लघु उत्तरीय प्रश्न ( 1 अंक वाले )
प्रश्न 1 . उलमा
कौन थे ?
उत्तर - उलमा
इस्लाम धर्म के ज्ञाता थे
प्रश्न 2 . सूफीवाद
से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – सूफीवाद 19 वी में मुद्रित एक अंग्रेजी शब्द है सूफीवाद के लिए इस्लामी ग्रंथों में ग्रंथों में ग्रंथों में तसव्वूफ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है इस्लाम में कुछ अध्यात्मिक लोगों का रहस्यवाद और वैराग्य की ओर झुकाव बढ़ा इन्हें सूफी कहा जाने लगा और यह आगे चलकर सूफीवाद बन गया
प्रश्न 3 . बाबा
फरीद ने किस भाषा में काव्य रचना की और वह किस में संकलित है ?
उत्तर- पंजाबी
भाषा
प्रश्न 4 . पद्मावत
के रचयिता कौन थे?
उत्तर - मालिक
मुहम्मद जायसी
प्रश्न 5 . मुस्लिम
संतो की दरगाह पर भक्त लोग क्यों आते है ? कोई एक कारण
दीजिए ?
उत्तर – जियारत
करने, आस्था प्रकट करने
प्रश्न 6 . कबीर को
भक्ति का मार्ग दिखाने वाले _ _ _ _ थे ?
उत्तर- गुरु
रामानंद
प्रश्न 7. अलवारों
और नयनारों का जाति प्रथा के प्रति कोई एक दृष्टिकोण बताइए ?
उत्तर - अलवारों
और नयनारों दोनों ने जाति प्रथा का विरोध किया
प्रश्न 8. लिंगायतों
के किसी एक धार्मिक विश्वास एवं व्यवहार का वर्णन कीजिए ?
उत्तर- लिंगायत
भगवान शिव को मानते थे और ब्राह्मणवाद का विरोध करते थे
प्रश्न 9. खालसा
पंथ का क्या अर्थ है?
उत्तर- खालसा
पंथ का अर्थ है - पवित्रों की सेना इसकी नींव गुरु गोबिंद सिंह ने रखी
प्रश्न 10 . चिश्ती
उपासना पद्धति का संक्षेप में वर्णन कीजिए ?
उत्तर- चिश्ती
उपासना पद्धति में नाच और संगीत जियारत का हिस्सा था
बहुविकल्पीय प्रश्न ( 1 अंक वाले )
प्रश्न 11 . सूफियों ने भारत में इन स्थानीय परंपराओं को आत्मसात
किया :
i) दीक्षितों के सर का मुंडन
ii) योगिक व्यायाम
iii) मिलने वालों को पानी पिलाना
iii) शेख के सामने झुकना
iv) आध्यात्मिक संगीत की महफिल के द्वारा ईश्वर की उपासना
निम्न
युग्मों में से सही युग्म चुनिए
क ) I , II , III , IV
ख ) I , III , IV , V
ग ) II , III , IV , V
घ ) I , II , III , IV , V
ANS- घ )
प्रश्न 12 . अमीर
खुसरो मिलने जाते थे ?
क ) बाबा
फरीद से
ख ) ख्वाजा
मोइनुद्दीन चिश्ती से
ग ) शेख
नसीरुद्दीन चिराग - ए - देहली से
घ ) शेख
निजामुद्दीन औलिया से
ANS- घ )
प्रश्न 13 . नयनारों
और अलवारों ने प्रचार किया ?
क ) इष्टदेव
के प्रति प्रेमपूर्ण समर्पण का
ख ) कठोर
तपस्या का
ग ) जाति
व्यवस्था का समर्थन
घ ) ज्ञान
मार्ग
ANS- क )
प्रश्न 14 . गुरु
नानक के बाद गुरु पद पर आसीन हुए ?
क ) गुरु
गोविंद सिंह
ख ) गुरु
अंगद
ग ) गुरु
अर्जन देव
घ ) गुरु
तेग बहादुर
ANS- ख )
प्रश्न 15 . सूफी
पंथ का संबंध है ?
क ) हिंदू
धर्म से
ख ) सिख
धर्म से
ग ) इस्लाम
से
घ ) ईसाई
धर्म से
ANS- ग )
प्रश्न 16 सगुण भक्ति है :
i) ईश्वर की मूर्त रूप में उपासना
ii) ईश्वर की अमूर्त रूप में उपासना
iii) शिव विष्णु उनके अवतार व देवियों की आराधना
iv ) विशेषण विहीन
क ) I , III
ख ) II , IV
ग ) III, IV
घ ) I , IV
ANS- क )
प्रश्न 17 . निम्न में से कौन नयनार संत थे ?
i) अप्पार
ii) संबंदर
iii) सुदरार
iv) अंडाल
निम्न
युग्मों में से सही युग्म चुनिए
क ) I , II , IV
ख ) II , III , IV
ग ) I , II , III
घ ) I , III , IV
ANS- ग )
प्रश्न 18. वीर शैव परंपरा का उद्भव हुआ?
क ) कर्नाटक
में
ख )
तमिलनाडु में
ग ) आंध्र
प्रदेश में
घ ) केरल
में
ANS- क )
प्रश्न 19 . युग्म सुमेलित कीजिए :
निम्न
युग्मों में से सही युग्म चुनिए
क ) I-B , ll-D , III-A , IV-C
ख ) I-D , ll-B , III-A , IV-C
ग ) I-B , ll-D , III-C , IV-A
घ ) I-D , ll-A , III-B , IV-C
ANS- क )
प्रश्न 20. युग्म सुमेलित कीजिए :
सूची 1 सूची 2 कृष्ण भक्ति संत अंदाल निर्गुण भक्ति संत मीराबाई अलवार संत करइक्काल अम्मइयार नयनार संत कबीर |
निम्न
युग्मों में से सही युग्म चुनिए
क ) I-A , ll-B , III-C , IV-D
ख ) I-B , ll-D , III-C , IV-A
ग ) I-D , ll-B , III-A , IV-C
घ ) I-B , ll-D , III-A , IV-C
ANS- घ )
प्रश्न 21 . कथन : कबीर ने
मानवतावाद और हिंदू मुस्लिम एकता का समर्थन किया
कारण : उन्होंने
धार्मिक और जातिगत भेदभाव की कड़ी आलोचना की
क ) केवल
कथन सही है
ख ) केवल
कारण सही है
ग ) कथन और
कारण दोनों सही है और कारण कथन का स्पष्टीकरण करता है
घ ) कथन और
कारण दोनों सही है किंतु कारण कथन का स्पष्टीकरण नहीं करता
ANS- ग )
लघु उत्तरीय प्रश्न ( 3 अंक वाले )
प्रश्न 1 चिश्ती सिलसिला का संक्षिप्त परिचय दीजिए ?
उत्तर-
- भारत में सूफियों के कई सिलसिले प्रचलन में है
- इनमें चिश्ती सिलसिला सबसे
अधिक प्रचलन में था
- चिश्ती संतों से मिलने
हेतु खानकाह की स्थापना की
- विभिन्न वर्गों के लोग इन
से मिलने आते थे
प्रश्न 2 भक्ति आंदोलन के उदय के क्या कारण थे ?
उत्तर-
- हिंदू धर्म की कुरीतियां
- इस्लाम के प्रसार का डर
- सूफी संतों का प्रभाव
- वैष्णववाद का प्रभाव
- अनेक धर्म सुधारको का उदय
- जैसे - रविदास, रामानंद, सूरदास तुलसीदास, मीराबाई, कबीर
प्रश्न 3. भारत की
सामाजिक व्यवस्था पर भक्ति आंदोलन के क्या प्रभाव पड़े ? लिंगायत
संप्रदाय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो ?
उत्तर-
- लिंगायत संप्रदाय का संबंध कर्नाटक से हैं
- बास्वन्ना नामक ब्राह्मण
द्वारा इसकी शुरुआत की गई
- लिंगायत शिव भक्त होते हैं
- इन्होंने जाति प्रथा का
विरोध किया
- लिंगायत ने पुनर्जन्म पर
भी प्रश्नचिन्ह लगाए
- लिंगायत शवों को दफनाते
हैं
प्रश्न 4 सूफीमत में खानकाह का विवरण दीजिए ?
उत्तर-
- खानकाह का अर्थ दरगाह या मठ होता है
- सूफी संत खानकाह में निवास
करते थे
- खानकाह का नियंत्रण शेख, पीर या मुर्शीद के हाथ में
था
- खानकाह में लोग इबादत करने, ताबीज लेने, विभिन्न मुद्दों पर शेख की
मध्यस्थता के लिए आते थे
प्रश्न 5 अलवार और नयनार कौन थे ? जाति के
प्रति उनका क्या दृष्टिकोण था ?
उत्तर-
- अलवार विष्णु भक्त थे
- नयनार शिव भक्त थे
- अलवार और नयनार संतो ने
जाति प्रथा व ब्राह्मणों की प्रभुता के विरोध में आवाज उठाई
- यह जातिगत भेदभाव को गलत
मानते थे
प्रश्न 6. शासकों
और शासितों के धार्मिक विश्वासों में क्या भिन्नता थी ? शासकों
द्वारा इसके लिए क्या प्रयत्न किए गए ?
उत्तर-
- दिल्ली सल्तनत तथा मुगल साम्राज्य के तहत शासक
इस्लाम धर्म से संबंधित है एवं यहां की जनता ( शासित ) अलग अलग धर्मों से
संबंधित थी
- इस प्रकार शासक और शासितो
दोनों के धर्म में भिन्नता थी
- मुसलमान शासकों ने गैर
मुस्लिमों से धार्मिक कर लिया
- शासक, शासितों की तरफ काफी लचीली
नीति अपनाते थे
- बहुत से शासकों ने भूमि
अनुदान व कर की छूट हिंदू, जैन, पारसी, ईसाई और यहूदी धर्म संस्थाओं को दी थी
प्रश्न 7. भक्ति
संतों के राज्य के साथ संबंध बताइए ?
उत्तर-
- भक्ति संत और राज्य के बीच अच्छे संबंध थे
- चोल शासक भक्ति संतो को
भूमि अनुदान देते थे
- विभिन्न चोल शासकों ने
भक्ति संतों को संरक्षण दे रखा था तथा विभिन्न मंदिरों के निर्माण में भी
सहायता की थी
- चोल सम्राट परांतक प्रथम
ने नयनार संत कवि अप्पार, संबंदर, सुंदरार की धातु की प्रतिमाएं एक शिव मंदिर में
स्थापित कराई
प्रश्न 8 . कबीर
द्वारा वर्णित परम सत्य को बताइए ?
उत्तर-
- कबीर ने परम सत्य को वर्णित करने के लिए अनेक
परिपाटियों का सहारा लिया
- कबीर इस्लामी दर्शन की तरह
सत्य को अल्लाह, खुदा, हजरत और पीर कहते हैं
- वेदांत दर्शन से प्रभावित
होकर कबीर सत्य को अलख, अदृश्य, निराकार, ब्राह्मण और आत्मन कहकर संबोधित करते हैं
प्रश्न 9 . वीरशैव
कौन थे ? समाज में प्रचलित किन बुराइयों का उन्होंने विरोध
किया ?
- वीरशैव भगवान शिव के भक्त थे
- यह शिव के वीर और लिंगायत
भी कहलाते थे
- कर्नाटक क्षेत्र में इनका
उद्भव हुआ था
इन्होने
समाज में प्रचलित निम्न बुराइयों का विरोध किया -
- जाति प्रथा का विरोध
- धर्मशास्त्र में बताए गए
श्राद्ध संस्कार का विरोध
- पुनर्जन्म के सिद्धांत पर
प्रश्नवाचक चिन्ह लगाए
प्रश्न 10 . इस्लाम
धर्म की उन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए जिनकी मदद से यह धर्म समूचे उपमहाद्वीप में
फैल गया ?
उत्तर-
- एकेश्वरवाद का अवधारणा ने लोगो को प्रभावित किया
- इस्लाम में जाति प्रथा ना
होना
- हिन्दू धर्म में आई
कुरीतियाँ भी एक कारण बना लोग इस्लाम की तरफ आकर्षित हुए
- मुग़ल शासकों के द्वारा
तलवार के डर से भी लोगों ने इस्लाम स्वीकार किया
प्रश्न 11. राज्य
के सूफी संतों के साथ किस प्रकार के संबंध थे ?
- चिश्ती सम्प्रदाय संयम और सादगी का जीवन बिताते
थे और सत्ता से दूर रहने पर बल दिया जाता था
- यदि सत्ताधारी वर्ग बिना
मांगे अनुदान या भेंट देता था तो सूफी संत उसे स्वीकार करते थे
- सुलतान द्वारा
खानकाह को कर मुक्त भूमि अनुदान में दी गई थी
- सूफी धन और सामान के रूप
में दान स्वीकार करते थे
- और इनको संजोने के बजाय
खाने, कपड़े, रहने की व्यवस्था, और अनुष्ठानों में खर्च कर देते थे
- शासक न केवल सूफी संतों से
संपर्क रखना चाहते थे बल्कि उनके साथ समर्थन भी रखना चाहते थे
- शासक अपनी कब्र सूफी दरगाह
और खानकाह के नजदीक बनाना चाहते थे
- कभी कभी सुल्तान और
सूफियों के बीच तनाव के उदाहरण भी मिले हैं
प्रश्न 12 . अंडाल और करईक्काल अम्मइयार कौन थी ? उनका क्या योगदान था ?
उत्तर-
- अंडाल एक अलवार स्त्री थी ( विष्णु
भक्त )
- अंडाल स्वयं को विष्णु की
प्रेयसी मानकर अपनी प्रेम भावना को छंदों में व्यक्त करती थी
- करईक्काल अम्मइयार एक
नयनार स्त्री थी ( शिव भक्त )
- करईक्काल अम्मइयार ने घोर
तपस्या का मार्ग अपनाया
- इन दोनो महिला संतो के
विचारो ने लोगो को प्रभावित किया
- आज भी अंडाल के
भक्ति गीत व्यापक स्तर गाए जाते है
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 8 अंक वाले )
प्रश्न 1 सूफीमत
के मुख्य सिद्धांतों की व्याख्या कीजिए ?
उत्तर-
- इस्लाम में प्रचलित अंधविश्वासों तथा रीति
रिवाजों का सूफी संतों ने खंडन किया
- इनका विश्वास था कि ईश्वर
अल्लाह एक है तथा अपने अनुयायियों को साधारण तथा पवित्र जीवन बिताने को कहा
सूफी मत के
सिद्धांत
- सूफी और कुरान से जुड़ा
इनका अपना साहित्य था
- सूफी संत खानकाह में निवास
करते थे
- सूफी संत ने जनमानस को
स्थानीय भाषा में प्रचार किया
- सूफीमत के अनुसार चिश्ती
सिलसिला ने अपने अनुयायियों को सांसारिक मोहमाया धन-संपत्ति, भोग विलास को त्यागने का
आदेश दिया
- क्योंकि यह आध्यात्मिक
रास्ते में बहुत बड़ी बाधा थी
- शेख ने अपने अनुयायियों को
निर्धन तथा फकीरों की तरह जीवन व्यतीत करने का निर्देश दिया
- सूफीमत अहिंसा तथा शांति
में विश्वास रखते थे उनको विश्वास था कि समाज की समस्याओं का समाधान लड़ाई
झगड़ा की अपेक्षा अहिंसा पूर्ण तथा शांति से करनी चाहिए
- सूफी संत विश्व में
भाईचारे का प्रचार करते थे एवं जातिगत भेदभाव का विरोध करते थे
- सूफी संत सदैव सत्य बोलना, सादा जीवन व्यतीत करना, निर्धन की सहायता करना
- ऐसी बातों को प्रचारित
करते थे
प्रश्न 2 भक्ति
परंपरा में स्त्रियों के योगदान की व्याख्या कीजिए ?
उत्तर-
- भक्ति परंपरा को आगे बढ़ाने में कई स्त्री संत
ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
- स्त्री संत - मीराबाई, अंडाल, करईक्काल अम्मइयार आदि
- अंडाल एक अलवार स्त्री थी
( विष्णु भक्त )
- अंडाल स्वयं को विष्णु की
प्रेयसी मानकर अपनी प्रेम भावना को छंदों में व्यक्त करती थी
- करईक्काल अम्मइयार एक
नयनार स्त्री थी ( शिव भक्त )
- करईक्काल अम्मइयार ने घोर
तपस्या का मार्ग अपनाया
- इन दोनो महिला संतो के
विचारो ने जनमानस को प्रभावित किया
- आज भी अंडाल के भक्ति गीत
बड़े स्तर गाए जाते है
- मीराबाई ने राजमहल के
ऐश्वर्य को त्याग कर एक सन्यासिनी का जीवन अपनाया
- मीराबाई ने रैदास को अपना
गुरु माना इससे यह पता लगता है कि उन्होंने जाति प्रथा के भेदभाव को अस्वीकार
किया था
- मीराबाई द्वारा रचित पद आज
भी प्रेरणा के स्रोत है
प्रश्न 3 कबीर, गुरु
नानक और मीराबाई 21वी शताब्दी में प्रासंगिक है, कैसे ?
उत्तर-
- कबीर, गुरु नानक और मीराबाई 21वी शताब्दी में प्रासंगिक
है
- क्योंकि आज भी इन महान
संतों के विचारों से समाज प्रभावित हो रहा है
- इन संतो ने धार्मिक
रूढ़िवादिता पर कठोर प्रहार किया एवं जाति प्रथा तथा भेदभाव पूर्ण समाज की
आलोचना की
- इन्होंने मनुष्य को
इंसानियत की सीख दी
- संत कबीर ने हिंदू -
मुस्लिम धार्मिक रूढ़ीवादी परंपराओं का विरोध किया
- इन्होंने एकेश्वरवाद को
समर्थन किया
- संत कबीर ने मूर्ति पूजा
का विरोध किया
- इन्होंने हिंदू और मुस्लिम
दोनों ही धर्म की कुरीतियों को सामने रखा
- गुरु नानक जी ने निर्गुण
भक्ति का प्रचार किया
- गुरु नानक जी ने धार्मिक
आडंबरों को अस्वीकार किया
- इन्होंने यज्ञ, अनुष्ठानिक स्नान, मूर्ति पूजा, कठोर तपस्या का विरोध किया
- इन्होंने हिंदू मुस्लिम
धर्म ग्रंथों को भी नकारा
- नानक जी ने रब को निराकार
बताया
- उपासना का एक सरल तरीका
बताया स्मरण करना बताया
- मीराबाई ने राजमहल के
ऐश्वर्य को त्याग कर एक सन्यासिनी का जीवन अपनाया
- मीराबाई ने रैदास को अपना
गुरु माना इससे यह पता लगता है कि उन्होंने जाति प्रथा के भेदभाव को अस्वीकार
किया था
- मीराबाई द्वारा रचित पद आज
भी प्रेरणा के स्रोत है
प्रश्न 4. कबीर एक
समाज सुधारक थे ? कबीर के शिक्षाओं के संदर्भ में इसकी समीक्षा कीजिए ?
उत्तर-
- कबीर एक महान समाज सुधारक थे
- उन्होंने समाज में धार्मिक
कट्टरता ,रूढ़िवादी परंपरा, जातिप्रथा सामाजिक भेदभाव, धार्मिक कुरीतियों के
मुद्दे को उठाया और लोगों को जागरूक किया
कबीर की
शिक्षाओं की समीक्षा
- कबीर परम सत्य को अल्लाह, खुदा, हजरत, पीर, अलख, निराकार, ब्रह्मण, आत्मन कहते थे
- कबीर ने एकेश्वरवाद को
समर्थन किया
- कबीर ने मूर्तिपूजा का
विरोध किया
- हिंदू धर्म में बहुदेववाद
का विरोध किया
- हिंदू - मुस्लिम एकता पर
बल दिया
- हिंदू और मुस्लिम दोनो की
धार्मिक कुरीतियों पर आघात किया
- रूढ़ीवादी परंपराओं का
विरोध किया
प्रश्न 5. सूफी
संतों के राज्य के साथ संबंधों
पर प्रकाश डालिए ?
उत्तर-
- चिश्ती सम्प्रदाय संयम और सादगी का जीवन बिताते
थे और सत्ता से दूर रहने पर बल दिया जाता था
- यदि सत्ताधारी वर्ग बिना
मांगे अनुदान या भेंट देता था तो सूफी संत उसे स्वीकार करते थे
- सुलतान द्वारा
खानकाह को कर मुक्त भूमि अनुदान में दी गई थी
- सूफी धन और सामान के रूप
में दान स्वीकार करते थे
- और इनको संजोने के बजाय
खाने, कपड़े, रहने की व्यवस्था, और अनुष्ठानों में खर्च कर देते थे
- शासक न केवल सूफी संतों से
संपर्क रखना चाहते थे बल्कि उनके समर्थन के भी कायल थे
- शासक अपनी कब्र सूफी दरगाह
और खानकाह के नजदीक बनाना चाहते थे
- कभी कभी सुल्तान और
सूफियों के बीच तनाव के उदाहरण भी मिले हैं
- कभी-कभी सूफी संतों को
आडंबरपूर्ण पदवी से संबोधित किया जाता था
- उदाहरण
–
- शेख निजामुद्दीन औलिया के
अनुयाई उन्हें सुल्तान- उल- मशेख कहकर संबोधित करते थे
प्रश्न 6. कबीर की
प्रमुख शिक्षाओं को बताएं तथा उनका संप्रेषण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर-
- कबीर परम सत्य को अल्लाह, खुदा, हजरत, पीर, अलख, निराकार, ब्रह्मण, आत्मन कहते थे
- कबीर ने एकेश्वरवाद को
समर्थन किया
- कबीर ने मूर्तिपूजा का
विरोध किया
- हिंदू धर्म में बहुदेववाद
का विरोध किया
- हिंदू - मुस्लिम एकता पर
बल दिया
- हिंदू और मुस्लिम दोनो की
धार्मिक कुरीतियों पर आघात किया
- रूढ़ीवादी परंपराओं का
विरोध किया
प्रश्न 7. बाबा
गुरु नानक की शिक्षाओं पर प्रकाश डालिए ? क्या वे कोई
नवीन धर्म स्थापित करना चाहते थे ?
उत्तर-
गुरु नानक की शिक्षाएं- गुरु नानक का संदेश उनके
भजनो और उपदेशों में निहित है
- गुरु नानक ने
निर्गुण भक्ति का प्रचार किया
- गुरु नानक ने धर्म के
बाहरी आडंबर को अस्वीकार किया
- गुरु नानक ने यज्ञ ,अनुष्ठानिक स्नान, मूर्तिपूजा,कठोर तप का विरोध किया
- गुरु नानक ने हिंदू
मुस्लिम धर्मग्रंथों को नकार दिया
- रब को निराकार बताया
- उपासना का सरल तरीका
निरंतर स्मरण करना बताया
- गुरु नानक जी कोई
नवीन धर्म स्थापित नहीं करना चाहते थे
प्रश्न 8. लिंगायत
कौन थे ? जाति प्रथा के विशेष संदर्भ में सामाजिक और धार्मिक
क्षेत्र में उनके योगदान का वर्णन कीजिए ?
उत्तर-
- बारहवीं शताब्दी में कर्नाटक में एक नवीन आंदोलन
का उद्भव हुआ
- इसका आंदोलन
का नेतृत्व बासवन्ना नामक एक ब्राह्मण ने किया
- इनके अनुयायी वीरशैव या
लिंगायत कहलाए
- वीरशैव
- शिव के वीर
- लिंगायत
- लिंग धारण करने वाले
- जाति प्रथा के संदर्भ में
सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में उनके योगदान -
- लिंगायतों ने जाति प्रथा
का विरोध किया
- लिंगायतों ने जाति की
अवधारणा और कुछ समुदायों के दूषित होने की
- ब्राह्मणीय अवधारणा का
खुलकर विरोध किया
- लिंगायत समुदाय ने
पुनर्जन्म के सिद्धांत पर भी प्रश्नवाचक चिन्ह लगाए
- इनका मानना था कि मृत्यु
के बाद भक्त शिव में लीन हो जाएंगे और इस संसार में दोबारा कभी नहीं
लौटेंगे
- इन्होंने धर्मशास्त्रों
में दिए आचारों को अस्वीकार किया था
- जैसे - वयस्क विवाह और
विधवा पुनर्विवाह को लिंगायतों ने उन्हें मान्यता प्रदान की
प्रश्न 9. संत
कवयित्री मीराबाई की जीवनी की रचना मूल रूप से किस आधार पर की गई है ? उन्होंने
समाज में प्रचलित मान्यताओं का उल्लंघन किस प्रकार किया स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर-
संत
कवयित्री मीराबाई की जीवनी उनके द्वारा लिखें भजनों के आधार पर संकलित की गई है जो
शताब्दियों तक मौखिक रूप से संप्रेषित होते रहे
मीराबाई
द्वारा समाज की प्रचलित मान्यताओं का उल्लंघन किया गया
- मीराबाई मारवाड़ के मेड़ता
जिले की एक राजपूत राजकुमारी थी
- इनका विवाह इनकी मर्जी के
खिलाफ हुआ था
- इनका विवाह मेवाड़ के
सिसोदिया कुल में किया गया
- इन्होंने अपने पति की
आज्ञा की अवहेलना की और पत्नी और मां के दायित्व को निभाने से इनकार किया
- मीराबाई विष्णु के अवतार
श्रीकृष्ण को अपना एकमात्र पति स्वीकार कर चुकी थी
- मीराबाई को उनके ससुराल
वालों ने जहर देने का प्रयत्न किया लेकिन यह बचकर भाग गई
- राजभवन से निकलकर मीराबाई
एक घुमक्कड़ गायिका बन गई
- इन्होंने अपने अंतर्मन के
भाव को व्यक्त करने के लिए अनेक गीतों की रचना की
- मीराबाई के गुरु रैदास थे
जो कि एक चर्मकार थे इससे यह भी पता लगता है कि मीराबाई ने जातिवादी परंपराओं
को भी नहीं माना था
- मीराबाई ने राजमहल के सुख
को त्याग कर, विधवा के सफेद वस्त्र धारण करके सन्यासिनी का जीवन
व्यतीत किया
प्रश्न 10. शेख
निजामुद्दीन औलिया के खानकाह में जीवन की मुख्य विशेषताएं लिखिए ?
उत्तर-
- शेख निजामुद्दीन औलिया की
खानकाह जो उस समय दिल्ली के शहर की बाहरी सीमा पर यमुना नदी के किनारे
गियासपुर में थी
- यहां कई छोटे - छोटे कमरे
और एक बड़ा हॉल ( जमातखाना ) था
- जहां सहवासी और अतिथि रहते
और उपासना करते थे
- सहवासियों में शेख का अपना
परिवार, सेवक और अनुयाई थे
- शेख छोटे कमरे में छत पर
रहते थे जहां वह मेहमानों से सुबह-शाम मिला करते थे
- खानकाह को चारों ओर से
दीवार घेरे रहती थी
- यहां एक सामुदायिक रसोई (
लंगर ) फुतूह ( बिना मांगे खैर ) पर चलती थी
- यहां सभी तबके के सिपाही, गुलाम, व्यापारी, कवि, राहगीर, धनी, निर्धन, हिंदू अनुयाई बनने, इबादत करने, ताबीज लेने तथा विभिन्न
मसलों पर शेख की मध्यस्थता के लिए आया करते थे