जनपोषण तथा स्वास्थ्य Important Short and Long Questions Class 12 Home Science Chapter-3 Book-1
0Team Eklavyaफ़रवरी 24, 2025
1. जन स्वास्थ्य पोषण क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
जन स्वास्थ्य पोषण (Public Health Nutrition) का उद्देश्य बड़े पैमाने पर लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और पोषण संबंधी समस्याओं का समाधान करना है। यह सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय की पोषण समस्याओं पर काम करता है। इसका मुख्य लक्ष्य:
अच्छे पोषण को बढ़ावा देना
पोषण समस्याओं की रोकथाम
सरकारी योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन
2. भारत में कुपोषण की क्या स्थिति है?
उत्तर:
भारत में कुपोषण एक गंभीर समस्या है:
पाँच वर्ष से कम उम्र के 50% बच्चों की मौत का कारण कुपोषण होता है।
हर पाँच में से एक बच्चा जन्म के समय 2.5 किलो से कम वजन का होता है।
गरीब परिवारों के बच्चों में वृद्धि-मंदन (स्टंटिंग) और मध्यम से गंभीर अल्पपोषण अधिक होता है।
आयरन, जिंक, विटामिन A, D और आयोडीन की कमी व्यापक रूप से पाई जाती है।
3. कुपोषण के कारण क्या हैं?
उत्तर:
अपर्याप्त और असंतुलित आहार
गरीबी और खाद्य असुरक्षा
स्वच्छता की कमी और गंदा पानी
माता-पिता की पोषण संबंधी जानकारी की कमी
सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन न होना
4. कुपोषण के प्रभाव क्या हैं?
उत्तर:
बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है।
बच्चों का कद छोटा रह जाता है और उनकी संज्ञानात्मक क्षमता कमजोर हो जाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, कुपोषण के कारण भारत की GDP में 2-3% तक की गिरावट हो सकती है।
5. भारत में पोषण संबंधी कौन-कौन सी समस्याएँ हैं?
उत्तर:
1. प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण (PEM) – ऊर्जा और प्रोटीन की कमी के कारण होता है।
2. सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी (Hidden Hunger) – इसमें आयरन, जिंक, विटामिन A, D और आयोडीन की कमी पाई जाती है।
3. लौह तत्व की कमी से एनीमिया – थकावट, पीलापन और कमजोरी के लक्षण उत्पन्न करता है।
4. विटामिन A की कमी – रतौंधी, अंधता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी।
5. आयोडीन की कमी – ग्वाइटर (गलगंड) और मानसिक मंदता।
6. भारत में पोषण से संबंधित कौन-कौन सी सरकारी योजनाएँ चलाई जा रही हैं?
उत्तर:
1. एकीकृत बाल विकास सेवाएँ (ICDS) – 0-6 वर्ष के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण प्रदान करना।
2. मध्याह्न भोजन योजना – स्कूली बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना।
3. जन वितरण प्रणाली (PDS) – गरीब परिवारों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराना।
4. राष्ट्रीय आयोडीन हीनता विकार नियंत्रण कार्यक्रम – आयोडीन युक्त नमक का उपयोग बढ़ावा देना।
5. अंत्योदय अन्न योजना – गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराना।
7. कुपोषण की रोकथाम के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर:
संतुलित आहार का सेवन करना, जिसमें अनाज, दालें, सब्जियाँ और फल शामिल हों।
नियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना।
स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करना।
माता-पिता और बच्चों को पोषण के प्रति जागरूक बनाना।
सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करना।
8. पोषण अभियान (POSHAN Abhiyaan) क्या है?
उत्तर:
मार्च 2018 में राजस्थान के झुंझुनू से शुरू हुआ यह अभियान कुपोषण से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए चलाया गया।
इसका उद्देश्य स्टंटिंग और एनीमिया को कम करना और गर्भवती महिलाओं व बच्चों को पर्याप्त पोषण प्रदान करना है।
2022 तक "कुपोषण मुक्त भारत" का लक्ष्य रखा गया है।
9. पोषण समस्याओं के समाधान के कौन-कौन से दृष्टिकोण अपनाए जाते हैं?
उत्तर:
1. आहार आधारित दृष्टिकोण – भोजन के माध्यम से पोषण समस्याओं का समाधान करना (जैसे आयोडीन युक्त नमक, हरी सब्जियाँ, प्रोटीन युक्त आहार)।
2. औषधीय दृष्टिकोण – संवेदनशील समूहों को विटामिन A, आयरन जैसी खुराक देना (यह अल्पकालिक समाधान है, लेकिन महँगा होता है)।
10. पोषण सुधार में स्वास्थ्य देखभाल की क्या भूमिका है?
उत्तर:
1. प्राथमिक स्तर – गाँवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) पोषण सुधार में मदद करते हैं।
2. द्वितीयक स्तर – जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पोषण देखभाल की जाती है।
3. तृतीयक स्तर – मेडिकल कॉलेज और विशिष्ट अस्पताल पोषण संबंधित शोध और उपचार में योगदान देते हैं।
11. जन पोषण विशेषज्ञ क्या कार्य करते हैं?
उत्तर:
स्वास्थ्य संवर्धन और बीमारियों की रोकथाम से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेना।
पोषण शिक्षा और जागरूकता फैलाना।
आँगनवाड़ी, सरकारी योजनाओं और विकास कार्यक्रमों में योगदान देना।
यूनिसेफ, WHO और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ काम करना।
12. पोषण के क्षेत्र में करियर के कौन-कौन से अवसर उपलब्ध हैं?
उत्तर:
1. नैदानिक पोषण विशेषज्ञ – अस्पतालों और क्लीनिकों में मरीजों की पोषण संबंधी देखभाल।
2. शोधकर्ता – पोषण विज्ञान में अनुसंधान कार्य करना।
3. आहार सलाहकार – स्वतंत्र रूप से पोषण परामर्श देना।
4. शिक्षक/प्रोफेसर – विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पोषण विषय पढ़ाना।
5. फ्रीलांस आहार विशेषज्ञ – ऑनलाइन और निजी प्रैक्टिस करना।
6. खाद्य उद्योग विशेषज्ञ – आहार पूरक और पोषण संबंधी उत्पादों का विकास करना।
13. स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
उत्तर:
उच्च फाइबर युक्त भोजन (फल, सब्जियाँ, अनाज) का सेवन करें।
वसा और शक्कर की मात्रा सीमित करें।
नियमित व्यायाम करें।
स्वच्छता बनाए रखें और सुरक्षित पेयजल पिएँ।
पोषण विशेषज्ञों से परामर्श लें।
14. शहरी भारतीय आहार में किस प्रकार के बदलाव देखे गए हैं?
उत्तर:
वसा और शक्कर का अधिक सेवन बढ़ गया है।
फाइबर, विटामिन और खनिजों का सेवन कम हो गया है।
मांसाहारी भोजन में वृद्धि हुई है।
पैकेज्ड और तले हुए खाद्य पदार्थों की खपत बढ़ गई है।
15. पोषण संबंधी शिक्षा और शोध का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
यह पोषण संबंधी मिथकों को दूर करता है।
पोषण सुधार के लिए वैज्ञानिक समाधान प्रदान करता है।
सरकारी नीतियों और योजनाओं को प्रभावी बनाने में मदद करता है।