हरिवंश राय बच्चन कविता आत्मपरिचय और एक गीत Important Short and Long Question Class 12 Poem-1 Book-1
0Team Eklavyaमार्च 01, 2025
1. ‘आत्मपरिचय’ कविता किस काव्य संग्रह से ली गई है और इसके रचनाकार कौन हैं?
उत्तर:
‘आत्मपरिचय’ कविता हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित काव्य संग्रह ‘निशा निमंत्रण’ से ली गई है।
2. कवि ने स्वयं को जानने को दुनिया को जानने से कठिन क्यों बताया है?
उत्तर:
कवि के अनुसार, व्यक्ति के लिए अपनी असली पहचान और भावनाओं को समझना अधिक कठिन है क्योंकि समाज के प्रभाव और दुनिया के ताने-बाने में व्यक्ति खुद को भूल जाता है। समाज से पूरी तरह निरपेक्ष रहना भी संभव नहीं है, क्योंकि व्यक्ति की अस्मिता उसी से जुड़ी होती है।
3. कवि जीवन के संघर्षों से जूझते हुए भी उसे क्यों पसंद करता है?
उत्तर:
कवि कहता है कि वह जीवन की कठिनाइयों से संघर्ष कर रहा है, फिर भी जीवन से प्यार करता है। उसे अपने प्रिय का प्रेम प्राप्त है, जो उसे संजीवनी देता है। इसलिए, संघर्षों के बावजूद वह प्रेम और उत्साह से भरा रहता है।
4. कवि ‘स्नेह-सुरा’ से क्या अभिप्राय देता है?
उत्तर:
कवि यहाँ स्नेह-सुरा (प्रेम की मदिरा) का अर्थ प्रेम और भावनात्मक संतोष से लगाता है। वह कहता है कि वह समाज की परवाह किए बिना अपने प्रेम में मग्न रहता है और अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है।
5. ‘स्वप्नों का संसार लिए फिरता हूँ’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
कवि का कहना है कि यह दुनिया अपूर्ण और कठोर है, इसलिए वह अपनी कल्पनाओं और स्वप्नों की दुनिया में जीता है, जहाँ प्रेम, स्नेह और कोमल भावनाएँ हैं।
6. कवि ने ‘जग भव-सागर तरने को नाव बनाए’ के माध्यम से क्या कहा है?
उत्तर:
कवि कहता है कि दुनिया के लोग भवसागर (संसार) को पार करने के लिए साधन खोजते हैं, लेकिन वह मौजों पर मस्त होकर तैरता है, यानी वह दुनियादारी से अलग प्रेम और मस्ती में लीन रहता है।
7. कवि के अनुसार संसार ‘मूढ़’ क्यों है?
उत्तर:
कवि के अनुसार संसार में लोग धन, वैभव और सांसारिक सुखों के पीछे भागते हैं, लेकिन यह सब क्षणिक और व्यर्थ है। लोग इसे जानकर भी लालच और मोह में फँसे रहते हैं, इसलिए कवि उन्हें मूढ़ (मूर्ख) कहता है।
8. कवि संसार की धन-संपदा को क्यों ठुकराता है?
उत्तर:
कवि को प्रेम और भावनाएँ अधिक मूल्यवान लगती हैं, जबकि समाज धन और वैभव की ओर आकर्षित होता है। इसलिए वह कहता है कि वह प्रेम को चुनता है और संसार की भौतिक चीज़ों को ठुकराता है।
9. ‘मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ’ – इस पंक्ति का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर:
कवि कहता है कि उसकी कविताएँ उसकी व्यथा का ही रूप हैं। लोग उन्हें संगीत समझते हैं, लेकिन वास्तव में वे उसके दुख और प्रेम की वेदना का संकलन हैं।
10. कवि स्वयं को कवि नहीं, ‘नया दीवाना’ क्यों कहता है?
उत्तर:
कवि कहता है कि वह अपनी कविताओं में अपने प्रेम की पीड़ा और दीवानगी को व्यक्त करता है। इसलिए वह स्वयं को कवि नहीं, बल्कि एक प्रेम में दीवाना मानता है।
‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ कविता के महत्वपूर्ण प्रश्न
11. इस कविता का मुख्य भाव क्या है?
उत्तर:
इस कविता में कवि ने समय की गति और जीवन की क्षणभंगुरता को दर्शाया है। वह बताता है कि कैसे दिन ढलते ही जीवन का अंत निकट आ जाता है, और मनुष्य को इसे सार्थक बनाने के लिए शीघ्रता करनी चाहिए।
12. चिड़ियों की उड़ान को कवि ने मानव जीवन से कैसे जोड़ा है?
उत्तर:
कवि ने चिड़ियों के व्यवहार को ममता और प्रतीक्षा का प्रतीक बनाया है। जैसे चिड़िया अपने बच्चों के पास लौटने के लिए तेज़ी से उड़ती है, वैसे ही मनुष्य भी अपने प्रियजनों की ओर लौटने के लिए व्याकुल होता है।
13. कवि को अपने जीवन में प्रेम की कमी क्यों महसूस होती है?
उत्तर:
कवि कहता है कि उसके जीवन में कोई ऐसा नहीं है जो उससे मिलने के लिए व्याकुल हो। यह विचार उसे दुखी कर देता है और उसके मन में एक शिथिलता और निराशा उत्पन्न करता है।
यह शीर्षक समय की तीव्रता और जीवन की अस्थिरता को दर्शाता है। जैसे दिन तेज़ी से ढलता है, वैसे ही जीवन भी बीतता जा रहा है। इसलिए कवि यह संदेश देता है कि जीवन को सार्थक बनाने के लिए जल्दी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
15. इस कविता का संदेश क्या है?
उत्तर:
इस कविता का मुख्य संदेश यह है कि समय किसी के लिए नहीं रुकता, और मनुष्य को अपने जीवन में प्रेम, लक्ष्य और सार्थकता की तलाश शीघ्रता से करनी चाहिए, क्योंकि दिन (अर्थात जीवन) जल्दी ढलता है।