जामुन का पेड़ Important Short and Long Question Class 11 Chapter-7 Book-Aroh
0Team Eklavyaमार्च 07, 2025
1. "जामुन का पेड़" कहानी के लेखक कौन हैं?
उत्तर:
"जामुन का पेड़" कहानी के लेखक कृष्ण चंदर हैं।
2. "जामुन का पेड़" कहानी का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
कहानी का मुख्य विषय नौकरशाही की उदासीनता, व्यवस्था की जटिलता, मानवीय जीवन की अवहेलना और समाज में संवेदनहीनता है।
3. कहानी की शुरुआत कैसे होती है?
उत्तर:
कहानी की शुरुआत सेक्रेटेरियट के लॉन में एक तेज़ झक्कड़ के कारण जामुन का पेड़ गिरने से होती है, जिसके नीचे एक आदमी दब जाता है।
4. दबे हुए आदमी की मदद के लिए क्या कार्रवाई की जाती है?
उत्तर:
माली और अन्य कर्मचारी अधिकारियों को सूचना देते हैं।
अधिकारियों के बीच पेड़ हटाने की ज़िम्मेदारी को लेकर बहस शुरू होती है।
फ़ाइल विभिन्न विभागों (व्यापार, कृषि, हॉर्टीकल्चर, मेडिकल, और कल्चरल) में घूमती रहती है।
हर विभाग अपनी ज़िम्मेदारी से बचता है और कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
5. फ़ाइल किस-किस विभाग में घूमती है?
उत्तर:
1. व्यापार विभाग – कहता है कि यह उनका मामला नहीं है।
2. कृषि विभाग – पेड़ के महत्व पर चर्चा करता है, लेकिन कार्रवाई नहीं करता।
3. हॉर्टीकल्चर विभाग – कहता है कि वे केवल पेड़ों को उगाने और संवारने का काम करते हैं।
4. मेडिकल विभाग – पीड़ित की सेहत पर ध्यान देने के बजाय उसे सांत्वना देने की बात करता है।
5.कल्चरल विभाग – जब पता चलता है कि वह व्यक्ति एक शायर है, तो उसे साहित्य अकादमी का सदस्य बना देता है।
6. जामुन के पेड़ के नीचे दबा आदमी कौन था?
उत्तर:
वह एक शायर (कवि) था, जो पेड़ गिरने से दब गया था।
7. साहित्य अकादमी ने दबे हुए शायर के लिए क्या किया?
उत्तर:
साहित्य अकादमी ने उसे अपनी केंद्रीय शाखा का सदस्य बना दिया, लेकिन उसकी जान बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
8. प्रधानमंत्री ने पेड़ काटने का आदेश क्यों दिया?
उत्तर:
प्रधानमंत्री ने जब देखा कि फ़ाइलों के चक्कर में आदमी की जान जा रही है, तो उन्होंने पेड़ काटने का आदेश दिया और अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी लेने का वादा किया।
9. दबे हुए आदमी का क्या हुआ?
उत्तर:
प्रधानमंत्री के आदेश आने तक आदमी की मृत्यु हो जाती है।
10. कहानी प्रशासनिक व्यवस्था की कौन-कौन सी खामियों को उजागर करती है?
उत्तर:
1. नौकरशाही की लालफीताशाही – निर्णय लेने में अत्यधिक समय लगना।
2. मानवीय संवेदनहीनता – व्यक्ति की जान से ज़्यादा प्रक्रियाओं को महत्व देना।
3. ज़िम्मेदारी टालना – हर विभाग अपनी ज़िम्मेदारी से बचता रहा।
4. प्राथमिकताओं की कमी – जीवन बचाने से ज़्यादा चर्चा पेड़ की उपयोगिता पर होती रही।
11. कहानी का "जामुन का पेड़" शीर्षक क्यों उपयुक्त है?
उत्तर:
यह पेड़ केवल एक पेड़ नहीं, बल्कि प्रशासनिक जड़ता का प्रतीक है।
पेड़ गिरने की घटना पूरी व्यवस्था की निष्क्रियता और संवेदनहीनता को उजागर करती है।
पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति की स्थिति समाज में उपेक्षित लोगों की हालत को दर्शाती है।
12. कहानी में माली की भूमिका क्या है?
उत्तर:
माली एक संवेदनशील व्यक्ति है, जो पीड़ित व्यक्ति को खाना खिलाता है और उसकी देखभाल करता है। वह नौकरशाही की संवेदनहीनता के बीच इंसानियत का प्रतीक बनता है।
13. कहानी में हास्य और व्यंग्य कैसे व्यक्त किया गया है?
उत्तर:
नौकरशाही की जटिलताओं को हास्यपूर्ण तरीके से दिखाया गया है।
विभागों के बीच फ़ाइलों का घूमना और ज़िम्मेदारी टालना एक व्यंग्य है।
शायर की मदद करने के बजाय उसे साहित्य अकादमी का सदस्य बना देना प्रशासन की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
जब तक निर्णय लिया जाता है, तब तक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, जिससे व्यवस्था की विफलता स्पष्ट होती है।
14. कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
प्रक्रियाओं से ज़्यादा इंसानी ज़िंदगी महत्वपूर्ण होनी चाहिए।
नौकरशाही को तेज़ और संवेदनशील बनाना चाहिए।
संवेदनहीनता और ज़िम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति समाज के लिए खतरनाक है।
यदि निर्णय लेने में देरी होती रही, तो ज़रूरी समस्याएँ कभी हल नहीं होंगी।
15. "जामुन का पेड़" भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था पर क्या टिप्पणी करता है?
उत्तर:
प्रशासन की निष्क्रियता और लचर कार्यशैली को उजागर करता है।
फ़ाइलों और नियमों में उलझी व्यवस्था कैसे आम जनता के हितों की अनदेखी करती है, इसे दिखाता है।
यह बताता है कि सिस्टम की जटिलताओं के कारण ज़रूरी काम कैसे अधूरे रह जाते हैं।
16. कहानी का अंत क्या दर्शाता है?
उत्तर:
कहानी का अंत यह दिखाता है कि जब तक सरकार और प्रशासन जागते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। नौकरशाही के धीमेपन के कारण एक व्यक्ति की जान चली जाती है।