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समानता Important Short and Long Question Class 11 Chapter-3 Book-2

समानता Important Short and Long Question Class 11 Chapter-3 Book-2


1. समानता क्या है?

उत्तर:

  • समानता का अर्थ है समाज के सभी व्यक्तियों को समान अवसर और अधिकार देना।
  • यह सिद्धांत यह सुनिश्चित करता है कि जाति, धर्म, लिंग, आर्थिक स्थिति या अन्य किसी भी आधार पर भेदभाव न हो।
  • समानता का उद्देश्य न्याय, गरिमा और सम्मान को बढ़ावा देना है।


2. समानता का महत्व क्या है?

उत्तर:

1. मानव गरिमा का सम्मान – हर व्यक्ति को समाज में सम्मान और समान अधिकार मिलना चाहिए।

2. सामाजिक न्याय – समाज में वंचित और शोषित वर्गों को समान अवसर देने में सहायक।

3. लोकतंत्र की नींव – समानता के बिना लोकतंत्र अधूरा है।

4. ऐतिहासिक प्रेरणा – फ्रांसीसी क्रांति का "स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा" नारा।

5. समान अवसर और सशक्तिकरण – हर व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का विकास करने का अवसर मिले।

6. विकास और शांति – समानता से समाज में शांति और स्थिरता बनी रहती है।


3. क्या समानता का अर्थ व्यक्ति से हर स्थिति में समान व्यवहार करना है?

उत्तर:

  • नहीं, समानता का अर्थ यह नहीं कि हर व्यक्ति के साथ एक ही तरह का व्यवहार किया जाए।
  • समाज में अलग-अलग कार्य और जिम्मेदारियों के अनुसार लोगों का दर्जा अलग हो सकता है।
  • जरूरी यह है कि कोई भी भेदभाव जन्म, जाति, धर्म, लिंग के आधार पर न हो।

उदाहरण:

  • प्रधानमंत्री को विशेष सरकारी दर्जा मिल सकता है, लेकिन यह तब तक ठीक है जब तक इसका दुरुपयोग न हो।
  • विकलांगों के लिए रैंप और विशेष सुविधाएँ देना असमानता नहीं बल्कि न्यायोचित उपाय है।


4. अवसरों की समानता से क्या अभिप्राय है?

उत्तर:

  • सभी को अपने कौशल और प्रतिभा को विकसित करने का समान अवसर मिलना चाहिए।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के समान अवसर के बिना समाज असमान हो जाता है।
  • समान अवसरों का मतलब यह नहीं कि हर कोई एक जैसा सफल होगा, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि सभी को अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिले।

उदाहरण:

यदि कोई बच्चा गरीब परिवार में पैदा हुआ है, तो उसे भी उतनी ही अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलनी चाहिए जितनी अमीर परिवार के बच्चों को मिलती हैं।


5. प्राकृतिक और सामाजिक असमानताओं में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • प्राकृतिक असमानता को बदला नहीं जा सकता, लेकिन सामाजिक असमानता को समाप्त किया जा सकता है।
  • महिलाओं को "अबला" मानना या काले लोगों को कम बुद्धिमान मानना समाज द्वारा बनाई गई असमानता है।


6. समानता के प्रमुख आयाम कौन-कौन से हैं?

उत्तर:

1. राजनीतिक समानता – सभी नागरिकों को समान राजनीतिक अधिकार मिलने चाहिए, जैसे मतदान का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार।

2. सामाजिक समानता – जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर कोई भेदभाव न हो।

3. आर्थिक समानता – सभी को रोजगार और संसाधनों तक समान पहुँच मिले।


7. आर्थिक समानता क्या है और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है?

उत्तर:

आर्थिक समानता का अर्थ यह है कि समाज के सभी व्यक्तियों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समान अवसर मिलें।

इसके लिए सरकार को—

  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ सभी के लिए उपलब्ध करनी चाहिए।
  • गरीबों को सब्सिडी और रोजगार के अवसर देने चाहिए।
  • संपत्ति के समान वितरण की नीति अपनानी चाहिए।


8. मार्क्सवाद और आर्थिक समानता की क्या भूमिका है?

उत्तर:

  • मार्क्सवाद के अनुसार असमानता का मुख्य कारण निजी संपत्ति है।
  • पूँजीपति वर्ग (बुर्जुआ) मजदूर वर्ग (प्रोलतेरियत) का शोषण करता है।
  • आर्थिक समानता प्राप्त करने के लिए संपत्ति का समान वितरण और सरकारी नियंत्रण जरूरी है।
  • समाजवाद इसी विचारधारा पर आधारित है।


9. उदारवाद और आर्थिक समानता में क्या अंतर है?

उत्तर:


10. हम समानता को बढ़ावा कैसे दे सकते हैं?

उत्तर:

1. औपचारिक समानता की स्थापना – समाज में कानून द्वारा समानता लागू करना।

2. विभेदक बर्ताव द्वारा – वंचित वर्गों को विशेष सहायता देना (जैसे विकलांगों के लिए विशेष सुविधाएँ)।

3. सकारात्मक कार्यवाही (Affirmative Action) – आरक्षण, छात्रवृत्ति, और सरकारी सहायता के माध्यम से असमानता को कम करना।


11. विभेदक बर्ताव द्वारा समानता क्या है?

उत्तर:

यह सिद्धांत कहता है कि सभी लोगों को समान अवसर देने के लिए कुछ विशेष वर्गों को अतिरिक्त सुविधाएँ दी जानी चाहिए।

उदाहरण:

  • विकलांगों के लिए रैंप की सुविधा।
  • महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण।
  • गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा।


12. सकारात्मक कार्यवाही (Affirmative Action) क्या है?

उत्तर:

सकारात्मक कार्यवाही उन नीतियों को कहते हैं जो वंचित वर्गों को समान अवसर देने के लिए बनाई जाती हैं।

उदाहरण:

  • अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए आरक्षण।
  • गरीबों के लिए छात्रवृत्ति और सब्सिडी।
  • अल्पसंख्यकों के लिए विशेष योजनाएँ।


13. भारत में समानता सुनिश्चित करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए गए हैं?

उत्तर:

  • संविधान में समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)।
  • जाति और लिंग भेदभाव पर प्रतिबंध।
  • अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण नीति।
  • महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण।
  • गरीबों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ।


14. समानता की राह में आने वाली प्रमुख समस्याएँ क्या हैं?

उत्तर:

  • जातिवाद और लिंग भेदभाव।
  • गरीबी और बेरोजगारी।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की असमानता।
  • धार्मिक और सांप्रदायिक भेदभाव।
  • राजनीतिक भेदभाव (राजनीति में कुछ वर्गों का प्रभुत्व)।


15. समानता और न्याय का क्या संबंध है?

उत्तर:

  • समानता और न्याय एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
  • न्याय का अर्थ है कि हर व्यक्ति को उसके अधिकार और अवसर मिलने चाहिए।
  • यदि समाज में समानता नहीं होगी, तो न्याय भी संभव नहीं होगा।

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