अतीत में दबे पाँव Class 12 Chapter-3 Book-Vitan Chapter Summary
0Team Eklavyaदिसंबर 09, 2024
अतीत में दबे पाँव
यह अध्याय मुअनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता की अद्वितीय विशेषताओं, नगर नियोजन, सामाजिक जीवन और सांस्कृतिक धरोहरों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
मुअनजोदड़ो और हड़प्पा की महत्ता
मुअनजोदड़ो और हड़प्पा को दुनिया के सबसे पुराने नियोजित शहरों में गिना जाता है। मुअनजोदड़ो सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा और उत्कृष्ट शहर था, जो लगभग 5000 वर्ष पुरानी सभ्यता का हिस्सा था। इसकी खुदाई में कई महत्वपूर्ण वस्तुएँ और संरचनाएँ मिली हैं, जो इस प्राचीन सभ्यता की उन्नत नगर योजना और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती हैं।
नगर नियोजन और वास्तुकला
मुअनजोदड़ो शहर "ग्रिड प्लान" पर आधारित था, जिसमें सीधी सड़कें और व्यवस्थित गलियाँ थीं। पक्की ईंटों से बने स्नानघर, कुंड और ढकी हुई जल निकासी प्रणाली इस नगर नियोजन की उन्नत तकनीक को दर्शाती हैं। हर घर में स्नानघर और पानी की निकासी के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे, जो स्वच्छता के प्रति उनकी जागरूकता को दिखाता है। मुअनजोदड़ो में लगभग 700 कुएँ थे, जिससे इसे "जल-संस्कृति" का आदर्श उदाहरण माना जा सकता है।
सामाजिक जीवन और संस्कृति
सिंधु सभ्यता में समाज को उच्च वर्ग, कामगार वर्ग और संभवतः निम्न वर्ग में विभाजित किया गया था। इस सभ्यता में राजतंत्र या धर्मतंत्र के भव्य प्रतीक नहीं मिले, जिससे यह एक "लो-प्रोफ़ाइल" सभ्यता प्रतीत होती है। यह सभ्यता अनुशासन और सामाजिक प्रबंधन पर आधारित थी, क्योंकि सैन्य बल या युद्ध संबंधी किसी भी प्रकार के प्रमाण नहीं मिलते हैं।
कला और सुरुचि
मुअनजोदड़ो की मूर्तियाँ, मृद्भांड, मुहरें और आभूषण उनकी अद्भुत कलात्मक प्रवीणता को प्रदर्शित करते हैं। यह समाज सौंदर्य और सुरुचि को प्राथमिकता देता था, जो "समाज-पोषित" कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। कपास की खेती, सूत की कताई-बुनाई और रंगाई में उनकी प्रगति इस सभ्यता की उन्नत तकनीकी और सांस्कृतिक विकास को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
सभ्यता का पतन
मुअनजोदड़ो के पतन के संभावित कारणों में जलवायु परिवर्तन, सिंधु नदी के प्रवाह में बदलाव और भू-जल की कमी शामिल हैं। आज मुअनजोदड़ो का अधिकांश हिस्सा खंडहर में बदल चुका है, और इसे संरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है, जो इस प्राचीन सभ्यता की विरासत को बचाने के लिए निरंतर प्रयास की मांग करता है।
खुदाई और पुरातत्त्विक खोज
मुअनजोदड़ो की खुदाई में कई महत्वपूर्ण वस्तुएँ मिलीं, जिनमें मिट्टी की बैलगाड़ी, चौपड़ की गोटियाँ, तौलने के बाट और मूर्तियाँ शामिल हैं। इनमें "नर्तकी" और "दाढ़ी वाले नरेश" की मूर्तियाँ विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जो इस सभ्यता की कलात्मक उत्कृष्टता और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती हैं।
विशिष्टता और महत्व
सिंधु सभ्यता में सैन्य सत्ता का कोई प्रमाण नहीं मिलने के बावजूद अनुशासन और सामाजिक व्यवस्था का गहरा प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यह सभ्यता कला, सौंदर्य-बोध और सामाजिक समरसता की एक अद्वितीय मिसाल पेश करती है, जो उनके विकसित और संतुलित समाज को दर्शाती है।
इस अध्याय में मुअनजोदड़ो को एक समृद्ध, संगठित और कलात्मक सभ्यता के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो आज भी पुरातत्त्व और इतिहास के लिए प्रेरणा का स्रोत है।