आतिथ्य प्रबंधन Notes in Hindi Class 12 Home Science Chapter-11 Book-2
0Team Eklavyaदिसंबर 27, 2024
प्रस्तावना
जब हम किसी होटल या रेस्तराँ जाते हैं, तो हम चाहते हैं कि हमारा अच्छा स्वागत और सेवा हो। अगर ऐसा नहीं होता, तो हम वहाँ दोबारा जाना पसंद नहीं करेंगे। भारतीय संस्कृति में अतिथियों को भगवान के समान माना गया है, जिसे "अतिथि देवो भव" कहते हैं। इसका मतलब है कि हर अतिथि का आदर और अच्छे से ख्याल रखना चाहिए। पहले लोग अपने रिश्तेदारों या धर्मशालाओं में रुकते थे, लेकिन अब व्यापार और यात्रा बढ़ने से होटलों और अन्य सेवाओं की जरूरत बढ़ गई है।
महत्त्व
वैश्वीकरण से दुनिया छोटी हो गई है, और लोग कई कारणों से यात्रा करते हैं, जैसे व्यापार, पढ़ाई, तीर्थयात्रा, इलाज, छुट्टियां, रिश्तेदारों से मिलना या खरीदारी। कुछ लोग नई जगहों, संस्कृतियों, ऐतिहासिक इमारतों, प्रकृति और त्यौहारों जैसे पुष्कर मेला, कुंभ मेला, मैसूर दशहरा या गणपति उत्सव देखने के लिए जाते हैं। वे आरामदायक, सुरक्षित और साफ-सुथरी जगहों पर रुकना चाहते हैं। यदि सुविधाएँ अच्छी न हों, तो उनका अनुभव खराब हो सकता है। इसी वजह से आतिथ्य उद्योग "घर से दूर घर" जैसी सुविधाएँ देकर तेजी से विकसित हो रहा है।
मूलभूत संकल्पनाएँ
आतिथ्य का मतलब है अतिथियों का स्वागत करना और उनकी देखभाल करना। इसमें उनके लिए आवास, भोजन, मनोरंजन, और अन्य सुविधाओं का प्रबंधन शामिल है। आतिथ्य उद्योग में होटल, मोटल, लॉज, रिजॉर्ट, और सुसज्जित फ्लैट्स जैसी सेवाएँ प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
आतिथ्य सेवाओं के मुख्य प्रकार
होटल अतिथियों को कमरे, भोजन और अन्य सुविधाएँ देते हैं।
मोटल में होटल जैसी सुविधाएँ होती हैं, लेकिन पार्किंग सीधे कमरे से जुड़ी होती है।
लॉज सिर्फ सोने के लिए जगह देते हैं, लेकिन भोजन या अन्य सेवाएँ नहीं देते।
रिजॉर्ट अवकाश और मनोरंजन के लिए खेल, स्पा और अन्य सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
सुसज्जित फ्लैट्स लंबी अवधि के लिए सभी जरूरी सुविधाएँ देते हैं, जबकि शिविर साहसिक खेलों और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए बनाए जाते हैं।
अन्य सेवाएँ
आतिथ्य सेवाएँ न केवल होटल और रिजॉर्ट तक सीमित हैं, बल्कि सम्मेलनों, विवाह पार्टियों, थीम पार्क, मनोरंजन पार्क, और क्रूज़ जैसी जगहों पर भी मिलती हैं। छात्रावास और अस्पताल भी आतिथ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं।
अतिथि चक्र
अतिथि चक्र में मेहमान के अनुभव को चार चरणों में बाँटा जाता है। आगमन पूर्व में कमरे की बुकिंग और दर तय होती है। आगमन चरण में मेहमान का रजिस्ट्रेशन और चेक-इन होता है। कमरे पर आधिपत्य के दौरान मेहमान की जरूरतों का ध्यान रखा जाता है। प्रस्थान चरण में चेक-आउट, भुगतान और फीडबैक लिया जाता है।
एक संगठन के आतिथ्य प्रबंधन में सम्मिलित विभाग
प्रमुख कार्यालय, किसी भी होटल का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह वह जगह है जहाँ मेहमान का स्वागत किया जाता है और पहली बार स्टाफ से संपर्क होता है। यहाँ का वातावरण और सेवाएँ होटल की छवि और अतिथि के अनुभव को आकार देते हैं।
प्रमुख कार्यालय की मुख्य सेवाएँ
मेहमानों का स्वागत और अभिवादन।
कमरे की उपलब्धता की जानकारी और आरक्षण।
चेक-इन और चेक-आउट प्रक्रिया।
कमरे की चाबियाँ सौंपना।
कुली सेवाएँ प्रदान करना।
बिल तैयार करना और भुगतान प्रक्रिया।
होटल और बाहरी सेवाओं की जानकारी देना।
अन्य विभागों, जैसे परिवहन, गृह व्यवस्था, और रेस्तराँ से समन्वय।
गृह व्यवस्था विभाग: स्वच्छता और सजावट का प्रबंधन
गृह व्यवस्था विभाग होटल में साफ-सुथरा और सुंदर माहौल बनाए रखने का काम करता है। यह विभाग स्वच्छता, सौंदर्य और अतिथि संतुष्टि के लिए जिम्मेदार होता है। इसके मुख्य कार्य हैं: सार्वजनिक स्थानों जैसे लॉबी और प्रतीक्षा कक्ष की सफाई, कमरों की स्वच्छता और सजावट, लिनेन और वर्दी की व्यवस्था, फूलों और उद्यान की सजावट, खोए हुए सामान का प्रबंधन, और होटल को कीट मुक्त रखना।
गृह व्यवस्था विभाग के अनुभाग
गृह व्यवस्था विभाग में कई टीमें काम करती हैं। नियंत्रण डेस्क कर्मचारियों और विभागों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान करती है। प्रबंधक सभी कार्यों की योजना और निगरानी करता है। अतिथि गृह ब्रिगेड अतिथि कक्षों की सफाई करती है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र ब्रिगेड लॉबी और साझा स्थानों की सफाई करती है। लिनेन और वर्दी कक्ष कपड़ों की आपूर्ति और लांड्री का प्रबंधन करता है। उद्यान और पुष्प टीम फूलों की सजावट और उद्यान की देखभाल करती है।
गृह व्यवस्था विभाग का कर्मचारी भर्ती संरूप (स्टाफिंग पैटर्न)
होटल के विभाग को सही तरीके से चलाने के लिए उपयुक्त जनशक्ति का चयन जरूरी है। कर्मचारियों का पदानुक्रम और संगठनात्मक संरचना हर होटल में अलग हो सकती है। कुछ होटलों में हर पद के लिए अलग व्यक्ति नियुक्त होते हैं, जबकि कुछ में एक ही कर्मचारी से कई काम कराए जाते हैं।
गृह व्यवस्था विभाग के कार्मिकों के उत्तरदायित्व
होटल का गृह-प्रबंधन विभाग स्वच्छता, सुंदरता और सुविधाओं के समुचित संचालन का केंद्र होता है। यह विभाग न केवल मेहमानों की संतुष्टि सुनिश्चित करता है, बल्कि होटल की छवि को भी बेहतर बनाता है।
गृह-प्रबंधन के मुख्य पद और जिम्मेदारियाँ
गृह व्यवस्था विभाग में कई भूमिकाएँ होती हैं।
कार्यपालक गृह-अनुरक्षक विभाग की योजना, स्वच्छता, और कार्यों की निगरानी करता है।
सहायक गृह-अनुरक्षक ड्यूटी शेड्यूल बनाता और स्वच्छता की जाँच करता है।
डेस्क नियंत्रण पर्यवेक्षक चेक-इन और चेक-आउट के बीच कमरों की सफाई सुनिश्चित करता है।
तल पर्यवेक्षक मंजिलों, गलियारों और सीढ़ियों की सफाई देखता है।
कमरा परिचर और गृह अनुचर अतिथि कमरों और स्नानगृहों की सफाई करते हैं और भारी सफाई जैसे झाड़ू लगाना और फर्नीचर हटाना संभालते हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र पर्यवेक्षक लॉबी और साझा क्षेत्रों की सफाई करता है।
पुष्प उत्पादक/माली उद्यान और फूलों की सजावट का प्रबंधन करता है।
लिनेन और वर्दी कक्ष पर्यवेक्षक चादरों, तौलियों और वर्दियों की व्यवस्था करता है।
गृह-प्रबंधन में उपयोग होने वाले उपकरण और सामग्री
सफाई में वैक्यूम क्लीनर, ब्रश, पोंछे और ट्रॉलियों जैसे उपकरणों का उपयोग होता है। सफाई उत्पादों में पानी, साबुन, डिटर्जेंट, सिरका और अमोनिया शामिल हैं। हर सतह के लिए सही उत्पाद का चयन जरूरी है, जैसे लकड़ी, संगमरमर, टाइल्स, कपड़ा और धातु पर उपयुक्त पॉलिश का इस्तेमाल किया जाता है।
पर्यावरण अनुकूल पहल
आज के समय में होटल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं। वे जैव सूती चादरों और रसायन-मुक्त धुलाई का इस्तेमाल करते हैं, अतिथियों से तौलियों और लिनेन को दोबारा उपयोग करने का अनुरोध करते हैं, और ऊर्जा बचाने के लिए LED बल्बों का उपयोग करते हैं।
खाद्य तथा पेय पदार्थ विभाग
खाद्य और पेय विभाग होटल में भोजन और पेय पदार्थों की बिक्री और सेवा के लिए जिम्मेदार है। इसमें रसोईघर, भोज-कक्ष, रेस्तराँ, रूम सर्विस, कॉफ़ी शॉप, और बार शामिल होते हैं। यह विभाग मेहमानों के अनुभव को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
रसोईघर: भोजन बनाने की जगह
रसोईघर वह स्थान है जहाँ भोजन तैयार किया जाता है। बड़े होटलों में रसोई को अलग-अलग अनुभागों में बाँटा जाता है, जैसे बूचड़खाना, बेकरी, सब्जी तैयार करने का विभाग, सूप और पेंट्री। छोटे होटलों में सभी कार्य एक ही स्थान पर होते हैं। प्रमुख पदों में कार्यपालक रसोइया (रसोई योजना और प्रबंधन), उप-रसोइया (सहायक), शेफ-डे-पार्टी (अनुभागों के पर्यवेक्षक), और सहायक रसोइए (भोजन बनाने और सामान्य कार्य) शामिल हैं। अन्य जिम्मेदारियों में रसोई की स्वच्छता, सामग्री का भंडारण और कर्मचारियों के स्वास्थ्य व शिष्टाचार का ध्यान रखना शामिल है।
रेस्तराँ: मेहमानों के लिए भोजन और सेवा
रेस्तराँ होटल का वह हिस्सा है जहाँ मेहमान भोजन का आनंद लेते हैं। इसमें मेज-कुर्सियाँ, प्लेट, छुरी-काँटे और लिनेन सजाए जाते हैं, और साज-सज्जा होटल की थीम के अनुसार होती है। रेस्तराँ प्रबंधक पूरे संचालन की जिम्मेदारी संभालता है। वरिष्ठ पर्यवेक्षक और प्रधान बैरा बैरों और परिचारिकाओं का नेतृत्व करते हैं। बैरे और सहायक बैरे भोजन परोसने, मेज साफ करने और स्वच्छता बनाए रखने का काम करते हैं। शिष्टाचार, सही परोसने के तरीके, और मेहमानों को आरामदायक अनुभव देना उनकी मुख्य जिम्मेदारी होती है।
सहायक सेवा विभाग
होटल में कई सहायक विभाग होते हैं, जिन्हें 'बैक ऑफ़िस' कहा जाता है। इनमें वित्त और लेखा, इंजीनियरिंग, मानव संसाधन, और विक्रय एवं विपणन विभाग शामिल हैं। इन सभी विभागों के बीच जटिल संबंध होते हैं और होटल के सुचारु संचालन के लिए व्यक्ति, सामग्री और संसाधनों का दक्ष प्रबंधन जरूरी होता है।
प्रबंध कार्य
प्रबंधन के कार्य हैं: योजना बनाना, संगठन करना, समन्वय स्थापित करना, स्टाफ़ की नियुक्ति करना, निर्देशन देना, नियंत्रण रखना, और संसाधनों के उपयोग का मूल्यांकन करना। इन सभी कार्यों की चर्चा भोजन अध्याय में संक्षेप में की गई है।
कार्यक्षेत्र
होटल उद्योग में शीर्ष प्रबंधन से लेकर प्रचालन स्टाफ़ तक सभी स्तरों पर करियर के अवसर उपलब्ध हैं। यह उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और युवा कार्यबल का स्वागत करता है, क्योंकि युवा ऊर्जावान, नवीन प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेज़, और सफलता के लिए उत्सुक होते हैं।
होटल की संगठनात्मक संरचना
होटल प्रबंधन चार स्तरों में बाँटा जाता है। शीर्ष प्रबंधन रणनीति और निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है। मध्य प्रबंधन विभागीय प्रबंधन और समन्वय देखता है। निचला प्रबंधन और पर्यवेक्षक दैनिक कार्यों और कर्मचारियों की निगरानी करते हैं। प्रचालन स्टाफ़ सीधे आतिथ्य सेवाओं को संचालित करता है।
आतिथ्य उद्योग में आवश्यक योग्यताएँ
आतिथ्य सेवाओं में व्यक्ति को साफ-सुथरा, व्यवस्थित, आत्मविश्वासी और विनम्र होना चाहिए। मुस्कान और शिष्टाचार के साथ अच्छा संचार कौशल और बहु-भाषाओं का ज्ञान जरूरी है। वर्दी इस्तरी की हुई, नाखून साफ, और हेयरस्टाइल सलीकेदार होना चाहिए।
होटल प्रबंधन में शिक्षा
देशभर में होटल और खानपान प्रबंधन के लिए प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, स्नातक, और स्नातकोत्तर कोर्स उपलब्ध हैं। ये कोर्स कई सरकारी और निजी संस्थानों में कराए जाते हैं।
करियर के अवसर
चयन के लिए शीर्ष प्रबंधन, शेफ, रेस्तराँ प्रबंधक और पर्यवेक्षक जैसे पद होते हैं। कोर्स के विकल्प में डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट शामिल हैं।