सूरज को भी नहीं मालूम हो। परेवा-पंछी तक न जाने।

उत्तर-

लेखक- फणीश्वरनाथ 'रेणु'

पाठ - संवदिया


प्र.13 निम्न में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए -


(क) 'सूरदास की झोंपड़ी' पाठ में सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त क्यों रखना -भेरी चाहता था? आपकी दृष्टि में सूरदास के लिए ऐसा करना क्या उचित था? तर्क सहित उत्तर लिखिए।

उत्तर-

- वह जानता था कि एक अंधे भिखारी के लिए दरिद्रता इतनी लज्जा की बात नहीं है, जितना धन का होना। भिखारियों के लिए धन-सेवय पाप-संचय से कम अपमान की बात नहीं है। अतः वह कहता है "मेरे पास थैली वैली कहाँ? होगी किसी की। थैली होती, तो भीख माँगता?"

मुक्त उत्तर - उचित तर्कपूर्ण उत्तर स्वीकार्य


(ख) 'आवेग में हम उद्दिष्ट स्थान से आगे निकल जाते हैं। वह संयम कहाँ है, जो शत्रु पर विजय पाने के बाद तलवार को म्यान में कर ले?' 'सूरदास की झोंपड़ी' पाठ के आधार पर इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

- जब हम आवेश में होते हैं, तो हम अपने लक्ष्य से आगे निकल जाते हैं। हमें यह समझ नहीं आता कि कब रूकना है और कब अपनी जीत का जश्न मनाना है। जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध जीतने के बाद अपनी तलवार म्यान में कर लेता है, उसी प्रकार हमें भी आवेश पर नियंत्रण रखना चाहिए और संयम से काम लेना चाहिए।

- आवेश में लिया गया निर्णय विनाशकारी हो सकता है। भैरों ने क्रोध और आवेश में आकर सूरदास की झोपड़ी को जला दिया, जिससे सूरदास को बहुत नुकसान हुआ। यदि भैरों ने संयम से काम लिया होता, त्तो वह इस स्थिति से बच सकता था।


(ग) 'बिस्कोहर की माटी' पाठ के आधार पर बिस्कोहर में हुई बरसात को जो वर्णन बिसनाथ ने किया है. उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर-

- बिस्कोहर में वर्षा सीधे-सीधे नहीं आती थी। पहले बादलों के घिरने और गड़गड़ाहट की आवाजे सुनाई देती हैं।

- पूरे आकाश में इतने बादल घिर आते हैं कि दिन में ही रात प्रतीत होने लगती। 'चढ़ा आकास गगन घन गाजा, घन घमंड गरजत घर घोरा' जैसा वातावरण उपस्थित हो जाता है।

- कभी ऐसा लगता था कि जैसे दूर से घोड़ों की पंक्ति दौड़ी चली आ रही है। कई दिन तक बरसने पर दीवार गिर जाती, घर धँस जाते।

- जब भीषण गर्मी के बाद बरसात होती तब कुत्ते, बकरी, मुर्गी-मुर्गे आवाजें करते इधर-उधर भागे फिरते थे।

- इस वर्षा में नहाने से चर्म रोग ठीक हो जाते थे।

- वर्षा के प्रभाव से दूबों, वनस्पतियों आदि में नई चमक दिखाई देने लगती है।

- वर्षा के बाद कीचड़, बदबू, बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है आदि।

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