बायो मकैनिस और खेल Notes in Hindi Class 12 Physical Education Chapter-8 Bio Makannis & Sports bio mechanis or khel
0Team Eklavyaजनवरी 18, 2025
जीव-यांत्रिकी ( bio-mechanics )
व्यक्ति के शरीर का अध्ययन एक मशीन के रूप में करता है।
इस अध्ययन में शरीर की गति को प्रभावित करने वाली आंतरिक तथा बाहरी शक्तियों का गहन अध्ययन किया जाता है।
जीव-यांत्रिकी विज्ञान की वह शाखा है जो जीवित प्राणियों के शरीर में होने वाली यांत्रिक प्रक्रियाओं और उनके कार्यों का अध्ययन करती है। यह मुख्य रूप से शरीर के ढांचे, गति, बल, ऊर्जा, और उनके परस्पर प्रभावों को समझने पर केंद्रित होती है।
जीव-यांत्रिकी उपयोगिता
खेल प्रदर्शन में सुधार।
चिकित्सा उपकरणों और तकनीकों का विकास।
चोटों और उनकी रोकथाम के उपाय।
रोबोटिक्स और कृत्रिम अंग निर्माण में।
शारीरिक शिक्षा तथा खेलकूद में जीव यांत्रिकी का महत्व बताइए ?
जीव-यांत्रिकी प्रशिक्षण में सुधार लाने में सहायक है
जीव-यांत्रिकी उपकरणों में सुधार लाने में सहायक है
जीव-यांत्रिकी तकनीक में सुधार लाने में सहायक है
चोट से बचाव में सुधार लाने में सहायक है
मानव के शरीर को समझने में सहायक है
खेल में प्रदर्शन को सुधारने में सहायक है
न्यूटन के गति के नियम
1. जड़ता का नियम
2. त्वरण का नियम
3. प्रतिक्रिया का नियम
1. जड़ता का नियम -
जड़ता का नियम न्यूटन के गति के पहले नियम के रूप में जाना जाता है।
यह नियम बताता है कि कोई वस्तु अपनी वर्तमान गति की स्थिति को तब तक बनाए रखती है, जब तक उस पर कोई बाहरी बल कार्य नहीं करता
उदाहरण – 1
एक फुटबॉल आराम की स्थिति में है। तब तक आराम से रहेगी I जब तक कि उस पर किक (बाहरी बल) नहीं लगाई जाती।
उदाहरण – 2
एक रोलिंग फुटबॉल (गति में) थोड़ी दूरी तय करके धीमा हो जाती है या फिर रुक जाती है (गति में परिवर्तन) क्युकी फुटबॉल और जमीन के बीच घर्षण / गुरुत्वाकर्षण (बाह्यबल) लगता है
2. त्वरण का नियम -
त्वरण का नियम न्यूटन के गति के दूसरे नियम के रूप में जाना जाता है।
यह नियम बताता है कि किसी वस्तु का त्वरण (Acceleration) उस पर लगने वाले बल (Force) और उसके द्रव्यमान (Mass) पर निर्भर करता है।
गति के दूसरे नियम को "संवेग के नियम" के रूप में भी जाना जाता है।
किसी भी वस्तु में उप्तनन होने वाले त्वरण की दर वस्तु पर लगने वाले बल के समानुपाती तथा उसके द्रव्य मान के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
त्वरण ∝ बल/द्रव्यमान ,बल = द्रव्यमान × त्वरण
उदाहरण-
1. क्रिकेट में, सामान्य बल से फेंकी गई गेंद की तुलना में डबल बल से फेंकी गई गेंद का त्वरण अधिक होता है।
2. एक भाला फेंकने वाले को 600 ग्राम का भाला फेंकने की तुलना में 800 ग्राम की भाला फेंकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है।
3. प्रतिक्रिया का नियम -
प्रतिक्रिया का नियम न्यूटन के गति के तीसरे नियम के रूप में जाना जाता है।
यह नियम बताता है कि किसी वस्तु पर लगाए गए बल के परिणामस्वरूप हमेशा एक समान और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया बल उत्पन्न होता है।
गति के इस नियम में प्रत्येक क्रिया के साथ एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
उदाहरण-
1. तैरते समय जब हम पानी को पीछे की ओर धकेलते हैं (क्रिया), तो हमारा शरीर आगे (प्रतिक्रिया) को चलता है।
2. गोली चलाने में जब गोली चलती है तो गोली आगे (क्रिया) चलती है जबकि बंदूक पीछे की ओर धक्का देती है (प्रतिक्रिया)।
3. जब हम चलते हैं, तो हम अपने पैर से जमीन को धक्का देकर पीछे की ओर बल लगाते हैं और वही प्रतिक्रिया बल आगे की दिशा में जमीन द्वारा लगाया जाता है और यह हमें आगे बढ़ने में सक्षम बनाता है।
रॉकेट का उड़ना:-
जब रॉकेट का इंजन गैसों को नीचे की ओर बलपूर्वक छोड़ता है (क्रिया), तो गैसें रॉकेट को ऊपर की ओर धक्का देती हैं (प्रतिक्रिया)।
गन से गोली चलाना:-
गोली को आगे की ओर बल के साथ फेंका जाता है (क्रिया), और गन पीछे की ओर झटके का अनुभव करती है (प्रतिक्रिया)।
पानी पर तैरना:-
जब तैराक पानी को पीछे की ओर धक्का देता है (क्रिया), तो पानी तैराक को आगे की ओर धक्का देता है (प्रतिक्रिया)।
चालक का कदम:-
जब आप ज़मीन पर कदम रखते हैं और नीचे बल लगाते हैं (क्रिया), तो ज़मीन आपको ऊपर की ओर बल देती है (प्रतिक्रिया)।
संतुलन का सिद्धांत पर चर्चा कीजिये ?
संतुलन दो प्रकार का होता है –
1. गतिशील संतुलन
2. स्थिर संतुलन
1. गतिशील संतुलन
किसी व्यक्ति या वस्तु द्वारा गतिशील रहते हुए स्थिरता बनाए रखने को गतिशील संतुलन कहते हैं।
जैसे-साइकिल चलना
2. स्थिर सन्तुलन-
जब व्यक्ति स्थिर अवस्था में होता है तब उसे स्थिर संतुलन कहते हैं।
जैसे - योग में शीर्षासन
संतुलन तथा खेलकूद में इनका प्रयोग
1. चौड़ा / व्यापक आधारः आधार जितना चौड़ा होगा, संतुलन में स्थिरता उतनी ही अधिक होगी।
उदाहरण - कुश्ती मैच के दौरान, पहलवान अधिक स्थिरता और स्थिर संतुलन के लिए व्यापक आधार बनाने के लिए पैरों को खोलकर खड़े होते हैं।
2. गुरुत्वाकर्षण बिंदु जमीन के करीब रखनाः गुरुत्वाकर्षण का केंद्र (CG) जितना जमीन के करीब होगा, स्थिरता उतनी ही अधिक होगी। पूर्व के लिए कुश्ती मैच के दौरान, पहलवान अधिक स्थिरता और स्थिर संतुलन के लिए अपने गुरुत्व केंद्र को नीचे करने के लिए थोड़ा आगे झुकते हैं।
3. बॉडी मास (जड़ता): उच्च शरीर द्रव्यमान (जड़ता) वाले एथलीट के अंदर हल्के शरीर द्रव्यमान (जड़ता) वाले एथलीट की तुलना में अधिक स्थिरता होती है। उदाहरण- हल्के व्यक्ति की तुलना में भारी व्यक्ति को हिलाना मुश्किल है। यही कारण है कि कुश्ती, मुक्केबाजी, जूडो आदि जैसे खेलों में विभिन्न भार वर्गों में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
4. गुरुत्वाकर्षण का केंद्र आधार के मध्य मेंः जब गुरुत्वाकर्षण केंद्र (सीजी) आधार के मध्य में आता है तो स्थिरता अधिक होती है। जिम्नास्टिकक या कार्टव्हील करते समय गुरुत्वाकर्षण का केंद्र आधार के मध्य में रखने से स्थिरता अधिक होती है।
घर्षण क्या है ?
घर्षण एक प्रकार का बल है जो तब पैदा होता है जब दो वस्तुओं की सतह आपस में संपर्क में आते है और उनके बीच या तो सापेक्ष गति हो रही है या होने का प्रयास हो रहा होता है घर्षण बल हमेशा क्रिया की विपरीत दिशा में कार्य करता है।
खेलों में विभिन्न प्रकार के घर्षण की व्याख्या कीजिये ?
दो सतहों के बीच संपर्क से उत्पन्न गति में प्रतिरोध, घर्षण कहलाता है।
घर्षण (Friction) दो प्रकार के होते है।
1. स्थिर घर्षण (Static Friction) -
जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की सतह पर बढ़ना शुरू करती है लेकिन वास्तविक गति अभी प्रारंभ न हुई हो, इसे स्थिर घर्षण कहा जाता है।
उदाहरण- दौड़ने की प्रारंभिक स्थिति ।
2. गतिशील घर्षण (Dynamic Friction) –
जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की सतह पर वास्तविक रूप में चलना शुरू कर देती हैं तो उसे गतिशील घर्षण कहते हैं।
उदाहरण- गेंद लुढककर रुक जाने तक जो घर्षण बल लगा वह गतिशील घर्षण बल है।
गतिशील घर्षण भी दो प्रकार का होता है
स्लाइडिंग घर्षण (Sliding Friction) -
जब एक वस्तु वास्तव में दूसरी वस्तु की सतह पर सरकने लगती है तो उसे स्लाइडिंग घर्षण कहा जाता है।
उदाहरण - डिब्बे को गाड़ी पर चढ़ाना।
रोलिंग घर्षण (Rolling Friction) –
जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की सतह पर लुढकने लगती हैं तो उसे रोलिंग घर्षण कहते हैं।
उदाहरण- हिट करने पर मैदान पर लुढकती बॉल का रोलिंग घर्षण के कारण रुक जाना।
घर्षण के लाभ और हानि बताइए ?
घर्षण के लाभ
1. वस्तु के स्थिति को बनाए रखनारू घर्षण किसी भी वस्तु की स्थिति तथा उसका आकार को स्थिर रखती है।
2. गति में सहायता करनाः घर्षण के कारण हम आराम से चल व दौंड़ पाते है। धावक गति में तेजी लाने के लिए घर्षण को बढ़ाता है जैसे- स्पाइक्स (Spikes) का प्रयोग धावक द्वारा करना।
3. पकड़ को मजबूत बनानाः घर्षण के कारण खिलाड़ी अपने हाथों से वस्तु को बहुत अच्छी तरह से पकड़ लेता है। बैडमिन्टन खिलाड़ी राकेट में पकड़ को मजबूत करने के लिए घर्षण को बढ़ाते है।
4. ताप को बढ़ानाः घर्षण के कारण तापमान में वृद्धि होती है।
घर्षण के हानि
1. वस्तु में टूट-फूट होना: घर्षण के कारण वस्तु में हमेशा टूट-फूट होती रहती है, इस से बचाने के लिए हमें वस्तुओं में तेल या चिकनाई आदि का प्रयोग करना चाहिए।
2. ऊर्जा का नुकसानः घर्षण ऊर्जा को खत्म कर देता है।
3. गति को कम करनाः रोलर स्केटिंग जैसे खेल में घर्षण क्रिया की गति को कम कर देते है। इस के लिए सतह को चिकना बनाया जाता है।
4. गति को मुश्किल बनानाः कठिन व अधिक घर्षण भी क्रियाओं में गतिविधि को मुश्किल कर देता है।