भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है? Important Short and Long Question Class 11 Chapter-8 Book-Antra Part-1
Team Eklavya
मार्च 05, 2025
1. इस निबंध में भारत की किस स्थिति को उजागर किया गया है?
उत्तर:
- इस निबंध में भारत की आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, और शैक्षिक कमजोरियों को उजागर किया गया है।
- लेखक के अनुसार भारत की जनता आलसी, निष्क्रिय और आत्मगौरव से दूर हो गई है।
- शिक्षा और नीति का अभाव है, जिससे लोग स्वावलंबी बनने के बजाय दूसरों पर निर्भर रहने लगे हैं।
- देश की जनता में आत्मगौरव, एकता और कर्मठता की कमी को लेखक ने उन्नति के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा बताया है।
2. भारत के पिछड़ने के क्या कारण बताए गए हैं?
उत्तर:
1. आलस्य और निष्क्रियता – लोग मेहनत करने से बचते हैं और भाग्यवादी बने रहते हैं।
2. विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता – भारतीय समाज विदेशी वस्तुओं और विचारों को अपनाने में अधिक रुचि लेता है।
3. अंधविश्वास और कुरीतियाँ – समाज में व्याप्त अंधविश्वास और रूढ़िवादी सोच उन्नति में बाधक हैं।
4. शिक्षा की कमी – लोगों में सही शिक्षा और कौशल की कमी के कारण वे आत्मनिर्भर नहीं बन पाते।
5. जातिवाद और मतभेद – समाज में व्याप्त जातिगत और धार्मिक भेदभाव एकता को कमजोर करता है।
3. भारत की उन्नति के लिए लेखक ने कौन-कौन से सुधार सुझाए हैं?
उत्तर:
1. धर्म और नीति का समन्वय – धर्म का उपयोग समाज और व्यक्ति के उत्थान के लिए किया जाए, न कि अंधविश्वास फैलाने के लिए।
2. शिक्षा और कौशल विकास – सभी को शिक्षा दी जाए, विशेषकर महिलाओं को, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
3. सामाजिक सुधार – जातिवाद और धार्मिक मतभेदों को समाप्त करके एक समतामूलक समाज बनाया जाए।
4. आर्थिक सुधार – स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन और उपयोग बढ़ाया जाए, जिससे धन विदेशों में न जाए।
5. सामूहिक प्रयास – राजा, किसान, मजदूर, व्यापारी और स्त्री-पुरुष सभी को मिलकर देश की प्रगति के लिए कार्य करना होगा।
4. लेखक ने स्वदेशी आंदोलन पर क्यों ज़ोर दिया है?
उत्तर:
लेखक का मानना था कि देश की आर्थिक उन्नति के लिए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग और उत्पादन बढ़ाना बहुत जरूरी है।
- इससे विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम होगी और भारतीय कारीगरी को बढ़ावा मिलेगा।
- इससे स्थानीय उद्योगों का विकास होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और देश आत्मनिर्भर बनेगा।
- स्वदेशी आंदोलन राष्ट्रीय गौरव और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में सहायक होगा।
5. शिक्षा के क्षेत्र में लेखक ने क्या सुधारों की आवश्यकता बताई?
उत्तर:
1. सही शिक्षा का प्रसार – ऐसी शिक्षा दी जाए जो आत्मनिर्भर बनाए और समाज के लिए उपयोगी हो।
2. लड़कियों की शिक्षा – महिलाओं को शिक्षित किया जाए, लेकिन परंपराओं और मर्यादाओं का भी ध्यान रखा जाए।
3. रोज़गारोन्मुखी शिक्षा – शिक्षा ऐसी हो, जिससे युवा नौकरी करने के बजाय स्वयं रोजगार उत्पन्न कर सकें।
4. विदेशों में उच्च शिक्षा – छात्रों को उच्च शिक्षा और कौशल प्राप्त करने के लिए विदेश भेजा जाए, जिससे वे अपने ज्ञान से देश का विकास कर सकें।
6. लेखक के अनुसार सामाजिक सुधारों के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर:
1. जातिवाद और मतभेद समाप्त करना – सभी जातियों और धर्मों को समान आदर देना चाहिए।
2. सामाजिक एकता – हिंदू और मुसलमान मिलकर सहयोग और एकजुटता से कार्य करें।
3. स्त्रियों का सम्मान और सशक्तिकरण – महिलाओं को उचित शिक्षा और स्वतंत्रता मिलनी चाहिए।
4. परंपराओं में बदलाव – समाज में पुरानी और रूढ़िवादी परंपराओं को त्यागकर आधुनिक सुधार लाने होंगे।
7. लेखक ने आर्थिक सुधारों के लिए क्या सुझाव दिए हैं?
उत्तर:
- स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग बढ़ाया जाए ताकि धन विदेशों में जाने से रोका जा सके।
- कारीगरी और उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए ताकि देश में रोजगार बढ़े और आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
- व्यापार और श्रम को सम्मान दिया जाए ताकि मेहनतकश लोगों को उचित पहचान और अवसर मिलें।
- स्वदेशी आंदोलन को समर्थन दिया जाए ताकि भारतीय उद्योगों और वस्त्रों की महत्ता बढ़े।
8. सामूहिक प्रयास का क्या महत्व बताया गया है?
उत्तर:
देश की उन्नति के लिए सभी वर्गों – राजा, किसान, मजदूर, व्यापारी, स्त्री-पुरुष – को मिलकर कार्य करना होगा।
एकता और सहयोग ही राष्ट्रीय प्रगति का आधार है।
जब समाज के सभी वर्ग अपने-अपने कर्तव्यों को समझेंगे और निभाएंगे, तभी देश उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।
9. लेखक ने किस प्रकार की मानसिकता को त्यागने का आह्वान किया है?
उत्तर:
- आलस्य और निष्क्रियता को छोड़कर कर्मठ बनना चाहिए।
- हठधर्मिता और अंधविश्वास को छोड़कर नयी सोच अपनानी चाहिए।
- निकम्मेपन को त्यागकर मेहनत और स्वावलंबन को अपनाना चाहिए।
- जो लोग इन प्रयासों से दूर रहते हैं, वे अपने और समाज के सबसे बड़े शत्रु हैं।
10. "भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है?" निबंध का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर:
- यह निबंध बताता है कि भारत की उन्नति तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक अपने कर्तव्य को समझे और समाज के लिए कार्य करे।
- शिक्षा, स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग, सामाजिक एकता, और आत्मनिर्भरता से ही देश को आगे बढ़ाया जा सकता है।
- आलस्य, अज्ञानता, और आत्महीनता को त्यागकर प्रगति और सुधार की दिशा में कदम बढ़ाना आवश्यक है।