1. 'भरत राम का प्रेम' (रामचरितमानस – अयोध्या कांड)
1. ‘भरत राम का प्रेम’ पाठ का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:
- इस पाठ में भरत के राम के प्रति अपार प्रेम का वर्णन किया गया है।
- राम के वनवास के बाद भरत अत्यंत दुखी और व्याकुल हो जाते हैं।
- वे राम को अयोध्या वापस लाने के लिए चित्रकूट जाते हैं और अपने मन की वेदना व्यक्त करते हैं।
- यह पाठ भक्ति, त्याग और कर्तव्य की भावना को उजागर करता है।
2. भरत अपने मन की बात कहने में संकोच क्यों कर रहे थे?
उत्तर:
- गुरु वशिष्ठ के कहने पर भी भरत अपने मन की बात कहने में संकोच कर रहे थे।
- वे भावुक होकर रोने लगे और राम के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को याद करने लगे।
- उन्होंने कहा कि राम ने कभी किसी पर क्रोध नहीं किया, यहाँ तक कि अपराधियों पर भी नहीं।
- बचपन में भी राम ने कभी उनका मन नहीं दुखाया।
- उनका मन और नयन राम के प्रेम के लिए तड़प रहे थे।
3. भरत कैकेयी को दोष क्यों नहीं देते?
उत्तर:
- भरत स्वयं को ही राम के वनवास के लिए जिम्मेदार मानते हैं।
- वे कहते हैं कि कैकेयी को दोष देना उचित नहीं है, क्योंकि वे उनकी माता हैं।
- वे यह भी मानते हैं कि यदि कैकेयी नीच हैं, तो उनका पुत्र (भरत) भी अच्छा नहीं हो सकता।
- वे अपने भाग्य को दोष देते हैं और स्वयं को अभागा मानते हैं।
4. भरत को राम के वनवास से किस बात का सबसे अधिक कष्ट था?
उत्तर:
- भरत को यह देखकर अत्यंत पीड़ा हुई कि राम, लक्ष्मण और सीता बिना जूते पहने जंगल में चले गए।
- वे चित्रकूट में श्रीराम के पैरों के निशान देखते ही रोने लगते हैं।
- वे सोचते हैं कि इतना बड़ा अन्याय सहकर भी राम ने कोई विरोध नहीं किया।
- वे स्वयं को कठोर हृदय वाला मानते हैं, क्योंकि निषादराज के प्रेम को देखकर भी उनका हृदय नहीं पिघला।
5. ‘भरत राम का प्रेम’ पाठ की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
- भरत के राम के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति का चित्रण किया गया है।
- यह पाठ त्याग, धर्म और कर्तव्य की भावना को दर्शाता है।
- संवादों में गहरी भावनाएँ व्यक्त की गई हैं।
- भाषा सरल और काव्यात्मक है।
- भरत के चरित्र की महानता को दर्शाया गया है।
2. 'भरत-राम का प्रेम और पद' (गीतावली से)
6. माता कौशल्या राम के वनगमन के बाद कैसी मनोदशा में थीं?
उत्तर:
- माता कौशल्या अत्यंत दुखी थीं और राम के बचपन की यादों में खो जाती थीं।
- वे राम के धनुष-बाण और उनकी छोटी जूतियों को अपने हृदय से लगाकर रोती थीं।
- वे राम को पुकारकर जगाने का नाटक करती थीं, मानो वे अभी भी अयोध्या में ही हों।
- उन्हें यह विश्वास नहीं हो रहा था कि राम अब अयोध्या में नहीं हैं।
7. माता कौशल्या ने राम से लौटने की प्रार्थना क्यों की?