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PRE-BOARD EXAMINATION (2024-25) CLASS: XII SUBJECT: ECONOMICS (030) MORNING AND EVENING SHIFT

PRE-BOARD EXAMINATION (2024-25)  CLASS: XII  SUBJECT: ECONOMICS (030) MORNING AND EVENING SHIFT



MORNING SHIFT


PRE-BOARD EXAMINATION (2024-25)

CLASS: XII

SUBJECT: ECONOMICS (030)



खण्ड-क (समष्टि अर्थशास्त्र)


1. निम्नलिखित कथनों को पढ़ें - अभिकथन (A) और कारण (R) तथा दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए।

अभिकथन (A): रेपो दर में कमी अर्थव्यवस्था में पूर्ति अपस्फीति अंतराल को कम करने का एक प्रभावी उपकरण है।

कारण (R): रेपो दरें में कमी से अर्थव्यवस्था में मुद्रा पूर्ति कम हो जाती है जिसको परिणामस्वरुप समग्र मांग में वृद्धि हो जाती है।

विकल्प -

(A) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या करता है।

(B) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही है पर कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।

(C) अभिकथन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत है। 

(D) अभिकथन (A) गलत है परन्तु कारण (R) सही है।


2. "'गिव इट अप' अभियान का उद्देश्य देश में विकासात्मक सुधार लाना है, जहाँ सरकार द्वारा एल.पी.जी. सब्सिडी से बनाए गर संसाधनों का उपयोग अन्य विकासात्यक क्रियाओं के लिए किया जा सके।"

इस कथन के आधार पर, उस बजटीय उद्देश्य की पहचान कीजिए जिसे सरकार प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। 

(A) संसाधनों का पुर्नआबंटन 

(C) आर्थिक अस्थिरता

(B) आर्थिक स्थिरता

(D) आय की असमानताओं में कमी


3. बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद = कारक लागत पर सकल घरेलू उत्पाद...........विदेशों से शुद्ध साधन आय.........शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।

(A) +,+ 

(B) +,-

(C) -,+

(D) -,-


4. देश X की सरकार ने विदेशी मुद्रा के संदर्भ में अपनी घरेलू मुद्रा की कीमत को कम कर दिया है। इस घटना को............कहा जाता है (धरेलू मुद्रा के संदर्भ में)

(A) पुनर्मूल्यन

(B) अवमूल्यन 

(C) मूल्यवर्धन

(D) मूल्यह्रास


5. केन्तियन सिद्धांत के अन्तर्गत यदि एक काल्पनिक अर्थव्यवस्था का उपभोग वक्र संदर्भ रेखा (45° दिशानिर्देश रेखा) के समानांतर है तो निवेश गुणक का मूल्य होगा? 

(A) 0

(B) 1

(C) अनंत (∞) 

(D) निर्धारित नहीं किया जा सकता


6. केन्द्रीय बजट 2023-24 में प्रस्तुत अनुमान के अनुसार ब्याज भुगतान 10.8 लाख करोड़ रुपये है और ऋण आवश्यकताएँ 17.86 लाख करोड़ रुपये है, तो प्राथमिक घाटे का मूल्य क्या होगा? 

(A) 28.66 लाख करोड़

(B) 7.06 लाख करोड़ 

(C) 10.8 लाख करोड़

(D) 17.86 लाख करोड़


7. निम्नलिखित कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा सही विकल्प का चुनाव करें।

कथन 1: निवेश गुणक के न्यूनतम मूल्य का मान शून्य होता है।

कथन 2 : सीमान्त बचत प्रवृत्ति के मूल्य और निवेश गुणक में सीधा सम्बन्ध होता है। विकल्प -

(A) कथन 1 सत्य है तथा कथन 2 असत्य है।

(B) कथन 1 असत्य है तथा कथन 2 सत्य है।

(C) दोंनों कथन सत्य हैं।

(D) दोनों कथन असत्य हैं। 


8. सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति के मूल्य का मान.......और...... के बीच होता है।

(A) 0,1 

(B) 1,∞ ( अनंत)

(C) -1,1

(D) -1,∞ (अनंत)


9. निम्नलिखित कधनों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सही विकल्प चुनें।

कथन 1: उज्जवला योजना के अन्तर्गत मुफ्त एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा किया गया व्यय एक राजस्व व्यय है।

कभन 2: राजस्व व्यय वह गैर-आवर्ती व्यय है जिससे सरकार की संपत्ति में वृद्धि होती है।

विकल्प

(A) कथन 1 सत्य है तथा कथनं 2 असत्य है। 

(B) कथन 1 असत्य है तथा कथन 2 सत्य है।

(C) दोंनों कथन सत्य है।

(D) दोनों कथन असत्य हैं।


10. दिए गए आरेख के आधार पर अप्रैल से फरवरी 2023 के दौरान वस्तु व्यापार........बिलियन डॉलर का........दर्शाता है।  


(A) 225.20, अधिशेष

(B) 245.94, अधिशेष

(C) 225.20, घाटा

(D) 245.94, घाटा 


दृष्टिबाधित प्रतिभागियों के लिएः


.........भुगतान शेष के चालू खाते में अतिरंक की स्थिति की ओर इंगित करता है।

(A) चालू खाते के डेबिट पक्ष का योग > चालू खाते के क्रेडिट पक्ष का का योग

(B) चालू खाते के डेबिट पक्ष का योग < चालू खाने के क्रेडिट पक्ष का योग 

(C) चालू खाते के डेबिट पक्ष का योग = चालू खाते के क्रेडिट पक्ष का योग

(D) चालू खाता शेष = पूंजीगत खाता शेष


11. (A) मूल्य वृद्धि विधि द्वारा राष्ट्रीय आय के आकलन से संबंधित प्रक्रिया के चरण बताइए।

उत्तर -

मूल्य वृद्धि विधि द्वारा राष्ट्रीय आय की गणना के चरण इस प्रकार हैं-

चरण 1: सभी उत्पादक इकाइयों को पहचान कर उन्हें प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्रों में वर्गीकृत करना।

चरण 2: बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद की गणना करना - सभी इकाइयों उत्पाद के मुल्य से मध्यवर्ती उपभोग घटाकर मूल्य वृद्धि पता लगाना। ΣGVA = GDPMP

चरण 3: घरेलू आय ज्ञात करना

NDPPC = GDPMP-मूल्यह्रास - शुद्ध अप्रत्यक्ष कर

चरण 4: घरेलू आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय जोड़कर राष्ट्रीय आय की गणना करना।


अथवा


(B) निम्नलिखित आँकड़ों के आधार पर कर्मचारियो का पारिश्रमिक ज्ञात कीजिए।


उत्तर -

NPDFc = i - iii - vii - vi

= 4000-600-200-500 

= 2700 करोड़ 

कर्मचारियों का पारिश्रमिक NDPFC - ii - viii 

= ₹ 2700 - 1500 - 400 

= ₹ 800 करोड़


12. 'सरकारी बजट में राजस्व घाटे के बिना भी राजकोषीय घाटा हो सकता है।' क्या आप इस कथन से सहमत है? अपने उत्तर का औचित्य बताइए। 

उत्तर -

यह कथन पूर्णतः सत्य है। हमें ज्ञात है कि राजकोषीय घाटा = राजस्व घाटा + (पूंजीगत व्यय - गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियाँ) 

यदि बजट में राजस्व घाटा न भी हो परन्तु पूंजीगत व्यय, गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियों से अधिक हो तो बजट में राजकोषीय घाटा होगा।


13. (I) 'विदेशों में बसे अनिवासी भारतीयों द्वारा भेजी गई धनराशि पिछले एक दशक में रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है।'

उपरोक्त मद भुगतान शेष के किस उपखाते में तथा किस पक्ष में दर्ज की जाएगी? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए। 

उत्तर -

दी गई मद भुगतान शेष के चालू खाते में क्रेडिट पक्ष पर वर्ष की जाएगी। धन-प्रेषण एक तरफ प्राप्ति है जिससे देश के विदेशों में परिसंपत्ति या दायित्व प्रभावित नहीं होते और क्योंकि ये एक अन्तर्वाह है, अतः क्रेडिट पक्ष में दर्ज होगा)।


(II) व्यापार घाटे का अर्थ लिखिए।

उत्तर -

यदि वस्तुओं के आयात का मूल्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक हो तो दोनों के अंतर को व्यापार घाटा कहा जाता है।


14. (A) एक काल्पनिक अर्थव्यवस्था में कुल स्वायत्त व्यय ₹200 करोड़ है तथा बचत की सीमांत प्रवृत्ति 0.4 है। यदि निवेश व्यय ₹50 हो. तो निम्नलिखित का मूल्य ज्ञात कीजिए। 

उत्तर -

कुल स्वायत्त व्यय (A)= 200 crore [A=C+1]

बचत की सीमांत प्रवृत्ति (MPS)=0.4 

अत: MPC=0.6 

निवेश (I)=50 crore

C=A-1=200-50=150 crore


(a) आय का समस्तर बिन्दु

उत्तर -

आय का समस्तर बिन्दु

Y = C

Y = 150 + 0.6Y

0.4Y = 150

Y = 150/0.4 =375 करोड़


(b) आय का संतुलन स्तर

उत्तर -

आय का संतुलन स्तर

Y = C + 1 

Y = 150 + 0.6Y + 50 

0.4Y = 200

Y = 200/0.4 = 500 करोड़


अथवा


(B) एक काल्पनिक अर्थव्यवस्था में वर्तमान रोजगार स्तर पर समग्र मांग समग्र पूर्ति से कम है। इस अर्थव्यवस्था में आम और रोजगार में अपेक्षित परिवर्तन होंगे, स्पष्ट कीजिए?

उत्तर -

यदि वर्तमान रोजगार स्तर पर समग्र मांग, समग्र पूर्ति से कम हो तो इसका अर्थ है कि अर्थव्यवस्था के नियोजित उत्पादन से कम लोगों का नियोजित व्यय है। इसके कारण उत्पादकों के पास बिना बिका हुआ स्टॉक पड़ा रह जाएगा। उत्पादकों को उत्पादन घटाने की योजना बनानी होगी जिससे रोजगार में कमी आएगी। जैसे जैसे रोजगार घटेगा, उत्पादन तथा आय भी कम होगी जब तक समग्र पूर्ति, समग्र मांग के बराबर न हो जाए। 


15. एक अर्थभवस्था में लोग अपनी अतिरिक्त आय का 20% बचाते हैं। यदि इस अर्थव्यवस्था में ₹ 500 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया जाए तो इस वृद्धि के राष्ट्रीय आम पर होने वाले प्रभाव की प्रक्रिया का स्पष्ट करें। 

उत्तर -

यदि अर्थव्यवस्था में ₹ 500 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया जाए तो प्रथम चक्र में 500 करोड़ की अतिरिक्त आय उत्पन्न होगी क्योंकि एक बंद अर्थव्यवस्था में व्यय और आय समान होते हैं। इस 500 करोड़ की आय में से 20%, अर्थात 100 करोड़ की बचत होगी और 400 करोड़ का उपभोग जो 400 करोड़ की आय उत्पन्न करेंगे।


चक्र   ΔI        ΔC        ΔY

1.  500cr              500cr

2.            400cr

3.            320cr.   320cr

                              2500cr

निवेशा गुणकः 1/1-b=1/1-0.8

= 5

अर्थात् निवेश की 5 गुणा अतिरिक्त आय अर्थव्यवस्था में उत्पन्न होगी।


16. (A) (I) 'गैर मौद्रिक विनिमय से क्या अभिप्राय है? ये कल्याण के सूचकांक के रुप में घरेलू उत्पाद की एक सीमा के रूप में कैसे कार्य करते हैं? उदाहरण सहित समझाइए। 

उत्तर -

अर्थव्यवस्था में होने वाली बहुत सी क्रियाओं को मौद्रिक रूप में नहीं आँका जा सकता है। जैसे गृहणियों द्ववारा किए गए कार्य, इत्यादि अतः इन्हे सकल घरेलू उत्पाद में भी शामिल नहीं किया जाता क्योंकि इनकी गणना करना संभव नहीं है। परन्तु ये सभी क्रियाएँ कल्याण के स्तर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।


(II) मौद्रिक सकल घरेलू उत्पाद, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद से किस प्रकार भिन्न है? मौद्रिक उत्पाद को वास्तिवक उत्पाद में किस प्रकार परिवर्तित किया जा सकता है?

उत्तर -

जब सकल घरेलू उत्पाद के मूल्य को चालू वर्ष की कीमतों के आधार पर आँका जाता है तो इसे मौद्रिक सकल घरेलू उत्पाद कहते है जबकि यदि इसे आधार वर्ष की कीमतों पर आंका जाए तो इसे वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है। मौद्रिक उत्पाद को वास्तविक उत्पाद में GDP अवस्फायक द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है। 

वास्तविक उत्पाद = मौद्रिक उत्पाद/ GDP अवस्फायक


अथवा


(B) (I) 'धरेलू उत्पाद देश के राष्ट्रीय उत्पाद से अधिक कम या बराबर हो सकता है।' तर्क के साथ इस कथन का बचाव या खंडन करें। 

उत्तर -

यह कथन सर्वधा सत्य है। घरेलू एवं राष्ट्रीय आय परस्पर स्वतंत्र अवधारणाएं हैं।

राष्ट्रीय आय = घरेलू आय + विदेशों से प्राप्त साथन आन - विदेशों को दी गई साधन आय

यदि विदेशों से प्राप्त आय विदेशों को दी गई आय से अधिक हो तो राष्ट्रीय आय, धरेल आय से अधिक होगी जबकि विपरीत परिस्थिति में राष्ट्रीय आय घरेलू आय से कम होगी। यदि विदेशों से प्राप्त आय और विदेशों को दी गई आय बराबर हों तो राष्ट्रीय आय भी घरेलू आय के बराबर होगी।


(II) 'मध्यवर्ती वस्तुओं के मूल्य की राष्ट्रीय आय में गणना करने से राष्ट्रीय आय का अधिमूल्यन हो जाता है।' इस कथन में उल्लिखित अवधारणा को पहचानिए और संक्षेप में इसकी व्याख्या कीजिए। 

उत्तर -

इस कथन में 'दोहरी गणना की समस्या' की चचर्चा की गई है। 

उदाहरण सहित व्याख्या


17. निम्नलिखित पाठ को ध्यानपूर्वक पढ़ें :

आरबीआई का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है मौद्रिक स्थिरता मध्यम और स्थिर मुद्रास्फीति बनाए रखना । आरबीआई मूल्य स्थिरता और ऋण के पर्याप्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए मौद्रिक नीति का उपयोग करता है) इस के लिए यह भारतीय केंद्रीय बैंक, रेपो दर, रिवर्स रेपो दर और नकद आरक्षित अनुपात का प्रयोग करता है। भारत की बैंकिंग व्यवस्था को न केवल परेशानी से मुक्त होना चाहिए, बल्कि प्रौद्योगिकी और किसी अन्य बाहरी और आंतरिक कारकों द्वारा प्रस्तुत नई चुनौतियों का सामना करने में भी सक्षम होना चाहिए। बैंक सिर्फ आर्थिक संवृद्धि के दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं हैं, वित्तीय स्थिरता के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। बैंकिंग क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी के रूप में माना जाता है। बैंकिंग उद्योग का कार्य अग्रणी और अक्सर आवश्यक सेवा क्षेत्र में विशेष रूप से आवश्यक है। बैंकिंग क्षेत्र अर्थव्यवस्था का सूचक है तथा वृहत आर्थिक चरों को प्रतिबिंबित करता है। यद्यपि भारत को आर्थिक शक्ति बढ़ाने की आवश्यकता है, भारतीय बैंकिंग प्रणाली परिसम्पत्ति गुणवत्ता में सुधार, विवेकशील जोखिम प्रबंधन प्रथाओं तथा पूँजी पर्याप्तता में संलग्न है।

उपरोक्त पाठ और सामान्य समझ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:


1. मौद्रिक नीतियों से क्या तात्पर्य है? अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति के प्रवाह को विनियमित करने के लिए आरबीआई मौद्रिक नीतियों का उपयोग कैसे करता है? मौद्रिक नीतियों के किन्हीं दो उपकरणों का उपयोग करके समझाएँ। 

उत्तर -

जो नीतियाँ केन्द्रीय बैंक द्वारा मुद्रा एवं साख की पूर्ति व प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए अपनाई जाती हैं, वे मौद्रिक नीतियाँ कहलाती हैं। 

इसके उपकरण निम्न प्रकार से हैं:

(i) रेपो रेट

(ii) बैंक दर

(iii) खुले बाजार की क्रियाएँ इत्यादि (कोई 2 व्याख्या सहित)


2. बैंकों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ क्यों माना जाता है?

उत्तर -

बैंकिग को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्‌डी माना जाता है क्योंकि बैंकिग क्षेत्र अर्थव्यवस्था के वृहत आर्थिक चरों को प्रतिबिंबित करता है।


खण्ड-वं (भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास)


18. निम्नलिखित में से कौन सा पर्यावरण का एक कार्य नहीं है?

(A) जीवन को बनाए रखता है

(B) संसाधन उपलब्ध कराता है

(C) अपशिष्टों को उत्पन्न करता है 

(D) सौदर्य विषयक सेवाएँ प्रदान करना


19. निम्नलिखित कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा सही विकल्प का चुनाव करें। 

कथन ।: भारत में औपनिवेशक शासन के दौरान, कृषि क्षेत्र के कुल उत्पाद में वृद्धि दर्ज की गई परन्तु उत्पादकता में गिरावट आई।

कथन 2: औपनिवेशक शासन के दौरान अधिक भूमि को खेती के अन्तर्गत लाया गया।

(A) कथन 1 सत्य है तथा कथन 2 असत्य है।

(B) कथन 1 असत्य है तथा कथन 2 सत्य है।

(C) दोंनों कथन सत्य हैं। 

(D) दोनों कथन असत्य हैं।


20. निम्नलिखित कथनों को पढ़ें अभिकथन (A) तथा कारण (R) तथा सही विकल्प का चुनाव करें। 

अभिकथन (A): 'मानव पूंजी' तथा 'मानव विकास' का उपयोग एक दूसरे के स्थान पर किया जा सकता है।

कारण (R): मानव पूंजी देश की जनसंख्या को शिक्षित करने के द्वारा आर्थिक समृद्धि पर केंद्रित है। 

विकल्प -

(A) दोनों अधिकथन (A) व कारण (R) सही हैं तथा कारण (R) अभिकथन (A) की सही व्याख्या करता है।

(B) दोनों अभिकथन (A) व कारण (R) सही हैं पर कारण (R) अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता।

(C) अभिकथन (A) सही है पर कारण (R) गलत है।

(D) अभिकथन (A) गलत है पर कारण (R) सही है। 


21. ...........के परवर्ती विश्व व्यापार संगठन का गठन 1995 में किया गया।

(A) व्यापार एवं सीमा शुल्क की वैश्विक संधि

(B) व्यापार एवं सीमा शुल्क महासंधि 

(C) व्यापार एवं सीमा शुल्क वैश्विक सभा

(D) व्यापार एवं सीमा शुल्क महासभा


22. कृषि उत्पादों के की........प्रक्रिया को कृषि विषणन कहा जाता है-

(i) उत्पादन

(ii) प्रसंस्करण

(iii) पैकिंग

(iv) भंडारण

विकल्प -

(A) केवल (i), (ii) और (iii)

(B) (ii), (iii) और (iv) 

(C) (i), (iii) और (iv)

(D) (i), (ii) और (iv)


23. 1991 में लाए गए व्यापार एवं निवेश सुधारों के विषय में निम्न में से कौन सा कथन असत्य है? 

(A) आयात और निर्यात पर परिमाणात्मक प्रतिबंधों को समाप्त किया गया।

(B) प्रशुल्क दरों में वृद्धि की गई। 

(C) आयातों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को समात्य किया गया।

(D) निर्यात शुल्क हटाए गए।


24. चीन में बाद के चरण में........... ..... क्षेत्र में सुधार आरंभ किए गए।

(A) कृषि

(B) विदेशी व्यापार

(C) निवेश क्षेत्र

(D) औद्योगिक 


25. ओजोन परत के हास को रोकने के लिए.........को अपनाना पड़ा ताकि CFC यौगिकों के प्रयोग पर रोक लगाई जा सके। 

(A) माट्रियाल प्रोटोकॉल 

(B) बुटलैंड कमीशन

(C) केन्द्रीय प्रदूषण निमन्त्रक बोर्ड

(D) क्योटो प्रोटोकॉल


26. जब किसी कार्य में आवश्यकता से अधिक लोग संलग्न हो जिसके कारण कुछ लोगों का सीमान्त उत्पाद शून्य हो तो इसे कहा जाता है। 

(A) श्रमबल का सीमान्तीकरण

(B) श्रम बल का अनिर्यातकरण

(C) प्रच्छन्न बेरोजगारी 

(D) मौसमी बेरोजगारी


27. शिक्षा आयोग (1964-66) ने सिफारिश की थी कि सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम.........शिक्षा पर खर्च किया जाए।

(A) 3%

(B) 4%

(C) 5%

(D) 6% 


28. 1991 के आर्थिक सुधारों की कृषि क्षेत्र के संदर्भ में आलोचनात्मक समीक्षा करें।

उत्तर -

1991 के आर्थिक सुधारों से कृषि क्षेत्र को कोई लाभ नहीं हो पाया और कृषि की संवृद्धि दर कम होती गई। 1991 के सुधारों के बाद कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय में काफी कमी आई। साथ ही उवर्रक सहायिकी की आशिक समाप्ति ने भी उत्पादन लागतों में वृद्धि की। साथ ही, कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती और परिमाणात्मक प्रतिबंध हटाए जाने के कारण भारत के किसानों को विदेशी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।


अथवा


'भारत बाह्य प्रापण के लिए एक गंतव्य केंद्र बन गया है।' उचित तकों की सहायता से कथन को सिद्ध करें। 

उत्तर -

बहुत सी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ अनेक छोटी बड़ी कंपनियाँ भारत में अपनी क्रियाओं का बाह्यप्रापण करने लगी हैं क्योंकि भारत में इस तरह की कार्य बहुत कम लागत में और उचित रुप से निष्पादित हो जाते हैं। भारत की निम्न मजदूरी दरें और कुशल श्रम शक्ति की उपलब्धता ने सुधारोपरात इसे विश्वस्तरीय बाह्र प्रापण का गंतव्य बना दिया है।


29. 'संप्रति चीन में जो तेज औद्योगिक सवृद्धि हो रही है, उसकी जड़े 1978 में लागू किए गए सुधारों में खोजी जा सकती है।' चीन की अर्थव्यवस्था पर उसके द्वारा लाए गए आर्थिक सुधारों के संदर्भ में दिए गए कंथन की व्याख्या कीजिए। 

उत्तर -

चीन में आर्थिक सुधार चरणों में शुरू किए गए। प्रारंभिक चरण में कृषि, विदेशी व्यापार व निवेश क्षेत्रकों में सुधार लाए गए। कृषि में कम्यून भूमि को छोटे भूखों में बाँटा गया जिन्हें प्रयोग के लिए परिवारों को आवंटित किया गया। बाद के चरण में औद्योगिक क्षेत्र में सुधार लाए गए। निजी क्षेत्रक फर्मों को उत्पादन करने की अनुमति दी गई। दोहरी कीमत निर्धारिण पद्धति लागू की गई।


30. 'स्वतंत्रता सकेतकों' से क्या अभिप्राय है? विभिन्न राष्ट्रों के मानवीय विकास के तुलनात्मक अध्ययन के लिए सामाजिक एवं आर्थिक संकेतकों के साथ स्वतंत्रता सकेत को भी क्यों लिया जाना चाहिए?

उत्तर -

स्वतंत्रता संकेतक नागरिक अधिकारों की संवैधानिक संरक्षण की सीमा मा न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संरक्षण देने तथा विधि सम्मत शासन इत्यादि को कहा जाता है। इन्हे शामिल किए बिना मानव विकास सूचक का निर्माण अधूरा रहेगा तथा उसकी उपादेयता भी सीमित होगी।


31. (A) 'क्या पर्यावरण समस्याएँ इस शताब्दी के लिए नई है? क्यों क्यों नहीं? उचित तर्कों द्वारा समझाइए। 

उत्तर -

इस शताब्दी (20वीं) के लिए पर्यावरण समस्या नई ही है। प्रारंभ में जब सभ्यता शुरु हुई तो पर्यावरण संसाधनों की मांग, पूर्ति की अपेक्षा बहुत कम थी क्योकि जनसंख्या कम थी तथा औद्योगीकरण सीमित था। संसाधनों की निष्कर्षण दर काफी कम होने के कारण पर्यावरण समस्याएँ उत्पन्न नहीं हुई थी परन्तु अब माँग पूर्ति संबंध पूरी तरह से उलट गए हैं। जनसंख्या विस्फोट एवं औद्योगिक क्रांति के कारण सीमित साधनों पर माँग का दबाव बढ़ गया है जिसके कारण पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हुई है।


अघवा


(B) 'मानव पंजी तथा आर्थिक समृद्धि का संबंध दोनों दिशाओं में प्रवाहित होता है।' कथन की व्याख्या करें। 

उत्तर -

मानव पूंजी मा मानव की संबंधित उत्पादकता श्रम की उत्पादकता तो बढ़ाती ही है, साथ ही नवीन प्रौद्योगिकी को आत्मसात करने की क्षमता विकसित करती है। समाज में परिवर्तन तथा वैज्ञानिक प्रगति में सहायक बनती है जिससे आर्थिक संवृद्धि को बल मिलता है। अतः मानव पूंजी आर्थिक संवृद्धि का कारण है। 

साथ ही मानव पूंजी निर्माण आर्थिक संवृद्धि का परिणाम भी है। देश की आय बढ़ने पर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय बढ़ता है जिससे अधिक मानव पूंजी निर्माण को बल मिलता है।


32. कृषि विविधिकरण भारत में कृषक समुदाय के लिए एक परम आवश्यकता है। क्यों? ऐसे विभिन्न क्षेत्रों का उल्लेख करें जहाँ कृषक समुदाय अपने व्यवसाय में विविधता ला सकते हैं। 

उत्तर -

कृषि विविधीकरण की आवश्यकता इसलिए उत्पन्न हो रही है क्योंकि सिर्फ खेती के आधार पर आजीविका कमाने में जोखिम बहुत अधिक हो जाता है। अतः विविधीकरण न केवल इस जोखिम को कम करता है बल्कि ग्रामीण समुदाय को वैकल्पिक रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराता है। 

ऐसे अनेक क्षेत्र है जहाँ कृषक समुदाय खेती के साथ-साथ कार्य कर सकता है। जैसे कृषि प्रसंस्करण उद्योग, पशुपालन बागवानी, मत्स्य पालन, इत्यादि


33. (A) (I) 'आर्थिक नियोजन के उद्देश्य के रूप में आधुनिकीकरण केवल प्रौद्योगिकी को अपनाने तक सीमित नहीं है।' कथन की व्याख्या करें। 

उत्तर -

आधुनिकीकरण केवल नवीन प्रौद्योगिकी के प्रयोग तक सीमित नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य सामाजिक दृष्टिकोण में परिवर्तन लाना भी है। जैसे यह स्वीकार करना कि महिलाओं का अधिकार भी पुरुषों के समान होना चाहिए।


(II) 'औपनिवेशिक शासन के दौरान बुनियादी ढाँचे का विकास ब्रिटिश सरकार के स्वार्थ को पूरा करने के लिए किया गया था।' ऐसे किन्हीं दो विकास कार्यों का उनकं वास्तविक उद्देश्य के साथ उल्लेख करें। 

उत्तर -

(i) रेलों का प्रारंभ - 1850 में भारत में रेलों का आरंभ किया गया किन्तु इसका मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र का व्यावसायीकरण था।

(ii) तार व्यवस्था - 1853 में शुरू की गई तार व्यवस्था का उद्देश्य कानून व्यवस्था को बनाए रखना था।


अथवा


(B) (I) भारत के औद्योगिक क्षेत्र में अंग्रेजों द्वारा किए गए परिवर्तनों तथा उनके पीछे के कारणों पर चर्चा करें। 

उत्तर -

ब्रिटिश सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था का विऔद्योगीकरण किया जिसके पीछे उनका दोहरा उद्देश्य था - एक तो वे भारत को इंग्लैंड के आधुनिक उद्योगों के लिए कच्चे माल का निर्यातक बनाना चाहते थे। दूसरे, वे उन उद्योगों के उत्पादन के लिए भारत को बाजार के रुप में प्रयोग करना चाहते थे।


(II) स्वतंत्रता के बाद की अवधि में कृषि क्षेत्र में लाए गए संस्थागत सुधारों की संक्षेप में चर्चा करें। 

उत्तर -

स्वतंत्रता के बाद भारत के कृषि क्षेत्र में निम्नलिखित संस्थागत सुधार किए गए -

(i) भू-सुधार (जमींदारी प्रथा की समाप्ति)

(ii) भूमि की अधिकतम सीमा निर्धारिण


34. निन्न अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़िए।

रोजगार पर एआई (AI) का प्रत्यक्ष प्रभाव बहुआयामी है:

यद्यपि उत्पादकता बढ़ाकर एआई (AI) मानवीय क्षमताओं को बढ़ाता है. यह विशेष रूप से पुनरावृत्ति वाले कार्यों में मानव श्रमिकों को प्रतिस्थापित करता है। एआई नियमित कार्यों को स्वचालित, मनुष्यों को महत्वपूर्ण कार्यों हेतु मुक्त करता है, नवीन स्टार्टअप और बिजनेस मॉडल को सक्षम बनाता है। विकास, परिनियोजन और संरक्षण में एआई (AI)) नई भूमिकाएँ उत्पन्न करता है। हालाँकि, रोजगार की आवश्यकताओं को यह बदल देता है, जिसके। लिए नवीन कौशल की आवश्यकता होती है।

एआई (AI) से सबसे अधिक प्रभावित उद्योगों में विनिर्माण, ग्राहक सेवा, परिवहन, आँकड़ों की संचालन, बहीखाता और लेखांकन शामिल हैं। प्रविष्टि तथा नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए, कौशल-उन्नयन और पुनः कौशलीकरण कार्यक्रम, शिक्षण एवमं प्रशिक्षण, उद्यमशीलता और नवाचारों को प्रोत्साहित करने जैसे कदम सरकार द्वारा उठाए जाने चाहिए।

उपरोक्त पाठ्य तथा समान्य समझ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।


1. एआई (AI) के प्रादुर्भाव से, अर्थव्यवस्था में किस प्रकार की आर्थिक वृद्धि होगी? समझाइए।

उत्तर -

रोजगारहीन संवृद्धि होगी क्योंकि उत्पादकता में वृद्धि होगी परन्तु बेरोजगारी भी बढ़ेगी।


2. नई परिस्थिति में रोजगार कैसे उत्पन्न किया जा सकता है? किन्हीं तीन का उल्लेख कीजिए। 

उत्तर -

नई परिस्थिति में रोजगार कैशल - उन्नयन, पुनः कौशलीकरण कार्यक्रम तथा शिक्षण एवं प्रशिक्षण द्वारा उत्पन्न किया जा सकता है। (अन्य कोई 3 उचित उपाय)


3. उपरोक्त गद्यांश के अनुसार, अर्थव्यवस्था में किस प्रकार की बेरोजगारी उत्पन्न होगी?

उत्तर -

खुली बेरोजगारी उत्पन्न होगी।







EVENING SHIFT




खण्ड-क (समष्टि अर्थशास्त्र)


1. निम्नलिखित कथनों को पढ़ें - अभिकथन (A) और कारण (R) तथा दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए। 

अभिकथन (A): सरकार खुले बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों को चेचकर स्पीतिक अतराल को फम कर सकती है।

कारण (R): केन्द्रीय बैंक तांणिज्यिक बैंकों को उधार देने की क्षमता को कम करने के लिए बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों का विक्रय करता है।

विकल्प -

(A) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R), अभिकथन (A) की सही व्याख्या करता है।

(B) अभिकथन (A) और कारण (R) दोनों सही है पर कारण (R), अभिकधन (A) को सही व्याख्या नहीं करता है।

(C) अभिकधन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत है।

(D) अभिकथन (A) गलत है परन्तु कारण (R) सही है। 


2. 'सरकार ने बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अक्तूबर 2024 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत गेहूं का आवटन बढ़ा दिया है। मार्च 2025 तक 3.5 मिलियन टन गेहूं उपलब्ध कराया जाएगा।' 

उपर्युक्त कथन के आधार पर पहचानिए कि सरकार किस यजटीय उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास कर रही है।

(A) संसाधनों का पुनः आवंटन

(B) आर्थिक स्थिरता 

(C) आय का पुनर्वितरण

(D) संतुलित क्षेत्रीय सवृद्धि


3. बाजार काँमत मूल्य पर सकल मूल्य वृद्धि ज्ञात करने के लिए कारक लागत पर शुद्ध मूल्य वृद्धि में .......... जोड़ना होगा। 

(A) स्थिर पूंजी का उपयोग

(B) निर्देशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय

(C) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर तथा विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय

(D) मूल्यहास तथा शुद्ध अप्रत्यक्ष कर 


4. .........विनिमय दर प्रणाली में विनिमय दर अनुमानित आक्रमण के उन्मुक्त होती है।

(A) स्थिर 

(B) नम्य

(C) न (A) (B)

(D) दोनों (A) और (B)


5. कौन्जियन सिद्धांत के अन्तर्गत एक काल्पनिक अर्थव्यास्था का उपभोग वक्र यदि x अंश के समानांतर हो, तो निवेश गुणक का मूल्य क्या होगा? 

(A) 0

(B) 1 

(C) अनंत

(D) निधारित नहीं किया जा सकता


6. केन्द्रीय बजट 2023-24 में प्रस्तुत अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा 17.86 लाख करोड़ है तथा प्राथमिक घाटा 7.06 लाख करोड़ है। ...........का मूल्य 10.8 लाख करोड़ रुपये होगा।

(A) राजस्व घाटा

(B) ऋण

(C) ब्याज भुगतान 

(D) विनिवेश


7. निम्नलिखित कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़े तथा सही विकल्प का चुनाव करें।

कथन । : निवेश गुणक का अधिकतम मूल्य अनंत (∞) हो सकता है।

कथन 2 : सीमांत उपभांग प्रवृत्ति के मूल्य तथा निवेश गुणक में विपरीत संबंध होता है।

बिकल्प

(A) कथन। सत्य है तथा कथन 2 असत्य है। 

(B) कथन । असत्य है तथा कथन 2 सत्य है।

(C) दोंनों कथन सत्य हैं।

(D) दोनों कथन असत्य हैं।


8. कोन्डियन अर्थशास्त्र के अन्तर्गत एक द्वि-क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में कुल उपभांग व्यय ..... तथा का यांग होता है।

(A) स्वायत उपभोग, स्वायत्त निवेश

(B) स्वायत्त निवेश, प्रेरित उपभोग

(C) प्रेरित निवेश, स्वायत्त उपभांग

(D) स्वायत्त उपभोग, प्रेरित उपभोग 


9. निम्नलिखित कथनों को ध्यानपूर्वक पड़े-

कथन । : कोविड-19 के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा मुफ्त टीकाकरण पर किया गया व्यय एक पूंजीगत व्यय था।

कथन 2 : पूंजीगत व्यय सरकार के चे आवती व्यय हैं जिनसे सरकार के दायित्यों में वृद्धि या परिसंपत्तियों में कमी होती है।

दिए गए कथनों के संदर्भ में निम्न में से सही विकल्प चुनें-

(A) कथन । सत्य है तथा कथन 2 असत्य है।

(B) कथन। असत्य है राणा कथन 2 सत्य है।

(C) दोंनों कथन सत्य हैं।

(D) दोनों कथन असत्य हैं। 


10. दिए गए आरेख के आधार पर अप्रैल-फरवरी 2024 के दौरान वस्तु व्यापार...... बिलियन डॉलर का .......दर्शाता है। 


(A) 225.20, अधिशेप

(B) 245.94, अधिशेप

(C) 225.20, घाटा 

(D) 245.94. पाटा


दृष्टिबाधित प्रतिभागियों के लिए प्रश्न 10 के स्थान पर :


..........भुगतान शेष खाते में घाटे की स्थिति की ओर इंगित करता है।

(A) कुल स्वायत्त अन्तर्वाह > कुल ग्यागत पहिहि

(B) कुल स्वायत्त अन्तर्वाह < कुल स्यापत्त वहिर्वाह 

(C) समायोजन अन्तर्वाह > स्वायत बहिर्वाह

(D) समायोजन यहिर्वाह < स्वायत अन्तर्वाह


11. (A) निम्नलिखित आकंड़ों के आधार पर परिचालन अधिशेप ज्ञात कीजिए:


उत्तर -

NDPFC = (i)-(iii)-(vii)-(vi)

= 4000-600-200-500

= ₹ 2700 करोड़

परिचालन अधिशेष NDPFC = (ii) - (viii) 

= 2700-800-400 

= ₹1500 करोड़


अथवा


(B) व्यय विधि द्वारा राष्ट्रीय आम के आकलन से संबंधित प्रक्रिया के चरण बताइए।

उत्तर -

चरण 1: अतिम व्यय करने वाली सभी आर्थिक इकाइयों को पहचानना तथा वर्गीकृत करना।

चरण 2: इन इकाइयों द्वारा किए गए अंतिम य व्यय को निजी उपभोग व्यय, सरकारी अंतिम उपभोग व्यय, सकल निवेश तथा शुद्ध नियति में वर्गीकृत करना तथा इन्हे जोड़कर GDPMP ज्ञात करना।

चरण 3: GDPMP से मूल्यह्रास और शुद्ध अप्रत्यक्ष घटाकर धरेलू आथ ज्ञात करना।

चरण 4: विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय आय जोड़कर राष्ट्रीय ज्ञात करना।


12. 'यद्यपि कर सरकार के लिए राजस्व प्राप्तियों का प्रमुख स्रोत है परन्तु यह एकमात्र स्रोत नहीं है।' तर्क और उदाहरण देकर इस कथन की पुष्टि करें। 

उत्तर -

कर के अतिरिक्त गैर कर राजस्व भी सरकार के लिए राजस्व प्राप्तियों का स्रोत हैं। गैर-कर राजस्व प्राप्तियों के मुख्य स्रोत है- 

(i) ब्याज प्राप्तियाँ

(ii) लाभ एवं लाभांश

(iii) शुल्क

(iv) लाइसेंस शुल्क

(v) उपहार

(vi) जुर्माना, इत्यादि


13. (I) "2023-24 में भारत को सिगांपुर से सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुए. मॉरीशस दूसरा सबसे बड़ा निवेशक सरकारी आंकड़े।"

उपरोक्त मद को भुगतान शेष खाते के किस उप-खाते में तथा किस पक्ष में दर्ज किया जाएगा? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।

उत्तर -

इस मद को भुगतान शेष के पूंजीगत खाते के क्रेडिट पक्ष में दर्ज किया जाएगा। विदेशी निवेश से भारत की परिसंपत्तियाँ देयताएँ प्रभावित लेंगे। अन्तर्वाह होने के कारण इसे क्रेडिट पक्ष पर रिकार्ड किया जाएगा।


(II) चालू खाता अधिशेष का अर्थ बताइए।

उत्तर -

यदि चालू खाते के क्रेडिट पक्ष का योग डेबिट पक्ष के योग से अधिक हो तो इसे चालू खाता अधिशेष कहा जाता है।


14. (A) एक काल्पनिक अर्थव्यवस्था में वर्तमान रोजगार स्तर पर समग्र मांग समग्र पूर्ति से अधिक है। इस अर्थव्यवस्था में आय और रोजगार में क्या परिवर्तन अपेक्षित है, स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर -

यदि वर्तमान रोजगार स्तर पर समग्र मांग समग्र पूर्ति से अधिक है तो इसका अर्थ है कि अर्थव्यवस्था के नियोजित उत्पादन से अधिक लोगों क्षेत्रों का नियोजित व्यय है। इसके कारण स्टॉक नियोजित स्तर से कम हो जाएंगे तथा माँग पूरी नहीं हो पायेगी। उत्पादकों को उत्पादन में वृद्धि की योजना बनानी होगी जिसके लिए उन्हें रोजगार बढ़ाना पड़ेगा। जैसे जैसे रोजगार में वृद्धि होगी उत्पादन तथा आय भी बढ़ेगी जब तक समग्र पर्ति, मांग के बराबर न हो जाए।


अथवा


(B) एक काल्पनिक अर्थव्यवस्था में स्वायत्त उपभोग व स्वायत्त निवेश क्रमशः ₹ 80 करोड़ तथा ₹ 200 करोड़ हैं। यदि सीमान्त बचल प्रवृत्ति 0.4 है, तो अर्थव्यवस्था की आय का समस्तर MPS बिन्दु ज्ञात कीजिए। यदि सीमांत बचत प्रवृत्ति घटकर 0.2 हो जाए. वो इस अर्थव्यवस्था की आय का सतुलन स्वर ज्ञात कीजिए। 

उत्तर -

(स्वायत उपभोग) = 80 करोड़

1 (स्वायत्त निवेश) = 200 करोड़

MPS (सीमान्त बचत प्रवृति) = 0.4

.. MPC (सीभान्त उपभोग प्रवृति) = 1-0.4 = 0.6

उपभाग फलन :

C= c̄ + bY = 80 + 0.6Y

समस्तर बिन्दु पर C = Y

⇢ 80 + 0.6Y = Y

80 = 0.4Y

Y = 80/0.4 = 200 करोड़

नई सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति = 0.8

आय का सतुलन स्तर :

Y = C + I

Y = 80 + 0.8Y + 200

0.2Y = 280

Y = 280/0.2 = 1400 करोड़


15. एक अर्थव्यवस्था में लोग अपनी अतिरिक्त आय का 90% उपभोग करते हैं। यदि इस अर्थव्यवस्था में ₹ 1000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया जाए तो इस वृद्धि के राष्ट्रीय आय पर होने वाले प्रभाव की प्रक्रिया को समझाइए। 

उत्तर -

यदि अर्थव्यवस्था में 1000 करोड़ का अतिरिक्त निवेश किया जाए तो प्रथम चक्र में 1000 करोड़ की आय उत्पन्न होगी क्योंकि एक बंद अर्थव्यवस्था में व्यय और आय सगान होते हैं। इस 1000 करोड़ की आय में से 900 करोड़ उपयोग पर व्यय होंगे जो इतनी ही अतिरिक्त आय उत्पन्न करेंगे।

निवेश गुणकः 1/1-b = 1/1-0.9

= 10

अर्थात् निवेश की 10 गुना अतिरिक्त आय अर्थव्यवस्था में उत्पन्न होगी।


16. (A) (I) एक काल्पनिक अर्थव्यवस्था में केवल एक वस्तु-X का उत्पादन किया जाता है। 2020 में वस्तु-X की 1000 इकाइयाँ उत्पादित की गई तथा उसकी कीमत ₹20 प्रति इकाई थी। 2023 में उत्पादन में 20% तथा कीमत में 50% वृद्धि दर्ज की गई। 

(a) वर्ष 2023 की मौद्रिक तथा वास्तविक GDP (सकल घरेलू उत्पाद) को गणना करें। (2020 को आधार वर्ष मानते हुए)

(b) वर्ष 2023 के लिए सकल धरेलू उत्पाद अपस्फीतिकारक (GDP deflator) ज्ञात करें।

उत्तर -

मौद्रिक GDP = चालू वर्ष का उत्पादन × चालू वर्ष की कीमतें

वास्तविक GDP = चालू वर्ष का उत्पादन × आधार वर्ष की कीमतें

GDP deflator (2023) = मौद्रिक GDP / वास्तविक GDP × 100

= 36000 / 24000 × 100 = 150


(II) बाहाताओं को परिभाषित करें। ये कल्याण के सूचकांक के रूप में सकल घरेलू उत्पाद की एक सीमा के रूप में कैसे कार्य करती हैं? उदाहरण सहित समझाइए। 

उत्तर -

बाह्यताएं वो सभी फायदे या नुकसान हैं जो किसी व्यक्ति या फर्म की उत्पादन या उपभोग क्रिया से अन्य लोगों को पहुंचते है जिसके लिए कर्ता को कोई भुगतान नहीं करना पड़ता। बाह्यताएँ बाज़ार मदों का हिस्सा नहीं होतीं, अतः इनका राष्ट्रीय या धरेलू उत्पाद पर प्रभाव नहीं पड़ता परन्तु ये कल्याण को प्रभावित करती है। 

(उचित उदाहरण)


अथवा


(B) (I) 'एक ही वस्तु मध्यवर्ती, उपभोक्ता वस्तु या पूंजीगत वस्तु हो सकती है। याः उसको अतिम उपयोग पर निर्भर करता है।' तर्क के साथ इस कथन पर समर्थन या खंडन करें। 

उत्तर -

  • यह कथन पूर्णतः सत्य है।
  • कोई वस्तु मध्यवर्ती होगी या अंतिम, उपभोक्ता वस्तु होगी या पूंजीगत, यह उसके अंतिम उपयोग पर निर्भर करता है।
  • यदि एक वस्तु फर्म द्वारा पुनः विक्रय की जाती है तो वह मध्यवर्ती है।
  • जैसे गाड़ियों के शो-रूम में रखी गाड़ियाँ।
  • यनि वह वस्तु उपभोक्ता द्वारा निजी प्रयोग के लिए क्रम की जाती है तो वह उपभोक्ता वस्तु होती है।
  • जैसे एक व्यक्ति द्वारा निजी उपयोग के लिए खरीदी गई गाड़ी।
  • और यदि वस्तु फर्म दुद्वारा दीर्घकालिक निवेश के रूप में क्रय की जाती है तो वह पूंजीगत वस्तु होती है।
  • जैसे एक टैक्सी ड्राइवर द्वारा क्रय की गई गाड़ी।


(II) 'लगातार परिवर्तनशील प्रौद्यागिकी के कारण स्थिर परिसंपत्तियों का उपयोगी जीवन काल काफी कम हो गया है।' इस कथन में उल्लिखित अवधारणा को पहचानिए तथा राष्ट्रीय आय लेखाकन में उसको उपयोगिता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

  • इस कथन में मूल्यह्रास की बात की गई है।
  • मूल्यह्रास की उचित परिभाषा
  • राष्ट्रीय आय लेखाकंन में मूल्यह्रास का प्रयोग
  • सकल और शुद्ध अवधारणाओं में अंतर के लिए किया जाता है।
  • सकल अवधारणा मूल्यह्रास शुद्ध अवधारणा


17. निम्नलिखित अंश को ध्यानपूर्वक पढ़ें:

*RBI के केन्द्रीय बोर्ड ने वर्तमान आर्थिक स्थिति की समीक्षा की।

(इकॉनामिक टाइम्स, 13 अगस्त 2021)

भारतीय रिजर्व बैंक के केन्द्रीय वोर्ड ने वर्तमान आर्थिक स्थिति और कांविड-19 के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा हाल में उठाए गए नौतिगत उपायों की समीक्षा की। RBI ने एक बयान में कहा, "चांर्ड ने मौजूदा आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और बैंक के संचालन के विभिन्न क्षेत्रो और अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने की समीक्षा की। बोर्ड ने स्थानीय बोडों के कामकाज की भी समीक्षा की है।"

उपरोक्त अंश के आधार पर तथा साधारण समझ के आधार निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देंः


(A) रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में मुद्रा व साख के प्रवाह को किस प्रकार नियंत्रित करता है? रिजर्व बैंक द्वारा अपनाए जाने वाले किन्हीं दो उपायों को स्पष्ट करें। 

उत्तर -

रिजर्व बैंक मुद्रा व साख का नियंत्रक है। अनेक नीतियों को प्रयोग RBI द्वारा साख के नियंत्रण के लिए किया जाता है जिन्हें मौद्रिक नीतियों कहा जाता है। जैसे:

(a) खुले बाजार की क्रियाएँ (व्याख्या सहित)

(b) आरक्षित अनुपात (व्याख्या सहित)

(या अन्य कोई)


(B) कोविड-19 की परिस्थिति में रिजर्व बैंक ने आपके अनुसार रेपो रेट के को किस प्रकार उपयोग किया होगा? कारण सहित स्पष्ट कोजिए?

उत्तर -

कोविड-19 की परिस्थिति में रिजर्व बैंक ने रेपो दर को कम किया होगा ताकि अर्थव्यवस्था को मंदी के दौर से बचाया जा सके।


खण्ड-ब (भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास)


18. निम्नलिखित में से कौन सी हरमन डेली द्वारा सुझाई गई सतत् विकास के लक्ष्य की प्राप्ति की रणनीति 'नहीं' है? 

(A) जनसंख्या पर नियंत्रण

(B) कारक उपभोगी प्रौद्योगिकी 

(C) प्रदूषण पर नियंत्रण

(D) संसाधन निष्कर्षण की दर का संसाधन पुनर्जनन की दर से कम होगा


19. निम्नलिखित कधनों को ध्यानपूर्वक पड़े।

कथन 1: भारत में और्णनवेशिक शासन के दौरान व्यापार शेष में अधिशेष का अनुभव किया गया।

कथन 2 : औपनिवेशिक शासन के अन्तर्गत भारत का औद्योगिक क्षेत्र काफी विविध हो गया।

निम्न में से सही विकल्प का चुनाव करें।

(A) कथन । सत्य है तथा कथन 2 असत्य है। 

(B) कधन । असत्य है तथा कथन 2 सत्य है।

(C) दोनों कथन सत्य हैं।

(D) दोनों कथन असत्य हैं।


20. निम्नलिखित कथनों को पढ़ें अभिकथन (A) तथा कारण (R) तथा सही विकल्प का चुनाव करें।

अधिकथन (A): भारत में महिलाओं के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

कारण (R): महिला शिक्षा प्रजनन दर तथा महिलाओं तथा बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। 

विकल्प -

(A) अभिकथन (A) व कारण (R) सही हैं तथा कारण (R) अभिकथन (A) की सही व्याख्या करता है।

(B) अभिकथन (A) व कारण (R) सही हैं पर कारण (R) अभिकथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता।

(C) अभिकथन (A) सही है पर कारण (R) गलत है। 

(D) अभिकचन (A) गलत है पर कारण (R) सही है।


21. प्रथम सात पंचवर्षीय योजनाओं में व्यापार की विशेषता नीति थी।

(A) निर्मात संवर्धन

(B) विनियेश

(C) बहिर्मुखी

(D) अन्तर्मुखी 


22. वर्तमान में. भारत के समस्त मत्स्य उत्पादन का 65 प्रतिशत से तथा 35 प्रतिशत........से प्राप्त हो रहा है।

(A) अंतर्वती क्षेत्रों, महासागरीय क्षेत्रों 

(B) अंतर्यती क्षेत्रों, आयात

(C) महासागरीय क्षेत्रों, आयान

(D) महासागरीय क्षेत्रों, अंतर्वती क्षेत्रों


23. निम्नलिखित कथनों में से 1991 में लाए गए औद्योगिक क्षेत्र सुधारों के विषय में कौन सा कथन असत्य है? 

(A) लगभग सभी उद्योगों के लिए औद्योगिक लाइसेंसिंग समाप्त कर दी गई।

(B) कंवल कुछ ही उद्योग सार्वजनिक क्षेत्र के लिए आरक्षित रह गए।

(C) बहुत सी वस्तुओं का उत्पादन अब लघु उद्योगों में ही किया जा सकता था। 

(D) बाजार को औद्योगिक वस्तुओं की कीमत निर्धारित करने की अनुमति दी गई।


24. चीन में प्रथम चरण के आर्थिक सुधारों में क्षेत्र/क्षेत्रों में सुधार लाए गए।

(i) कृषि

(ii) विदेशी व्यापार

(iii) निवेश

(iv) उद्योग

विकल्प :

(A) (i), (ii) और (iii) 

(B) कंबल (iv)

(C) कंवल (i) और (ii)

(D) (ii), (iii) और (iv)


25. जल और बायु प्रदूषण रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा कंन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थापना. में की गई। 

(A) 1969

(B) 1974 

(C) 1978

(D) 1982


26. यदि कोई अर्थव्यवस्था रोरागार के अवसरों को बढ़ाए बिना अधिक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने में सक्षम बनती है, तो उसे से अभिलक्षित कहा जाएगा। 

(A) कार्यबल का अनियतिकरण

(B) रोजगार रहित संवृद्धि 

(C) कार्यबल का अनौपचारिकरण

(D) प्रच्छन्न बेरोजगारी


27. भारत में पशुधन के वितरण में सबसे बड़ा हिस्सा का है जो कि प्रतिशत है।

(A) मवेशी व भैंसे

(B) मुर्गी पालन 

(C) भेड़ें और बकरियाँ

(D) पांड़े


28. (A) 1991 के आर्थिक सुधारों में लाये गए कर सुधारों की आलोचनात्मक समीक्षा करें।

उत्तर -

आर्थिक सुधारों के अंतर्गत सरकार ने व्यक्तिगत आय पर लगाए गए करों में निरंतर कमी की ताकि कर-वंचन को रोका जा सके और लोग स्वेच्छा से अपनी आय का विवरण दें। परन्तु इन नीतियों को के यथोचित सकारात्मक प्रभाव नहीं मिल पाए। यही नहीं, सीमा शुल्क दरों में कटौती से भी राजस्व जुटाने के मार्ग बंद हो चुके हैं। विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उन्हें करों में छूट दी जाती है। इसका भी नकारात्मक प्रभाव कर-राजस्व पर पड़ा है।


अथवा


(B) 'वैश्वीकरण, उदारीकरण व निजीकरण की नीतियों का एक परिणाम है।' उचित तकों द्वारा इस कथन की पुष्टि करें। 

उत्तर -

उदारीकरण व निजीकरण नीतियों का परिणाम वैश्वीकरण के रूप में उत्पन्न हुआ है। बढ़‌ता हुआ विदेशी व्यापार जिसका प्रमुख कारण उदार नीतियाँ है (जैसे कोटा और टैरिफ को हटाना) ने वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया है। निजीकरण के कारण विदेशी निवेशक भारत की ओर आकर्षित हुए है तथा भारत में विदेशों से निवेश में वृद्धि हुई है।


29. 'चीन ने अपनी पहल पर संस्चनात्मक सुधार अपनाए जबकि भारत और पाकिस्तान पर उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा थोपा गया।' क्या आप इस कथन से सहमत है? पूर्व अपने उत्तर की पुष्टि करें।

उत्तर -

यह कथन पूर्णतः सत्य है।

चीन के समक्ष संरचनात्मक सुधारों को 1978 में प्रारंभ करने के लिए विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की कोई बाध्यता नहीं थी जैसी कि भारत और पाकिस्तान को थी। चीन के तत्कालीन नये नेता माओबादी शासन के दौरान चीन की धीमी आर्थिक संवृद्धि और देश में आधुनिकीकरण के अभाव को लेकर संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने महसूस किया कि आर्थिक विकास के सभी मुद्दों पर माओवादी दृष्टिकोण विफल रहा। 1978 में भी प्रति व्यक्ति आय उतनी ही थी जितनी 1950 में थी। इसलिए उन्होंने स्वयं संज्ञान लेते हुए बिना किसी बाहरी बाध्यता के सुधार प्रारंभ किए।


30. पाकिस्तान में आर्थिक सुधारों के पश्चात् विकास में मंदी तथा गरीबी के फिर से उभरने के दो कारण बताएं तथा समझाएं। 

उत्तर -

विद्वानों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में संवृद्धि दर की कमी और निर्धनता के पुनः अविर्भाव के चे कारण बताएः

(क) कृषि संवृद्धि और खाद्य पूर्ति तकनीकी परिवर्तन संस्थागत प्रकिया पर आधारित न होकर अच्छी फसल पर आधारित था। जब फसल अच्छी होती थी तो अर्थव्यवस्था ठीक रहती थी और फसल अच्छी न होने पर आर्थिक संकेतक नकारात्रक प्रवृत्तियाँ दर्शाते थे। 

(ख) अधिकाशं विदेशी मुद्रा मध्यपूर्व में काम करने वाले पाकिस्तानी श्रमिकों की आय प्रेषण तथा अस्थिर कृषि उत्पाद के नियति से प्राप्त होती थी। एक ओर विदेशी ऋणों पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति बढ़ रही थी तो दूसरी ओर पुराने ऋणों को चुकाने की कठिनाई बढ़ती जा रही थी।


31. (A) 'मानव विकास, मानव पूंजी को अपेक्षा एक व्यापक अवधारणा है।' दोनों अवधारणाओं के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए कथन की विस्तार से चर्चा करें। 

उत्तर -

मानव पूंजी व मानव विकास भले ही मिलते जुलते प्रतीत होते है परन्तु भिन्न हैं। मानव पूंजी शिक्षा और स्वास्थ्य को श्रम की उत्पादकता बढ़ाने का माध्यम मानती है जबकि मानव विकास इस विचार पर आधारित है कि शिक्षा और स्वास्थ्य मानव कल्याण के अभिन्न अंग है। 

मानव पूंजी का विचार मानव को किसी साध्य (आर्थिक संवृद्धि) का साधन मानता है जबकि मानव विकास के परिपेक्ष्य में मानव स्वयं साध्य भी है।


अथवा


(B) 'नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों को अवसर लागत काफी अधिक है।' कथन में उल्लिखित अवसर लागतों पर प्रकाश डालते हुए टिप्पणी को उचित ठहराइए।

उत्तर -

इस कथन में जिन अवसर लागतों के विषय में कहा जा रहा है, वे इस प्रकार हैं :

(i) विकास के क्रम में नदियाँ तथा अन्य जल स्रोत प्रदूषित हुए है और सूख गए है जिसने जल को एक आर्थिक वस्तु बना दिया है।

(ii) नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय संसाधनों के गहन निष्कर्षण से अनेक संसाधन विलुप्त हो गए है और हम नए संसाधनों की खोज में प्रौद्योगिकी पर विशाल राशि व्यय करने के लिए बाध्य है।

(iii) इसके अतिरिक्त पर्यावरण अपक्षय की गुणक्ता की स्वास्थ्य लागत भी निहित है।

(iv) वैश्विक उष्णता, ओजोन क्षय ने स्थिति को गंभीर बना दिया है जिसके कारण सरकार को अधिक धन व्यय करना पड़ रहा है।


32. 'मैकल्पिक निपणन चैनलों के विस्तार से कृषि उत्पादों के लिए बाजार में विविधता आई है तथा किसानों के उत्पाद मूल्य संबंधी जोखिमों में कमी आई है।' इस कथन में किस प्रकार के वैकल्पिक विपणन चैनलों का उल्लेख किया गया है? स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर -

अब यह बात सभी अनुभव करने लगे हैं कि यदि किसान स्वयं ही उपभोक्ता को अपना उत्पादन बेचें तो उसे अधिक आय मिलेगी। पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान में अपनी मंडी, पुणे की हाड़पसार मंडी, आंध्र प्रदेश की रायधू बाजार इत्यादि वैकल्पिक क्रय विक्रय के कुछ उदाहरण हैं।

अनेक राष्ट्रीय/बहुराष्ट्रीय त्वरित खाद्य पदार्थ बनाने वाली कंपनियाँ भी अब किसानों के साथ अनुबंध कर रही है। ये किसानों को आगत तो उपलब्ध कराती ही हैं, उन्हें पूर्व निर्धारित कीमत पर माल खरीदने का आश्वासन भी देती है।


33. (A) (I) 'समता के बिना विकास' आर्थिक नियोजन एक अवांछनीय उद्देश्य है। औचित्य सिद्ध करें। 

उतर -

केवल संवृद्धि के द्वारा जनसामान्य के जीवन में सुधार नहीं आ सकता। किसी देश में उच्च संवृद्धि दर के बावजूद अधिकांश लोग गरीब हो सकते है। अतः यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आर्थिक संवृद्धि का लाभ देश के निर्धन वर्ग को भी सुलभ हो। अतः बिना समता के आर्थिक संवृद्धि अवांछनीय है।


(II) 'औपनिवेशिक शासन के दौरान भारत के व्यावसायिक ढाँचे में बदलाव के बहुत कम संकेत मिले।' स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर भारतीय व्यवसायिक संरचना की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कथन को विस्तृत करें। 

उत्तर -

औपनिवेशिक काल में व्यावसायिक संरचना में कोई परिवर्तन नहीं आया।

(i) कृषि सबसे बड़ा व्यवसाय था जिसमे 70-75% जनसंख्या संलग्न थी। विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्रकों में क्रमश 10% तथा 15-20% जनसमुदाय को रोजगार मिल रहा था।

(ii) क्षेत्रीय विषमताएं बढ़ी। दक्षिण भारत (मद्रास प्रेसीडेंसी), मुंबई तथा बंगाल में कार्यबल विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत थे जबकि उत्तर भारत (पंजाब, राजस्थान) में कृषि में लगे श्रमिकों के अनुपात में वृद्धि आंकी गई।


अथवा


(B) (I) ब्रिटिश द्वारा भारत में कृषि क्षेत्र में किए गए परिवर्तनों और उनके पीछे के कारणों की चर्चा करें। 

उत्तर -

औपनिवेशिक काल में व्यावसायिक संरचना में कोई परिवर्तन नहीं आया।

(i) कृषि सबसे बड़ा व्यवसाय था जिसमे 70-75% जनसंख्या संलग्न थी। विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्रकों में क्रमश 10% तथा 15-20% जनसमुदाय को रोजगार मिल रहा था।

(ii) क्षेत्रीय विषमताएं बढ़ी। दक्षिण भारत (मद्रास प्रेसीडेंसी), मुंबई तथा बंगाल में कार्यबल विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत थे जबकि उत्तर भारत (पंजाब, राजस्थान) में कृषि में लगे श्रमिकों के अनुपात में वृद्धि आंकी गई।


(II) औद्योगिक नीति अधिनियम, 1956 के अन्तर्गत उद्योगों के वर्गीकरण पर संक्षेप में चर्चा करें। 

उत्तर -

औध्योगिक नीति प्रस्ताव, 1956 में उद्योगों को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया-

(i) प्रथम वर्ग में वे उद्योग थे जिन पर सरकार का अनन्य स्वामित्व था।

(ii) दूसरे वर्ग में वे उद्योग थे जिनके लिए निजी क्षेत्रक, सार्वजनिक क्षेत्रक के साथ मिलकर प्रयास कर सकते थे, परन्तु जिनमें नई इकाइयों को शुरू करने की जिम्मेदारी राज्य (सरकार) की होती है। 

(iii) तीसरे वर्ग में वे उद्योग थे जो निजी क्षेत्र के लिए खुले थे।


34. निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़े-

भारत जैसे सभी विकासशील देश एक बड़ी समस्या यानी बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। भारत में नौकरियों सीमित संख्या में है और युवा आबादी दिन-च-दिन बढ़ती जा रही है। यहां अधिक मांग और कम आपूर्ति की स्थिति है. इसलिए बेरोजगारी उत्पन्न होती है और उत्पादन की दर वक्रवृद्धि दर की तरह बहुत तेज होती है। कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में उच्च जोखिम और अनिश्चितता है। बढ़ती बेरोजगारी की समस्या निश्चित रूप से भारत के लिए गंभीर है। बिना मेहनत किये हम किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के बारे में सोच भी नहीं सकते और यही बात बढ़ती जनसंख्या पर भी लागू होगी। हमें चेरोजगारी को इस तरह से संभालना चाहिए कि सभी को उपयुक्त मौकरी मिले और देश की वृद्धि को बढ़ाने में मदद मिले।

उपरोक्त पाठ और सामान्य समझ के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:


1. बेरोजगारी से क्या तात्पर्य है?

उत्तर -

बेरोजगारी उस अवस्था को कहते है जिसमे जो यक्ति प्रचलित मजदुर दर वर काम करना चाहते है, उन्हें काम न मिल रहा हो |


2. 'हमें बेरोजगारी को इस तरह से संभालना चाहिए कि सभी को उपयुक्त नौकरी मिले और देश की वृद्धि को बढ़ाने में मदद मिले।' इस कथन में, आपके अनुसार बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए क्या किया जाना चाहिए? 

उत्तर -

(a) जनसंख्या पर नियन्त्रण

(b) शिक्षा प्रणाली में बदलाव

(c) उत्पादकता में वृद्धि

(कोई 2 उचित व्याख्या सहित)


3. देश में बेरोजगारी को समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए है?

उत्तर -

भारत सरकार द्वारा अनेक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कदम उठाए गए है। अनेक अवसर सरकारी उपक्रमों में पैदा किए गए हैं जहाँ एक सरकार स्वयं लोगों को रोजगार प्रदान करती है। साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से निजी क्षेत्र में भी सरकारी प्रयासों से रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।








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