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बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएं Important Short and Long Question Class 11 Chapter-5 book-History

बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएं Important Short and Long Question Class 11 Chapter-5 book-History


1. चौदहवीं से सत्रहवीं शताब्दी के मध्य यूरोप में क्या बदलाव हुए?

उत्तर:

  • नगरों की संख्या बढ़ी और एक नई "नगरीय-संस्कृति" का विकास हुआ।
  • फ़्लोरेंस, वेनिस और रोम कला और विद्या के केंद्र बने।
  • मुद्रण के आविष्कार से पुस्तकें दूर-दराज़ नगरों में उपलब्ध होने लगीं।
  • चर्च की मान्यताओं को वैज्ञानिकों ने गलत साबित किया, और वैज्ञानिक सौर मंडल को समझने लगे।
  • प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार धर्म चुन सकता था।


2. पुनर्जागरण (Renaissance) क्या था और इसका क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:

पुनर्जागरण (Renaissance) का अर्थ "पुनर्जन्म" है, जो चौदहवीं से सत्रहवीं शताब्दी के दौरान यूरोप में कला, साहित्य, विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में आए बदलावों को दर्शाता है।

1860 में बर्कहार्ट ने "दि सिविलाईजेशन ऑफ दि रेनेसाँ इन इटली" नामक पुस्तक में इसे विस्तार से बताया।

पुनर्जागरण ने मानवतावादी (Humanist) संस्कृति को जन्म दिया, जिसने चर्च के प्रभुत्व को चुनौती दी और व्यक्ति को स्वतंत्र सोचने और निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।


3. इटली के नगरों के पुनरुत्थान के क्या कारण थे?

उत्तर:

  • रोम साम्राज्य के पतन के बाद इटली के नगरों की शक्ति कम हो गई थी, लेकिन व्यापार के कारण पुनः उन्नति हुई।
  • बाइजेंटाइन साम्राज्य और इस्लामी देशों से व्यापार के कारण इटली के तटवर्ती बंदरगाह पुनर्जीवित हो गए।
  • बारहवीं शताब्दी में ‘रेशम मार्ग’ से व्यापार शुरू हुआ, जिससे पश्चिमी यूरोप में व्यापार को बढ़ावा मिला।
  • इटली के नगर स्वतंत्र नगर-राज्य बन गए, जिनमें फ़्लोरेंस और वेनिस गणराज्य थे।


4. यूरोप में विश्वविद्यालयों की स्थापना कैसे हुई और मानवतावाद का इसमें क्या योगदान था?

उत्तर:

  • सबसे पहले विश्वविद्यालय इटली के शहरों में स्थापित हुए।
  • पादुआ और बोलोनिया विश्वविद्यालय विधिशास्त्र के प्रमुख केंद्र बने।
  • व्यापार और वाणिज्य में वृद्धि के कारण वकीलों और नोटरी की माँग बढ़ी, जिससे विधिशास्त्र लोकप्रिय विषय बना।
  • मानवतावादियों ने धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ व्याकरण, इतिहास, नीतिदर्शन और कविता की शिक्षा को बढ़ावा दिया।


5. ‘रेनेसाँ व्यक्ति’ कौन थे?

उत्तर:

  • ‘रेनेसाँ व्यक्ति’ उस व्यक्ति को कहा जाता था, जिसकी रुचियाँ और दक्षता कई क्षेत्रों में होती थी।
  • पुनर्जागरण काल में कई विद्वान हुए, जो कला, विज्ञान, कूटनीति और धर्मशास्त्र में निपुण थे।
  • उदाहरण: लियोनार्डो दा विंची – चित्रकार, वैज्ञानिक, अभियंता और गणितज्ञ थे।


6. इतिहास के मानवतावादी दृष्टिकोण के अनुसार यूरोप के काल विभाजन को कैसे देखा गया?

उत्तर:

मानवतावादियों ने यूरोप के इतिहास को पाँच भागों में विभाजित किया:

  • 5-14 शताब्दी - मध्य युग
  • 5-9 शताब्दी - अंधकार युग
  • 9-11 शताब्दी - आरंभिक मध्य युग
  • 11-14 शताब्दी - उत्तर मध्य युग
  • 15 शताब्दी से आगे - आधुनिक युग

हालाँकि, हाल के इतिहासकार इस काल विभाजन को अनुचित मानते हैं, क्योंकि यह किसी काल को ‘अंधकार युग’ कहकर उसकी सांस्कृतिक समृद्धि को नकारता है।


7. अरब विद्वानों ने पुनर्जागरण काल में क्या योगदान दिया?

उत्तर:

  • चौदहवीं शताब्दी में प्लेटो और अरस्तू के ग्रंथों का अनुवाद अरब विद्वानों ने किया।
  • अरब वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और औषधि विज्ञान में योगदान दिया।
  • इब्न-सिना (Avicenna) और अल-राज्जी (Rhazes) ने चिकित्सा विज्ञान में योगदान दिया।
  • इब्न रूश्द (Averroes) ने दर्शन और विज्ञान को जोड़ा।


8. पुनर्जागरण कला में यथार्थवाद (Realism) कैसे आया?

उत्तर:

  • 1416 में दोनातल्लो ने सजीव मूर्तियाँ बनाईं।
  • कलाकारों ने मानव शरीर की संरचना को समझने के लिए आयुर्विज्ञान का अध्ययन किया।
  • रेखागणित और प्रकाश विज्ञान की मदद से त्रि-आयामी (3D) चित्र बनाए गए।
  • तेल चित्रण तकनीक से चित्रों को अधिक रंगीन और प्राकृतिक बनाया गया।


9. मुद्रण कला के विकास से समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:

  • मुद्रित पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ी, जिससे शिक्षा का प्रसार हुआ।
  • अब विद्यार्थी केवल अध्यापकों के नोट्स पर निर्भर नहीं रहे।
  • विचार और जानकारी अधिक तेज़ी से प्रसारित होने लगी।
  • पंद्रहवीं शताब्दी के अंत तक पुनर्जागरण संस्कृति पूरे यूरोप में फैल गई।


10. ईसाई धर्म के अंतर्गत वाद-विवाद कैसे हुए?

उत्तर:

चर्च की अनावश्यक कर्मकांडों और करों की आलोचना की गई।

‘पाप-स्वीकारोक्ति’ (Indulgences) जैसी चर्च की प्रथाओं का विरोध हुआ।

लोग यह मानने लगे कि मनुष्य को ईश्वर ने स्वतंत्र बनाया है और उसे अपने जीवन में खुशी ढूँढने का अधिकार है।


11. प्रोटेस्टेंट सुधार (Protestant Reformation) क्या था?

उत्तर:

  • 1517 में मार्टिन लूथर नामक भिक्षु ने चर्च के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन छेड़ा।
  • उसने कहा कि मनुष्य को ईश्वर से संपर्क के लिए पादरी की आवश्यकता नहीं है।
  • इस आंदोलन को ‘प्रोटेस्टेंट सुधार’ कहा गया।
  • जर्मनी और स्विट्जरलैंड के चर्च ने पोप और कैथलिक चर्च से अपने संबंध तोड़ दिए।


12. कैथोलिक सुधार (Catholic Reformation) क्या था?

उत्तर:

चर्च ने अपने सुधार शुरू किए और निर्धनों की सेवा और सादगी पर ज़ोर दिया।

स्पेन और इटली में इग्नेशियस लोयोला ने ‘सोसाइटी ऑफ जीसस’ नामक संस्था की स्थापना की।

‘जेसुइट्स’ (Jesuits) ने शिक्षा और सामाजिक सेवा में योगदान दिया।


13. कोपरनिकसीय क्रांति क्या थी?

उत्तर:

  • ईसाई धर्म में यह मान्यता थी कि पृथ्वी ब्रह्मांड का केंद्र है।
  • निकोलस कोपरनिकस ने सिद्ध किया कि सूर्य ब्रह्मांड का केंद्र है और पृथ्वी उसकी परिक्रमा करती है।
  • केपलर और गैलीलियो ने इस सिद्धांत को और मजबूत किया।
  • गैलीलियो के ग्रंथ ‘दि मोशन’ ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को प्रमाणित किया।


14. महिलाओं की स्थिति पर पुनर्जागरण का क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:

  • महिलाओं की शिक्षा और सार्वजनिक जीवन में भागीदारी सीमित थी।
  • केवल धनी व्यापारी परिवारों की महिलाएँ व्यापार में सहायता करती थीं।
  • कुछ महिलाएँ बौद्धिक रूप से सक्रिय थीं, जैसे कि कसान्द्रा फेदेले और ईसाबेला दि इस्ते।


15. वैज्ञानिक क्रांति (Scientific Revolution) का क्या महत्व था?

उत्तर:

  • विज्ञान अब पर्यवेक्षण और प्रयोगों पर आधारित हो गया।
  • 1670 में पेरिस अकादमी और 1662 में लंदन की रॉयल सोसाइटी की स्थापना हुई।
  • न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत ने विज्ञान को नई दिशा दी।

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